प्रस्तावना / Introduction –

भारत के शेयर बाजार की मार्किट कॅपिटल के हिसाब से तीसरी सबसे बड़ी कंपनी HDFC बैंक के सफलता का अध्ययन इस आर्टिकल के माध्यम से करने की कोशिश करेंगे। भारत में हमने कोआपरेटिव बैंको का नेटवर्क पिछले कई दशकों तक देखा जिसने भारत की वित्तीय क्षेत्र पर राज किया वही सरकारी बैंको का वर्चस्व १९७० के बाद हमें देखने को मिला है। निजी क्षेत्र की बैंकिंग कम्पनिया १९९१ के बाद उदारीकरण की पॉलिसी के बाद हमें भारत में देखने को मिली जिसमे HDFC बैंक हमें शीर्ष पर देखने को मिलती है।

सरकारी बैंको में हमें सुविधाए तो काफी अच्छी देखने को मिलती हे परन्तु सर्विस के मामलों में काफी बुरा अनुभव देखने है जिसका फायदा निजी क्षेत्र की बैंको ने १९९० के बाद लिया था। डिजिटल बैंकिंग यह और एक क्रांति हमें बैंकिंग क्षेत्र में देखने को मिली हे जिसको हमने शेयर बाजार से जोड़कर देखना चाहिए। मोबाइल बैंकिंग से लेकर एटीएम सेंटर तक सभी सुविधाए १९९० के दशक में जिन लोगो ने बैंकिंग क्षेत्र की सेवाए देखि हे उनके लिए तो यह एक सपने जैसा है। एक चेक क्लियर होने के लिए चार पांच दिन इंतजार करना पड़ता था और अगर कोई समस्या निर्माण हो जाए तो यह १० दिनों तक पहुंच जाता था।

आज हम डिजिटल बैंकिंग के माध्यम से यह सुविधाए तुरंत होती देखते हे जिसमे HDFC बैंक का काफी महत्वपूर्ण सहयोग रहा है और इसमें से कई सारी सुविधाए उन्होंने पहली बार भारत में पेश की थी। इसलिए हम इस आर्टिकल के माध्यम से HDFC बैंक की केस स्टडी देखेंगे जिसमे कंपनी के इतिहास से लेकर कंपनी के सफलता का सफर देखेंगे। इसमें ऐसी क्या विशेषताए थी जिसके कारन HDFC बैंक ने बाकि बैंको को पीछे रखकर अपना शीर्ष पर मक़ाम हासिल किया यह देखेंगे।

HDFC बैंक कंपनी प्रोफाइल / Company Profile of HDFC Bank –

  • कंपनी का नाम – HDFC बैंक लिमिटेड
  • पैरेंट कंपनी – हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कारपोरेशन लिमिटेड
  • कंपनी की स्थापना – अगस्त १९९४
  • सीईओ – शशिधर जगदीशन
  • आईपीओ – मार्च १९९५ (५ करोड़ इक्विटी शेयर्स @ १० Rs.)
  • मार्किट कॅपिटल – ७.७२ लाख करोड़ रूपए (जुलाई २०२२ )
  • इंडस्ट्री – फाइनेंसियल सर्विसेज
  • मुख्य ऑफिस – मुंबई – महाराष्ट्र
  • कर्मचारी – १२००९३ (२०२१)
  • शाखाए – ६३४२ (मार्च २०२२)
  • एटीएम – १३१३० (३१८८ शहरों में )
  • कुल संपत्ती – २१. २२ लाख करोड़ रूपए(२८० बिलियन US डॉलर )
  • सब्सिडरी कंपनी – HDFC सिक्योरिटीज , HDB फाइनेंसियल सर्विसेज

HDFC बैंक का इतिहास / History of HDFC Bank –

१९९० से पहले भारत में सरकारी बैंको के माध्यम से वित्तीय व्यवहार किए जाते थे जिसको १९९१ में उदारीकरण की पॉलिसी के तहत निजी बैंको को रिज़र्व बैंको द्वारा बैंकिंग क्षेत्र में लाइसेंस देना शुरू किया गया। HDFC यह कंपनी इससे पहले हाउसिंग लोन के क्षेत्र में काम कर रही थी जिसने बैंकिंग लाइसेंस के लिए अर्जी दाखिल की और इसके अंतर्गत HDFC बैंक की स्थापना १९९४ की गयी और लाइसेंस १९९५ के दिया गया । हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कारपोरेशन यह कंपनी हसमुख पारेख ने स्थापित की है तथा इसे आगे दीपक पारेख जो उनके भतीजे हे इन्होने संभाली है।

दीपक पारेख द्वारा जब HDFC बैंक की स्थापना करने का निर्णय लिया तब उन्होंने एक टीम बनाने के लिए सिटी बैंक के प्रमुख आदित्य पूरी को HDFC बैंक की मैनेजिंग डायरेक्टर के तौर पर लिया गया। जिन्होंने बैंक को भारत की सबसे बड़ी बैंक बनाकर एक सफल निजी बैंक बनाया। HDFC बैंक का आईपीओ १९९५ में लाया गया जो ५५ गुना बढ़कर का शेयर बाजार में सफलता पूर्वक लिस्ट किया गया। HDFC बैंक ने लिस्ट होने के बाद से हर साल २८.८६% रिटर्न दिया हे जो कंपनी के सफलता का कारन है और लोगो का बैंक के प्रति विश्वास दर्शाता है।

HDFC बैंक की प्रमुख स्पर्धक आईसीआईसीआई बैंक को पीछे छोड़ते हुए कंपनीने हर बदलाव को आईसीआईसीआई बैंक के बाद इम्प्रूवमेंट के साथ ग्राहकों के लिए लायी। सरकारी बैंको के अच्छी फैसिलिटीज होते हुए अच्छी सर्विसेज का आभाव देखने मिलता था जिसको HDFC बैंक ने ग्राहकों के लिए अच्छी सर्विसेज देकर यह खामिया दूर की और ग्राहकों को आकर्षित किया। भारत में पहली बार एटीएम बैंकिंग HDFC बैंक द्वारा लोगो को निजी बैंक के माध्यम से पहली बार इंट्रोडस किया तथा मोबाइल बैंकिंग और मेस्सजिंग की व्यवस्था ग्राहकों के लिए लायी।

HDFC बैंक का बिज़नेस मॉडल / Business Model of HDFC Bank –

ICICI बैंक यह भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में प्रमुख प्रतिस्पर्धी शुरू से रहा हे जो बैंकिंग क्षेत्र के कोई भी बदलाव पहले करता है जिसमे HDFC बैंक खामिया ढूंढ़कर उसे बेहतर तरीके से मार्किट में उतारता है। बैंक ने हमेशा रिटेल क्षेत्र के ग्राहकों को प्राथमिकता में रखा हे जबकि बाकि निजी बैंको द्वारा कॉर्पोरेट क्षेत्र को प्राथमिकता में रखा है। भले ही कॉर्पोरेट क्षेत्र के ग्राहकों के माध्यम से बैंको को ज्यादा फायदा मिलता हे परन्तु जोखिम भी काफी होता है। वही रिटेल क्षेत्र को बैंको द्वारा केवल सेविंग अकाउंट अथवा करंट अकाउंट तक सिमित नहीं रखा गया बल्कि जिसके साथ क्रेडिट कार्ड सेवा , मोटर वेहिकल लोन और लाइफ इन्शुरन्स जैसे प्रोडक्ट बेचकर अपना मुनाफा बढ़ाया है ।

कॉर्पोरेट क्षेत्र में कंपनी ने हमेशा रिलेशन को अलग रखकर कंपनी की पॉलिसीस को महत्त्व दिया हे जिसके कारन कंपनी का NPA दर हमेशा बाकि बैंको से कम रहा है। कॉर्पोरेट बैंको के केवल करंट अकाउंट न खोलते हुए पहली बार कर्मचारियों की सैलरी बैंको के माध्यम से करना शुरू किया जिससे काफी ग्राहक संख्या में इजाफा देखने को मिला है। दुनिया की बेहतरीन टेक्नोलॉजी को भारत में बैंकिंग क्षेत्र में लाने का श्रेय HDFC बैंक को दिया जाता है जिसमे सभी व्यवहार सेंट्रल बैंक के माध्यम से किए जाते है। सेंट्रल बैंक से व्यवहार होने से किसी स्पेसिफिक ब्रांच में केवल ग्राहकों को सेवा देने वाली बैंको से HDFC बैंको को लोग प्राथमिकता देने लगे।

१९९० के बाद शेयर बाजार डिजिटल तरीके से चलने लगा था परतु बैंकिंग अकाउंट यह अभी भी डिजिटल नहीं बने थे जिसमे बैंक ने पहल करके शेयर बाजार से लेकर शेयर ब्रॉकर को अच्छी योजनाओ के तहत आकर्षित करने की कोशिश की जिसकी वजह से बैंक से काफी शेयर ब्रॉकर कम्पनिया जुडी है। HDFC LTD यह HDFC बैंक की प्रमुख निर्माता कंपनी हे जो हाउसिंग फाइनेंस का काम देखती हे जिसको HDFC बैंक द्वारा किया जाता हे और आखिर में यह सभी अकाउंट HDFC इस मूल कंपनी में शिफ्ट किया जाता है। HDFC बैंक ने ऐसे ही भीड़ का हिस्सा होने की बजाए अलग कुछ करने की वजह से वह आज भारत की नंबर एक बैंकिंग कंपनी बनी है।

HDFC बैंक और शेयर बाजार / HDFC Bank & Share Market –

१९९५ में पहली बार भारतीय बाजार में HDFC बैंक ने अपना आईपीओ लिस्ट किया जो ५५ गुणा सब्सक्राइब हुवा था और आज यह शेयर हर इन्वेस्टर को पिछले से २८% से ज्यादा रिटर्न दे रहा है। HDFC बैंक के शेयर के भाव अपने मूल कीमत से ज्यादा भाव पर चल रहे हे फिर भी कंपनी के फंडामेंटल्स बहुत ही मजबूत हे। भारत में HDFC बैंक अभी भी शहरों तक ज्यादा देखने को मिलती है गांव तक पहुंचने के लिए अभी भी बैंक को काफी जगह देखने को मिलती है। ICICI बैंक यह HDFC बैंक की प्रमुख प्रतिस्पर्धी हे जिसमे पिछले कुछ दिनों से काफी विवादित घटनाए होने की वजह से HDFC बैंक में निवेश करने के ली लोगो का ज्यादा विश्वास बढ़ा है।

HDFC बैंक के NPA भारतीय बैंकिंग बाजार में सबसे कम देखने को मिलते हे जिसमे कंपनी की पॉलिसीस का काफी महत्त्व रहा है , इसलिए कंपनी हर साल जो प्रॉफिट कमाती हे इसमें कंपनी ने न केवल कर्ज के माध्यम से बल्कि ग्राहकों को दी जाने वाले अलग अलग सेवाए तथा म्यूच्यूअल फण्ड जैसी इन्वेस्टमेंट के माध्यम से अपनी इनकम को बढाती है। HDFC बैंक का भारतीय बाजार में २५ % से ज्यादा मार्किट शेयर देखने को मिलता हे जो कॉर्पोरेट अकाउंट के माध्यम से कंपनी की सैलरी अकाउंट बैंको के माध्यम से हासिल किए जाते है, इको सिस्टम बनाकर बाकि सेवाए मुहैया होती है ।

मार्किट कैपिटल के हिसाब से HDFC यह बैंक भारतीय शेयर बाजार में तीसरी सबसे बड़ी कंपनी के तौर पर देखने को मिलती हे जो न केवल सबसे बड़ी बैंक हे बल्कि सबसे बड़ी कंपनी है यह देखने को मिलता है। HDFC बैंक के शेयर धारक यह प्रोमोटर्स २६ % , FII ३७ % म्यूच्यूअल फण्ड १३.५ % यह प्रमुख निवेशक देखने को मिलते है। सरकारी बैंको की आर्थिक हालत देखकर तथा NPA का अकड़ा देखकर, कोआपरेटिव बैंको की कुछ मर्यादाए देखकर भविष्य में निजी बैंको का भविष्य काफी अच्छा दिख रहा है। इसलिए बैंकिंग क्षेत्र में निवेश यह भविष्य में फायदेमंद रह सकता हे उसमे भी HDFC बैंक यह इस क्षेत्र की शीर्ष की बैंक है।

HDFC बैंक का सफलता का सूत्र / Success Formula HDFC Bank –

१९९० के बाद भारत में उदारीकरण के माध्यम से बैंकिंग क्षेत्र में भी काफी बदलाव देखने को मिले, इससे पहले सरकारी बैंको को योजनाए काफी अच्छी होती थी मगर ग्राहकों के लिए सर्विसेज काफी ख़राब देखने को मिलती थी। HDFC बैंक द्वारा भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में अच्छी सेवाए ग्राहकों के लिए उपलब्ध की तथा दुनिया की बेहतरीन टेक्नोलॉजी बैंकिंग क्षेत्र में इस्तेमाल की और मोबाइल मैसेज के माध्यम से तेजी से सेवाए देना शुरू किया। सामान्य ग्राहकों को सरकारी बैंको को कर्ज लेना काफी जटिल प्रक्रिया थी जो काफी समय भी लेती थी जिसको सरल बनाकर HDFC बैंक ने ग्राहकों की जरुरत पर ध्यान दिया।

ज्यादा कॉर्पोरेट क्षेत्र पर ध्यान देने की बजाय रिटेल क्षेत्र में बिज़नेस को बढ़ाया और फिर कॉर्पोरेट क्षेत्र को बैंकिंग सेवा से जोड़ा। ICICI बैंक यह जो भी टेक्नोलॉजी बैंकिंग क्षेत्र में लाती थी उसे अच्छे से संशोधन करके सुधारीत टेक्नोलॉजी मार्किट में लाना शुरू किया जिससे लास्ट मूवर होते हुए भी वह बैंकिंग क्षेत्र में ग्राहकों को आकर्षित करने में सफल रही है। पेमेंट ट्रांसफर को पहले पांच दिन से ज्यादा समय लगता था जिससे कंपनियों को ज्यादा पैसा रिज़र्व में रखना पड़ता था तथा बिज़नेस करने में कठिनाइया होती थी।जिसको HDFC बैंक ने पेमेंट अगेंस्ट डिपाजिट पर यह पेमेंट देना शुरू किया जो काफी प्रभावी रहा जो तुरंत व्यवहार होने लगे।

कॉर्पोरेट क्षेत्र में कर्ज देना यह जोखिमभरा होता है भले ही इसपर बैंको को ज्यादा मुनाफा मिलता है परन्तु HDFC बैंक ने इसपर नियंत्रण रखते हुए कॉर्पोरेट क्षेत्र को बाकि सुविधाए देने पर ज्यादा ध्यान दिया जिसके लिए कॉर्पोरेट क्षेत्र की आर्थिक क्या समस्याए हे इसपर काम किया। इससे कंपनियों की कर्मचारियों के पेमेंट की समस्याए , छोटे छोटे कार्य के लिए लगाने वाले कर्ज जैसी सुविधाए देना शुरू किया जिससे बड़ी मात्रा में रिटेल बिज़नेस बैंक की तरफ आकर्षित हुई। शेयर बाजार में निवेश करना , इन्शुरन्स स्कीम, टेक्नोलॉजी का बैंकिंग क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल तथा अन्य बैंकिंग सेवा पर ज्यादा ध्यान दिया जिससे इनकम बढ़ाया जा सके।

HDFC बैंक और बैंकिंग सेक्टर / HDFC Bank & Banking Sector –

बैंकिंग क्षेत्र में HDFC बैंक ने पिछले ३० सालो से काफी तेजी से विकास किया हे और इसके लिए कंपनी के मैनेजमेंट को श्रेय दिया जाना चाहिए जिसके पॉलिसी ने कंपनी को शीर्ष पर पचुचाया है। HDFC LTD यह HDFC बैंक की निर्माता कंपनी हे जिसने HDFC बैंक को बनाया है परन्तु आज HDFC बैंक अपने मूल कंपनी से काफी बड़ी हुई है। अगर दोनों HDFC कंपनियों को जोड़ा जाए तो यह भारत की दूसरे नंबर की कंपनी बन सकती हे जो मार्किट कैपिटल के हिसाब से सबसे बड़ी कंपनी होगी। भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में सरकारी बैंको की पिछले कुछ दिनों से NPA के कारन तथा भ्रष्टाचार के कारन काफी किरकिर हुई है।

सरकारी बैंको की इतनी हानि होने के बावजूद लोगो का आज भी सरकारी बैंको पर निजी बैंको विश्वास हे इसका प्रमुख कारन हे सस्ती सुविधाए तथा अच्छी योजनाए भले ही सर्विस देने के मामलो में सरकारी बैंक यह देरी लगाते है परन्तु भारत के साधारण ग्राहक यह खरीद क्षमता मामले में अभी भी काफी कमजोर है। HDFC और ICICI बैंको की सुविधाए तो अच्छी हे मगर वह महँगी हे जिसे साधारण ग्राहकों तक पहुँचाना काफी मुश्किल काम है। HDFC बैंक भारत के ग्रामीण इलाको तक अभी पहुंच नहीं पायी हे इसका प्रमुख कारन यह भी है।

HDFC बैंक का आज का प्रमुख रिटेल ग्राहक यह शहरी इलाको से आता हे तथा वह अच्छी कंपनियों में नौकरी करने वाले ग्राहक होते हे जो अच्छी सुविधाए हासिल करने के लिए चार्जेज देना एफ्फोर्ड कर सकते है। इसलिए जबतक भारत में लोगो की खरीद क्षमता नहीं बढ़ती हे और ज्यादा से ज्यादा लोग निजी बैंको में बैंक अकाउंट इस्तेमाल करने के लिए सक्षम नहीं होते तबतक HDFC बैंक को बढ़ने के लिए काफी स्कोप है। कोआपरेटिव बैंको की मर्यादाए अपने राज्यों तक सिमित होती हे और यह भी राजनितिक प्रभाव में कार्य करती हे जिससे आर्थिक मामलों में इसको नुकसान झेलना पड़ता है।

HDFC बैंक की विशेषताए / Features of HDFC Bank –

  • १९९४ में हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कारपोरेशन इस घरो के लिए कर्ज देने वाली निजी फाइनेंस कंपनी द्वारा रिज़र्व बैंक में बैंक स्थापित करने के लिए आवेदन दिया गया।
  • जनवरी १९९५ को HDFC बैंक लिमिटेड को बैंकिंग लाइसेंस रिज़र्व बैंक द्वारा दिया गया।
  • मार्च १९९५ में HDFC बैंक का आईपीओ भारतीय शेयर बाजार में लिस्ट किया गया जो ५५ गुना सबक्रिब हुवा था।
  • दीपक पारेख यह HDFC लिमिटेड में प्रमुख थे जिन्होंने HDFC बैंक स्थापित करने का सपना देखा था तथा कंपनी को चलाने के लिए सिटी बैंक के सीईओ आदित्य पूरी को मनाया था।
  • HDFC बैंक ने अपने इन्वेस्टर को कंपनी की स्थापना से अबतक हर साल २८.८६ % रिटर्न दिए है जो अपने आप में कंपनी की सफलता की उपलब्धि है।
  • ICICI बैंक यह HDFC बैंक की बैंकिंग क्षेत्र की प्रमुख प्रतिस्पर्धी हे जिसका नेटवर्क काफी मजबूत है।
  • मार्च २०२२ तक कंपनी का नेटवर्क ६३४२ शाखाए ३१८८ शहरों में पुरे भारत में स्थापित हे जिसमे मुंबई की शाखा यह पहली शाखा स्थापित की गयी थी।
  • एटीएम सेवाए , फ़ोन बैंकिंग , SMS सेवाए , डिजिटल बैंकिंग तथा क्रेडिट कार्ड और कर्ज सेवाए यह HDFC बैंक की प्रमुख उपलब्धिया है।
  • सेंट्रल बैंकिंग सिस्टम यह प्रभावी बैंकिंग सिस्टम पहली बार भारत में HDFC बैंक द्वारा लायी गयी।
  • सेविंग अकाउंट करंट अकाउंट और कर्ज यह सुविधाए बैंक के प्रमुख उत्पन्न का साधन है जिसके साथ साथ क्रेडिट कार्ड , इन्शुरन्स , म्यूच्यूअल फण्ड इन्वेस्टमेंट यह अन्य माध्यम से बैंक अपना इनकम कमाती है।
  • HDFC बैंक की कुल संपत्ती २१.२२ करोड़ रूपए हे जो अपने आप में भारतीय शेयर बाजार में फंडामेंटल के तौर पर सबसे मजबूत कंपनी है।
  • २० जुलाई २००१ को HDFC बैंक न्यूयोर्क स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट की गयी।
  • HDFC बैंक यह भारत की पहली प्राइवेट बैंक हे जिसके माध्यम से इनकम टैक्स कलेक्ट किया जाता हे और आज यह दूसरे नंबर की बैंक हे जो इनकम टॅक्स सबसे ज्यादा कलेक्ट करती है।

HDFC बैंक का आलोचनात्मक विश्लेषण / Critical Analysis of HDFC Bank –

भारत जनधन योजना के माध्यम से लोगो के बैंकिंग खाते खोले गए जिसके अंतर्गत सब्सिडी जमा करनी होती है , जिससे भारत में बैंकिंग व्यवहार के माध्यम से लोगो को जोड़ा जाए। उदारीकरण के माध्यम से भारत में दूसरी तरह बैंको का निजीकरण शुरू है जिसके माध्यम से सरकारी बैंको का पहले मर्जर और बाद में निजीकरण किया जाएगा। भारत सरकार का इसके पीछे प्रमुख उद्देश्य देश के सभी व्यवहारों में पारदर्शकता निर्माण हो और भारत की अर्थव्यवस्था डिजिटल बनायीं जाए। इसमें सबसे बड़ी समस्या हे लोगो की खरीद क्षमता और दूसरी साक्षरता जो प्रमुख रूप से डिजिटल व्यवहारों में कम देखने को मिलती है।

HDFC और ICICI जैसी निजी बैंको में साधारण सेविंग्स अकाउंट खोलने के लिए ५००० से लेकर १०००० तक रूपए डिपाजिट रखने होते हे जिसके लिए भारत की ८० % जनसंख्या सक्षम नहीं है। सरकारी बैंको में ५०० रूपए का औसतन बैलेंस भी लोगो द्वारा मेन्टेन नहीं किया जाता है यह जमीनी हकीकत प्राइवेट बैंको को समझनी होगी। भारत की अर्थव्यवस्था का लाभ समाज के निचले स्तर तक पहुंचाने की मानसिकता हमें बनानी होगी। HDFC बैंक ज़्यदातर शहरी इलाको में देखने को मिलती है, इसका प्रमुख कारन यही हे जो हमने बताया है।

HDFC बैंक की ग्रोथ के लिए भारत सरकार निति बहुत महत्वपूर्ण हे तथा केवल प्रॉफिट मेकिंग यह उद्देश्य न रखते हुए देश के विकास के प्रति जिम्मेदारी के तौर पर बैंक को काम करना होगा। जब हमें विदेशी बैंको से स्पर्धा करनी हे तो उन्हें हम कही शक्तिशाली तो नहीं बना रहे है यह हमें देखना होगा। संशोधन के मामलो में HDFC बैंक विदेशी बिज़नेस मॉडल को कॉपी करते हुए भारत में एक्सेक्यूट कराती रही हे इसे सुधारना होगा और बेहतरीन और भारत के लोगो को सामने रखकर करना होगा। HDFC बैंक अगर यह करती हे तो और ८० % बिज़नेस कंपनी को भारत के गावो से मिलने की संभावना बढ़ जाती है।

निष्कर्ष /Conclusion –

इसतरह से हमने HDFC बैंक के विकास को पिछले ३० सालो का सफर कैसे रहा यह हमने देखा है। ICICI बैंक यह भारत में प्राइवेट क्षेत्र की सबसे पुराणी बैंक मानी जाती हे परन्तु इसको पछाड़ने में HDFC बैंक सफल हुई इसके कई महत्वपूर्ण कारन रहे है। जिसमे बेहतरीन नेतृत्व तथा मैनेजमेंट पॉलिसी यह संभव हुवा है , तथा कंपनी का स्ट्रक्चर जो कंपनी ने काफी संशोधन से भारत की बैंकिंग क्षेत्र को देखते हुए बनाया है। दीपक पारेख द्वारा जब HDFC बैंक के लिए टीम तैयार करने का निर्णय लिया तो वह अपनी पुराणी टीम को ही यह काम दे सकते थे मगर उन्होंने यह काम करने के लिए पूरी तरह टीम बनाने का निर्णय।

जब पहली बार सिटी बैंक के सीईओ आदित्य पूरी को यह प्रस्ताव दिया था तब उन्होंने इसे नाकारा था परन्तु दीपक पारेख ने इसके लिए उन्हें समझाकर सिटी बैंक तथा दुनियाभर की बेहतरीन स्किल को इखट्टा किया और HDFC बैंक की शुरुवात की थी। टेक्नोलॉजी में माइक्रो बैंकर सॉफ्टवेयर यह HDFC बैंक का महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर हे जिसके माध्यम से बैंक ने अपनी सफलता हासिल की है। टेक्नोलॉजी में साइबर सुरक्षा के मामलो में काफी महत्वपूर्ण टीम कंपनी ने बनाकर रखी है, तथा हाल ही भारत सरकार ने साइबर सुरक्षा कानून के कुछ नियम कड़े करके बैंकिंग क्षेत्र को मजबूत करने की कोशिश की है।

हसमुख पारेख यह दीपक पारेख के चाचाजी थे जिन्होंने ICICI बैंक की सफलता में काफी अहम् भूमिका निभाई थी और HDFC बैंक की स्थापना में उनका अनुभव और योगदान काफी महत्वपूर्ण रहा है। दीपक पारेख यह खुद एक उच्च शिक्षित चार्टर्ड अकाउंटेंट होने के कारन उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था नब्ज बहुत अच्छी तरह पकड़ने की कोशिश की है। HDFC बैंक को हमेशा अच्छा नेतृत्व मिला हे और बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स की तरफ से इस नेतृत्व को निर्णय लेने के लिए स्वतंत्रता मिली हे जो HDFC बैंक की सफलता का प्रमुख कारन रहा है। हमने ज्यादा टेक्निकल भाषा का इस्तेमाल हुए साधारण भाषा में आपके सामने HDFC बैंक की केस स्टडी रखने की कोशिश की हे।

 

नेटफ्लिक्स कंपनी का बिज़नेस मॉडल 

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