5G technology with earth dot in center of various icon internet of thing over the Aerial View of Hong Kong Cityscape, Wireless communication connection network concept.

5G टेक्नोलॉजी के भारतीय बाजार पर क्या परिणाम होंगे ? जानिए

प्रस्तावना / Introduction –

टेलीकॉम क्षेत्र में पिछले ३० सालो में काफी बदलाव देखने को मिले हे जिसमे एनरोइड जैसे मोबाइल ने कई सारी इलेट्रॉनिक वस्तुओ को हमारे जीवन से ख़त्म किया है। २०१७ में 4G टेक्नोलॉजी ने भारत में काफी क्रांतिकरण बदलाव किए थे, जिसमे इंटरनेट और मोबाइल नेटवर्क का गहरा संबंध है जिसमे यह टेक्नोलॉजी महत्वपूर्ण काम करती है। हमें टेलीकॉम क्षेत्र में टेलीफोन से लेकर पेजर और बटन नोकिया मोबाइल का दौर देखा हे जहा टॉक टाइम यह सबसे महत्वपूर्ण पैकेज होता था जिसमे मैसेज सेवा यह एकमात्र विशेषता रही है ।

२०१७ में हमने जिओ में माध्यम से भारत में इंटरनेट और टेलीकॉम क्षेत्र की क्रांति सामान्य ग्राहकों के लिए देखि हे जिसमे गांव गांव तक जिओ फ्री इंटरनेट पैकेज ने धूम मचाई और कई सारि प्रस्थापित टेलीकॉम कंपनियों को जमीन लाया। जिसमे केवल एक कंपनी इस जिओ के तूफान में बची रही और वह हे भारती इंटरप्राइजेज जो सुनील मित्तल की कंपनी हे जो अपना व्यापार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर करती हे जिसकी वजह से वह आजतक जिन्दा रही और आज जिओ कंपनी को स्पर्धा कर रही है।

4G टेक्नोलॉजी में रिलायंस जिओ ने एक दम से काफी ज्यादा इन्वेस्टमेंट करके अचानक से बाकि टेलीकॉम कंपनियों को जमीन पर लाया था वही 5G नेटवर्क टेक्नोलॉजी यह रिलायंस जिओ के लिए भी सहज रास्ता नहीं है। क्यूंकि 5G टेक्नोलॉजी के लिए फिलहाल तो बिज़नेस क्षेत्र के ग्राहक भारतीय बाजार में उपलब्ध हे जो इसके महंगे टेरिफ प्लान खरीद सकते है। सर्वसाधारण ग्राहक फिलहाल इस टेक्नोलॉजी को एफ्फोर्ड नहीं कर सकता है , इसके लिए चार पांच साल इंतजार करना पड़ेगा। इसलिए हम इस आर्टिकल के माध्यम से 5G टेक्नोलॉजी का भारत में क्या महत्त्व रहेगा यह जानने की कोशिश करेंगे।

5G टेक्नोलॉजी क्या है ? / What is 5G Technology –

  • 1G टेक्नोलॉजी १९८० में एनॉलॉग वौइस् के माध्यम से इस्तेमाल होती थी।
  • 2G टेक्नोलॉजी १९९० में CDMA यह डिजिटल वॉइस को मार्किट में लायी।
  • ३G टेक्नोलॉजी २००० में CDMA मोबाइल डाटा पहली बार मार्किट में लायी।
  • 4G टेक्नोलॉजी २०१० में मोबाइल ब्रॉड बैंड के माध्यम से तेज इंवेस्टनेट सेवा मोबाइल पर लायी।
  • (Source – क्वॉलकॉम टेक्नोलॉजी कंपनी )

“5G” टेक्नोलॉजी यह 5th जनरेशन मोबाइल नेटवर्क है, बिना वायर की मोबाइल नेटवर्क टेक्नोलॉजी जिसको देश के सभी क्षेत्र में मोबाइल टॉवर के माध्यम से पहुंचाया जा सकता हे जो ऑप्टिकल फाइबर केबल के माध्यम से काफी मुश्किल और खर्चभारा कार्य होता है। यह टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल अर्थव्यवस्था में मेडिकल क्षेत्र से लेकर ऑटो क्षेत्र तक इस्तेमाल किया जा सकता हे और यह 4G टेक्नोलॉजी से कई गुना ज्यादा तेजी से जानकारी पंहुचा सकता हे जो ऑडियो और विडिओ से लेकर ऑर्डर्स तक सभी हो सकता है।

७२ गेगा बाईट स्पेक्ट्रम के लिए २६ जुलाई २०२२ को भारत सरकार द्वारा नीलामी की गयी जिसमे रिलायंस , एयरटेल और आईडिया -वोडाफोन यह मुख्य कम्पनिया हे जो इस स्पेक्ट्रम को लेने के लिए उत्सुक है। वही अडानी ग्रुप अपने एयरपोर्ट के लिए कुछ स्पेक्ट्रम खरीद ने लिए बोली लगाएगा। वैसे तो यह टेक्नोलॉजी साधारण ग्राहकों से ज्यादा कॉर्पोरेट क्षेत्र के लिए ज्यादा महत्वपूर्ण हे क्यूंकि इसमें आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस का ज्यादा महत्त्व रहने वाला है। 5G टेक्नोलॉजी यह 4G टेक्नोलॉजी से ज्यादा क्षमता से वातावरण में तरगे इस्तेमाल करने के लिए सक्षम होती है।

5G स्पेक्ट्रम ऑक्शन क्या है ? / What is 5G Spectrum Auction –

भारत में किसी टेलीकॉम कंपनी को २६ जुलाई २०२२ को टेलीकॉम मंत्रालय द्वारा नीलामी के माध्यम से लगबघ १. ४५ लाख करोड़ रूपए के स्पेक्ट्रम की नीलामी पहले राउंड में देखने को मिली। जिसमे प्रमुख आवेदन करता कम्पनिया रही रिलायंस जिओ , भारती एयरटेल , आईडिया-वोडाफोन और अडानी ग्रुप, चार राउंड में यह नीलामी चली है । 5G टेक्नोलॉजी की सेवा २०२२ के आखिर तक शुरू होने की संभावनाए है। पिचले स्पेक्ट्रम नीलामी के सभी रिकॉर्ड 5G नीलामी में पीछे रहने की आशा टेलीकॉम मंत्रालय द्वारा जताई गयी है।

स्पेक्ट्रम की नीलामी यह मेगा हर्टज़ से लेकर २३०० mhz तक निचले स्तर की स्पेक्ट्रम की नीलामी से लेकर २६ ghz फ्रीक्वेंसी बैंड के माध्यम से आवंटित किया जाएगा। स्पेक्ट्रम यह वातावरण की लहरे होती हे जिसे पूरी क्षमता से कम्युनिकेशन के लिए इस्तेमाल किया जाता है। लोकतान्त्रिक देश में सरकार यह सार्वभौम होती हे जिससे इसके क्षेत्र के जल और वायु से लेकर सभी कुदरती चीजों पर सरकार का अधिकार होता है। इसलिए स्पेक्ट्रम की नीलामी करना मतलब भारत सरकार वातावरण की तरंगे इस्तेमाल करने का लाइसेंस टेलीकॉम कंपनियों को देती है।

हमने कम्युनिकेशन में टेलीफोन से लेकर एनरोइड मोबाइल तक की क्रांति को देखा हे जिसमे 5G टेक्नोलॉजी यह मोबाइल टेक्नोलॉजी का अगला चरण हे जो कॉर्पोरेट क्षेत्र में ज्यादा इस्तेमाल होगा। ऑप्टिकल फाइबर केबल के माध्यम से भी इंटरनेट सुविधाए हमें मुहैया होती हे परन्तु इसके लिए ख़फ़ी खर्चा होता है। वायरलेस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कम्युनिकेशन के लिए केबल इंटरनेट से थोड़ा सस्ता होता है। इसलिए भारत जैसे विकासशील देश में 5G टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके काफी क्रांति देखने को मिलेगी और एक नए युग की शुरुवात हम इसके माध्यम से देखेंगे।

(Source : ANI न्यूज़ वेबसाइट )

5G टेक्नोलॉजी के फायदे / Advantages of 5G Technology –

  • 5G टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल सामान्य ग्राहकों से ज्यादा कॉर्पोरेट क्षेत्र के लिए काफी महत्वपूर्ण रहेगा जिसमे वह इको सिस्टम के माध्यम से 5G टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कंपनी के अंतर्गत व्यवस्था के लिए प्रभावी तरीके से कर सकेंगे।
  • मेडिकल क्षेत्र से लेकर ऑटो क्षेत्र तक भारत के सभी महत्वपूर्ण उद्योगों में 5G टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल काफी प्रभावी तरीके से होनेवाला है।
  • आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस यह 5G टेक्नोलॉजी का महत्वपूर्ण हिस्सा रहेगा जिसमे ऑटोमेटेड गाड़ियों से लेकर मशीन लर्निंग टेक्नोलॉजी तक यह इस्तेमाल कर सकेंगे।
  • 5G टेक्नोलॉजी के बाद पारम्परिक कालिंग मोबाइल चार्जेज की सिस्टम हम ख़त्म होते देखेंगे और इंटरनेट के माध्यम से हम वीडियो कालिंग से लेकर वौइस् कालिंग कर सकेंगे।
  • रिमोट एरिया में वायरलेस इंटरनेट सेवाए देने के लिए यह टेक्नोलॉजी काफी महत्वपूर्ण होगी क्यूंकि केबल इंटरनेट सेवा देना के लिए रिमोट एरिया जैसे लदाख , यहाँ यह बेहतर सेवा मिल सकेगी।
  • 4G टेक्नोलॉजी से कई गुना तेजी से इंटरनेट का इस्तेमाल हम कर सकेंगे जो ९९.९९ प्रतिशत तेजी से होगा जो पहले कुछ नेटवर्क प्रॉब्लम रहता था।
  • ग्राहकों के लिए भी यह सेवा कुछ दिनों बाद सही कीमत पर मिलना शुरू होगी जिससे शिक्षा से लेकर घर की कई इलेक्ट्रॉनिक चीजे हम भविष्य में ऑटोमेशन पर चलते हुए देखेंगे।
  • लिमिटेड डाटा मर्यादा यह संकल्पना 5G नेटवर्क आने के बाद ख़त्म होगी और हम जितना डाटा इस्तेमाल करना चाहते हे इसपर कोई मर्यादा नहीं रहेगी।
  • एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन जैसे सार्वजिनक जगह पर 4G टेक्नोलॉजी में समस्याए निर्माण होती थी जब लोगो की संख्या ज्यादा होती थी मगर 5G टेक्नोलॉजी में ऐसी कोई समस्या निर्माण नहीं होगी।
  • 4G टेक्नोलॉजी में जो वीडियो चैटिंग की समस्याए निर्माण होती थी वह 5G टेक्नोलॉजी में नहीं देखने को मिलेगी क्यूंकि यह १० गुना ज्यादा तेज रहेगा।

5G टेक्नोलॉजी और 4G टेक्नोलॉजी का तुलनात्मक विश्लेषण / Comparative Study of 5G & 4G Technology –

  • 4G टेक्नोलॉजी के आने के बाद हमने एनरोइड मोबाइल का इस्तेमाल काफी तेजी से बढ़ाते हुए देखा हे । 5G आने के बाद हम १० गुना ज्यादा तेज इंटरनेट और डाटा इस्तेमाल हमें देखने को मिलेगा ।
  • 5G टेक्नोलॉजी में ज्यादा क्षमता से वातावरण की लहरे इस्तेमाल करने में यह टेक्नोलॉजी 4G से ज्यादा सक्षम है इसलिए नेटवर्क की समस्याए इस टेक्नोलॉजी में हमें बहुत कम देखने को मिलेगी।
  • 4G टेक्नोलॉजी में हमें १०० एमबीपीएस से लेकर १५० एमबीपीएस इतना तेज इंटरनेट मिलता हे वही 5G टेक्नोलॉजी में यह स्पीड क्षमता १०००० एमबीपीएस इतनी तेज होती हे जो व्यक्तिगत इस्तेमाल के लिए काफी ज्यादा है।
  • फेब्रुवारी २०२० में फार्च्यून मैगज़ीन द्वारा अमरीका के कई शहरों में परिक्षण किया गया जिसमे २२० – ९५० मेगा बाईट पर सेकंड यह स्पीड 5G टेक्नोलॉजी का चेक किया गया जो 4G टेक्नोलॉजी से १० गुना ज्यादा दिखाया गया।
  • 4G टेक्नोलॉजी के माध्यम से कोई भी जानकारी एक जगह से दूसरे जगह पहुंचने के लिए २०० मिली सेकंड लगते हे वही 5G टेक्नोलॉजी के माध्यम से यह जानकारी अथवा लाइव स्पोर्ट्स मैच केवल १ मिली सेकंड अंतर से देखने को मिलेगा।
  • 5G टेक्नोलॉजी यह फिलहाल साधारण ग्राहकों के लिए प्रासंगिक नहीं हे वह कॉर्पोरेट कंपनियों के लिए महत्वपूर्ण रहेगी वही 4G टेक्नोलॉजी ने भारत में २०१० के बाद इंटरनेट क्षेत्र में बड़ा परिवर्तन लाया था।
  • ऑटोमेशन और कम पावर का इस्तेमाल यह 5G टेक्नोलॉजी की विशेषता हे वही 4G टेक्नोलॉजी यह वीडियो डाटा के लिए एक क्रांतिकारक बदलाव था।
  • 4G टेक्नोलॉजी के लिए जो एनरोइड मोबाइल इस्तेमाल होते हे वह 5G टेक्नोलॉजी के लिए इस्तेमाल नहीं हो सकते इसलिए मोबाइल उत्पादन कंपनियों द्वारा 5G टेक्नोलॉजी के साथ नए मोबाइल मार्किट में देखने को मिलेंगे।
  • डिजिटल मनी तथा ऑनलाइन शिक्षा यह 4G टेक्नोलॉजी के माध्यम से हमने देखा वही 5G टेक्नोलॉजी के बाद हम ड्राइवर रहित गाड़िया तथा ऑटोमेटेड मेडिकल ऑपरेशन देखेंगे।
  • 4G टेलीकॉम लाइसेंस के माध्यम से रिलायंस जिओ और एयरटेल का वर्चस्व हमने मार्किट पर देखा परन्तु 5G टेक्नोलॉजी में हम यह धीरे धीरे ख़त्म होते देखेंगे और स्पेक्ट्रम आवंटन की अलग प्रक्रिया हम देखेंगे।

रत का टेलीकॉम मार्केट / Telecom Market of India –

भारतीय टेलीकॉम क्षेत्र में हमने सरकारी कंपनी बीएसएनएल को देखा जिसके टेलीफोन नंबर प्राप्त करने के लिए कई साल इंतजार करना पड़ता था और घर में टेलीफोन लेना एक प्रतिष्ठा का काम होता था। समय बदला और रिलायंस के माध्यम से हमने ५०० रूपए में मोबाइल फ़ोन बेचे हुए देखे जो एक लाख रूपए तक मिलते थे। पेजर से लेकर बटन मोबाइल तक का दौर हमने देखा जहा टेलीकॉम कम्पनिया केवल मेसेज सेवा और कालिंग टेरिफ यह दो महत्वपूर्ण सेवाए देनी होती थी।

नोकिया जैसी कंपनी द्वारा मजबूत मोबाइल का दौर हमने देखा जो एनरोइड मोबाइल आने के बाद अचानक ख़त्म हुवा फिर भी हमें अभी तेज इंटरनेट देखना बाकि था जिसने टेलीविज़न से लेकर कई सारे साधनो को एक झटके में ख़त्म किया और दुनिया को एक नया गैजेट दिया जो इंटरनेट के साथ तबाही मचा रहा था। इसी दौरान हमने भारत का सबसे बड़ा टेलीकॉम घोटाला देखा जो इस क्षेत्र में काफी बदलाव लेकर आया। स्पेक्ट्रम आवंटन की प्रक्रिया को ज्यादा से ज्यादा पारदर्शक बनाने की कोशिश भारत सरकार द्वारा होने लगी।

4G टेक्नोलॉजी की बात करे तो चीन के मुकाबले हम भारत के सभी क्षेत्र में इंटरनेट और मोबाइल सेवाए पहुंचाने में अभी सफल नहीं हुए हे और आज भी कई जगह पर 2G नेटवर्क का इस्तेमाल किया जाता है। चीन में २०२१ के आकड़ो के हिसाब से १.६ मिलियन स्टेशन प्रस्थापित किए गए थे और ४१० मिलियन ग्राहक 5G टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हे इससे हमें कितना विकसित होना हे इसका अंदाजा आता है। दिसंबर २०२२ में हम 5G टेक्नोलॉजी की सेवा शुरू कर रहे हे और यह भी शुरुवाती दिनों में हमें कॉर्पोरेट क्षेत्र में देखने को मिलेगी।

5G टेक्नोलॉजी की विशेषताए / Features of 5G Technology –

  • 5G टेक्नोलॉजी विकसित देशो में २०१८ को ही लायी गयी थी, भारत में २६ जुलाई २०२२ को पहली बार 5G की नीलामी की गयी जो दिसंबर २०२२ तक यह सेवा मार्किट में शुरू हो सकती है।
  • 5G टेक्नोलॉजी यह 4G टेक्नोलॉजी की तरह सामान्य ग्राहकों के लिए प्रासंगिक नहीं हे, यह कॉर्पोरेट क्षेत्र को सामने देखकर फिलहाल भारत में मार्किट देखा गया है।
  • 5G टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल यह ऑटोमेटेड गाड़ियों से लेकर मेडिकल क्षेत्र में देखने को मिलेगा जो सामान्य समय से केवल १ मिली सेकंड देरी से चलता हे जो सामान्यतः काफी तेज माना जाता है।
  • 5G नेटवर्क का इस्तेमाल एयरपोर्ट , रेलवे स्टेशन जैसे भीड़भाड़ वाले इलाके में काफी महत्वपूर्ण होने वाला हे जहा ९९.९९ प्रतिशत सभी लोगो को अच्छा नेटवर्क उपलब्ध होगा।
  • आईटी कम्पनिया, हॉस्पिटल और एयरपोर्ट्स जैसे जगह पर 5G टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल एक इको सिस्टम की तरह होता है।
    5G टेक्नोलॉजी इस्तेमाल करने के लिए सामान्य ग्राहकों को नया मोबाइल खरीदना होगा जिसमे 5G टेक्नोलॉजी उपलब्ध रहेगी तथा इसका टेरिफ फिलहाल काफी महंगा रहेगा।
  • कॉर्पोरेट क्षेत्र तथा आईटी कंपनियों में 5G नेटवर्क का काफी क्षमता से इस्तेमाल होगा जिससे कंपनी के काम पर इसका सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेगा।
  • ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क भारत के प्रमुख शहरों में सभी जगह आजतक नहीं पंहुचा है, गांव तक इसे पहुंचने के लिए अभी काफी समय हे इसलिए वायरलेस मोबाइल नेटवर्क की बात करे तो 5G टेक्नोलॉजी काफी महत्वपूर्ण होगी।
  • 4G टेक्नोलॉजी में मोबाइल कॉल के लिए काफी समस्याए आती थी जो 5G टेक्नोलॉजी में बड़ी सहजता से हम व्हाट्सप जैसे एप्लीकेशन का इस्तेमाल कालिंग के लिए कर सकते है।
  • 4G मोबाइल नेटवर्क के माध्यम से रिलायंस जिओ ने अपना वर्चस्व टेलीकॉम क्षेत्र में बनाया था मगर 5G टेक्नोलॉजी में इसे भारती एयरटेल और आईडिया -वोडाफोन से कड़ी टक्कर मिल सकती है।
  • एलोन मस्क की वायरलेस स्टरलिंक कंपनी से भारतीय कंपनियों को टेलीकॉम क्षेत्र में स्पर्धा करनी पड़ सकती है, जिसकी विशेषता हे की वह भारत के किसी भी रिमोट जगह पर उसका इंटरनेट सॅटेलाईट के माध्यम से पंहुचा सकते है ।

5G टेक्नोलॉजी का आलोचनात्मक विश्लेषण / Critical Analysis of 5G Technology –

5G टेक्नोलॉजी के माध्यम से रेडियो तरंगे यह दूसरे प्रदुषण से ज्यादा खतरनाम रहेंगे ऐसा कुछ सामाजिक संघटनो का मानना हे और इसके लिए दुनिया भर में प्रदर्शन किए गए है। जिसमे ब्रेन कैंसर से लेकर पशु पक्षियों के जीवन पर इसका असर पड़ेगा ऐसा मानना है परन्तु इसपर कई विवाद हे जिसमे किस को सत्य माना जाए यह सबके विवेक बुद्ध पर छोड़ते है। वैसे देखा जाए तो इंसान की कृषि क्रांति से लेकर औद्योगिक क्रांति और आज की टेक्नोलॉजी क्रांति तक सभी चीजों ने कुदरत की हानि हुई हे इस सत्य को कोई झटका नहीं सकता है।

5G टेक्नोलॉजी यह इंसान की सबसे आधुनिक खोज हे जिसके माध्यम से वह मशीन को इंसान के जैसा बनाना चाहता है तथा बायो टेक्नोलॉजी के माध्यम से इंसान के डीएनए को भी बदलना चाहता है। इसलिए कुदरत से इंसान शक्तिशाली बनाना चाहता है यह स्पष्ट दिखता है, परन्तु कुदरत की कुछ ऐसी चीजे हे जिसे इंसान को आज भी समझ के परे हे परन्तु वह इसे खोजना चाहता है। जिस कड़ी में वह टेक्नोलॉजी के माध्यम से इंसान को दूसरे ग्रहो पर बसना चाहता है, इसलिए 5G टेक्नोलॉजी के जैसे कुछ सकारात्मक मुद्दे हे वैसे कुछ नकारात्मक मुद्दे भी देखने को मिलते है।

भारत में ५G टेक्नोलॉजी के लिए भारतीय बाजार अभी थोड़ा सावधानी से कदम रख रहा है क्यूंकि आईटी जैसे टेक्नोलॉजी बेस क्षेत्र ने स्पेक्ट्रम के लिए कोई आवेदन नहीं दिए हे अगर अडानी ग्रुप को छोड़ा जाए। इससे हमें यह देखने को मिलता हे की कॉर्पोरेट क्षेत्र 5G टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल के लिए भारत की इंडस्ट्रीज अभी पूर्ण रूप से तैयार नहीं है। 4G जैसे तेजी से ग्राहक टेलीकॉम कंपनियों को नहीं मिलने वाला है। अभी केवल कॉर्पोरेट क्षेत्र को सामने रखकर टेलीकॉम कंपनियों को अपनी सेवाए देनी हे इसलिए ज्यादा स्पेक्ट्रम खरीदकर वह इस्तेमाल करना काफी मुश्किल रहेगा।

निष्कर्ष / Conclusion –

जितना प्रभाव 4G टेक्नोलॉजी के आने से भारतीय मार्किट में देखने को मिला था उतना प्रभाव 5G टेक्नोलॉजी का नहीं देखने को मिलेगा, क्यूंकि 4G नेटवर्क का प्रमुख ग्राहक यह सामान्य लोग रहे थे वही 5G नेटवर्क के लिए सामान्य ग्राहक यह प्राथमिकता में नहीं रहेगा। ऑटोमेशन के माध्यम से हम मेडिकल क्षेत्र में बड़ी क्रांति देखेंगे जिसमे विदेश में रहकर कोई एक्सपर्ट डॉक्टर भारत में किसी मरीज कर ऑपरेशन करेगा। ड्राइवर रहित गाड़िया एक दूसरे से टेक्नोलॉजी के माध्यम से जुड़ेगी जिससे दुर्घनाए कम होगी ऐसे सभी कॉर्पोरेट क्षेत्र में बदलाव हमें देखने को मिलेंगे।

नेटफ्लिक्स और अमेझोन जैसे ओटीटी प्लेटफार्म सैटेलाइट डिश टीवी की बजाय ज्यादा सफलता पूर्वक चलाए जाएगी तथा कई सारे इंडस्ट्रीज में हम ऑटोमेशन के माध्यम से बदलाव देखेंगे। सामान्य ग्राहकों की बात करे तो अगले ५ -१० सालो में 5G यह टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हम बड़ी सामान्यतः से देखेंगे जिसमे आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल इस टेक्नोलॉजी के माध्यम से हमें मोबाइल तथा अन्य इलेट्रॉनिक मशीन के माध्यम से देखने को मिलेगा। इस आर्टिकल के माध्यम से हमने 5G टेक्नोलॉजी के टेलीकॉम क्षेत्र में क्या बदलाव देखने को मिलेंगे यह जानने की कोशिश की है।

जैसे आज टेलीकॉम क्षेत्र पर केवल एयरटेल और जिओ जैसी कंपनियों का प्रभुत्व देखने को मिलता हे परन्तु भविष्य में हम देखेंगे की यह स्पेक्ट्रम इंडस्ट्रीज में खुद से इस्तेमाल होना शुरू होगा जिससे मोबाइल कालिंग जैसी संकल्पना जल्द ही ख़त्म होगी ऐसा दिखता है। जैसे 5G टेक्नोलॉजी के अच्छे नतीजे देखने को मिलते हे वैसे ही बुरे नतीजे भी देखने को मिलेंगे जिससे कुदरत की हानि तथा पशु पक्षियों के जीवन पर प्रभाव देखने को मिलता है। कुछ सामाजिक संघटनाओ द्वारा लोगो के दिमाख पर इस का बुरा असर होगा और कैंसर हो सकता हे ऐसे अनुमान 4G नेटवर्क से लगाए गए परन्तु इसके कुछ पुख्ता सबुत नहीं मिले है।

 

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