प्रस्तावना / Introduction –

हिंदुस्तान यूनिलीवर कंपनी के नाम से यह कंपनी एक शुद्ध भारतीय कंपनी जानी जाती है मगर इसके प्रोमोटर्स का शेयर धारण देखेंगे तो यह एक ब्रिटिश कंपनी है जो यूनिलीवर इस अंतरराष्ट्रीय कंपनी की सब्सिडरी कंपनी हे यह समझता है। शेयर बाजार के दॄष्टि से कहे तो यह एक फ़ास्ट मूविंग कंस्यूमर गुड्स (FMCG) बेचने वाली कंपनी हे जिस क्षेत्र में ग्राहक यह उत्पन्न की दॄष्टि से समाज के ऊपर से लेकर निचले स्तर के होते है। प्रॉफिट ऑफ़ मार्जिन की बात करे तो यह क्षेत्र काफी कम मार्जिन पर चलता हे इसलिए इस क्षेत्र में स्किल काफी महत्वपूर्ण है।

भारत के शेयर बाजार में हिंदुस्तान यूनिलीवर यह कंपनी मार्किट कैपिटल के हिसाब से जुलाई २०२२ तक यह कंपनी ५.८६ लाख करोड़ रूपए के मार्किट कैपिटल के साथ भारतीय शेयर बाजार की पांचवी सबसे बड़ी कंपनी बन चुकी है। यूनिवर इस अंतरराष्ट्रीय कंपनी की सब्सिडरी कंपनी होने के कारन यह ६२ % यूनिवर की निवेश इस कंपनी में देखने को मिलती है। भारत में यह कंपनी ८० साल से है तथा १० परिवार में से ९ परिवार हिंदुस्तान यूनिलीवर का कोई न कोई ब्रांड इस्तेमाल करती है। कुछ दिनों से कंपनी के ब्रांड पर रासायनिक ब्रांड होने के आरोप लगते रहे हे जिससे पतंजली जैसे हर्बल प्रोडक्ट्स कंपनी से स्पर्धा कर रहे है।

इसलिए इस आर्टिकल के माध्यम से हिंदुस्तान यूनिलीवर कंपनी की बिज़नेस रणनीति समझने करेंगे तथा इतने सारे प्रोडक्ट्स कंपनी कैसे मैनेजमेंट करती है यह जानने की कोशिश करेंगे। हिंदुस्तान यूनिलीवर कंपनी के इतिहास के बारे में समझने की कोशिश करेंगे जिसमे कंपनी की शुरुवात से लेकर आजतक का सफर कैसा रहा यह देखेंगे। कंपनी के सकारात्मक पॉइंट्स तथा कंपनी के नकारात्मक पॉइंट्स क्या हे यह जानने की कोशिश करेंगे। हिंदुस्तान यूनिलीवर कंपनी का इतना बड़ा स्ट्रक्चर कैसे चलाया जाता हे यह जानने की कोशिश करेंगे।

HUL कंपनी का बिज़नेस प्रोफाइल / Business Profile of HUL Company –

  • कंपनी का नाम – हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड
  • मुख्य कंपनी – यूनिलीवर PLC (यूनाइटेड किंगडम)
  • इंडस्ट्री – कंस्यूमर गुड्स
  • कंपनी की स्थापना – १९३३
  • कंपनी का मार्किट कॅपिटल – ५.८६ लाख करोड़ रूपए ( जुलाई २०२२)
  • शेयर बाजार भाव – २४८९ रूपए
  • सीईओ – संजीव मेहता
  • प्रोडक्ट्स – फूड्स, स्कीन केयर ,पर्सनल केयर, होम केयर , रिफ्रेशमेंट
  • कुल संपत्ती – २०१५३ करोड़ रूपए
  • कुल कर्मचारी – २१०००
  • कुल फैक्टरी – ३१

HUL कंपनी का इतिहास / History of HUL Company –

  • हिंदुस्तान वनस्पती मैन्युफैक्चरिंग कंपनी -१९३१
  • लिवर ब्रदर्स लिमिटेड कंपनी १९३३
  • यूनाइटेड ट्रेडर्स लिमिटेड -१९३५

यह तीन कंपनिया ब्रिटिश कंपनी यूनिलीवर द्वारा स्थापित कि गयी थी, जिसको १९५६ में मर्जर के माध्यम से एक कंपनी बनाया गया जिसका नाम हिंदुस्तान लिवर लिमिटेड कंपनी रखा गया। आज जो हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड यह कंपनी हम देख रहे हे यह २००७ में नामकरण किया गया। ब्रिटिश कंपनी यूनिलीवर द्वारा सनलाइट यह साबुन का ब्रांड सबसे पहले निर्माण किया था जो आज ५० ब्रांड से ज्यादा पुरे दुनिया भर में प्रोडक्ट्स बेचे जाते है। भारत की हिंदुस्तान यूनिलीवर यह कंपनी मुख्य कंपनी के विक्री में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

  • १८८८ – यूनिलीवर कंपनी का सनलाइट साबुन भारत के मार्किट में लाया गया।
  • १८८५ -लाइफ बॉय यह कंपनी का प्रसिद्ध ब्रांड मुंबई , चेन्नई , कोलकत्ता और कराची में एजेंट के माध्यम से उतारा गया।
  • १९०२ – पेअर्स साबुन मार्किट में उतारा गया।
  • १९२२ – रिनसो पावडर मार्किट में उतारा गया।
  • १९३१ – हिंदुस्तान वनस्पति मैन्युफैक्चरिंग कंपनी रजिस्टर की गयी।
  • १९३७ – प्रकाश टंडन पहले भारतीय जो कंपनी के मैनेजर के तौर पर नियुक्त किए गए।
  • १९४७ – पॉन्ड्स कोल्ड क्रीम मार्किट में उतारी गयी।
  • १९५५ – ६५ % मैनेजर पद पर भारतीय लोगो की नियुक्ती की गयी।
  • १९५६ – तीन कंपनियों का एकत्रीकरण करके हिंदुस्तान लिवर लिमिटेड की स्थापना की गयी, जिसमे १० % भारतीय शेयर धारक को जोड़ा गया।
  • १९६१ – प्रकाश टंडन कंपनी के पहले भारतीय चेयरमैन बने तथा कंपनी के कुल २०५ मैनेजर में १९१ मैनेजर यह भारतीय नियुक्त किए गए।
  • १९६८ – वी सी राज्याध्यक्ष को चेयरमैन बनाया गया .
  • १९७१ – कंपनी की उत्पादन प्रक्रिया में विविधता लाने के लिए चेयरमैन द्वारा क्लिनिक शैम्पू प्रोडक्ट मार्किट में लाया गया।
  • १९७८ – भारतीय शेयर धारण ३४ % किया गया तथा प्रसिद्द ब्रांड फेयर एंड लवली यह प्रोडक्ट मार्किट में लाया गया।
  • १९८२ – भारत सरकार द्वारा ५१ % शेयर धारण को संमती प्रदान की गयी जो यूनिलीवर ब्रिटिश कंपनी द्वारा की गयी थी।
  • २००७ – कंपनी हिंदुस्तान लिवर लिमिटेड से बदलकर हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड किया गया।
  • २०१६ – कंपनी के मुख्य ६ ब्रांड की विक्री २००० करोड़ रूपए को पार कर गयी जो है सर्फ एक्सेल , ब्रूक बॉन्ड ,व्हील ,लाइफबॉय , रिन और फेयर एंड लवली जिसमे सर्फ एक्सेल यह एक ब्रांड की विक्री का आकड़ा ३००० करोड़ रहा था।
  • २०२० – GSK कंपनी का मर्जर HUL में किया गया जिससे हॉर्लिक्स और बूस्ट यह एनर्जी ड्रिंक कंपनी के अंतर्गत मार्किट में उतारे गए।
  • २०२२ – कंपनी ने अपना टर्नओवर ५०००० करोड़ के पार किया गया।

HUL कंपनी का बिज़नेस मॉडल/ Business Model of HUL Company –

जनसंख्या के मामले में भारत दुनिया का दूसरे नंबर का देश माना जाता हे जिसमे ७०० करोड़ जनसँख्या में भारत की जनसंख्या १०० करोड़ से ज्यादा है। इसका मतलब हे किसी भी अंतराष्ट्रीय कंपनी को अपने प्रोडक्ट अथवा सर्विसेज बेचने के लिए बाकि देश में विक्री करने भारत में अपने प्रोडक्ट बेचने सहज होते है। हिंदुस्तान यूनिलीवर कंपनी अपने प्रोडक्ट के मार्केटिंग पर ४६०७ करोड़ रूपए खर्च करती हे जो सभी खर्च के १२ प्रतिशत होता है। इससे हम अंदाजा लगा सकते हे की कंपनी अपने ब्रांड को प्रस्थापित करने के लिए कितना महत्त्व देती है।

भारत में जब कंपनी ने अपना उत्पादन शुरू किया था तब वह कुछ मर्यादित प्रोडक्ट बेच रहे थे और वह भी मार्किट के एलिट वर्ग के इस्तेमाल के लिए रहते थे। सामान्य लोग इन प्रोडक्ट को नहीं खरीद पाते थे इसलिए कंपनी ने भारत के कम उत्पन्न वाले ग्राहक को टारगेट बनाकर प्रोडक्ट को बढ़ाना शुरू किया तथा छोटे स्तर पर उत्पादन करना शुरू किया। जिसमे शैम्पू जैसे ब्रांड पहले सामान्य लोग खरीद नहीं सकते थे जिसको छोटे सैशे में लेकर वह सामान्य लोगो तक पहुंचाने के काम कंपनी ने किया है। कंपनी जिस FMCG क्षेत्र में काम कर रही हे वह प्रोडक्ट समाज के जरुरी चीजों में आते हे तथा वह काफी कम मार्जिन में बेचे जाते है।

हिंदुस्तान यूनिलीवर कंपनीने २०१३ में ५ बिलियन अमरीकी डॉलर प्रोमोटर्स द्वारा इन्वेस्ट किए गए हे और अपना स्टेक बढ़ाया है इसका मुख्य कारन हे पतंजलि जैसे भारतीय ब्रांड के माध्यम से हर्बल प्रोडक्ट के माध्यम से कंपनी के केमिकल युक्त प्रोडक्ट को समस्याए निर्माण की है। इसलिए कंपनी ने अपने ब्रांड को सुरक्षित करने के लिए काफी कैपिटल मार्किट में उतारा है जिसका परिणाम हमें मार्केटिंग पर कंपनी अपने स्पर्धक कंपनियों से काफी ज्यादा पैसा खर्च करती है।

हिंदुस्तान यूनिलीवर कंपनी के प्रोडक्ट की विविधता तथा गांव से लेकर शहर तक सभी ग्राहकों अपने प्रोडक्ट बेचना इसके लिए बेहतरीन व्यवस्था निर्माण की हे जो डिस्ट्रीब्यूटर्स से लेकर उत्पादन और विक्री तक सभी एक संशोधन का विषय है।

शेयर बाजार और HUL Company/ Share Market & HUL Company –

मार्किट कॅपिटल के हिसाब से भारत के शेयर बाजार में हिंदुस्तान यूनिलीवर कंपनी बेहतरीन पांच कंपनियों में शुमार है तथा आज का शेयर का भाव २४९६ रूपए हे। इसलिए शेयर बाजार में यह कंपनी अपने फंडामेंटल से ज्यादा कीमत होने के बावजूद भविष्य के दॄष्टि से अब भी एक बेहतरीन स्टॉक हे जिसमे हम निवेश है। FMCG क्षेत्र में हिंदुस्तान यूनिलीवर यह कंपनी भले ही विदेशी कंपनी हे मगर भारत के हर १० परिवार में ९ परिवार कंपनी के प्रोडक्ट इस्तेमाल करते है।

१९९० में भारत ने आर्थिक पॉलिसी में बदलाव करके विदेशी कंपनियों का स्वागत किया मगर हिंदुस्तान यूनिलीवर कंपनी यह भारत में ब्रिटिश इंडिया से काम कर रही थी। मगर १९९० के बाद आर्थिक पॉलिसी के बदलने से कंपनी को निवेश बढ़ाने सुविधा हुई जिससे कंपनी ने अपने स्ट्रक्चर को बढ़ाने के लिए २०१३ में ४ बिलियन अमरीकी डॉलर से बढ़ाया जो उस समय बहुत बड़ी रकम थी। कंपनी हर साल लगबघ पांच प्रतिशत प्रॉफिट निरंतर देती रही हे और यह प्रॉफिट हर साल बढ़ते रहा है।

हिंदुस्तान यूनिलीवर कंपनी ने अपने प्रोडक्ट शहरों से लेकर भारत के छोटे छोटे गांव तक पहुंचाए हे जिससे कंपनी जिस क्षेत्र में काम करती हे यह निरंतर लगने वाली चीजे होती हे इसलिए कंपनी का ग्रोथ भविष्य में और बढ़ने के आसार है क्यूंकि आज भी भारत में लोगो की आय बढ़ रही है। शेयर बाजार में कंपनी के नेस्ले जैसे ब्रांड प्रतिस्पर्धी हे तथा पतंजलि जैसे भारतीय ब्रांड ने कंपनी के विक्री पर काफी प्रभाव डाला है। फिर भी कंपनी का फंडामेंटल्स इतने अच्छे हे की कंपनी विविधता में अपने प्रोडक्ट बेचती हे जिससे रिस्क फैक्टर कम होता है।

HUL कंपनी की सफलता का सूत्र / Success Formula of HUL Company –

कंपनी की सफलता में सबसे महत्वपूर्ण हे कंपनी का मार्किट कॅपिटल जो कंपनी को भारत की सबसे बड़ी FMCG कंपनी बनाता है, जिसके कारन कंपनी अपने हर एक प्रोडक्ट को मार्केटिंग के लिए सबसे ज्यादा पैसा खर्च करती है। भारत में हिंदुस्तान यूनिलीवर कंपनी ने ब्रिटिश इंडिया में लक्ज़री प्रोडक्ट के तौर पर अपने प्रोडक्ट उतारे थे, जो आगे जाकर भारत के सभी साधारण लोगो तक छोटे स्तर पर सस्ती कीमत पर पहुंचाए है। कंपनी की सफलता में सबसे महत्वपूर्ण ब्रांड रहे है सर्फ एक्सेल , फेयर एंड लवली, व्हील ,रिन ,ब्रूक बॉन्ड और लाइफ बॉय जैसी ब्रांड कंपनी के आधे विक्री में महत्वपूर्ण होते है।

भारतीय बाजार में हिंदुस्तान युनीलीवर कंपनी के स्पर्धक यह ITC , नेस्ले और पतंजली जैसे ब्रांड है जो काफी अच्छी स्पर्धा करते हे जिसको काउंटर करने के लिए कंपनी मार्केटिंग रणनीति के साथ साथ कंपनी की एफ्फोर्डेबले कीमत पर ध्यान देती है। कंपनी भारत में ८० साल से बिज़नेस कर रही है जिसके तहत वह शहरों से लेकर अपने बिज़नेस को गांव तक पंहुचा चुकी हे और साधरण कीमत पर लोगो को अपने प्रोडक्ट बेचने का काम सफलता पूर्वक करती है।

कंपनी ने अपने प्रोडक्ट विविधता पूर्वक चार हिस्सों में विभाजित किया हे जिसमे पर्सनल केयर , फ़ूड , रिफ्रेशमेंट और होम केयर इस तरह अपने प्रोडक्ट बेचने का काम कपनी करती है। कंपनी का बिज़नेस स्ट्रक्चर यह ३१ फैक्टरी ११५० सप्लायर तथा ८० लाख आउटलेट के माध्यम से अपने प्रोडक्ट्स को ग्राहकों तक पहुँचाती है। कंपनी अपने ब्रांड पर सबसे ज्यादा पैसा खर्च करती हे जिसके कारन अपने डिस्ट्रीब्यूटर को कंपनी के केवल नाम पर प्रोडक्ट बेचने होते है और पैसे इन्वेस्ट करने होते है। FMCG क्षेत्र में प्रॉफिट ऑफ़ मार्जिन यह पांच प्रतिशत से कम होता है इसलिए कंपनी के मैनेजमेंट स्किल का काफी महत्वपूर्ण भूमिका रहती है।

HUL कंपनी के स्पर्धक / HUL Company & Competition –

इनकम के दॄष्टि तो ITC यह हिंदुस्तान यूनिलीवर कम्पनी से ज्यादा कमाता हे परन्तु मार्किट कॅपिटल के दॄष्टि से हिंदुस्तान यूनिलीवर कंपनी ITC कंपनी से काफी बड़ी है। हिंदुस्तान यूनिलीवर कंपनी यह अंतरराष्ट्रीय कंपनी की सब्सिडरी होने के कारन वह १९० देशो में फैली हुई हे और भारत में FMCG क्षेत्र के छोटे छोटे ब्रांड कंपनी के लिए स्पर्धा का कारन रहे है जिससे कंपनी के प्रॉफिट पर असर पड़ता है। भारत में १० परिवार में से ९ परिवार हिंदुस्तान यूनिलीवर के प्रोडक्ट इस्तेमाल करता है जिससे हम अंदाजा लगा सकते हे की भारत के FMCG मार्किट पर कंपनी का कितना ज्यादा प्रभाव है।

भारत में CCI यह कानून के माध्यम से मार्किट में प्रभुत्व पर नियंत्रण रखने का काम सरकार द्वारा किया जाता है परन्तु कार्टेल के माध्यम से कई बार कीमते नियंत्रित होती है। हिंदुस्तान यूनिलीवर पर FMCG मार्किट पर प्रभुत्व करने के कई सारे आरोप होते है परन्तु कंपनी इसके लिए हमेशा से नकारती रही है। ITC और नेस्ले जैसी कम्पनिया भारत में हिंदुस्तान यूनिलीवर कंपनी की प्रस्तिस्पर्धी कम्पनिया हे जिसके कारन काफी अलर्ट रहना पड़ता है। इसके लिए कंपनी अपने ब्रांड पर मार्किट कैपिटल के ताकद पर काफी पैसा खर्च करती हे जो दूसरे कंपनियों के लिए मुश्किल काम होता है।

कंपनी ने भारतीय मार्किट में स्पर्धा को काउंटर करने छोटी स्पर्धक कंपनियों को खरीद ने का काम किया है जिसके माध्यम से वह भारत की नंबर ओने FMCG कंपनी बनाने में सफल रही है। महंगाई और टैक्सेज यह भारतीय में अच्छा प्रॉफिट कमाने के लिए काफी एक्सपर्ट लोगो की टीम तैयार करने का काम कंपनीने किया है जिससे स्पर्धक कम्पनिया छोटी होने के कारन कुछ प्रमुख प्रोडक्ट पर ध्यान देकर वह मार्किट में बेच सकती हे मगर हिंदुस्तान यूनिलीवर कंपनी को अपने सारे प्रोडक्ट पर ध्यान रखते हुए हर एक प्रोडक्ट के स्पर्धक पर संशोधन करना पड़ता है।

HUL कंपनी की विशेषताए / Features of HUL Company –

  • यूनिलीवर PLC इस ब्रिटिश कंपनी की सब्सिडरी कंपनी के तौर पर हिंदुस्तान यूनिलीवर कंपनी को भारत में १९३३ में स्थापित किया गया था।
  • हिंदुस्तान यूनिलीवर के ६ प्रोडक्ट फेयर एंड लवली , व्हील ,सर्फ़ एक्सेल ,लाइफबॉय, ब्रूक बांड और रिन यह कंपनी के ५० से ज्यादा प्रोडक्ट में से ५० प्रतिशत इनकम जेनेरेट करता है।
  • भारत में १० में से ९ परिवार हिंदुस्तान यूनिलीवर के प्रोडक्ट इस्तेमाल करता हे तथा कंपनी का मार्किट कॅपिटल यह ५.८६ लाख करोड़ रूपए हे जिससे जो भारतीय शेयर बाजार की पांच प्रमुख कंपनियों में शुमार है।
  • कंपनी का नाम हिंदुस्तान यूनीलीवर लिमिटेड हे जिससे यह कंपनी पूरी तरह से भारतीय कंपनी समझी जाती हे परन्तु ६२ % शेयर होलिंग यह यूनिलीवर PLC इस ब्रिटिश कंपनी का है।
  • हिंदुस्तान यूनिलीवर कंपनी अपने ब्रांड के मार्केटिंग पर अपने खर्चे के १२ प्रतिशत पैसे खर्च कराती हे हे जो लगबघ ४६०७ रूपए होते है।
  • हिंदुस्तान यूनिलीवर कंपनी के ब्रांड यह केमिकल से युक्त होते हे इसलिए पतंजली यह भारतीय ब्रांड द्वारा हर्बल प्रोडक्ट के माध्यम से कंपनी के साथ स्पर्धा शुरू की है।
  • हिंदुस्तान यूनिलीवर कंपनी ने अपना पहला ब्रांड १९३३ से पहले सनलाइट साबुन पर लाया था जो एक लक्सरी प्रोडक्ट के तौर पर बेचा जाता था।
  • हिंदुस्तान यूनिलीवर कंपनी के माध्यम से लक्ज़री ब्रांड से बाहर निकलकर साधारण भारतीय ग्राहकों को देखते हुए छोटे शैम्पू पैकेट के माध्यम से सस्ते प्रोडक्ट बेचना शुरू किया।
  • हिंदुस्तान यूनिलीवर यह कंपनी FMCG क्षेत्र में अपने ५० से ज्यादा प्रोडक्ट बेचती हे तथा ITC और नेस्ले जैसी कम्पनिया इसकी प्रमुख स्पर्धक है।
  • कंपनी की सफलता का प्रमुख कारन उसकी कॅपिटल तथा ब्रांडिंग रणनिती रहा हे जिसके कारन वह भारत के शहरों से लेकर गांव तक पहुंची है।
  • हिंदुस्तान यूनिलीवर कंपनी को दुनिया की बेहतरीन इन्वेन्टीव कम्पनी का पुरस्कार प्रतिष्ठित फोर्बेस द्वारा दिया गया है।
  • शक्ति प्रोजेक्ट के माध्यम से भारत के गांव तक लोगो को रोजगार पोहचाने का काम कंपनी द्वारा है तथा कई सारे सामाजिक प्रोग्राम किए जाते है।
  • १९५६ को तीन कंपनियों को मिलाकर हिंदुस्तान लिवर लिमिटेड कंपनी की स्थापना हुई थी जिसका २००७ में हिंदुस्तान यूनिलीवर यह नामकरण किया गया।
  • २०१३ में यूनिलीवर प्रोमोटर्स द्वारा लगबघ ४ बिलियन अमरीकी डॉलर का कॅपिटल कंपनी में बढ़ाया जिससे कंपनी भारतीय शेयर बाजार में सबसे बड़ी पांच कंपनियों में शुमार हुई है।

HUL कंपनी और आलोचतनात्मक विश्लेषण / Critical Analysis of HUL Company –

हिंदुस्तान यूनिलीवर यह कंपनी इतनी बड़ी हे की जब कोई पॉलिसी कंपनी निर्धारित होती हे और उसका अमल होता हे तो उसको बदल पाना मुश्किल होता है। इसलिए कोई भी रणनीति अमल में लाने से पहले इसको काफी सोचविचार कर के निर्णय लेना पड़ता है। कंपनी ५० से अधिक ब्रांड पर अपना बिज़नेस चलाती हे जिसमे हजारो प्रोडक्ट्स होते हे जिसको मैनेज करना यह किसी स्पर्धक कंपनी से काफी मुश्किल काम होता है। ITC जैसी स्पर्धक कंपनी का मार्किट कैपिटल HUL से काम होने के बावजूद वह ज्यादा प्रॉफिट कमाने में सफल रही है।

हिंदुस्तान यूनिलीवर कंपनी पर FMCG बाजार पर प्रभुत्व निर्माण करने के कई केसेस किए गए है तथा प्रदुषण के मामलो में अफ्रीका और मलेशिया जैसे देशो में कुदरत की हानी पहुंचाने के आरोप लगे है। कीमते नियंत्रित करने के आरोप कंपनी पर लगते रहते है जिसे कार्टेल कहा जाता है। विदेशी कंपनी होने के कारन भारत में बहुत ज्यादा विरोध का सामना कंपनी को करना पड़ता है जिसके तहत पतंजली जैसी कम्पनिया स्वदेशी के माध्यम से कंपनी से स्पर्धा कर रही है। हिदुस्तान यूनिलीवर कंपनी में ६२ % निवेश यह ब्रिटिश मूल कंपनी यूनिलीवर का होने के कारन होने वाला प्रॉफिट यह विदेश चले जाता है।

हिंदुस्तान यूनिलीवर कंपनी के प्रोडक्ट्स तेल से लेकर साबुन तक यह केमिकल युक्त होते हे शरीर को हानि होती हे ऐसे आरोप होते रहे है तथा हर्बल प्रोडक्ट इस्तेमाल करने की एक मूवमेंट समाज में चलाई जा रही है। फेयर एंड लवली प्रोडक्ट पर वंशवाद के आरोप होते रहे हे क्यूंकि इस ब्रांड का इस्तेहार बड़ी विवाद का कारन रहा है। वैसे तो कंपनी सामाजिक दायित्व के तौर पर कई सामाजिक कार्यक्रम चला रही हे परन्तु वह लोगो तक कितने पहुंच रहे संशोधन का विषय रहा है। हिंदुस्तान युनलीवेर कंपनी के कई अधिग्रहण विवाद का कारन बन चुके है।

निष्कर्ष / Conclusion

इसतरह से हमने देखा कैसे हिंदुस्तान लिवर लिमिटेड से हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड तक कंपनी का सफर पिछले ९० सालो से रहा है, जिसमे निरंतर भारत के FMCG मार्किट में टिकते रहना यह काफी महत्वपूर्ण रहा है। कंपनी अपना बिज़नेस डिस्ट्रीब्यूटर के माध्यम से भारत में चलाती हे जिसका विक्री का प्रमुख बेस होता हे ब्रांडिंग पर खर्च करना। जिसके माध्यम से यह कंपनी अपने डिस्ट्रीब्यूटर से डिपाजिट के तौर बड़ी रकम लेकर विक्री की ग्यारंटी देती है।

हिंदुस्तान यूनिलीवर कंपनी के नाम से सभी ग्राहकों को यह अपनी भारत की कंपनी लगती हे परन्तु यह मूल रूप से एक विदेशी प्रोमोटर्स की कंपनी है। १९९० के बाद भारत में विदेशी कंपनियों को आकर्षित करने के लिए भारत सरकार द्वारा कई सुविधाए मुहैया हुई है, जिसका फायदा कंपनी को हुवा है। कंपनी अलग अलग FMCG प्रोडक्ट के माध्यम से अपना सेल करती है जिसमे कुछ प्रमुख ब्रांड काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। १९३३ में सबसे पहले कंपनी की स्थापना करने के बाद समय समय पर कम्पनी के मैनेजमेंट में भारतीय अधिकारियो की नियुक्तियां कंपनी द्वारा हुई है।

शेयर बाजार में मार्किट कैपिटल के हिसाब से सबसे बड़ी पांचवी कंपनी होने के कारन कई बार प्रभुत्व के आरोप होते रहे हे तथा स्वदेशी आंदोलन के जरिए कंपनी का विरोध होता रहा है। जिसके लिए कंपनी द्वारा भारत की समस्याओ के लिए सामाजिक कार्यक्रमों के माध्यम से समाजसेवा करती रहती है। हर्बल प्रोडक्ट के माध्यम से कंपनी के केमिकल युक्त प्रोडक्ट पर आलोचना का सामना करना पड़ता है परन्तु कंपनी इसपर सभी विरोध को आजतक नियंत्रित करने में सफल रही है। इसलिए हमने देखा की कैसे हिंदुस्तान यूनिलीवर कंपनी अपना कार्य चलाती हे तथा प्रॉफिट कमाती है।

रिलायंस जिओ प्लेटफार्म

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