प्रस्तावना / Introduction –

२०२१ के आकड़ो के अनुसार अमरीका का सुरक्षा पर खर्च ८०१ बिलियन अमरीकी डॉलर रहा है जो दुनिया की सभी देशो के सुरक्षा खर्च के ३८ % है। अमरीका का साइबर सुरक्षा और टेक्नोलॉजी के लिए यही खर्च १९ बिलियन अमरीकी डॉलर है। चीन अपने डिफेन्स सुरक्षा के लिए २०२१ में २९३ बिलियन अमरीकी डॉलर खर्च करता है , साइबर सुरक्षा के लिए इसमें अधिक खर्च करना चीन ने भी शुरू किया है। यह आकड़े हम क्यों बता रहे है इसका कारण हे भविष्य के युद्ध यह टेक्नोलॉजी/ऑटोमेशन पर आधारित होने वाले है और जो देश टेक्नोलॉजी में आगे रहेगा वही दुनिया पर राज करेगा।

भारत का डिफेन्स सुरक्षा के लिए बजेट ७६. ६ बिलियन डॉलर रहा है, जिसमे टेक्नोलॉजी के लिए भविष्य में ज्यादा खर्च करना जरुरी होगा। टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल जितना हम डिफेन्स क्षेत्र में लाएगे उतनी लोगो की भरती कम होती जाएगी जो अमरीका और चीन की सैन्य में हम देखते है। भविष्य में होने वाले युद्ध यह बन्दुक और गोली से होंगे परन्तु वह आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल से होंगे इसलिए जो देश इंसानो का ज्यादा इस्तेमाल युद्ध के लिए करेंगे उसके ज्यादा लोग मारे जाएगे।

भारत में अग्निपथ योजना भारत सरकार द्वारा लायी गयी हे यह उनकी परिस्थिति के अनुरूप खुद को बदलने की मज़बूरी है। हमारे देश की सबसे बड़ी समस्या हमारी लोकसंख्या , गरीबी और बेरोजगारी है जिसको पिछले ७० सालो में जितना हमें सुधारना चाहिए था वह किसी भी सरकार द्वारा नहीं हुवा हे यह दुखद बात है। इसलिए डिफेन्स क्षेत्र में बदलाव करने जरुरी हे मगर जो लोग सैन्य में भरती होना चाहते है, मुख्य रूप से सैन्य के निचले पदों पर वह गरीब घर से आते हे और बहुत ही मेहनत करके भरती होते है। एक सपने के साथ वह यह सैन्य भरती को देखते है,इसलिए हमें इस योजना पर विरोध देखने को मिल रहा है। जिसे हम विस्तृत रूप से देखने वाले है।

अग्निपथ योजना क्या है ? / What is Agneepath Scheme –

2022 को कैबिनेट द्वारा अग्निपथ योजना को भारत की आर्मी के लिए लागु कर गया हे, जिसमे जो सैनिक भरती होगी उसे अग्निपथ योजना कहा जाएगा तथा सैनिक को अग्निवीर कहा जाएगा। यह सर्विस चार साल की रहेगी और इसमें २५ प्रतिशत लोग इसके आगे अपनी प्रदर्शन के अनुसार स्थाई सेवा के लिए चुने जाएगी और बाकि अग्निवीर को सर्विस से मुक्त किया जाएगा। इस साल में भारत सरकार ४६००० अग्निवीर भारतीय सेना में भरती करेंगे तथा इसके पात्रता उम्र १७. ६ साल से लेकर २३ साल की उम्र तक वह फिलहाल रखा गया है।

जिससे भारत सरकार का उद्देश्य यह हे की सैन्य की औसतन उम्र को कम किया जाए और एक नौजवानो की फ़ौज का निर्माण किया जाए। सैन्य प्रमुख की प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा की टेक्नोलॉजी के इस युग में हमें ऐसी पीढ़ी सैन्य में चाहिए जो टेक्नोलॉजी से परिचित हो जिसमे यह युवा पीढ़ी भूमिका निभाएगी। भविष्य में होने वाले युद्ध यह टेक्नोलॉजी के दम पर ज्यादा और संख्या पर कम लडे जाएगे ऐसा योजना बनाने वाले सरकार का तर्क रखा गया है । ऐसे तो इस योजना पर काफी विवाद निर्माण हुए हे मगर सरकार को भारतीय सैन्य में बदलाव करने उनकी जरुरत भी हे तथा मज़बूरी भी है।

अग्निवीर को कोई ग्रडुइटी चार साल बाद नहीं मिलेगी तथा पेंशन के लिए अग्निवीर को बाहर रखा गया है और इसके लिए भारत सरकार ने तर्क रखा गया हे। दुनिया की सुरक्षा संबंधित पॉलिसी को देखते हुए हमें सुरक्षा बजट बढ़ाना होगा तथा टेक्नोलॉजी पर ज्यादा इन्वेस्ट करना होगा इसलिए यह कदम एक प्रायोगिक तौर पर लिया गया है। आर्मी ,नेवी तथा एयर फाॅर्स में यह भारती होगी और यह निचले स्तर के सैनिक इसमें लिए जाएगे जिनका प्रशिक्षण पहले सैनिको को मिलने वाले प्रशिक्षण की तरह होगी।

अग्निपथ योजना का उद्देश्य / Object of Agneepath Scheme –

गन पावडर का इस्तेमाल तथा दूसरे विश्व युद्ध में आण्विक शक्ति का इस्तेमाल यह युद्ध की तकनीक में महत्वपूर्ण बदलाव और क्रांति के रूप में देखा जाता है । कंप्यूटर और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल युद्ध में इस दशक में हमें बड़े स्तर पर देखने को मिला है जो युद्धनीति के अगली क्रांति है। इजराइल जैसा छोटा देश जो पूरी तरह से दुश्मनो से घिरा हे मगर ख़ुफ़िया एजेंसी और टेक्नोलॉजी के दम पर उन्होंने इन देशो को हराया है, यह भविष्य के युद्ध के संकेत है। भारत की बात करे तो पाकिस्तान और चीन से हमारे राजनितिक संबंध कुछ खास नहीं रहे है, इसलिए पांच हजार किलोमीटर की हमारी चीन और पाकिस्तान से लदी सिमा की सुरक्षा करना यह सबसे बड़ी जिम्मेदारी है ।

भविष्य के युद्ध यह आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस जैसी तकनीक से होंगे यह संकेत चीन और अमरीका द्वारा दुनिया को दिए गए है। अमरीका दुनिया की महाशक्ति है इसमें उनका सुरक्षा बजट यह दुनिया की सुरक्षा खर्च के ३८ % है। इससे हम अंदाजा लगा सकते है की सुरक्षा बजट कितना जरुरी है, भारत सरकार ने अग्निपथ योजना लायी है जो सैन्य में बदलाव की शुरुवात है। इसमें सैन्य की संख्या कम करके टेक्नोलॉजी पर ज्यादा खर्च करके भारतीय सुरक्षा में टेक्नोलॉजी पर निर्भर सुरक्षा व्यवस्था निर्माण करना यह उद्देश्य रखा गया है।

चीन और अमरीका जैसे देशो में अपनी सैन्य संख्या तथा टेक्नोलॉजी खर्च में बढ़ौतरी की है, भारत की दृष्टी से जितना चीन अपनी सुरक्षा पर खर्च करेगा वह भारत के लिए चिंता का विषय हे। क्युकी चीन और पाकिस्तान से लदी सिमा यह चीन के प्रभावसे पाकिस्तान की रणनीति रहती है। इसलिए हमें इस सिमा को पाकिस्तान से लेकर पश्चिम बंगाल तक ध्यान रखना जरुरी हे और इसके लिए टेक्नोलॉजी के कारन सैनिको की जानमाल का नुकसान भी ध्यान में रखा गया है। तथा आज के साइबर युद्ध में केवल जमीनी युद्ध नहीं लडे जाते वह आर्थिक युद्ध भी होते हे, जिसके माध्यम से दुश्मन देश की कंप्यूटर व्यवस्था को हैकिंग के माध्यम से नियंत्रित करना।

अग्निपथ योजना विवाद क्या है?/What is Agneepath Scheme Controversy –

अग्निपथ योजना का बड़े पैमाने पर विरोध उत्तर प्रदेश और बिहार से देखने को मिला हे, क्यूंकि महाराष्ट्र और गुजरात जैसी समान्तर अर्थव्यवस्था इस क्षेत्र में देखने को नहीं मिलती है। इसलिए यहाँ अच्छा आर्थिक जीवन जीने के लिए सरकारी नौकरी हासिल करना यह सबसे प्राथमिकता में होता है। जब से यह योजना का २०२२ से भारत सरकार ने अमल में लाने की घोषणा की हे तब से इसका विरोध बड़े पैमाने पर देखने को मिला है। भारत सरकार का मानना हे की यह योजना लोगो ने ठीक से समझी नहीं है इसलिए यह हो रहा है तथा विरोधी पार्टिया इसमें राजनीती कर रही है।

अग्निपथ योजना के मुख्य विवादित मुद्दे –

  • सैनिक की चार साल की सर्विस होगी जो पहले १५ साल की सर्विस है।
  • अग्निपथ योजना के तहत सैनिको को अग्निवीर कहा जाएगा, जिसमे ड्रेस से वही रहेगा परन्तु अग्निवीर का बैच अलग से रहेगा।
  • अग्निपथ योजना के तहत भरती सैनिको को पेंशन नहीं मिलेगी।
  • अग्निपथ योजना के तहत भरती सैनिकोंको ग्रेचुटी नहीं मिलेगी।
  • सामान्य सैनिको की तरह सर्विस से रिटायर होने के बाद एक्स सर्विसमैन का दर्जा नहीं मिलेगा।
  • अग्निपथ योजना के तहत भरती लोगो में से चार साल बाद २५ % सैनिको को स्थाई सेवा में लिया जाएगा और बाकि अग्निवीरो को सर्टिफिकेट देकर सर्विस से मुक्त किया जाएगा।
  • अग्निपथ योजना में पात्रता उम्र १७ साल ६ महीने से लेकर २१ साल राखी गई है जिसमे इस योजना के विवाद को देखते हुए इस साल २३ तक बढ़ाई गयी है।
  • अग्निपथ योजना लागु होने से पहले जो भरती प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी थी और केवल नियुक्ति पत्र देने बाकि थे ऐसी भरती को रद्द कर दिया गया और ऐसे कैंडिडेट को अग्निपथ योजना में फिर से आवेदन प्रक्रिया के माध्यम से आने को कहा गया है ।

इसलिए यह सारे विवादित मुद्दे लोगो को सही तरीके से समझाने में सरकार को रणनीति के तहत लोगो की भावनाओ को सामने रखकर छोटे स्तर से शुरू करना चाहिए था। क्यूंकि यह उन बच्चो का सवाल हे जो अच्छी स्थाई नौकरी के साथ साथ अच्छी आर्थिक सुरक्षा चाहते है। भारत की सबसे बड़ी समस्या हमारी जनसंख्या और बेरोजगारी यह शुरू से रही हे जो कोई भी सरकार सुधारने में असफल रही है। इसलिए इसे पूंजीवादी देश की तरह न सोचते हुए इस योजना को धीरे धीरे अंतराल के बाद बदलाव करके लाना चाहिए था।

साइबर युद्ध का भविष्य और अग्निपथ योजना / Future Cyber Was & Agneepath Scheme –

चीन और अमरीका जैसे देश आज दुनिया की सबसे ज्यादा सुरक्षा बजट बनाते हे जिसमे टेक्नोलॉजी को डिफेन्स में काफी महत्त्व दिया जाता है। साइबर युद्ध यह भविष्य में टेक्नोलॉजी के माध्यम से देखने को मिलेंगे जो मानवरहित युद्ध होंगे इसलिए चीन और अमरीका जैसे देशो ने अपनी सैन्य की संख्या को कम करना शुरू किया है। भारत को दुनिया के साथ चलना होगा और इंसानो से ज्यादा टेक्नोलॉजी पर आधारित सुरक्षा व्यवस्था का निर्माण करना होगा।

अग्निपथ योजना यह इसका परिणाम हे परन्तु हम अमरीका और चीन जैसे आर्थिक प्रबल अबतक नहीं बने हे और जनसँख्या और बेरोजगारी यह हमारी समस्याए रही हे इसलिए यह प्रयोग पूरी तरह से करना लगबघ असंभव है। इसलिए बेरोजगारी की समस्या को अलग तरीके से छुड़ाकर डिफेन्स में बदलाव करने होंगे। जागतिकीकरण के कारन सभी देश एक दूसरे से कंप्यूटर और इंटरनेट के माध्यम से जुड़े हुए है जिसको हैक करके दुश्मन देश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद करना यह आजका साइबर युद्ध है।

जिसके लिए टेक्नोलॉजी में एक्सपर्ट लोगो की भारतीय सेना में भविष्य में ज्यादा जरुरत पड़ने वाली है और पारम्परिक युद्ध के लिए तैयार सैन्य की जरुरत बहुत कम लगने वाली है। आटोमेटिक ड्रोन , मिसाइल और रोबोट यह भविष्य के युद्ध के सैनिक रहने वाले है, इसके लिए अगर हम बदलते नहीं हे फिर भी चीन और पाकिस्तान जैसे देश बदलेंगे और जो देश इंसानो के सहारे सैन्य युद्ध लड़ेगा वह ज्यादा नुकसान झेलेगा यह वास्तविकता है। इसलिए हमें यह परिस्थिति को समझना होगा तथा सरकार को यह बात लोगो को ठीक से समझानी होगी।

अग्निपथ योजना की विशेषताए / Features of Agneepath Scheme –

  • अग्निपथ योजना २०२२ को केंद्र सरकार द्वारा सैन्य में क्रन्तिकारी बदलाव करने की लिए लायी गयी हे जो चार साल की सर्विस रहेगी और सैनिक को अग्निवीर कहा जाएगा ।
  • अग्निपथ योजना में चार साल की सेवा में २५ % अग्निवीर स्थाई सेवा के लिए चुने जाएगी और बाकि ७५ % लोगो को सर्टिफिकेट देकर सेवा से मुक्त किया जाएगा।
  • अग्निपथ योजना में सेवा निधि पैकेज की तहत चार साल की सेवा पूरी होने के बाद अग्निवीर को मूल राशि में ११ लाख और व्याज सहित मिलेगी।
  • सामान्य सैनिक की तरह पेंशन और ग्राडुइटी यह अग्निवीर को नहीं मिलेगी।
  • अग्निपथ योजना में अग्निवीर सेवा के लिए १७ साल ६ महीने से २१ साल यह उम्र निर्धारित की गयी है तथा पहली योजना के लिए यह सिमा उम्र २३ तक रखी गयी है।
  • अग्निवीर की सैलरी पहले साल ३०००० से शुरू होकर यह आखरी चौथे साल ४०००० तक रहेगी जिसमे आखिर में राशि देने के लिए जो पैसे काटे जाएगे सरकार अपना हिस्सा जोड़कर ११ लाख की राशि देंगी।
  • अग्निवीर के चार साल के सर्विस पूरी करने के बाद उसे मार्किट में सरकार द्वारा अलग अलग क्षेत्र में रिजर्वेशन मिलेगा जैसे पूर्व सैनिक को मिलती है।
  • अग्निपथ योजना के लाने का सरकार का उद्देश्य यह सैन्य की औसतन उम्र कम करना तथा टेक्नो बेस लडको को सैन्य में भरती करना यह मुख्य रूप से रहा है।
  • अग्निपथ तहत भारत सरकार पेंशन और ग्रडुइटी जैसे खर्चे कम करना चाहती हे और यह राशि टेक्नोलॉजी के विकास के लिए खर्च करना चाहती है।
  • अग्निपथ योजना के माध्यम से सैन्य संख्या को कम करते हुए भविष्य में टेक्नोलॉजी पर आधारित व्यवस्था सैन्य में निर्माण करना चाहते है, जिसका विरोध लोग कर रहे है।
  • अग्निपथ योजना के लिए जो विरोध हो रहा हे इसका प्रमुख कारन लोग स्थाई और की पहली सेवा वापिस रखना चाहते है।

अग्निपथ योजना और राजनीती / Agneepath Scheme & Politics –

अग्निपथ योजना की घोषणा के बाद उत्तरी राज्यों से बड़ी मात्रा में विरोध देखने को मिला है, तथा लोगो द्वारा बड़े पैमाने पर रेलवे तथा अन्य सेवाए खंडित कर दी गयी है। भारत सरकार का मानना हे की इसमें विरोधी पार्टी के समर्थन के सिवाय इतना बड़ा विरोध संभव नहीं है। कुछ मीडिया द्वारा सरकार नोकरियो के जाने वाले क्लासेज द्वारा भी लोगो को भड़काया जा रहा है ऐसा मानना है। भारत सरकार इस योजना को पिछले प्रक्रिया योजना कितनी अच्छी हे यह बताने में असफल रही है ऐसा प्रथमतः दिख रहा है।

सैन्यदल प्रमुखों द्वारा तथा सुरक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा यह योजना कैसे लाभदायक हे यह लोगो को समझाने की कोशिश मीडिया द्वारा की गयी है। मगर ऐसा दिखता है की वास्तविकता यह योजना सैन्य की पुराणी प्रक्रिया से सैन्य में भरती होने वाले लोगो के लिए नुकसान दायक दिखती है। कई बुद्धिजीवी लोगो का मानना है की यह योजना इतने बड़े पैमाने पर नहीं लानी चाहिए थी इसे ट्रायल बेस पर छोटे स्तर पर टेस्ट करना जरुरी है। ऐसा नहीं हे की इस योजना के लिए कोई आवेदन नहीं करेंगे, भारत में बेरोजगारी और गरीबी इतनी ज्यादा हे की लाखो की संख्या में फिर भी आवेदन इस योजना के लिए जरूर आएंगे।

भारत सरकार द्वारा मज़बूरी में भारतीय सैन्य में लोगो की भरती अग्निपथ योजना के तहत नैतिक दृष्टी से कितना सही है यह हमें तय करना है। वास्तविक तौर पर कहे तो भारत के सैन्य में बदलाव करने जरुरी हे और भारत सरकार की आर्थिक परिस्थिति देखते हुए सुरक्षा पर खर्च बढ़ाना यह सबसे बड़ी समस्या है। सभी क्षेत्र के लिए खर्च करना हे यह पहले से तय हे तथा वह पूरी तरह से नहीं हो रहा हे ऐसे में चीन और पाकिस्तान जैसी सिमा से लदे होने के कारन हमें सुरक्षा का खास ध्यान रखना उतना ही जरुरी है। कूटनीति के मामलो में हमें चीन और पाकिस्तान से कैसे सम्बन्ध रखने हे यह सुरक्षा खर्च को निर्धारित करते हे यह भी सत्य है। अंतर्गत राजनीती के लिए जो विचारधारा का इस्तेमाल किया जाता है वह देश के बाहरी विदेश निति पर परिणाम करने वाले निर्णय होते है।

अग्निपथ योजना का आलोचनात्मक विश्लेषण / Critical Analysis of Agneepath Scheme –

बेरोजगारी और गरीबी यह भारत की सबसे बड़ी समस्या हे उसपर जनसँख्या यह तीसरी सबसे बड़ी समस्या है। आर्थिक मामलों में उत्तर प्रदेश और बिहार को गुजरात, कर्णाटक और महाराष्ट्र जैसे राज्यों से स्पर्धा करने के लिए काफी विकास करना होगा। महाराष्ट्र जैसे राज्य में केवल सरकारी नौकरी यह जीवन जीने के लिए पर्याय नहीं होता है वही उत्तरी राज्यों में एकमात्र पर्याय होता हे अच्छी जिंदगी जीने के लिए ऐसा लोगो का मानना है। १९९० के बाद भारत में लगबघ सभी क्षेत्र में निजी करन देखने को मिला है, अग्निपथ योजना यह सैन्यदल में होने वाले बदलाव की एक प्रक्रिया है।

अग्निपथ योजना यह कितनी सही हे और गलत है यह मामला दुय्यम है सबसे प्राथमिकता में है सैन्यदल प्रक्रिया में होने वाले बदलाव इतने बड़े पैमाने पर हे और वह असुरक्षित नौकरी की पॉलिसी के है। लोग सुरक्षित नौकरी चाहते है और अच्छी सैलरी वाली नौकरी चाहते है जो सैन्य में उन्हें मिलती है। सैन्यदल के निचले स्तर के भर्ती के लिए जो वर्ग आवेदन करता है वह गरीब और मेहनत करने वाले छोटे गांव से आता है जिनके सपने बहुत बड़े नहीं होते है। इसलिए अग्निपथ योजना की सबसे बड़ी असफलता यह रही हे की वह इतने बड़े पैमाने पर नहीं लानी चाहिए ।

पूंजीवादी व्यवस्था का स्वीकार करना यह हमारी सबसे बड़ी निति पिछले ३० सालो से रही है मगर क्या हम अमरीका जैसे पूँजीवाद भारत में इस्तेमाल कर सकते है ? वह एक विकसित देश हे तथा उनकी मुद्रा यह जागतिक मुद्रा होने के कारन उनके लिए संपत्ति कही जाती है। भारत में पूरी तरह से निजीकरण करना घातक हो सकता है, सरकार का नियंत्रण रहना महत्वपूर्ण हे और वह अर्थसत्ता को हाथ में रखकर हो सकता है । चीन के बगैर पूंजीवादी मॉडल ने यह सिद्ध कर दिया हे की दुनिया के पूंजीवादी लोकतंत्र के बगैर भी सफल हो सकता है। इसलिए भारत के लिए हमें हमारा पूंजीवादी मॉडल बनाना चाहिए जिसमे बेरोजगारी , गरीबी और जनसँख्या इस समस्याओ पर काम करना चाहिए।

निष्कर्ष / Conclusion –

इसतरह से हमने देखा की अग्निपथ योजना लाना यह सरकारी की मज़बूरी भी हे तथा भविष्य के युद्ध को देखते हुए बनाई गई रणनीति भी है। भारत सरकार यह योजना पिछले सैन्य प्रक्रिया से यह योजना बहुत अच्छी हे यह कह नहीं सकती क्यूंकि वास्तविकता में यह सत्य नहीं है। भारत का आर्थिक बजट वित्तीय तूट से चल रहा हे यह भी वास्तव हमें भूलना नहीं चाहिए जिसके कारन चीन और अमरीका जैसे हमें हमारी सुरक्षा पे खर्च करना उतना ही जरुरी है। भविष्य में होने वाले साइबर युद्ध से लड़ने के लिए हमें सना को आधुनिक करना जरुरी है।

टेक्नोलॉजी के मामलों में हम पूरी तरह युद्ध सामग्री के मामलो में दूसरे देशो पर निर्भर हे जैसे रशिया और इजराइल जैसे देशो से हम युद्ध सामग्री खरीदते है। युद्ध सामग्री में भारत में इससे पहले कोई इन्वेंशन देखने को नहीं मिले हे यह भी वास्तविकता हमें समझनी होगी। युद्ध सामग्री उत्पादन को निजी क्षेत्र में देने का निर्णय भारत सरकार द्वारा किया गया हे जिससे हम इसके लिए आत्मनिर्भर बन सके। परन्तु कंप्यूटर तथा एनरोइड मोबाइल के टेक्नोलॉजी को देखते हुए विदेशी कम्पनिया इसमें एक्सपर्ट मानी जाती है और यह हमारी समस्या है।

भारत सरकार को सुरक्षा क्षेत्र में टेक्नोलॉजी के मामलो में आत्मनिर्भर बनने के लिए शिक्षा क्षेत्र से यह बदलाव करने जरुरी हे और शिक्षा क्षेत्र में आर्थिक बजट बढ़ाना जरुरी है। सुरक्षा बजट बढ़ाना यह जरुरी है मगर केवल एक ही उपाय को देखना यह भी गलत निर्णय हो सकता है। इसलिए हमने अग्निपथ योजना को लाने में कोई गलती नहीं की हे परन्तु लोगो की बाकि समस्याए वैसे ही रखकर हम देश की सुरक्षा में विकास नहीं कर सकते यह भी हमें समझना होगा। इसलिए हमने देखा की अग्निपथ योजना क्या हे और इसके परिणाम क्या हो सकते है।

साइबर युद्ध क्या है ?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *