सफलता मे नसीब कितना महत्वपूर्ण हैं? यह सब कुछ नहीं, कड़ी मेहनत, कौशल प्राप्त मायने रखते हैं, नसीब एक कारक है, निर्धारक नहीं।

प्रस्तावना-

सफलता मे नसीब कितना महत्वपूर्ण हैं? यह सब कुछ नहीं है, कड़ी मेहनत, कौशल प्राप्त अवसर अधिक मायने रखते हैं, नसीब एक कारक है, निर्धारक नहीं। प्रकृति के नियमो को इंसानो द्वारा खोजना इसने विज्ञानं की भाषा में थ्योरी कहते हैं तथा किसी थ्योरी का अपने तरीके से विश्लेषण करना इसे दर्शन (philosophy) कहते हैं । हमारे जीवन का अभिन्न अंग नसीब अथवा लक यह हमारे पूर्व जन्मो का कर्म होता हैं यह मूल धारणा लेकर नसीब को देखते हैं वही कुछ लोग नसीब को प्रकृति को नियमो को समझकर हमारे प्रयासों की सफल होने की संभावना को मजबूत करना यह होती हैं ।

हजारो सालो पहले बुद्ध ने चार आर्य सत्य खोजे जिसमे इंसानो के जीवन में दुःख हैं यह उन्होंने खोजै दुःख के कारन होते हैं यह खोजा तथा इसका समाधान हैं यह बात उनको पता चली जिसे अष्टांगिक मार्ग के नाम से हम जानते हैं, जो आज भी प्रासंगिक हैं। उन्होंने हमारा नसीब हमारे पिछले जन्मो पर आधारित होता हैं इसे सिरे से नाकारा हैं । आज भी लोग सफल होने के लिए संघर्ष करते हैं और सफल लोगो प्रति नसीब के नाम पर चित्रित करते हैं ।

इसलिए हम इस लेख के माध्यम से नसीब अथवा लक क्या होता हैं और इसे हमें कैसे हमारे जीवन में इस्तेमाल करना हैं यह देखना हैं । हा नसीब को बनाना हमारे हाथो में होता हैं क्यूंकि कई सारे सफल लोगो के पीछे हजारो असफलताए होती हैं यह हमें समझना हैं । इसलिए कोई भी कीमत चुकाए बगैर सामने वाले लोगो को सफलता मिली हैं ऐसी हमारी धरना होती हैं जो बिलकुल गलत हैं, इसे हमें समझना होगा ।

सफलता मे नसीब कितना महत्वपूर्ण हैं?

सफलता केवल कड़ी मेहनत करने से मिलती हैं ऐसा साधारण लोगो को लगता हैं, किन्तु अगर ऐसा होता तो किसी कंस्ट्रक्शन साइट पर काम करने वाले मजदूर दुनिया के सबसे आमिर इंसान बन जाते मगर ऐसा नहीं हैं। सफल होने के लिए कड़ी मेहनत कई असफलताए हासिल करने के बाद मिलती हैं। हम देखते हैं चाहे वह कोई खिलाडी हो या बिजनेसमैन बड़ी आसानीसे हम कहते हैं की वह बड़े नसीबवाले हैं मगर इसके पीछे कई सालो की कड़ी मेहनत होती हैं। इसलिए तो कहा जाता हैं की शक्ति का निर्माण सफल प्रयास का प्रोडक्ट हैं, क्यूंकि असफल प्रयास से सफलता हासिल नहीं होती ।

सही समय पर सही जगह उपस्थित होना इसको नसीब कहा जाता हैं जो सफलता में काफी महत्वपूर्ण होता हैं, मगर यह हम जानबूझकर भी नियोजित तरीके से कर सकते हैं। सफलता में नसीब अथवा लक यह हम निर्माण कर सकते हैं, जैसे की अगर हम महत्वपूर्ण परीक्षा के लिए अच्छी तरह पढाई करते हैं और रिजल्ट की चिंता किए बगैर परीक्षा देते हैं तो वहा आपकी मेहनत आपके लिए नसीब अथवा लक निर्माण करती हैं। इसे हम संभावना को और मजबूत करना कहते हैं ।

किसी भी सफलता को हासिल करने के लिए जो जमीन (background) तैयार करना होता हैं यह हमारे नसीब का काम करता हैं। सही जानकारी, सही नेटवर्क, सही मेहनत तथा सही समय हमें निर्धारित करना होता हैं किसी भी उद्देश्य को हासिल कसने के लिए । इसलिए जो भी सफल लोग हमें देखने को मिलते हैं उनका नसीब वह खुद बनाते हैं न की वह अपनेआप उन्हें वह सफलता मिलती हैं ।

सफलता हासिल करने के लिए नसीब कैसे खुद बनाया जाता हैं ?

सही समय पर सही जगह सही प्रयास बहुत महत्वपूर्ण होता हैं जिसे हम लक अथवा नसीब कहते हे मगर हम सफल व्यक्तियों के जीवनी को देखे तो वह नसीब उन्होंने अपने प्रयास से हासिल किया हैं। मिचेल फेलिप ने ओलिंपिक खेलो में अपर सफलता हासिल की हैं जिसमे 28 मैडल जिसमे 23 गोल्ड मैडल हैं जो किसी भी व्यक्तिगत खिलाडी के लिए बहुत बड़ी उपलल्ब्धि हैं जिसमे कई घंटे रोजाना मेहनत शामिल हैं जिससे उन्होंने नसीब को हासिल किया हैं । बिना इस मेहनत के वह इस मक़ाम तक कभी पहुंच नहीं सकते थे ।

थॉमस एडिसन के हजारो असफल प्रयासों के बाद इन्होने 1000 से ज्यादा पेटेंट हासिल किए थे जो खुद का नसीब बनाने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास माना जा सकता हैं । निकोला टेस्ला ने एडिसन के लिए कई संशोधन बनाकर दिए मगर वह खुद इसका लाभ जीवन में नहीं ले सके इसमें नसीब का महत्त्व कितना कह सकते हैं? क्यूंकि सही प्रयास और मेहनत दोनों इसके लिए महत्वपूर्ण हैं ।

किसी भी उद्देश्य को हासिल करने के लिए पहले उद्देश्य निर्धारित करना पड़ता हैं इसके लिए सही प्रयास करना पड़ता हैं रणनीति बनानी पड़ती हैं तब हम किसी उद्देश्य को हासिल करने के लिए संभावना का प्रतिशत बढ़ा सकते हैं जिसे हम लक अथवा नसीब का नाम देते हैं । जब हम किसी भी सफल व्यक्ति को देखते हैं तो हम केवल उसकी सफलता को देखते हैं मगर इसके पीछे हजारो असफल प्रयास छिपे होते हैं जो हम नहीं देखना चाहते हैं।

नसीब अथवा लक को कैसे हासिल किया जा सकता हैं ?

लाटरी का टिकट जीतकर आमिर बना हुवा व्यक्ति बहुत ही जल्द पुनः गरीब बन जाता हैं मगर कई असफलाओ से जूझकर सफल बना हुवा व्यक्ति निरंतर सफल बना रहता हैं इसमें लक अथवा नसीब उसने खुद बनाया होता हैं । इसके लिए हम देखे तो अगर हमारे ऊपर बिजली गिराने की संभावना को बढ़ाना हैं तो सबसे पहले हमें घर से बाहर निकलना पड़ेगा इसके बाद बाहर का वातावरण बिजली गिरने जैसा होना चाहिए । इसके बाद अगर बाहर बिजली चमक रही हैं तो कौनसी जगह बिजली गिरने लो संभावना होती हैं यह देखना होगा ।

इसके लिए हमें शहर की सबसे ऊंची जगह पर हमें जाना होगा इस तर हम बिजली हमपर गिरे इसके लिए हम संभावना को बढ़ाते हैं । इसी तहर सफल होने के लिए हमें ऐसी सम्भावनाओ को हर क्षेत्र में अलग अलग तरीके से बढ़ाना होता हैं जिसे हम लक अथवा नसीब का नाम देते हैं। नेपोटिस्म का नाम हम कई बार सुनते हैं जिसमे किसी भी क्षेत्र में विशिष्ठ परिवार का प्रभुत्व देखने को मिलता हैं, यह गलत चीज नहीं हैं किन्तु इसके लिए गलत तरीको का इस्तेमाल करना गलत हैं ।

जिसे हम नेपोटिस्म कहते हैं इसको सकारात्मक तरीके से हम सफलता की संभावना को मजबूत करना कहते हैं , जिसमे पहली पीढ़ी को उस क्षेत्र में सफल कैसे होना हैं यह पता होता हैं जो फार्मूला वह अपने अगले पीढ़ी को देते हैं जिसमे कई लोग विफल भी होते हैं मगर इसका प्रतिशत बहुत कम बन जाता हैं। इसलिए नसीब अथवा लक यह और कुछ नहीं बल्कि संभावना के प्रतिशत को बढ़ाने का सफलता का सूत्र हैं । इसलिए हम देखते हैं की आर्थिक सफल लोग ज्यादातर वही होते हे जिनकी पिछली पीढ़िया आर्थिक सधन होती हैं, इसका मतलब यह नहीं की दूसरा कोई वह सफलता हासिल नहीं कर सकता मगर वह प्रतिशत बहुत ही कम होता हैं ।

नसीब और कड़ी मेहनत को हम कैसे इस्तेमाल करे?

समाज में बहुसंख्य लोग दिमाख की मेहनत के बजाय शारीरिक मेहनत करना पसंद करते हैं जिससे हमें पता चलता हैं की दिमाख की मेहनत शारीरिक मेहनत से काफी कठिन होती हैं और बहुत कम लोग इसको प्राथमिकता देते हैं । इसलिए हम देखते हैं की समाज का ज्यादातर प्रतिशत अच्छी शिक्षा हासिल करके स्थाई नौकरी करना पसंद करता हैं जिसमे कम असफलता होती हैं ऐसा हमारा मानना हैं। हमारा अज्ञान हमारा प्रयास जो हम करने से डरते हैं यही हमारे नसीब अथवा लक न होने का कारन होता हैं ।

कड़ी मेहनत अगर सही उद्देश्य के लिए नहीं की जाए तो वह मेहनत हमारे कुछ काम की नहीं होती हैं इसलिए हमें सही उद्देश्य हासिल करने के लिए सही ज्ञान को हासिल करने की जरुरत होती हैं मगर हम उम्र के 25 साल तक स्कूली शिक्षा हासिल करने के बाद सीखना बंद करते हैं जिससे हम समय से पीछे रह जाते हैं और समय के साथ आने वाली समस्याओ के लिए हमारे नसीब को कोसते हैं। हम प्रकृति के नियमो को भूल जाते हैं और अपने आप चीजे हासिल हो ऐसी धरना लिए जीवन भर नसीब के भरोसे रहते हैं ।

इसलिए कड़ी मेहनत यह ज्ञान के हासिल करने के बाद सही उद्देश्य की प्राप्ति होती हैं और अपना नसीब खुद बनाने की शुरुवात भी कह सकते हैं । सफल होने के लिए हमें कई असफलताए मिल सकती हैं मगर इससे न घबराते हुए हमें हमारे उद्देश्य के प्रति अटल होते हुए सम्भावनाओ पर लक्ष केंद्रित करते हुए हमारे नसीब को तैयार करना होता हैं । बगैर सही उद्देश्य के यह हासिल नहीं हो सकता जो हमारे ज्ञान के अर्जित करने पर आधारित हैं जो आज के इंटरनेट और  कृत्रिम बुद्धिमत्ता के दौर में बहुत ही सरल हैं ऐसा हमारा मानना हैं ।

सफलता मे नसीब कितना महत्वपूर्ण इसका आलोचनात्मक विश्लेषण – 

सफलता में नसीब कितना महत्वपूर्ण हैं यह बहुत ही विवादस्पद चर्चा का विषय हैं किन्तु हमें  इसे तथ्यों के आधारपर परखना होगा, अगर देखा जाए तो समाज में बहुसंख्य लोगो का मानना हैं की नसीब इंसान के हाथो में नहीं होता हैं वह प्राकृतिक नियमो पर आधारित होता हैं । वही ज्यादातर धार्मिक लोगो का मानना हैं की वह अपने पिछले जन्मो के कर्मो पर आधारित होता हैं ऐसे कई सारे मत नसीब अथवा लक के बारे में हमें देखने को मिलते हैं ।

हमने इस आर्टिकल के माध्यम से तथ्योंके माध्यम से नसीब अथवा लक को आपके सामने विश्लेषण करने की कोशिश की हैं जिसमे ज्यादातर हमारे तथ्य पाठक को मान्य होंगे ऐसा हमें लगता हैं। किसी उद्देश्य को हासिल करने के लिए हमारे प्रयास महत्वपूर्ण हैं इससे किसी में मतभेद होने की संभावना नहीं होगी मगर नसीब को हमारे प्रयासों से संभावना तक पहुंचाया जा सकता हैं यह हमारा प्रयास इस आर्टिकल के माध्यम से रहा हैं।

नसीब को अपने पिछले जन्मो के कर्मो से जोड़ना यह हर किसी के अपने धारणाओं और विश्वास पर आधारित हैं परन्तु अगर तथ्यों को देखे तो हमें जिन उदाहरणों से नसीब को स्पष्ट करने की कोशिश की हैं हमें आशा हैं की यह उदहारण सभी पाठको को उचित लगेंगे। फिर भी इसमें विवाद तो रहेंगे की नसीब और सफलता में काफी महत्त्व नसीब का होता हैं जिससे हर कोई सफल नहीं हो सकता ऐसा निष्कर्ष निकलना होगा जो बिलकुल गलत होगा और हर एक वह सफल व्यक्ति इसे नकारेगा।

निष्कर्ष-

विश्व प्रसिद्द तैराक माइकल फेलिप को 28 पदक मिलने पर किसी पत्रकार ने लकी कहा था इसपर उनका जवाब था की इसके लिए उन्होंने जीवन के महत्वपूर्ण समय को कड़ी मेहनत के लिए समर्पित किया हैं, मतलब उनको लकी कहने पर बुरा लगा था। साधारणतः हमारा यही रवैया होता हैं किसी भी सफल व्यक्ति को हम किसी मक़ाम तक पहुंचते देखते हैं हम बिना सोचे नसीब का नाम देते हैं जिससे उस व्यक्ति की मेहनत की कीमत ख़त्म हो जाती हैं या उसे बुरा लगता हैं।

हैरी पॉटर की लेखिका जे के रोल्लिंग को सही प्रकाशक मिलनेतक का सफर काफी संघर्ष भरा रह हैं जिसके लिए उनका संभावना हासिल करने का प्रयास उनके सही समय पर सही व्यक्ति से मिलने का कह सकते हैं । माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स लेक साइड स्कूल में मेन फ्रेम कंप्यूटर से संपर्क अपने बचपन में ही हुवा जिससे आगे हमें नया कंप्यूटर इतिहास देखने को मिला जिसमे संपर्क में आना जिसके लिए प्रयास महत्वपूर्ण हैं ।

इस तरह से इस आर्टिकल के माध्यम से हमने जानने की कोशिश की हैं की नसीब अथवा लक सफलता में कितना महत्वपूर्ण होता हैं और वह अपने आप काम करता हैं अथवा हमें इसके लिए प्रयास करना पड़ता हैं यह हमने जानने की कोशिश की हैं। हम आशा करते हैं की हमारी इस जानकारी से आपके जीवन में कुछ सकारात्मक बदलाव करने में सफल होंगे या आपको हमारी जानकारी से लाभ मिल सके।

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