Close-up Of Mysterious Glowing Power In The Hands

प्रस्तावना /Introcution –

अमरीका में सबसे ज्यादा लोग मुख्य तीन कारणों से मरते है, जिसमे सबसे पहला हे हार्ट अटैक दूसरा कैंसर और तीसरा गलत ट्रीटमेंट की वजह से है। इससे हम अंदाजा लगा सकते हे की अमरीका जैसे विकसित देश में यह हालत हे तो भारत में स्वास्थ्य से संबंधित क्या स्थिति होगी। इसलिए हमें पूरी तरह से मेडिकल विज्ञानं पर खुद को निर्भर करने की बजाय खुद को अपने शरीर की कुदरती शक्ति को समझना होगा तथा स्वास्थ्य को समझना होगा। ऐसा नहीं हे की मेडिकल साइंस गलत चीज हे, अलोपथी यह इंसान के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि है मगर वह किस समय इस्तेमाल करनी चाहिए यह काफी जरुरी है।

हीलिंग की शक्ति क्या है यह जानना काफी जरुरी है, क्यूंकि हर समय हम मेडिकल चिकिस्ता पर निर्भर नहीं रह सकते। तथा समाज के बहुत कम लोग हे जो कैंसर और हार्ट अटैक जैसे खर्च को सह सकते है। इसलिए हम हीलिंग के माध्यम से शरीर को स्वस्थ्य कैसे बेहतर रखा जाता हे यह वैज्ञानिक तरीके से देखने की कोशिश करेंगे। क्या हीलिंग सही हे या गलत यह जानने की कोशिश करेंगे क्यूंकि इसका दुरूपयोग लोगो को ठगने के लिए भी समाज में किया जाता है। इसलिए असलियत में हीलिंग शक्ति को जानना जरुरी हे तथा इसकी ट्रीटमेंट क्या होती हे यह जानेगे।

कुदरत को समझना यह काफी जटिल कार्य हे और मेडिकल विज्ञानं अबतक इसे पूरी तरह से समझ गया है ऐसा नहीं है। फार्मा इंडस्ट्री तथा मेडिकल माफिया यह कड़ी भी हमें समझनी होगी जो लोगो की भावनाओ से खिलवाड़ करते है। हीलिंग के माध्यम से जीवन में खुश कैसे रहा जाता है तथा धर्म और विज्ञानं में इसका कैसे इस्तेमाल किया जाता है यह जानने की कोशिश इस आर्टिकल के माध्यम से करेंगे। माइंड और बॉडी कैसे कार्य करती हे इसके बारे में मुलभुत जानकारी रखना काफी जरुरी होता हे, जिससे हीलिंग की शक्ति का अंदाजा हमें होता है।

हीलिंग की शक्ति क्या है / What is Healing Power –

हीलिंग शक्ति का मतलब होता हे हमारे शरीर की माइंड और बॉडी के बिच जो सहज सहयोग होता हे वह हमारे स्वास्थ्य शरीर की निशानी होता है , वही संतुलन अगर बिगड़ जाए तो हम डिप्रेशन अथवा तनाव का शिकार होते है। हमारा शरीर एक एनर्जी से बना हे जो हमारे ब्रम्हांड का हिस्सा हे इसलिए हमारे शरीर पर एनर्जी का काफी प्रभाव होता है। इसलिए हमारे शरीर में जो भावनाए होती है जिसको अच्छा लगे तो ख़ुशी होती हे और बुरा लगे तो दुःख होता है।

इसलिए हमारी अंदरूनी शक्ति यह हमारे ब्लड प्रेशर के सही कार्य पर निर्भर होता हे जो हमारे माइंड से जुड़ा होता है। ५०००० वर्ष के आधुनिक इंसान के विकास में इंसान को भय की स्थिति में हमारा शरीर जो प्रतिक्रिया देता हे, वह हमारी अंदरूनी प्रक्रिया होती हे हमारे शरीर को सुरक्षित रखने के लिए। इसलिए पहले इंसान शेर जैसे हिंसक जानवरो से बचने के लिए पूर्ण शक्ति से कैसे भागा जाता हे इसके तहत बना है। जिसमे आज भी जब हम तनाव में होते हे तो ब्लड प्रेशर यह हमारे हाथ और टांगो में ज्यादा होता है और हार्ट को कम होता है।

इसलिए हमारे आज के तनाव और प्रेशर की व्याख्या हमारे जंगलो के पुरखो से काफी अलग हे मगर इंसान की ज्यादातर नसले जंगलो के जीवन की आदि होने के कारन हमारा शरीर ऐसे कार्य करता है। हीलिंग को समझने के लिए हमें मस्तिष्क को समझना होगा और हमारे शरीर के पुरे कार्य को समझना होगा। बहुत कम लोग यह जानकारी रखते हे और बहुसंख्य लोग यह इन लोगो की कही हुई बातो को मानते है। इसे ही परम्पराए कहा जाता है बस हमें इसमें सही क्या हे और गलत क्या हे यह समझना होगा।

हीलिंग की शक्ति और उपचार पद्धती / Healing Power & Health Treatment –

इंसान के शरीर में उसका दिमाख पुरे वजन से २ प्रतिशत होता हे परन्तु उसे २० प्रतिशत ऑक्सीजन की जरुरत होती है। इसलिए आज की सभी उपचार पद्धती में इंसान के मस्तिष्क का काफी महत्त्व होता है। इससे पहले होमिओपॅथी में इसके सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता था, मगर आज हम देखते हे की अलोपथी में भी इसका काफी इस्तेमाल होने लगा है। आध्यात्मिक तरीके से हजारो सालो से हमारे पूर्वजो द्वारा यह पद्धति इस्तेमाल की जाती हे, जो अलग अलग देशो में अलग नामो से जानी जाती है। किस की हीलिंग चिकिस्ता पद्धती सबसे पुराणी और प्रभावशाली हे यह विवाद का प्रश्न हे जिसमे हम नहीं पड़ेगे और केवल हीलिंग शिकिस्ता पद्धती पर चर्चा करेंगे।

अलोपथी चिकिस्ता पद्धति के आने के बाद इसको वैज्ञानिक आधार मिला और बाकि चिकिस्ता पद्धति पीछे पड़ी। इसमें सबसे अहम् कारन रहा हे की कुछ लोगो द्वारा हीलिंग के चिकिस्ता पद्धति का गलत इस्तेमाल करने की वजह से आज भी इसपर काफी लोग ठीक से विश्वास नहीं रख सकते है। मगर हीलिंग शक्ति यह स्वास्थ्य के लिए काफी महत्वपूर्ण है, जिसमे विश्वास और भावनाओ पर यह चिकिस्ता पद्धति मूल रूप से कार्य करती है। मेडिकल साइंस में हमें पिछली जिंदगी के बारे में जानना जरुरी होता हे मगर हीलिंग में विश्वास जरुरी होता है।

आज अलोपथी विज्ञानं को भी पूरी तरह से हीलिंग शक्ति का अंदाजा पूरी तरह से हुवा हे और वह इसके लिए काफी संशोधन शुरू कर रहे है। जिससे बगैर ऑपरेशन के और बगैर पीड़ा के कैसे चिकिस्ता की जा सकती हे इसपर काम किया जा रहा है। क्यूंकि कैंसर और हार्ट की बीमारियों के लिए बहुत सारा पैसा खर्च करना पड़ता हे जो सामान्य लोग नहीं कर सकते है। इसलिए हीलिंग शक्ति की चिकिस्ता पद्धति यह आज सबसे कारगर पद्धती होनी चाहिए। जर्मनी में १९५६ तक ब्रूनो ग्रोइनिंग यह प्रसिद्द हीलर रह चुके हे जिनकी एक संस्था आज भी हीलिंग के माध्यम से लोगो का इलाज पूरी दुनिया भर में करती है।

हीलिंग शक्ति के प्रकार / Types of Healing Power –

  • रेकी हीलिंग /Reiki Healing
  • प्रानिक हीलिंग /Pranic Healing
  • क्रिस्टल हीलिंग / Crystal Healing
  • क्वांटम हीलिंग / Quantum Healing
  • किजोंग हीलिंग / Qigong Healing

हम मीडिया पर न्यूज़ के माध्यम से कई बार यह शब्द सुनते हे जो मूल रूप से जापानी शब्द हे जिसका अर्थ हे कुदरती जीवन ( रै ) और एनर्जी (की) यह होता है। रेकी यह चिकिस्ता की पद्धती किसी भी मरीज को ठीक करने का जापान की काफी पुराणी पद्धती मानी जाती हे, जो आज पूरी दुनिया भर में इस्तेमाल होती है। भारत के बुद्धिस्ट साहित्य में मैडिटेशन के माध्यम से यह जापान तथा चीन जैसे देशो में पिछले दो हजार साल पहले विकसित हुई है। इस पद्धती में हाथो का इस्तेमाल एनर्जी को हस्तान्तर करने के लिए किया जाता है तथा कई तरह के चिन्ह का इस्तेमाल किया जाता है।

प्राणिक हीलिंग यह शारीरिक चिकिस्ता की पद्धती हे जिसमे विश्वास को बढ़ाया जाता हे और बीमारी को दूर किया जाता है। वही क्रिस्टल हीलिंग में क्रिस्टल और स्टोन का इस्तेमाल किया जाता हे ,जो एनर्जी निर्माण करने का काम करता है। क्वांटम हीलिंग यह प्रतिध्वनि तथा मनोरंजन के माध्यम से इंसान के शरीर में निर्माण की जाती हे, जो सकारात्मक शक्ति निर्माण करती है। किजोंग यह चीनी पद्धती हे किसी भी बीमारी को ठीक करने की जो पिछले हजारो सालो से चीन में इस्तेमाल होती हे जिसका मूल आधार यह ध्यान तथा आतंरिक ब्रीथिंग प्रक्रिया (Meditation) के माध्यम से होता है।

हीलिंग के वैसे कई प्रकार देखने को मिलते हे जो हर देश ने अपने हिसाब से विकसित किए हुए है मगर मूल रूप से बुद्धिस्ट साहित्य में हीलिंग के माध्यम से मस्तिष्क की नकारात्मकता ख़त्म की जा सकती है। इंसान के शरीर का मस्तिष्क यह सबसे अहम् हिस्सा होता और इसको नियंत्रित रखना काफी महत्वपूर्ण होता है जो ध्यान के माध्यम से विकसित किया जा सकता है। बुद्ध ने इंसान के दुखः का कारन ढूंढा और इसके इलाज को निर्माण किया था जिसको पुरे एशिया में प्रभाव देखने को मिला। पंचशील ,अष्टांगमार्ग ,त्रिशरण यह वास्तविकता में आध्यात्मिक गतिविधिया कम और हीलिंग चिकिस्ता पद्धती ज्यादा है।

हीलिंग शक्ति और इंसान का विश्वास / Healing Power & Belief system of Human Beings –

मेडिकल विज्ञानं में हीलिंग शक्ति का काफी प्रभावी तरीके से इस्तेमाल किया जाता है, इंसान के आतंरिक शक्ति का इस्तेमाल इंसान के इलाज के लिए किया जाता है। डॉ. ब्रूस लिप्टन जो स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में वैज्ञानिक के तौर पर इंसान के मस्तिष्क पर संशोधन कर रहे थे उनके हिसाब से इंसान के जन्म से लेकर उम्र के सात साल तक ६० प्रतिशत माइंड सेट तैयार हो जाता है जो समाज के निरिक्षण से तथा पारिवारिक संस्कार से वह प्राप्त करता है। इसके बाद काफी कम लोग अपने विचारो में बदलाव करने में सफल होते हे।

९० प्रतिशत माइंड सेट लगबघ वही सोच निर्माण करते है जो पहले सात वर्ष तक अपने परिवार से मिलता है। जो माइंड सेट बनता हे उसे हम ऑटो पायलट वाहक भी कहते है जो जीवन की आदते होती है, चाहे वह अच्छी हो अथवा बुरी हो वह अवचेतन मन की प्रशिक्षण का नतीजा होता है। अगर ज्यादा नकारात्मक अवचेतन मन विकसित होता हे तो वह जीवनभर दुखी रहता है और सकारात्मक अवचेतन मन जीवन भर खुश रहता है। जैसे हम नया कंप्यूटर अथवा लैपटॉप लेते हे तो उसे जानकारी स्टोर करने के बाद उसे इस्तेमाल कर सकते हे, वैसे ही हमारे मस्तिष्क में पहले सात साल जो जानकारी स्टोर होती हे वैसे ही हमारी धारणाए ज्यादातर जीवन भर रहती है।

हीलिंग में सकारात्मक जानकारी और नकारात्मक जानकारी हमारे मस्तिष्क पर जिसका ज्यादा प्रभाव होता हे वैसे ही हमारा दिमाख रिजल्ट देता है। हमारी जो धारणाए मस्तिष्क में प्रस्थापित होती हे वह हमारा विश्वास होता है चाहे वह जानकारी सही हो अथवा गलत हो। इसलिए भगवान हे या नहीं यह बात मस्तिष्क को जो जानकारी बचपन से मिली होती हे उस हिसाब से उस इंसान का विश्वास निर्माण होता है। जो चीजे हमारे भावनाओ को खुश करती है वह हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छी होती है, इसलिए किसी भी गंभीर बीमारी में यह विश्वास काफी महत्वपूर्ण होता हे उस बीमारी को दूर करने के लिए।

हीलिंग शक्ति और कुदरत / Healing Power & Nature –

डार्विन के सिद्धांत के अनुसार कुदरती चयन ने इंसान को जीवित रहने के लिए शरीर में बदलाव करने की शक्ति दी हे जो जीवित रहने के लिए पीढ़ी दर पीढ़ी इंसान के जींस को विकसित करते रहता है। इसलिए पूरी तरह से अपने डॉक्टर पर निर्भर रहना यह अपने शरीर को दूसरे इंसान के हाथोमे सौपने जैसा है। अगर हम खुद अपने शरीर को जानने की कोशिश करे अथवा अच्छे हीलर के माध्यम से हमारे मानसिक स्थिति को सुधारे तो हम अपनी जीने की सिमा बढ़ा सकते है।

हमारे शरीर का हर एक हिस्सा कुदरत से सम्बंधित हे और वह एनर्जी से भरा है. इसलिए हमें हमारे शरीर की जटिलता को समझना होगा जो लाखो रूपए अस्पताल में खर्च करने से बेहतर समाधान है। अगर हम यह खुद नहीं कर सकते हे तो अच्छे हीलर आज हमें शहरों में देखने को मिलते हे उनके माध्यम से हम हमारी शक्तिया हासिल कर सकते है। जब कोई डॉक्टर किसी शारीरिक व्याधी का इलाज करता हे तो उस बीमारी का संबंध हमारे दिमाख से होता है मगर हम इसे नजर अंदाज करते हे और केवल उसी हिस्से पर दवाई लेते हे जो बीमार है।

कुदरती चीजे यह हमारे डाइट का हिस्सा होता हे जो हमारे शरीर को स्वास्थ्य रखता है जिसमे अच्छी हवा , पानी और वातावरण यह चीजे आती है। हमारे शरीर को खुश रखने के लिए यह चीजे काफी जरुरी होती हे जो सकारात्मक हील करती है। किसी भी हीलिंग शक्ति का असर यह हमारे विश्वास पर निर्धारित होता है, इसलिए सकारात्मक सोच निर्माण करने के लिए हमारे अवचेतन मन को आदतों से तथा बार बार दोहराने से प्रशिक्षित कर सकते है। शुद्ध हवा तथा अच्छा वातावरण यह हमारे बुद्धि का शांति देता हे जिससे सोचने की क्षमता ब्लड सर्कुलेशन सही मात्रा में होने से बढ़ जाती है।

हीलिंग शक्ति और अध्यात्म / Healing Power & Spirituality –

दुनिया में हमें भगवान को मानाने वाले लोग भी मिलते हे और नास्तिक लोग भी मिलते है, जिसमे अस्थिक लोगो की संख्या ज्यादा है जो मानते हे की दुनिया को चलाने वाली कोई शक्ति हे जिसे हर धर्म के लोग भगवान कहते है। हम उस भगवान पर आस्था रखते है और उस आस्था के बल पर जीवन को जीने की कोशिश करते है। इसलिए ऐसे लोगो के लिए हीलिंग का काम यह भगवान की आस्था करती है। भगवान पर आस्था रखना सही हे या गलत इसपर चर्चा न करते हुए इसका हमारे शरीर पर सकारात्मक परिणाम अगर हो रहा हे तो यह समाज के लिए अच्छी चीज हो सकती है।

नास्तिक लोग डार्विन के विकास का सिद्धांत मानते हे और कुदरत को केंद्र बिंदु बनाकर सृष्टि के निर्माण का कार्य कुदरत खुद चयन करती है ऐसा इनका मानना है। इसलिए ऐसे नास्तिक लोगो के लिए हीलिंग का काम कुदरत के विश्वास पर होता है और इस कुदरत के नियमो के अनुसार यह लोग जीना चाहते है। मेडिकल साइंस में यह दोनों तरह के लोग हमें देखने को मिलते है मगर दोनों का उद्देश्य हीलिंग के माध्यम से इलाज करना होता है। नास्तिक इंसान हर चीज को तर्कसंगत तरीके से देखता है और वैज्ञानिक तरीके से हीलिंग शक्ति को देखता हे वही आध्यात्मिक इंसान विश्वास के आधारपर हीलिंग को देखता है।

मेडिकल साइंस में किसी भी बीमारी पर दवा बनाते समय हीलिंग का इस्तेमाल किया जाता है, जिसका असर लोगो पर देखने को मिलता है। अस्थिक लोग हीलिंग को ध्यान के माध्यम से प्राप्त करने की कोशिश करते हे जिसे हम अध्यात्म कहते है। जब लोग पूरी तरह से अपने जीवन को भगवान को समर्पित करते हे तो वह विश्वास उनके शरीर पर हीलिंग का काम करता है और इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिलते है। दोनों तरह के विचारो में हीलिंग शक्ति का दुरूपयोग करने पर इसका असर हमें देखने को नहीं मिलता है।

हीलिंग शक्ति की विशेषताए / Features of Healing Power –

  • हीलिंग की शक्ति यह हमारे मस्तिष्क के विश्वास पर आधारित होती हे इसलिए चाहे वह कुदरत पे हो अथवा भगवान पे हो मगर यह विश्वास इंसान के शरीर पर हीलिंग का काम करता है।
  • हीलिंग यह मुख्य रूप से शरीर के एनर्जी पर आधारित होती है जो मस्तिष्क और हमारे रक्ताभिसरण पर आधारित होती है।
  • हमारी ज्यादातर बीमारिया यह हमारे तनाव का कारन होती है, इसमें हमारे इमोशंस काफी अहम् भूमिका निभाते है।
  • हीलिंग से हम किसी भी बीमारी को ख़त्म करने की शक्ति रखते है बस यह सन्देश सफलता पूर्वक हमारे अवचेतन मन तक जाना चाहिए जो इसका परिणाम रक्त पेशियों के माध्यम से पुरे शरीर तक पहुँचाता है।
  • हमारा मस्तिष्क जब तनाव में होता हे तब वह खून का प्रवाह हमारे हाथ और पाव तक ज्यादा प्रवाहित करता हे, जिससे हमारे ह्रदय को मिलने वाला रक्त प्रवाह कम हो जाता है।
  • हमारी कल्पनाशक्ति के सोचने की शक्ति हमारे उद्देश्य को सफल करने के लिए महत्वपूर्ण होती है, जो हीलिंग का काम करती है इसके लिए हॉलीवुड फिल्म मैट्रिक्स का उदाहरण देख सकते है ।
  • मेडिकल साइंस में हमारी दवाईया यह हमारी बीमारी दूर करने के लिए हीलिंग का काम करती है, जिसमे कोई दवाई नहीं होती फिर भी मरीज ठीक होता है।
  • जापान में हीलिंग की जो पद्धती इस्तेमाल होती हे उसे “रैकी” कहते हे तथा चीन में हीलिंग के लिए इस्तेमाल होनी वाली पद्धती को “किजोंग” कहते है जो हजारो साल पुराणी है ।
  • मेडिकल साइंस में अलोपथी में हीलिंग की पद्धती पहले केवल संशोधन के लिए इस्तेमाल होती थी मगर आज उपचार करने के लिए भी इसका इस्तेमाल काफी बड़ी मात्रा में देखने को मिलता है।
  • होमिओपॅथी यह उपचार पद्धती पूरी तरह से हीलिंग पर आधारित उपचार पद्धती हे जिसके साइड इफ़ेक्ट बिलकुल नहीं होते।

हीलिंग शक्ति का आलोचनात्मक विश्लेषण / Critical Analysis of Healing Power –

हीलिंग शक्ति के माध्यम से किसी भी मरीज का इलाज करना काफी महत्वपूर्ण पद्धती हे जिसमे अलोपथी जैसे लाखो रूपए खर्च करने की जरुरत नहीं होती। मगर हीलिंग पद्धती के क्षेत्र में गलत लोगो की काफी संस्थाए देखने को मिलती हे जो लोगो को गलत विश्वास से ठगने का काम करती है। हीलिंग शक्ति के माध्यम से इलाज करते समय सफलता हासिल करने के लिए हमारा हीलिंग पर विश्वास होना जरुरी होता हे जो कई बार नहीं होता है।

मेडिकल साइंस पर लोग इतने निर्भर हो चुके हे की बिना खर्च के और सस्ती चिकिस्ता पद्धती पर लोगो का बहुत कम विश्वास होता है, इसलिए हीलिंग चिकिस्ता पद्धती का सही तरीके से मार्केटिंग नहीं होता है। लोग अलोपथी चिकिस्ता पद्धती पर इतना विश्वास रखते हे की मेडिकल इंडस्ट्री इसका इतना दुरूपयोग करती है की कई बार गलत चिकिस्ता के कारन पुरे दुनिया भर में इससे लाखो लोगो की जान चली जाती है।

हीलिंग चिकिस्ता पद्धती पर अध्यात्म का काफी प्रभाव देखने को मिलता है जिससे वैज्ञानिक परिणाम हमारे शरीर और मन पर क्या होते हे यह देखने की बजाय यह हीलिंग पद्धती किसी एक शक्ति के माध्यम से लोगो को हील करती है। भले ही इसमें इंसान किसी बीमारी से ठीक होता हे मगर वैज्ञानिक रूप से वह कैसे ठीक हुए यह उसको नहीं पता होता और एक विश्वास की धारणा पर यह रिजल्ट मिलता है।

निष्कर्ष / Conclusion –

हीलिंग शक्ति का इस्तेमाल आज पूरी दुनिया में देखने को मिलता हे क्यूंकि जब मेडिकल साइंस जब पूरी तरह से नाकाम हो जाता है लोग हीलिंग शक्ति की और जाना चाहते है। वास्तविकता में हीलिंग की शक्ति यह अगर हम हमारे शुरुवाती दिनों से हमारे शरीर पर इस्तेमाल करे तो वह हमें सुखी और ज्यादा उम्र तक जीवित रखने में समर्थ होती है। हीलिंग का संबंध हमारे मस्तिष्क और शरीर के हर हिस्से से सम्बंधित होता है।

हमारा चेतन मन और अवचेतन मन यह हीलिंग की शक्ति के लिए सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होते है जो एनर्जी और इलेक्ट्रिसिटी के माध्यम से हमारे शरीर पर प्रभाव डालते है। जापान और चीन में हीलिंग की उपचार पद्धती काफी पहले से इलाज के लिए इस्तेमाल होती है। चीन में चिकिस्ता करने के लिए हीलिंग शक्ति के अस्पताल बनाए गए है जिसके माध्यम से लोगो के इलाज किए जाते है। अलोपथी मेडिकल पद्धती यह दुनिया भर में प्रचलित चिकिस्ता पद्धती है मगर यह पूरी तरह से सम्पूर्ण चिकिस्ता पद्धती नहीं माना जा सकता है।

पिछले दोसौ सालो को छोड़ दे तो अलोपथी यह चिकिस्ता प्रणाली यह अस्तित्व्व में नहीं थी मगर यह इतनी हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा हुई इसका कारन हे यह चिकिस्ता पद्धती ने लाखो लोगो का जीवन बचाया है। मगर यह इंसान के अंदरूनी शक्ति पर ज्यादा आधारित नहीं होने के कारन यह एक अधूरी चिकिस्ता पद्धती है। इसलिए कई अलोपथी डॉक्टर आज हीलिंग का इस्तेमाल अपने चिकिस्ता पद्धती में इस्तेमाल करते है। यह भारत जैसे देश में उम्र के शुरुवाती दौर से कैसे इस्तेमाल करनी हे यह शिक्षा हमें मिलनी चाहिए क्यूंकि यह चिकिस्ता पद्धती बिना खर्च के अथवा कम खर्च के इस्तेमाल कर सकते है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *