प्रस्तावना / Introduction –

जोखिम प्रबंधन /व्यवस्थापन यह हमारा आज का आर्टिकल का विषय हे मगर किसी संघटन के लिए यह कैसे इस्तेमाल किया जाता हे। इसके बजाय हम यह जानने की कोशिश करेंगे की व्यक्तिगत विकास के लिए रिस्क मैनेजमेंट का इस्तेमाल किया जा सकता है ? बगैर जोखिम के जिंदगी में कोई भी सफलता हासिल नहीं कर सकते चाहे वह छोटी सफलता हो अथवा बड़ी सफलता हो।जीतनी जोखिम ज्यादा होती हे उतनी सफलता बड़ी मानी जाती हे इसलिए कॉर्पोरेट क्षेत्र में रिस्क मैनेजमेंट को काफी अहमियत दी जाती है।

इसलिए आज हम यह जानने की कोशिश करेंगे की व्यक्तिगत विकास के लिए रिस्क मैनेजमेंट का कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है। इंटरनेट पर काफी संशोधन करने भी हमें इस विषय पर ज्यादा कोई आर्टिकल देखने को नहीं मिले हे। इसलिए हमने इस विषय पर लिखने के लिए निर्णय लिया है। जोखिम व्यवस्थापन जैसे कॉर्पोरेट क्षेत्र में इस्तेमाल होता हे उसके मुलभुत नहीं वही रहेंगे केवल इसके उद्देश्य में बदलाव करके व्यक्तिगत स्तर पर यह कैसे इस्तेमाल किये जा सकते हे हम देखेंगे।

ब्लैकरॉक यह एसेट मैनेजमेंट कंपनी जिसका निवेश दस ट्रिलियन डॉलर हे वह सबसे ज्यादा अहमियत रिस्क मैनेजमेंट पर देती है। अमरीका और चीन जैसे दो बड़ी अर्थव्यवस्था को छोड़कर बाकि दुनिया की जीतनी अर्थव्यवस्था हे उतना पैसे का मैनेजमेंट यह कंपनी करती है। इससे हम अंदाजा लगा सकते हे की रिस्क मैनेजमेंट के लिए कितना महत्वपूर्ण है। कॉर्पोरेट कंपनी रिस्क मैनेजमेंट के लिए काफी सारा पैसा खर्च करती हे मगर हमें व्यक्तिगत स्तर पर छोटे बजट में यह नियोजन कैसे करना चाहिए यह हम देखेंगे।

व्यक्तिगत रिस्क मैनेजमेंट क्या है ? / What is Personal Risk Management –

किसी कॉर्पोरेट क्षेत्र में रिस्क मैनेजमेंट यह कंपनी के लिए निर्माण होने वाली समस्याओ पर यह नियोजन किया जाता है, जिसमे स्पर्धा होती है , राजनितिक बदलाव होते है , कानूनी समस्याए होती है , कुदरती आपदा होती हे वित्तीय संकट होता है ऐसे कई सारे रिस्क की भविष्य की सम्भावनाओ को देखते हुए कंपनी नियोजन बनाती है। वैसे ही हमें व्यक्तिगत स्तर पर यह नियोजन बनाना हे जो महत्वपूर्ण जानकारी पर आधारित होता है।

आज के तारीख में हम डाटा साइंस यह संकल्पना सुनते हे यह और कुछ नहीं हमारी पिछली गतिविधियों की जानकारी होती हे जिसका विश्लेषण करके भविष्य की रणनीति बनाई जाती है। जिसमे कमजोरिया और ताकद यह दोनों का विश्लेषण होता है। व्यक्तिगत रिस्क मैनेजमेंट करते समय हमें हमारी पिछली गतिविधियों के आधारपर आज की स्थिति कैसे हे और भविष्य में हमें क्या हासिल करना है।

इसके लिए नियोजन करना होता हे जिसको करते समय काफी सारी रिस्क होती हे उसको कैसे हैंडल करना हे यह हम नियोजन करके तय करते है। इसके लिए यह प्रक्रिया क्या हे इसे कैसे अमल में लाना हे इसके बारे में हम आगे विस्तृत तरीके से देखेंगे। जितना बड़ा हमारा उद्देश्य होता हे उतनी रिस्क मैनेजमेंट की अहमियत ज्यादा होती है। समाज में ज्यादातर लोग सुरक्षित जीवन जीना चाहते हे जिसके कारन वह जीवन में कुछ ज्यादा हासिल नहीं करते मगर जो लोग कुछ बड़ा हासिल करना चाहते हे उनको काफी समस्या का सामना करना पड़ता है।

व्यक्तिगत रिस्क मैनेजमेंट के प्रकार / Types of Personal Risk Management –

  • वित्तीय समस्या – ज्यादा पैसा कैसे कमाए।
  • परिवार स्वास्थ्य – परिवार के हर सदस्य का स्वास्थ्य कैसे अच्छा रहे।
  • रिटायरमेंट जीवन की समस्या – बुढ़ापे का जीवन कैसे सुरक्षित करे।
  • अच्छी शिक्षा और नौकरी की समस्या – बच्चो को अच्छी शिक्षा कैसे दे।
  • बिज़नेस की समस्याए – बिज़नेस को कैसे बढ़ाए।
  • पारिवारिक रिश्ते – पारिवारिक रिश्तो को कैसे संभाले।

जीवन में हमें जितना ज्यादा सफल होना हे उतनी ज्यादा रिस्क हमें वह पाने के लिए लेनी पड़ती है , इसके लिए कभी कभी हमारे प्लान विफल होते हे जिसकी हमें और हमारे परिवार को काफी कीमत चुकानी पड़ती है। इसलिए जैसे कॉर्पोरेट कम्पनिया अपने उद्देश्य को हासिल करने के लिए रिस्क मैनेजमेंट करती हे वैसे ही हमें अपने जीवन के हर एक निर्णय को सफल बनाने के लिए रिस्क मैनेजमेंट करना जरुरी होता है।

बड़ी बड़ी कम्पनिया इसके लिए काफी पैसा खर्च करके एक्सपर्ट लोगो की सलाह लेते हे मगर हम व्यक्तिगत स्तर पर यह कम खर्च में कैसे कर सकते है, यह हम जानने की कोशिश करेंगे। हमारे पास कोई एक्सपर्ट नहीं होते मगर हम बिना खर्च के रिस्क मैनेजमेंट की प्रक्रिया को अपने जीवन में इस्तेमाल कर सकते हे और सभी रिस्क को लिस्ट करके उसका प्राथमिकता के अनुसार निपटारा कर सकते है।

हम इसके लिए कंप्यूटर का या टेबलेट का इस्तेमाल करके यह सब जानकारी रिकॉर्ड कर सकते हे तथा पारम्परिक तरीके से नोटबुक पर लिखकर भी यह सभी समस्याए पहचान सकते है। इसके लिए हमें क्या उद्देश्य हासिल करना हे और इसके लिए भविष्य में क्या रिस्क हो सकती हे इसकी लिस्टिंग करनी होगी। यह पूरी प्रक्रिया कॉर्पोरेट क्षेत्र के रिस्क मैनेजमेंट की तरह होती हे मगर फर्क बस इतना होता हे की यह व्यक्तिगत स्तर पर इस्तेमाल करनी होती हे जो मूलतः अलग बन जाती है।

व्यक्तिगत विकास रिस्क मैनेजमेंट प्रक्रिया / Process of Personal Risk Management –

  • रिस्क को पहचानना
  • रिस्क का विश्लेषण करना
  • रिस्क को प्राथमिकता से लिस्ट करना
  • रिस्क को ख़त्म करने के लिए अमल करना
  • रिस्क पर अमल करने के बाद परिणाम देखना

रिस्क मैनेजमेंट की प्रक्रिया यह हमारे विषय का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा हे क्यूंकि इसके बगैर हम रिस्क मैनेजमेंट को सफल नहीं कर सकते है। इसलिए रिस्क मैनेजमेंट की प्रक्रिया को हमें अच्छी तरह से समझना हे जो हमारे सभी समस्या पर अलग अलग तरीके से इसका उपयोग हमें लिखित स्वरुप में करना हे। हमें यह सारी जानकारी लिखित में क्यों चाहिए ? क्यूंकि इसका विश्लेषण अच्छी तरह हम कर सके।

रिस्क मैनेजमेंट यह प्रक्रिया पूरी तरह से सम्भावनाओ पर निर्भर होती हे जो प्रतिशत में जोखिम बढ़ती रहती है। हमारे जीवन के किसी भी महत्वपूर्ण निर्णय के लिए यही प्रक्रिया हमें इस्तेमाल करनी है। किसी भी कार्य को करते समय हमें भविष्य में क्या समस्याए निर्माण हो सकती हे यह हमें पहले पहचानना है। उसके बाद उन जोखिम का विश्लेषण करके कैसे ख़त्म करना हे इस पर कार्य करना है।

जो रिस्क सबसे पहले ख़त्म करनी हे वह पहले रखकर लिस्ट की रैंकिंग करनी होती हे जिससे हमें प्राथमिकता समझमे आए। क्यूंकि अगर हम ऐसा नहीं करते हे तो समय के साथ वह संकट और बढ़ जाता हे और बड़ा बन जाता है। इसलिए हमें रिस्क कितने प्रकार की हे उसकी लिस्ट बनाकर हम उनको प्राथमिकता के हिसाब से ख़त्म कर सकते है। यह सब प्रक्रिया होने के बाद हमें रिजल्ट देखना हे और हमारे अमल से हमें कितनी सफलता मिली हे उसपर हमारी रिस्क मैनेजमेंट की सफलता निर्भर होती है।

व्यक्तिगत वित्त और रिस्क मैनेजमेंट / Personal Finance & Risk Management –

जितना ज्यादा हमारा इनकम होता हे उतना हम वित्तीय जोखिम से बाहर होते हे, भारत की बात करे तो समाज के ज्यादातर लोग वित्तीय समस्या से जीवन भर संघर्ष करते रहते है। हम हमारे खर्चे कम करते हे इनकम हे उसका नियोजन करते है जिसे बचत कहते है। हमारी सबसे बड़ी समस्या होती हे की हम जोखिम से बचने की कोशिश करते है। क्यूंकि अगर हम ज्यादा पैसा कमाने के लिए कोई जोखिम लेते हे और उसके असफल होते हे ? यह डर हमें कोई जोखिम नहीं लेने देता है।

सामान्य लोगो की यही समस्या होती हे इसलिए पीढ़ियों से हमने स्तर तय करके रखा है। मगर हम जोखिम का नियोजन करके भविष्य में होने वाली असफलता को कम कर सकते है। क्यूंकि के हम हमारी आर्थिक समस्या से कभी उभर नहीं पाएगे। चाहे वह बिज़नेस हो या नौकरी हर जगह जोखिम होती हे। बिज़नेस में स्पर्धा होती हे और नौकरी में भी हमारे स्पर्धक होते हे जो हमारी कीमत कम करना चाहते है।

इसलिए हमने बताई हुई प्रक्रिया के माध्यम से आप वित्तीय जोखिम का नियोजन करके इनकम के कई माध्यम निर्माण कर सकते हे और बिना किसी नुकसान के यह हम नियोजन बढ़ तरीके से कर सकते है। हमें बाद इतना ध्यान रखना हे की हमें हमारा कम्फर्ट झोन छोड़ना होगा क्यूंकि ऐसे भी हम हर वक्त वित्तीय संकट की वजह से हमेशा तनाव में रहते है। बढ़ती महंगाई और बढ़ता खर्च यह हमें ख़ुशी से जीने नहीं देता और हम जोखिम लेकर हमारा इनकम बढ़ाना नहीं चाहते।

परिवार स्वास्थ्य और रिस्क मैनेजमेंट / Family Health Risk Management –

अगर हम देखे तो किसी बड़े बिज़नेस मन को अपना व्यक्तिगत स्वास्थ्य विमा निकलने की जरुरत है ? क्यूंकि वह बड़ी आसानी से अस्पताल में होने वाले खर्च को दे सकता हे। लेकिन सामान्य परिवार यह खर्च नहीं उठा सकता और उसे भविष्य में होने वाले खतरे के लिए किसी कंपनी को हर महीने पैसे देने पड़ते है। क्या इसे हम पूरी तरह से रिस्क मैनेजमेंट कह सकते है ? क्यूंकि मूल समस्या का समाधान बगैर निकाले हम हमारी समस्या को पूरी तरह से ख़त्म नहीं कर सकते।

हमारी मूल समस्या हे हमारा इनकम हे जो महंगाई भरने में चला जाता है। जो लोग इनकम टैक्स भरते हे हम उनकी बात नहीं कर रहे हे, हम बात कर रहे हे अप्रत्यक्ष कर जो हर कोई सामान्य नागरिक देता है। इनकम के दो प्रकार होते हे एक पैसिव इनकम और दूसरा एक्टिव इनकम हम दूसरी श्रेणी में आते है। अगर हम काम नहीं करते हे तो हमें इनकम मिलना बंद हो जाता है।

परिवार का स्वास्थ्य इतना महत्वपूर्ण मुद्दा हे की अगर परिवार में किसी को कोई बड़ी बीमारी होती हे तो पूरा परिवार आर्थिक संकट में फस जाता हे इतना खर्च करना पड़ता है। भारत में सभी लोग ऐसी हालत में नहीं हे की बड़ी बड़ी EMI वाली इन्शुरन्स पॉलिसी हम निकलते है। भारत में काफी सारे लोग साधारण इन्शुरन्स पॉलिसी अथवा बगैर इन्शुरन्स पॉलिसी के परिवार की हेल्थ को जोखिम में मज़बूरी में रखते है।

इसलिए हेल्थ समस्या के लिए जोखिम व्यवस्थापन हमने बताई हुई प्रक्रिया के माध्यम से हम समाधान निकाल सकते है।

रिटायरमेंट और रिस्क मैनेजमेंट / Retirement Risk Management –

अमरीका में ऐसा माना जाता हे की आतंकवाद से ज्यादा लोग बुढ़ापे में होने वाली आर्थिक समस्या से सबसे ज्यादा डरते है। रिटायरमेंट नियोजन इतना महत्वपूर्ण आज के दौर में बन गया है। बढ़ता हुवा शहरीकरण की बढ़ती अहमियत इससे रिश्ते काफी कमजोर हो चुके है। सबसे ज्यादा व्यक्तिगत स्वार्थ हमें आज के दौर में देखने को मिलता हे। इसलिए अगर आपने आपके बुढ़ापे के लिए कोई आर्थिक नियोजन नहीं किया हे तो आप संकट में फस सकते है।

इसलिए हमने सबसे पहले बताया की इनकम के माध्यम सबसे पहले बढ़ाना सभी समस्या का सबसे मूल समाधान है। इसके लिए आपको जीवन में काफी जोखिम उठानी होगी और इसके लिए नियोजन करना जरुरी है। अगर यह आर्थिक नियोजन में इनकम के माध्यम नहीं बढ़ाते हे तो भविष्य में आप खुद के लिए कुछ भी रकम नहीं जूता सकते हे क्यूंकि आपकी इनकम बच्चो की शिक्षा और घर खरीदने में ही चली जाती है।

इसलिए संपत्ति का निर्माण करना और पैसिव इनकम के माध्यम को बढ़ाना यह आपके बुढ़ापे के आर्थिक संकट को दूर कर सकता है। इसके लिए हमें रिस्क मैनेजमेंट करना होगा और ऊपर दी गई प्रक्रिया के माध्यम से इसके लिए हमें क्या समस्याए आती हे इसपर नियोजन करना होगा। बुढ़ापे में हम आर्थिक तौर पर अपने बच्चो पर निर्भर रहेंगे तो वह अपना आर्थिक नियोजन करे या आपको संभाले इस दुविधा में फस जाते है। क्यूंकि इनकम कम हो तो आपकी प्राथमिकता कम हो जाती हे और उनके बच्चो की प्राथमिकता बढ़ जाती है।

पारिवारिक शिक्षा और रिस्क मैनेजमेंट / Family Education Risk Management –

शिक्षा यह परिवार के विकास का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता हे चाहे वह आर्थिक मामलों के लिए अथवा सही और गलत को समझने के लिए। आज हमें शिक्षा को रिस्क मैनेजमेंट में रखना पड़ रहा हे क्यूंकि आज के परिस्थिति में शिक्षा के लिए काफी सारा पैसा खर्च करना पड़ता है। व्यावसायिक शिक्षा के लिए लाखो रूपए खर्च करने पड़ते हे और यह पैसा खर्च करके अगर आप उस पेशे में सफल नहीं होते हे तो आपकी वह शिक्षा गैर उपयोगी बन जाती है।

वास्तविक जीवन में हम कई बार देखते हे की लोग शिक्षा किसी एक पेशे की लेते हे और वास्तविक तौर पर पैसे दूसरी किसी क्षेत्र में कमाते है। बच्चो के शिक्षा के लिए तथा खुद के शिक्षा के लिए जो हम खर्च करते हे उसका रिस्क मैनेजमेंट करना काफी जरुरी है। वास्तविक तौर पर लोगो को अपने बच्चो को कौनसे क्षेत्र में शिक्षा हासिल करनी चाहिए यह महत्वपूर्ण निर्णय हम ज्यादातर किसी के प्रभाव में निर्णय लेते है।

बहुत कम लोगो को यह आदत होती हे की कोई भी निर्णय लेने से पहले उसका विश्लेषण करना कितना जरुरी होता है। इसलिए यह रिस्क मैनेजमेंट की प्रक्रिया हमारे जीवन के हर हिस्से में हमें इस्तेमाल करनी चाहिए। इसके सभी रिकॉर्ड लिखित रूप में रखने चाहिए जिससे इसके रिजल्ट के माध्यम से हम अगले निर्णय सही तरीके से और कम जोखिम से ले सकते है। इसलिए शिक्षा के लिए क्या रिस्क हे यह पहचानकर इसका नियोजन करना काफी महत्वपूर्ण हे जिससे परिवार का खर्च बचाने में सफलता हासिल होगी।

व्यावसायिक क्षेत्र और रिस्क मैनेजमेंट / Business Professional & Risk Management –

बिज़नेस करना एक विज्ञानं हे जिसमे असफलता यह सबसे पहली सीढी हे जिसको हर कोई बिजनेसमैन सह चूका है। बिज़नेस में कई बिज़नेस पहले पांच साल में ख़त्म हो जाते हे और कुछ बिज़नेस अगले दस साल में बाजार में टिकने के लिए संघर्ष करते है। भारतीय समाज में ज्यादातर लोग नौकरी करना पसंद करते हे क्यूंकि बिज़नेस में काफी जोखिम होती हे और काफी संयम रखना पड़ता है।

इसलिए रिस्क मैनेजमेंट और छोटे स्तर के बिज़नेस यह काफी जरुरी है मगर ज्यादातर छोटे बिजनेसमैन यह प्रक्रिया इस्तेमाल नहीं करते और सालो साल वही बिज़नेस चलाते है। बिज़नेस में कुछ न करना यह भी एक जोखिम होता हे जिसे अपडेट न होना कहते है। आज के टेक्नोलॉजी के दौर में बड़ी बड़ी कम्पनिया रिस्क मैनेजमेंट के लिए काफी पैसा खर्च करती हे। इसलिए अगर हम बिज़नेस करते हे तो रिस्क मैनेजमेंट ऊपर दी गयी प्रक्रिया के माध्यम से बिना किसी एक्सपर्ट की सहायता से आप खुद यह कर सकते है।

आज के युग के इनफार्मेशन और टेक्नोलॉजी का युग कहा जाता हे, इसका मतलब हे जानकारी और टेक्नोलॉजी इसका संगम करके प्रगति करना। जिसको यह जितने जल्दी समझमे आता हे वह सबसे ज्यादा संपत्ति हासिल करता है। इसलिए जीवन में किसी भी बिज़नेस में सफल होने के लिए अपडेट रहना काफी जरुरी हे और इसके लिए सबसे ज्यादा जानकारी होना महत्वपूर्ण हे जिससे आपके बिज़नेस की रिस्क कम हो सकती है।

व्यक्तिगत रिस्क मैनेजमेंट के फायदे / Benefits Personal Risk Management –

  • रिस्क मैनेजमेंट का इस्तेमाल अपने व्यक्तिगत जीवन में हम करके कॉर्पोरेट कंपनियों जैसी निरंतर सफलता हम कम से जोखिम के माध्यम से हासिल कर सकते है।
  • रिस्क मैनेजमेंट यह तकनीक हम हमारी जीवन की हर उद्देश्य के लिए इस्तेमाल कर सकते है।
  • कॉर्पोरेट कम्पनिया रिस्क मैनेजमेंट के लिए काफी सारे एक्सपर्ट लोगो की सहायता लेती हे मगर हम यह इंटरनेट के माध्यम से जानकारी हासिल करके बिना खर्च के अथवा कम खर्च पे यह सूत्र इस्तेमाल कर सकते है।
  • किसी भी उद्देश्य को हासिल करने के लिए कीमत चुकानी पड़ती हे यह हम कई पीढ़ियों से सुनते आ रहे हे मगर जोखिम व्यवस्थापन करके यह रिस्क हम कम कर सकते है।
  • अपने परिवार के आर्थिक नियोजन से लेकर परिवार के स्वास्थ्य तक सभी खर्चो के लिए हम रिस्क मैनेजमेंट यह तकनीक इस्तेमाल कर सकते है।
  • रिस्क मैनेजमेंट की प्रक्रिया क्या होनी चाहिए यह जानकारी होना इस तकनीक को इस्तेमाल करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है।
    रिस्क मैनेजमेंट के माध्यम से आप आपकी आर्थिक समस्या को ख़त्म कर सकते है।
  • परिवार के रिश्ते सही रखने के लिए भी हम रिस्क मैनेजमेंट का इस्तेमाल प्रभावशाली रूप से कर सकते है।

निष्कर्ष / Conclusion –

इस तरह हमने देखा की जोखिम व्यवस्थापन यह कॉर्पोरेट कम्पनियो की सफलता की तकनीक हम हमारे निजी जीवन में कैसे इस्तेमाल कर सकते है। मानव इतिहास में हम जिस समय में जी रहे हे यह जानकारी का युग हे जहा कोई भी जानकारी हमें बड़ी आसानी से और फ्री में मिल जाती है। जैसे यह आर्टिकल हम आपके लिए प्रस्तुत कर रहे हे जो आपके जीवन के विकास के लिए काफी महत्वपूर्ण है।

रिस्क मैनेजमेंट में हमने देखा की कॉर्पोरेट क्षेत्र में यह तकनीक काफी कारगर साबित हुई हे मगर इसके लिए काफी संशोधन और एक्सपर्ट की जरुरत होती है। कम्पनिया इसके लिए काफी पैसा खर्च करती है, छोटे स्तर पर यह प्रक्रिया हमें बड़ी कम मात्रा में देखने को मिलती है। ISO जैसे मानक यह रिस्क मैनेजमेंट का इस्तेमाल करते हुई कॉर्पोरेट में इस्तेमाल किए जाते है।

छोटी कंपनियों को आज के दौर में भारत में इसकी अहमियत अभी तक नहीं समझमे आयी हे इसलिए वह बस बड़ी कंपनियों के ऑर्डर्स हासिल करने के लिए इसे महत्वपूर्ण मानते है। मगर इसका ईमानदारी से अपनी सिस्टम में कम्पनिया इस्तेमाल करती हे तो काफी जल्दी इसके रिजल्ट हमें देखने को मिलते है। व्यक्तिगत स्तर पर हमें इसे इस्तेमाल करना चाहिए जिसके लिए हम कंप्यूटर का इस्तेमाल करके अपनी जानकारी का अध्ययन कर सकते है।

समय प्रबंधन क्या है ?

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