प्रस्तावना / Introduction –

वैनगार्ड ग्रुप के संस्थापक जैक बोगले का मानना था की शेयर बाजार में इन्वेस्टर फण्ड मैनेजर ज्यादा पैसा कमाते है, इसका महत्वपूर्ण कारन है दिए जाने वाले सर्विसेज और उसके चार्जेज जो कुल मिलकर २-३ % से ज्यादा खर्च होते हे। जितना हमारा ट्रेडिंग हमारे डीमैट अकाउंट में बढ़ता हे उतनी ब्रोकरेज हाउसेस पैसा कमाती है। इसलिए जज्यादातर हम देखते हे की लम्बे समय के इन्वेस्टमेंट करने की बजाय यह कम्पनिया आपको ट्रेडिंग करने के लिए प्रोस्ताहित करती है।

ब्रोकरेज हाउस कितनी बड़ी हो सकती हे इसके लिए हमें अमरीका के वैनगार्ड ग्रुप तथा ब्लैकरॉक जैसी जायंट कंपनियों को देखना होगा जो आधी दुनिया के अर्थव्यवस्था से बड़ी है। इतना पैसा यह ब्रोकरेज हाउस कमाते है, जिसमे डिजिटल व्यवहार करने के लिए ऑनलाइन प्लेटफार्म उपलब्ध करने से लेकर इन्वेस्टमेंट टिप्स देने तक यह कम्पनिया पैसा कमाती है। भारत में शेयर बाजार की स्थापना से लोगो का विश्वास काफी कम देखने को मिला है, अमरीका में यह प्रमाण कई गुना ज्यादा देखने को मिलता है।

इसलिए इस आर्टिकल के माध्यम से हम स्टॉक ब्रोकर कंपनी कैसे चुने इसके बारे में अध्ययन करने की कोशिश करेंगे। जिसके लिए कई आर्टिकल हमें देखने को मिलते हे परन्तु हम इसमें काफी बारीकी से अध्ययन करने की कोशिश करेंगे जिसमे एक्सपर्ट इन्वेस्टर से लेकर पहली बार शेयर बाजार में इन्वेस्ट करने वाले लोगो के हिसाब से शेयर ट्रेडिंग अकाउंट कौनसी कंपनी के लेना चाहिए यह देखेंगे। इसमें हम किसी शेयर ब्रोकर को प्रायोजित करने की कोशिश करने की बजाए एक क्राइटेरिया बनाकर ब्रोकर चुनने की प्रक्रिया बनाएगे।

स्टॉक ब्रोकर क्या होता है ? / What is Stock Broker ? –

स्टॉक ब्रोकर यह प्रोफेशनल एक्सपर्ट होते हे जो अपने क्लाइंट के लिए शेयर बाजार में स्टॉक की खरीद और विक्री का कार्य करते हे और इसके लिए वह शेयर बाजार में रजिस्टर्ड किए जाते है। इन्वेस्टर सलाहकार के तौर पर स्टॉक ब्रोकर अपने ग्राहकों को कई सारी एक्सपर्ट सेवाए देता है। डिजिटल प्लेटफार्म बनाकर मोबाइल एप्लीकेशन तथा सॉफ्टवेयर के माध्यम से डिजिटल प्लेटफार्म अपने ग्राहकों को मुहैया करवाता है। १९९० से पहले यह प्रक्रिया फिजिकल तौर पर होती थी जिसके लिए प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए काफी समय लगता था।

शेयर बाजार में कोई भी इन्वेस्टर डायरेक्ट कोई खरीद और बिक्री नहीं कर सकता इसके लिए शेयर बाजार से रजिस्टर्ड स्टॉक ब्रोकर्स उसे जुड़ना होता है। सेबी और शेयर बाजार द्वारा स्टॉक ब्रोकर और ग्राहकों के अधिकार और कर्तव्य निर्धारित किए जाए है। स्टॉक ब्रोकिंग में मुख्य रूप से दो प्रकार के ब्रोकर होते हे जिसमे एक सभी ब्रोकरेज सर्विसेज देने वाले और दूसरे केवल खरीद और बिक्री की सेवा देने वाले ब्रोकर जिन्हे डिस्काउंट ब्रोकर कहा जाता है। ब्रोकरेज हाउस यह फर्म तथा कम्पनिया होती हे और इसमें ब्रोकरेज हाउस अपना काम का बोझ छोटे छोटे सब ब्रोकर को भी देती है।

शेयर बाजार में ज्यादातर ब्रोकरेज कम्पनिया यह डिस्काउंट ब्रोकर के तौर पर कार्य करती है, धीरे धीरे भारत में भी फुल टाइम सर्विसेज के माध्यम से बाकि इन्वेस्टमेंट सलाहकार के तौर पर कम्पनिया काम करना शुरू कर रही है। अमरीका की ब्लैकरॉक कंपनी की सफलता में मुख्य रूप से सलाहकार के तौर पर जो फीस वह बड़ी बड़ी कॉर्पोरेट हाउस से कमाती हे वह उनका मुख्य इनकम सोर्स होता है। इसलिए भारत में भी एसेट मैनेजमेंट के तौर पर जीरो दा जैसी कम्पनिया इस क्षेत्र में खुद को विस्तारित करने की कोशिश कर रही है।

सर्वश्रेष्ठ स्टॉक ब्रोकर कैसे चुने ? / How to Choose Best Stock Broker ? –

  • स्टॉक ब्रोकर का मार्किट में रेपुटेशन कैसा कैसे है ? ( सेबी के वेबसाइट पर यह चेक कर सकते है और ग्राहकों से उनका अनुभव पूछ सकते है)
  • ब्रोकरेज कितना चार्ज करता है ? ( इसमें मुख्य रूप से छुपे हुए खर्च को देखना है।
  • स्टॉक ब्रोकर का डिजिटल प्लेटफार्म कितना आधुनिक है ? ( इसमें मोबाइल एप्लीकेशन और कंप्यूटर सॉफ्टवेयर सेवा देखनी चाहिए जो समझने में आसान रहे और सुरक्षितता के मामले में बेहतर हो )
  • स्टॉक ब्रोकर की व्यवहार कितने तेजी से होते हे तथा वह पारदर्शक कितने है ? ( ज्यादातर समय ब्रोकर अपने पैसे हमारे अकाउंट में ट्रांसफर करने के लिए जानबूझकर देरी करते हे जिसपर वह लाखो रूपए कमाते है।
  • स्टॉक ब्रोकर ग्राहकों को अन्य सेवाए कितनी देता है ? ( सेवाओं में हमारे डीमैट अकाउंट की राशि से ज्यादा पैसा उपलब्ध करना, डिस्काउंट ऑफर करना इत्यादि )
  • स्टॉक ब्रोकर द्वारा सलाह के तौर पर संशोधन करके इन्वेस्टमेंट सलाह देना। ( इसमें फ्री सलाह तथा फीस लेकर सलाह उपलब्ध होती हे इसकी उपयोगिता कितनी हे यह जांचना जरुरी है )
  • तुलनात्मक स्टॉक ब्रोकर की सेवाए हमें कई सारी प्रतिष्ठित वेबसाइट पर उपलब्ध होती हे जिसमे हम सभी सर्विसेज तथा कमीशन को जाँच सकते है।
  • किसी स्टॉक ब्रोकर से हमें कितनी सुरक्षितता हमारे अकाउंट को मिलती हे यह सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा होता है। ( कई बार कंपनी के प्रतिनिधि यह स्थाई किसी एक स्टॉक ब्रोकर के पास नहीं रहते जिससे वह जिस भी स्टॉक ब्रोकर से जुड़ते हे वह आपकी जानकारी का फायदा उठाकर आपको दूसरी कंपनी की सेवाए लेने के लिए कोशिश करते है।

भारत में टॉप १० बेहतरीन स्टॉक ब्रोकर/Top 10 Stock Broker in India –

  • ज़ीरोदा ब्रोकिंग लिमिटेड – ६२ लाख ग्राहक
  • (UPSTOX) RKSV सिक्योरिटीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड – ५२ लाख ग्राहक
  • (GROWW) नेक्स्ट बिलियन टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड – ३८ लाख ग्राहक
  • एंजेल वन लिमिटेड – ३६ लाख ग्राहक
  • आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज लिमिटेड – ३० लाख ग्राहक
  • ५ पैसा कैपिटल लिमिटेड – १७ लाख ग्राहक
  • कोटक सिक्योरिटीज लिमिटेड – १२ लाख ग्राहक
  • HDFC सिक्योरिटीज लिमिटेड – ११ लाख ग्राहक
  • IIFL सिक्योरिटीज लिमिटेड – ११ लाख ग्राहक
  • मोतीलाल ओसवाल फाइनेंसियल सर्विसेज लिमिटेड – ९ लाख ग्राहक

यह जो लिस्ट हमने आपके लिए उपलब्ध की हे जो कितने ग्राहक किस स्टॉक ब्रोकर कंपनी के पास हे इसके आधारपर रखी है। इसका मतलब यह कतई नहीं हे की यह कम्पनिया आपको नुकसान नहीं पंहुचा सकती, इसके लिए आपको ऊपर दिए गए क्राइटेरिया को जांचने के बाद ही यह सेवाए ले। क्यूंकि कंपनी यह अपना ब्रांड मार्किट में स्थापित करने के लिए पैसे खर्च करती हे वह ग्राहकों के लिए कितनी प्रभावशाली हे यह कोई नहीं बताता। जिसको हमें खुद रीसर्च करके ढूंढना होता है।

इसका लॉजिकल उत्तर जानना हे तो हमें देखना हे की शेयर बाजार में अगर यह कम्पनिया हे तो वह कमीशन बेस बिज़नेस क्यों चलाती है ? क्यूंकि शेयर बाजार की इन्वेस्टमेंट में जोखिम होती है। यह हमें समझना होगा जिससे हमारी इन्वेस्टमेंट सुरक्षित होती है। वैनगार्ड ग्रुप के संस्थापक जैक बोगले इसलिए कहते हे की इन्वेस्टर से ज्यादा फण्ड मैनेजर ज्यादा पैसा कमाते है और इन्वेस्ट की ज्यादा कमाई ब्रोकरेज हाउस के चार्जेज भरने में जाती है । इसलिए लम्बी अवधी की इन्वेस्टमेंट यह आपका ब्रोकर को ज्यादा पैसा खर्च करने से बचाता है।

स्टॉक ब्रोकर से कौनसी सर्विसेज लेना जरुरी है ? / Which services Important to Hire from Stock Broker ? –

स्टॉक इन्वेस्टमेंट का ऑनलाइन प्लेटफार्म उपलब्ध होने के कारन कुछ कम्पनिया डीमैट अकाउंट के साथ कई सारे प्रोडक्ट्स बेचना चाहती है जिससे आपकी अनावश्यक पैसे खर्च हो सकते है। जो कम्पनिया बैंकिंग क्षेत्र से जुडी हे वह अपने अन्य प्रोडक्ट आपको बेचना चाहती है , तथा पुरे स्टॉक मार्किट ब्रोकर भी आज कल एसेट मैनेजमेंट के तहत कई सारे ट्रेडिंग पैकेज बेचना चाहती है जो आपको पता भी नहीं होती। इसलिए अगर आप स्टॉक मार्किट में नए हो तो केवल साधारण डीमैट अकाउंट ले और आपका ऑनलाइन सेविंग अकाउंट किसी प्राइवेट अथवा सरकारी बैंको में हे तो उसे डीमैट से कनेक्ट करे।

अनावश्यक सेविंग बैंक अकाउंट खोलने पर अनावश्यक सेविंग बैंक के लिए मिनिमम बैलेंस रखना पड़ता है जो आपके पैसे को नुकसान पहुंचाता है। ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट का फर्क सही तरीके से समझने की कोशिश करे और इसके हिसाब से ब्रोकरेज सर्विसेज ख़रीदे। ज्यादातर ब्रोकरेज हाउस आपको ट्रेडिंग करने के लिए प्रोस्ताहित करते हे परन्तु इसके लिए काफी अनुभव होना जरुरी होता हे तथा बड़ी संस्थाओ के अल्गो ऑटोमेशन को आप कभी ट्रेडिंग में हरा नहीं सकते इसलिए लम्बी अवधि की इन्वेस्टमेंट पर ब्रॉकर की सेवाए ख़रीदे।

ब्रोकरेज कम्पनिया कम कमीशन पर डीमैट अकाउंट खोलकर बाकि सर्विसेज के माध्यम से आपके पैसे ज्यादा निकलने की कोशिश करते हे जिसमे एक्सेस ट्रेडिंग अमाउंट फैसिलिटी अकाउंट के साथ मिल जाती हे जिससे आप को ट्रेडिंग करने के लिए प्रोस्ताहित किया जाता हे परन्तु यह सेवा आपके पैसे को जोखिम में डालती है। इसलिए ज्यादातर इन्वेस्टमेंट लम्बी समय के लिए निवेश करना सही निर्णय हो सकता है। इन्वेस्टमेंट सलाह यह पेड भी होती हे अथवा फ्री की भी सेवाए होती हे परन्तु इसकी जोखिम सिक्योरिटीज कभी नहीं लेती इसलिए यह अपने रिसर्च पर इन्वेस्टमेंट करना सही होता है।

स्टॉक ब्रोकर चुनते समय की सावधानिया / Precautions While selecting Stock Broker –

कानूनी रूप से स्टॉक ब्रोकर चुनते समय वह सेबी की वेबसाइट पर चेक करना जरुरी होता है, क्यूंकि मार्किट में कम कमीशन का लालच दिखाकर तथा अन्य फ्री सर्विसेज दिखाकर ब्रोकरेज हाउस ग्राहकों को आकर्षित करने की कोशिश करते है। ऑनलाइन डीमैट अकाउंट के माध्यम से अपना पासवर्ड अथवा महत्वपूर्ण जानकारी किसी भी प्रतिनिधि को नहीं देने चाहिए जो आपके ब्रोकर से जुड़ा हुवा है। क्यूंकि बहुत सारे डीमैट अकाउंट शुरू तो किए जाते हे परन्तु वह रेगुलर इस्तेमाल नहीं किए जाते जिससे अकाउंट का इस्तेमाल गलत तरीके से किया जाता है।

सेबी और स्टॉक एक्सचेंज द्वारा स्टॉक ब्रोकर्स के लिए गाइड लाइन जारी होती हे जिसमे ग्राहकों ने क्या सावधानिया रखनी चाहिए तथा ब्रोकर ड्यूटी हे यह जानकारी हमें रखनी चाहिए। जिस ब्रोकरेज कंपनी से हम जुड़ते हे इसमें पैसे ट्रांसफर होने के लिए कितना समय लगता हे यह भी जरुरी हे तथा डीमैट अकाउंट के स्टेटमेंट रेगुलर चेक करना जरुरी है। ब्रोकरेज हाउस के सलाह पर इन्वेस्टमेंट करना जोखिम भरा हो सकता हे क्यूंकि जब हम अकाउंट खोलते हे तब कंपनी के टर्म्स और कंडीशन को ठीक पढ़ते नहीं हे इसलिए अगर कुछ आर्थिक समस्याए ग्राहक और ब्रोकर के बिच होती हे तो ज्यादातर बार ब्रोकर निर्दोष छूट जाते है।

बड़े बड़े कॉर्पोरेट हाउस को आर्थिक सलाहकार नियुक्त करते समय उनके पास लीगल टीम होती हे इसलिए वह किसी भी सलाहकार को कानूनी रूप से बांधकर लेती है। हमारे जैसे व्यक्तिगत इन्वेस्टर यह सब सावधानिया जांचने की जरुरत नहीं समझते और केवल ब्रांड के प्रभाव किसी जानकारी को अनदेखा कर देते है। इसलिए जब कोई समस्याए निर्माण होती है तब हम हमारे पैसे को नहीं बचा पाते , इसलिए टर्म्स और कंडीशन की कॉपी को ध्यान से समझे। इन्वेस्टमेंट और ट्रेडिंग को समझने के बाद आपके पैसे को सबसे पहले सुरक्षितता मिल जाती हे इतना यह मामला महत्वपूर्ण है।

इन्वेस्टर और स्टॉक ब्रोकर के अधिकार – कर्तव्य / Rights-duties of Investors & Stock Broker –

  • शेयर बाजार तथा सेबी द्वारा डीमैट अकाउंट ओपनिंग के समय सही जानकारी दस्तावेज देना ग्राहक का कर्तव्य माना गया है , तथा रेगुलरली अगर इस जानकारी में कुछ बदलाव होते हे तो उसे ब्रोकर को सेबी और स्टॉक एक्सचेंज को देने होते है।
  • स्टॉक ब्रोकर को सेबी और स्टॉक एक्सचेंज के नियमो के हिसाब से ग्राहकों को सेवाए देनी होती है।
  • ग्राहकों के ऑनलाइन पासवर्ड तथा सुरक्षा के मामलों में एक अच्छी व्यवस्था का निर्माण स्टॉक ब्रोकर को करना होता हे और नियमावली स्पष्ट रखनी चाहिए।
  • ग्राहकों के स्टॉक खरीद और विक्री की डाक्यूमेंट्री जानकारी समय समय पर ग्राहकों को डिजिटल फॉर्म तथा पेपर फॉर्म में देनी जरुरी है।
  • स्टॉक ब्रोकरेज हाउस द्वारा दिए जाने वाले इन्वेस्टमेंट सलाह की जोखिम ग्राहकों को स्पष्ट रूप से देनी जरुरी होती है।
  • ग्राहकों को अपनी डिजिटल अकाउंट के पासवर्ड तथा अन्य जानकारी शेयर करनी नहीं चाहिए यह सावधानिया क्या रखनी हे यह ध्यान में रखनी चाहिए।
  • मोबाइल एप्लीकेशन तथा कंप्यूटर सॉफ्टवेयर की सुरक्षा ब्रोकरेज हाउस को निर्धारित करनी होती है और अगर इसमें कुछ नियमो का उलंघन होता हे तो ब्रोकर हाउस का लाइसेंस रद्द अथवा कुछ समय के लिए बंद किया जाता है।
  • सेबी और स्टॉक एक्सचेंज में ग्राहकों को किससे शिकायत करनी हे यह जानकारी ग्राहकों को ब्रोकरेज कंपनियों को देनी है।
  • ग्राहकों को कमीशन क्या लेना हे इसकी गाइड लाइन का पालन ब्रोकर कंपनियों को करना होता है, तथा छुपे खर्चो के लिए ग्राहकों को कॉन्ट्रैक्ट ठीक से पढ़ने चाहिए।
  • डीमैट अकाउंट किसी कारन से बंद करने पर उसके वारिस को उस अकाउंट की सही तरीके से ट्रांसफर करने होंगे, जिसमे ग्राहक की मृत्यु, डिफाल्टर होना, अथवा अन्य किसी कारणों से अकाउंट बंद करना पड़ता है।
  • सेबी -गाइड लाइन पीडीऍफ़ में जानिए

निष्कर्ष / Conclusion –

इसतरह से हमने देखा की शेयर बाजार में निवेश करने के लिए स्टॉक ब्रोकर का चयन कैसे करे। क्यूंकि मार्किट में शेयर ब्रोकर कंपनियों की स्पर्धा होने के कारन कई सारे प्रलोभन दिए जाते है। इसलिए सभी जानकारी होना जरुरी होता है तथा ज्यादातर इन्वेस्टर भारत में नए होते हे जिनको स्टॉक मार्किट की इतनी ज्यादा जानकारी नहीं होती। जिससे ऐसे ग्राहकों को गलत प्रोडक्ट बेचकर कम्पनिया करने की कोशिश करती है। इसलिए जैसे हम किसी वास्तु को खरीदते समय तुलनात्मक दूसरे प्रोडक्ट का विश्लेषण करते है। वैसे ही स्टॉक ब्रोकर का चयन करते समय एकदम सही जानकारी हासिल करना जरुरी होता है, क्यूंकि यह हमारे पैसे का सवाल होता है ।

शेयर ब्रोकर कंपनियों तथा मीडिया के द्वारा ट्रेडिंग करने के लिए आकर्षित किया जाता है परन्तु ट्रेडिंग के माध्यम से प्रॉफिट कमाना छोटे इन्वेस्टर के लिए इतना आसान नहीं होता। इसलिए लम्बी अवधि के इन्वेस्टमेंट को ज्यादा महत्त्व देते हुए औसतन प्रॉफिट के आधारपर सफलता मिल सकती हे यह एक्सपर्ट लोगो का मानना है। इस आर्टिकल के माध्यम से हमने ग्राहकों के अधिकार क्या होते हे तथा स्टॉक ब्रोकर की ड्यूटी क्या होती हे यह जानने की कोशिश हमने की है। स्टॉक ब्रोकर चुनते समय हमें क्या सावधानिया रखनी चाहिए यह हमने बताने की कोशिश यहाँ की है।

भारतीय शेयर में ग्राहकों की संख्या के हिसाब से टॉप स्टॉक ब्रोकर कम्पनिया कौनसी हे यह जानने की कोशिश हमने की है। अमरीका के तुलना में भारत में स्टॉक मार्किट में इन्वेस्ट करने का प्रमाण काफी कम देखने को मिलता है। इसलिए भारत में शेयर बाजार में भविष्य में काफी निवेश बढ़ने की संभावना हे जो हमने लॉक डाउन के समय यह प्रतिशत अचानक से काफी बढ़ा हुवा देखा है। भारत की कंपनियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर का होना होगा जिससे वह भारत के इन्वेस्टर को अच्छे रिटर्न दे सके जैसे अमरीकी मार्किट में देखने को मिलता है।

किसी Share का फंडामेंटल कैसे चेक करें?

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