प्रस्तावना / Introduction –

२५ साल की उम्र से पहले अपनी शिक्षा पूर्ण करनी चाहिए, पारिवारिक जीवन की शुरुवात होने बाद तथा व्यवसाय और नौकरी शुरू होने के बाद पढ़ना हमारा काम नहीं है। ऐसी कई सारी मान्यताए हमें अपने बुजुर्गो से सुनने को मिलती है। भारत में सबसे ज्यादा पढ़े लिखे लोग कर्मचारी स्तर की नौकरी पाने संघर्ष करते है। अच्छी शिक्षा हासिल करना यह सबसे अच्छी नौकरी पाने का समाज में ज्यादातर लोगो का उद्देश्य होता है।

भारत के सबसे बड़े कंपनियों के मालिकों का मानना हे की भारत के ज्यादातर पढ़े लिखे लोग हमारे कुछ काम के नहीं होते। इसका मतलब हे की जो एम्प्लोयी उनको चाहिए वह शिक्षा भारत की शिक्षा संस्थान नहीं दे पा रही है। सबसे महत्वपूर्ण सवाल हे की शिक्षा हासिल करने का एकमात्र उद्देश्य अच्छी नौकरी हासिल करना यह क्यों होता है ? क्या प्रोफेशनल एजुकेशन इंसान को सुखी जीवन जीने के लिए पर्याप्त है ?

सफल शिक्षा क्या होनी चाहिए यह काफी मुश्किल सवाल हे जो हर माता पिता को तथा उनके बच्चो को लगा रहता है। शिक्षा के लिए आज के दौर में काफी पैसे खर्च करने पड़ते है। डॉक्टर इंजीनियर बनने के लिए काफी पैसा खर्च करना पड़ता है। मैनेजमेंट की शिक्षा देने के लिए भारत में काफी संस्थाए काम करती हे उनका मुख्य उद्देश्य उद्योजक निर्माण करने से ज्यादा एम्प्लोयी निर्माण करना हुवा हे इसी तौर पर डिग्री का अभ्यासक्रम हमें देखने को मिलता है।

ऐसे सभी महत्वपूर्ण शिक्षा से संबंधित प्रश्नो पर हम विस्तृत तरीके से अध्ययन करने की कोशिश करेंगे और वास्तविक तौर पर हमें क्या करना चाहिए यह देखेंगे।

शिक्षा क्या होती है ? What is School Education ? –

हमारा शिक्षा की व्याख्या हे ” शिक्षा मतलब किसी अच्छी नौकरी के लिए पेशेवर डिग्री हासिल करना ” मगर वास्तविकता में शिक्षा यह जीवनभर चलने वाली प्रक्रिया है। आज साधारणतः हमारा उद्देश्य अच्छी शिक्षा प्राप्त करके अच्छी नौकरी हासिल करना और सेटल होना यह होता है। मगर शिक्षा में हमारे जीवन की कई सारी चीजे आती हे जो हमे समझनी होती है।

सबसे बेहतरीन शिक्षा हासिल करने के हुनर यह निरिक्षण करके सीखना यह माना जाता हे जिसके लिए कोई पैसा खर्च करने की जरुरत नहीं होती। हमारी डिग्री धारण करने वाली शिक्षा हमें सही और गलत की पहचान अगर करने में हमें असफल करती है तो यह शिक्षण पद्धती हमारे कुछ काम की नहीं होती। हम केवल अच्छी नौकरी या व्यवसाय में सेटल होने के बाद सीखना बंद कर देते हे मगर शिक्षा यह निरंतर चलने वाली प्रक्रिया हे यह हमें समझना है।

हमें किस क्षेत्र से शिक्षा हासिल करनी चाहिए इसके लिए अगर हमारे माता पिता और नजदीक के लोग जो हमें सलाह देते हे हम वही निर्णय ज्यादातर समय लेते है। मगर हम यह निर्णय लेने के लिए विश्लेषण प्रक्रिया और जानकारी के आधारपर निर्णय लेने से बचते है। किसी विशेष ज्ञान में मास्टर होना और बाकि क्षेत्र में अनपढ़ रहना यह हमारे जीवन जोखिम का काम हो सकता है।

अपनी उच्च शिक्षा को कैसे चुने /How to choose right Higher education –

विल्फ्रेड परेटो कहते हे की सभी शास्त्र बिना एक दूसरे के संबंध के अधूरे हे इसलिए किसी भी दार्शनिक को सभी विषयो होना जरुरी है। हम अपना पेशा चुनते समय अपने नजदीकी लोगो के प्रभाव में ज्यादातर समय निर्णय लेते है। वास्तविक विश्लेषण करके बहुत कम लोग यह निर्णय लेते है। हम कई बार सुनते हे की जिस क्षेत्र में हमारी रूचि हे अथवा प्याशन हे वही क्षेत्र में हमें शिक्षा हासिल करनी चाहिए।

वास्तविक जीवन में अच्छी समझ इंसान में निर्माण होने में उम्र की ३० गुजारने [पड़ते हे कुछ अनुभव हासिल करना होता है। तब तक शिक्षा का हमारा समय निकल जाता हे और हमारी परिवार के प्रति जिम्मेदारियां बढ़ जाती है। इसलिए हमारी सामाजिक धारणाए इस उमर में हमारे जूनून को नहीं विकसित होने देती। हम मज़बूरी में वही पेशे में जिंदगीभर काम करते रहते है, जिससे हम नाखुश होते है ।

किस क्षेत्र में ज्यादा स्पर्धा हे ? किस क्षेत्र में भविष्य अच्छा हो सकता है ? यह शिक्षा हासिल करने के लिए कितना खर्च आने वाला है ? शिक्षा हासिल करने के बाद हम कितने दिनों में सेटल हो सकते है और कितना कमाना शुरू कर सकते है ? जिस क्षेत्र को हम चुन रहे हे उसकी वास्तविकता को जानिए। कोई भी क्षेत्र को पैसे कमाने का जरिया यह एक मात्र कारन न समझिए पर्याय तैयार करना सीखे।

अपनी शिक्षा को कैसे विकसित करे / How to Grow our Education –

शिक्षा को केवल पैसे कमाने का साधन मानना यह हमारी सबसे बड़ी गलती होती हे क्यूंकि शिक्षा का सही अर्थ होता हे सही और गलत की समझ निर्माण करना। इसलिए निरंतर जिंदगी का परिक्षण और निरिक्षण करना यह हमारी शिक्षा का सबसे महत्वपूर्ण पड़ाव होता है। हम हमारे पारम्परिक शिक्षा के लिए हमारे जीवन केवल २० प्रतिशत समय देते हे। बाकि समय हमें जिंदगी से सीखना होता हे और अपनी गलतिया यह हमारे लिए सबसे बड़ी सिख होती है।

इसलिए पारम्परिक शिक्षा हासिल करते समय जितने जल्दी हो सकते आर्थिक शिक्षा हासिल करने की कोशिश करे। यूरोप और अमरीका में सफल लोग अपनी उम्र की १० साल से आर्थिक साक्षरता देते रहे है। हम उम्र के २५ साल तक केवल हमारी पारम्परिक शिक्षा पर ध्यान देते हे और उसके बाद पांच साल नौकरी हासिल करने के लिए। इसलिए उम्र का ४० प्रतिशत समय हमारा आर्थिक शिक्षा को वास्तविक परिस्थिति से सीखने के लिए जाता है।

हम हमारी व्यक्तिगत आर्थिक समस्या का समाधान नहीं करते तबतक हम जीवन में सफल नहीं हो सकते। हमारी सबसे बड़ी समस्या हे की हम सरकारी नौकरी को जीवन मरण का प्रश्न मानते है। जो लोग आर्थिक साक्षर होते बनते हे उनको किसी नौकरी की जरुरत नहीं होती है। वह खुदकी आर्थिक समस्या का समाधान करके दूसरे लोगो की भी समस्या ख़त्म करते है। ऑब्जरवेशन यह शिक्षा हासिल करने का सबसे सस्ता और प्रभावशाली हत्यार हे यह हमें समझना होगा।

प्रोफेशनल शिक्षा का महत्त्व / Importance of Professional Education –

किसी भी क्षेत्र में एक्सपर्ट शिक्षा हासिल करना यह पारम्परिक शिक्षा का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। जिसमे डॉक्टर्स , इंजीनियर और वकील जैसे पेशे होते हे। मैनेजमेंट यह आज के दौर का और एक महत्वपूर्ण हिस्सा हे जो काफी महत्वपूर्ण हे। इसमें भी कई विभाजन करके स्पेशल डिग्री हासिल करनी होती है। यह सभी क्षेत्र काफी महंगे होते हे और इसमें सेटल होना विद्यार्थियों के लिए काफी संघर्ष पूर्ण कार्य होता हे।

भारत में शिक्षा से संबंधित रिफार्म के लिए पहल हमें देखने को मिलती हे मगर रिसर्च और डेवलपमेंट की शिक्षा पर हमें ज्यादा ध्यान देने की जरुरत हे। क्यूंकि अगर मार्किट की मांग को देखे तो यह सभी क्षेत्र में काफी मांग हे मगर सही दर्जे के प्रोफेशनल उपलब्ध न होने के कारन शिक्षा को इसका दोष दिया जाता है। विद्यार्थी किसी दृष्टी से कम नहीं हे मगर हमें सही दिशा में कार्य करना होगा और हमारे करियर को बनाना होगा।

किसी भी पेशे में अंतिम शिक्षा हासिल करना यह सभी प्रोफेशनल विद्यार्थियों का उद्देश्य होना चाहिए। मार्किट में जो स्पर्धा होती हे उसे कमजोर करने के लिए हमें ज्यादा से ज्यादा डिग्रीया उस क्षेत्र में हासिल करनी होगी जो किसी के पास नहीं होती है। इसलिए हमने पहले ही कहा हे की शिक्षा यह किसी सिमित उम्र तक हासिल करने की कोई नियम नहीं हे। अपने ज्ञान को और धारदार करने के लिए उस क्षेत्र की सभी शिक्षा को हमें हासिल करना होगा और वास्तविक अनुभव प्राप्त करना होगा।

मेरिट की वास्तविकता क्या है ? / What is Merrit –

पारम्परिक शिक्षा में सफलता हासिल करने के लिए जन्मसे बुद्धि तेज होनी जरुरी हे यह हमारी सबसे बड़ी गलत जानकारी है। हम निरिक्षण और ऑब्जरवेशन से ज्यादा से ज्यादा जानकारी हासिल करके हमारी बुद्धिमत्ता को बढ़ा सकते है। पारम्परिक शिक्षा में अच्छे मार्क्स लाना यह हमारा मकसद बिलकुल नहीं होना चाहिए। अच्छे शिक्षा संस्थान में एडमिशन हासिल करने हमें अच्छे स्कोर जरुरी होते हे जिसको अभी एंट्रेंस परीक्षा ने जगह लिया है।

इसलिए शिक्षा हासिल करने के लिए हमें किसी भी विषय का अभ्यास उसके कॉन्सेप्ट को समझकर हासिल करना होगा। हम केवल पास होने के लिए पढाई करेंगे तो कभी भी अच्छे मार्क्स नहीं हासिल कर सकते। कॉन्सेप्ट आधारित शिक्षा से हम अपना अच्छे स्कोर का उद्देश्य हासिल कर सकते हे और उस नॉलेज को भी ग्रहण कर सकते है। मेरिट को बनाने का एक तरीका होता हे अगर यह आपको समझमे आएगा तो यह बड़ा सरल मामला लगेगा।

शिक्षा के लिए आपको कैसा वातावरण हे, आपके माता पिता कितना पढ़े लिखे है , आपकी आर्थिक परिस्थिति कैसी है ? आपको पढाई के लिए साधन कितने उपलब्ध है और आपको पढाई के लिए घर में अलग कमरा उपलब्ध है। इन सब चीजों से मेरिट विकसित होती है। यह सब चीजे आपके पास नहीं हे अथवा इनमे से कुछ चीजे आपके पास उपलब्ध हे तो आपको क्या करना चाहिए यह जरुरी है। पिढीजात गुण हमें जरूर मिलते हे मगर वास्तविक जीवन में इसको अगर विकसित नहीं किया तो वह भी कुछ काम का नहीं होता है।

शिक्षा व्यवस्था की वास्तविकता / Facts of Education Policy –

शिक्षा व्यवस्था यह कॉर्पोरेट क्षेत्र के लिए एम्प्लॉयीज तैयार करने का कारखाना हे ऐसा बर्ताव हमें लगबघ सभी जगह देखने को मिलता है। आज हम टेक्नोलॉजी के दौर में जी रहे और जिसकी टेक्नोलॉजी आधुनिक होगी वह दुनियाकी आर्थिक व्यवस्था और राजनीती पर राज करेगा यह माना जाता है। इसलिए पूरी दुनिया अमरीका पर निर्भर हे यह हमें दिखाई देता है, और उनकी मुद्रा डॉलर यह जागतिक मुद्रा है ।

अंग्रेजो के ज़माने से हम पश्चिमी शिक्षा व्यवस्था के अधीन रहकर कार्य करते है तथा प्रभाव में है। वास्तविकता देखे तो कुछ हदतक यह सही भी ज्यादातर प्रोडक्ट हम अमरीका और चीन के इस्तेमाल करते है। अगर हमें आत्मनिर्भर होना हे तो हमें रिसर्च और डेवलपमेंट पर काफी ज्यादा ध्यान देना पड़ेगा और लॉजिकल शिक्षा को सुधारना होगा जिसके लिए राजनीती और सामाजिक वर्चस्व यह हमारी सबसे बड़ी शिक्षा की समस्या है।

पश्चिमी देशो ने १५ वी सदी में इसके लिए संघर्ष किया था और वह सफल रहे जिसके बाद हमने विज्ञानं युग औद्योगिकरण जैसे बदलाव तुरंत राजनितिक और सामाजिक बदलाव के बाद देखे। वह बदलाव भारत में नहीं हुए और पारम्परिक तरीके से हमारी शिक्षा व्यवस्था को भावनिक तरीके से बनाकर केवल पैसे कमाने का जरिया बनाया गया ऐसा दिखता है। क्यूंकि किसी भी पेशेवर डॉक्टर को अगर भारत की राजनीती की समझ के बारे में देखे तो वह काफी अनपढ़ नजर आता है। यह हमारी शिक्षा की सबसे बड़ी असफलता हे।

ड्रॉपआउट विद्यार्थियों की समस्याए / Problems of Dropout Students –

बहुत सारे विद्यार्थी इस शिक्षा व्यवस्था में असफल होते हे इसका मतलब यह नहीं हे की वह दूसरे विद्यार्थियों से कम है मगर इसका कारन मनोवैज्ञानिक है। जिस वातावरण में वह विद्यार्थी रहता हे वैसे उसका सोचने का तरीका बनता है। जिसकी वजह से अगर शिक्षा में रूचि निर्माण नहीं होती यह उसकी समस्या नहीं हे वह शिक्षा व्यवस्था की समस्या हे यह मानना चाहिए।

क्यूंकि हम सिर्फ आर्थिक सफल होने के लिए शिक्षा व्यवस्था को देखते है मगर दुनिया में कई सारे लोग बगैर शिक्षा के आर्थिक सफल बन जाते हे। इसलिए शिक्षा व्यवस्था में जीवन के सभी अंग पर शिक्षा मिलनी चाहिए जो किसी हद तक नहीं देखने को मिलती है। ड्रॉपआउट विद्यार्थियों की समस्या भारत में सबसे बड़ी समस्या नहीं हे क्यूंकि यह केवल सवालों के जवाब मौखिक ध्यान में रखकर परीक्षा में लिखना यह उद्देश्य होता हे जिसमे सभी विद्यार्थी जन्म से एक्सपर्ट इसलिए वह असफल होते है।

जो विद्यार्थी कॉन्सेप्ट के आधारपर किसी विषय को समझने की कोशिश करते हे तब आपकी स्मरण शक्ति कितनी प्रबल हे यह जरुरी नहीं है। दूसरी महत्वपूर्ण बात होती हे की जिसकी पिछली पीढ़िया शिक्षा से दूर रही हे ऐसे लोगो के बच्चो में यह एक गुण मिल जाता हे। जिससे वह स्मरण शक्ति में काफी कमजोर होता हे और शिक्षा के लिए परिवार में वैसे भी कोई रूचि नहीं होती इसलिए वह शिक्षा में असफल होते है।

जानकारी का विस्तार / Expansion of Information –

अगर हमारी पिछली पीढ़िया अनपढ़ हे तो हमारे बुद्धि को विकसित करना काफी मुश्किल काम होता हे और वह सामान्य दूसरे विद्यार्थियों से अलग होता है। इसलिए इसे अलग ट्रीटमेंट की जरुरत होती है। इसलिए जो मेहनत पढाई में बेहतर विद्यार्थी होते हे उनको दो घंटे लगते हे वही पढाई करने के लिए साधारण विद्यार्थियों को इससे काफी ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। यह किसी उपजाव जमीन की तरह होता है, बंजर जमीन को उपजाव जमीन किये बगैर वह उत्पादन देने लायक नहीं बनती।

इसलिए सभी विद्यार्थियों को जानकारी निरंतर हासिल करना सीखना होगा जिसमे किताबे पढ़ना , अलग अलग डाक्यूमेंट्री देखना , सेमिनार अटेंड करना जैसे कई अन्य उपक्रम करने होंगे जिससे वह पारम्परिक शिक्षा के व्यतिरिक्त अपनी जानकारी का भंडार बढ़ा सके। अपने ज्ञान को विकसित करने अलग अलग लोगो से संवाद करना सीखना चाहिए जिससे हम लोगो का मनोविज्ञान अच्छी तरह से सिख सकते है।

यह जानकारी हमें हमारे पारिवारिक रिश्ते तथा हमारा नेटवर्क बढ़ाने के लिए काफी महत्वपूर्ण होती है। बगैर लोगो से इंटरैक्ट हुए हम अपनी सोच को विकसित नहीं कर सकते। अलग अलग डिबेट तथा चर्चा में हिस्सा लेना यह हमारे जानकारी और विश्लेषण क्षमता को बढ़ाने का कार्य करता है। इनफार्मेशन के साथ टेक्नोलॉजी यह मानव इतिहास में सबसे बड़ी क्रांति मानी जाती हे इसका सबसे ज्यादा फायदा लेना सीखना चाहिए।

निष्कर्ष।/ Conclusion –

इसतरह से हमने देखा की शिक्षा में सफलता कैसे हासिल की जा सकती है। हमने जो जानकारी आपके लिए उपलब्ध की हे यह काफी नई हे जो आपने इससे पहले किसी भी प्लेटफार्म पर देखि या पढ़ी नहीं होगी। मगर यह जरूर आपके लिए काफी महत्वपूर्ण जानकारी रहेगी यह हमारा विश्वास है। क्यूंकि शिक्षा पद्धति को हम इतना महत्त्व देते हे की इसे जीवन मरण का प्रश्न बनाते है। बीचमे अगर हमारा कोई साल बर्बाद हो जाए तो हम बहुत बड़ी दुखद घटना मानते है।

शिक्षा यह जीवनभर चलने वाली प्रक्रिया हे जिसमे पैसे कमाने के लिए शिक्षा हासिल करना , समाज को जानने की लिए शिक्षा हासिल करना तथा भारत की राजनीती को समझने की कोशिश करना यह हमारा कर्तव्य है। क्यूंकि यह मामला हमारे जीवन से जुड़ा हे जो हमारे गलत फैसले से हमें इसकी कीमत चुकानी पड़ती है। इसलिए पारिवारिक रिश्ते कैसे निभाने हे, व्यावसायिक नेटवर्क कैसे रखना हे यह व्यावहारिक शिक्षा से संबंधित मामला हे जिसकी कोई डिग्री या सर्टिफिकेट हमें नहीं मिलता ।

इसतरह आपके लिए शिक्षा से सम्बंधित काफी महत्वपूर्ण जानकारी देने की कोशिश की है। जिसमे वास्तविक तौर पर शिक्षा किसे कहते हे यह हमने देखा। मेरिट कैसे बनती हे और इसके भ्रम क्या हे यह हमने देखा। रिसर्च और डेवलपमेंट पर हमें ज्यादा ध्यान देने की जरुरत हे जिससे हम आर्थिक और राजनितिक दृष्टी से दुनिया की राजनीती में अपना खुद का प्रभाव रख सके। यह केवल बातो से नहीं होगा इसके लिए टेक्नोलॉजी में हमें विकसित होना होगा इसका दूसरा अर्थ हे हमें शिक्षा का स्तर सुधारना होगा।

 

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