प्रस्तावना / Introduction –

नोकरी करने वाले व्यक्ती की कीमत उसकी सैलरी कितनी हे इसपर होती है और बिज़नेस करने वाले व्यक्ती की कीमत उसके कुल संपत्ती से होती है। व्यक्तिमत्व विकास और व्यक्तित्व का विकास यह दो अलग बाते है, यहाँ हम व्यक्तित्व के विकास पर बात कर रहे है।
व्यक्तिमत्व विकास यह बाहरी नजरिये से सामने वाले लोगो का प्रभावित करना होता है और व्यक्तित्व के विकास में हमारे भीतर के गुणों को तराशना होता है।

बाहरी व्यक्तिमत्व यह कुछ देर के लिए प्रभावित कर सकता हे मगर निरंतर आपको सामने वाले लोगो को प्रभावित करना हे तो आपके अंदरूनी व्यक्तित्व को पहले तराशना होगा इसे ही हम पर्सनल डेवलपमेंट कहते है।

इस आर्टिकल में हम पर्सनल डेवलपमेंट क्या होता है यह जानने की कोशिश करेंगे। व्यक्तित्व विकास की प्रक्रिया यह निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है यह कुछ समय तक ज्ञान हासिल करने की प्रक्रिया नहीं होती समाज में ज्यादातर लोग इसपर ध्यान नहीं देते इसलिए जिंदगी के किसी ना किसी क्षेत्र में असफल रह जाते है।

व्यक्तित्व विकास क्या होता है / What is personal development –

ऐसा कहा जाता है की कुदरत के नियम का एक महत्वपूर्ण गुण हे यह बदलते रहते है वैसे ही पूर्ण सत्य कोई नहीं जानता केवल जो सत्य के नजदीक होता है उसे हम स्वीकार करते है और समय के साथ उसमे बदलाव करते रहते है। उसी तरह पर्सनल डेवलपमेंट यह हमारे जीवन में चलने वाली एक निरंतर प्रक्रिया है जिससे हम हमारे जीवन को जितना सुखकर बना सकते है उतना कर सकते है।

ज्यादातर लोग जीवन में असंतुष्ट रहते है इसका कारन वह व्यक्तित्व विकास पर ज्यादा ध्यान नहीं देते जिससे हमारी कीमत बढ़ती है जिसे हम मूल्य कहते है। दुनिया में एक व्यक्ती करोडो रुपये सैलरी लेता है तो दूसरी और एक व्यक्ति को दो वक्त की रोटी के लिए तरसना पड़ता है इसका कारन है व्यक्ति व्यक्ति में मूल्य का अंतर होता है जो व्यक्तित्व विकास से आता है।

हम जो २० -२५ की उम्र तक शिक्षा प्राप्त करते है यह हमारा मूल्य बढ़ाता है जिससे हमें अच्छे सैलरी की नौकरी मिलती है, जितनी अच्छी डिग्री हम हासिल करते है उतना मूल्य कंपनी हमारा करती है और हमें नौकरी प्रदान करती है। २० -२५ की उम्र तक शिक्षा हासिल करना यह पूरी तरह से पर्सनल डेवलपमेंट नहीं है, यह एक पर्सनल डेवलपमेंट का हिस्सा है।

व्यक्तित्व विकास के मुख्य घटक/ Elements of personal development –

हमारी समस्याओ का कारन हमारा अज्ञान होता है, ज्ञान प्राप्त करना इसका एकमात्र समाधान होता है इसी को व्यक्तित्व विकास कहा जाता है। व्यक्तित्व विकास के कुछ मुख्य घटक आगे दिए गए है।

  • भय दूर करने के लिए ज्ञान हासिल करना
  • अनुशासन यह व्यक्तित्व विकास के लिए महत्वपूर्ण घटक है।
  • ज्ञान हासिल करने के बाद उसको जिंदगी में अमल में लाना
  • जीवन में निरंतर सीखने की आदत रखना
  • मेंटर , अच्छे दोस्त और अच्छे फोल्लोवेर्स यह नेटवर्क महत्वपूर्ण है।
  • निरिक्षण करना , सुनने की आदत विकसित करना
  • अपनी सोच और कृती से लोगो को प्रभावित करना यह व्यक्तित्व विकास का सबसे आखरी पड़ाव है।
  • हमें हमेशा ध्यान रखना चाहिए की समाज में ९० % लोगो से हम तर्क से नहीं उनकी की आस्था से जुड़े होते है।
  • अपनी सोच और अपनी कृती इसको विपरीत न रखे, जितना इसमें समानता निर्माण करोगे उतना लोग आपको सम्मान देंगे।
  • आर्थिक विकास के लिए किसी एक क्षेत्र में माहिर होना जरुरी है।
  • सुखी जीवन जीने के लिए हमें दुनिया का जितना अनुभव प्राप्त कर सकते हे उतना प्रयास करे इससे जीवन के दुःख कम हो सकते है।

व्यक्तित्व विकास क्यों जरुरी है/Why Personal Development is Important –

व्यक्ती की सफलता उसके आर्थिक सफलता और समाज के लिए उनकी मूल्यता क्या हे इसपर व्यक्ती का व्यक्तित्व विकास आधारित रहता है। व्यक्ती के पास भरपूर पैसा हे मगर सेहत नहीं है वह आदर्श व्यक्तित्व नहीं कहा जा सकता, जहा भरपूर पैसा है सेहत भी हे मगर पैसा कमाने के मार्ग गलत है तो भी ऐसे व्यक्तित्व को शून्य कीमत होती है।

इन सभी बातो का सही संतुलन होना याने व्यक्तित्व का विकास कहा जा सकता है। इसमें आतंरिक विकास और बाहरी विकास इन दोनों को मिलाके व्यक्तित्व विकास होना जरुरी होता है। वैसे तो दुनिया में कोई परफेक्ट नहीं होता कुछ न कुछ खामिया है किसी में होती है मगर हमारे स्वाभाव की सच्चाई यही हमारा व्यक्तित्व होता है।

सृष्टि का नियम कहता है निरंतर बदलाव जरुरी है इसी नियम के तहत हम हमारे जीवन में समय के साथ हमारे विचार में बदलाव नहीं करते तो वह विचार भी पानी की तरह ख़राब हो जाते है इसलिए अपने विचारो में समय के साथ बदलाव करना यह जरुरी बात है।

भावनात्मक बुद्धीमत्ता / Emotional Intelligence –

कॉमन सेंस और बुद्धिमता यह हमारे विकास का सही सतुलित स्तर माना जाता है। भावनात्मक बुद्धिमत्ता का मतलब है अपने स्वाभाव पर नियंत्रण रखना यह गुण किसी यूनिवर्सिटी डिग्री से नहीं आता इसके लिए जीवन का अनुभव यह बाते अपनी भावनाओ पर नियन्तण कैसे रखा जाता है यह सिखाता है।

इसलिए कहा जाता है आप कितने भी बुद्धिजीवी है मगर आपके पास भावनात्मक बुद्धिमत्ता का आभाव है तो आप के कुछ निर्णय आपकी जिंदगी को संकट में डाल सकते है। इसलिए व्यक्तित्व विकास बगैर भावनात्मक बुद्धिमत्ता के अधूरा माना जाता है।

शारीरिक विकास / Physical development –

इंसान के पास कितना भी पैसा हो वह अच्छी सेहत और उम्र खरीद नहीं सकता इसके लिए शारीरिक विकास पर ध्यान देना जरुरी होता है। इसलिए शरीर के लिए कितना समय देना चाहिए यह आदमी पैसा कमाते वक्त भूल जाता है और इसकी कीमत उसे चुकानी पड़ती है।

व्यक्तित्व के विकास के लिए शारीरिक विकास होना उतना ही जरुरी होता है जितना आर्थिक विकास और मानसिक विकास होना जरुरी होता है। शारीरिक पीड़ा यह दुनिया में सबसे बड़ा दुःख माना जाता है इसलिए बगैर शारीरिक स्वास्थ्य के कोई भी सफलता अधूरी है।

व्यक्ति का सही नेटवर्क / Person’s True Network –

व्यक्ति का समाज में किन लोगो से संबंध हे इससे उसके सोचने का तरीका विकसित होता है इसलिए व्यक्ती का नेटवर्क अच्छा होना बहुत जरुरी होता है। आदमी जिस वातावरण में बढ़ता है वैसे उसके विचार बनते है इसलिए सफल होने के लिए अच्छे लोगो की संगत होना जरुरी है।

हम समाज में जितने भी सफल लोगो को देखते है सफलता में महत्वपूर्ण उनका नेटवर्क होता है जो उनके व्यक्तित्व को सवारता है। बहुत कम लोग होते है जो अच्छी सोच रखने वाले बुद्धिजीवी लोगो में नहीं रहे मगर फिर भी वह जीवन में सफल होते है।

खुदपर निवेश करना / Investment on our self –

जैसे हमारे आर्थिक निवेश भविष्य में हमें संपत्ती बनाकर देते है वैसे ही हमारे व्यक्तिगत विकास पर इन्वेस्ट करना यह समाज में हमारे मूल्य को बढ़ाता है।अच्छा एजुकेशन हासिल करना , अच्छी किताबे पढ़ना , अलग अलग भाषा का ज्ञान प्राप्त करना ऐसे कई सारे व्यक्तिगत विकास की गतिविधि को व्यक्तिगत विकास के लिए खुद पे निवेश करना होता है।

जीवन में हमारी धारणा होती है की उम्र के शुरुवाती पड़ाव में हमें शिक्षा हासिल करनी होती है और बाद में जिंदगी भर पैसा कमाना होता है, मगर यह धारणा बहुत गलत धारणा है जीवनभर हमें जिंदगी कुछ न कुछ सिखाती है इसलिए जीवन भर विद्यार्थी की तरह हमें सीखना हमारे व्यक्तित्व को सबसे अलग प्रभाव डालता है।

सामाजिक व्यक्तित्व का विकास / Person’s Social Development –

ऐसा कहा जाता है जिस व्यक्ति ने जीवन का सबसे निचला स्तर देखा है और सफलता की सबसे उचा मक़ाम हासिल किया हो इसे समाज के बारे में अच्छी समज होती है। जो लोग ऊपरी स्तर पर पले बढे होते है उनको निचले स्तर पर क्या सच्चाई हे यह पता नहीं होता इसीको सामाजिक अनुभव कहते है।

सामाजिक अनुभव हम लोगो के दुःख को समझ कर महसूस कर सकते है इसलिए बगैर सामाजिक अनुभव के आपका व्यक्तित्व पूरा नहीं हो सकता।

खुदपर आत्मविश्वास / Self Confidence –

हमारा ज्ञान और हमारी सफल एक्शन हमारे आत्मविश्वास को बढ़ाने का काम करता है। मगर कई बार हमें बहुत असफलता का सामना करना पड़ता है इसलिए विपरीत परिस्थिति में अपने आत्मविश्वास को जो नियंत्रित रख सकता है वही जीवन में सफल होता है।

हमारी सोच में नकारात्मक भाव और सकारात्मक भाव इसमें द्वंद्व होता है इसलिए हमारा आत्मविश्वास इस लड़ाई में हमें सकारात्मक बनाता है। अगर हमारा आत्मविश्वास कम हो जाये तो हम अपने उद्देश्य को कभी हासिल नहीं कर सकते इसलिए हमारा आत्मविश्वास हमे सफलता तक पहुचाता है। इसलिए हमारे व्यक्तित्व के विकास में यह महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है।

विकसित मानसिकता / Developed mindset –

आदमी अपने शुरुवाती शिक्षा के बाद पढ़ना बंद कर देता है और समझ लेता हे की अब मुझे केवल पैसा कमाना है। इससे वह व्यक्ती अपने आने वाली पीढ़ी से पीछे रह जाती है, आज टेक्नोलॉजी हर दिन विकसित हो रही है इसके साथ अगर आप खुद को विकसित नहीं करते तो मार्केट में आपका मूल्य कम होते जाएगा।

इसलिए आप किसी प्रोफेशन अथवा नौकरी में है तो आपको इसमें निरंतर क्या बदलाव हो रहे हे उसको अपनाना होगा। हम किसी भी व्यक्ती को उसके स्वाभाव से जानते है और दस साल बाद भी उसको हम उसी नजरिये से देखते है मगर ऐसा भी हो सकता हे की वह व्यक्ती नॉलेज और पैसे से खुद को विकसित किया हो।

उम्र के २५ -३० के बाद बहुत कम लोग खुद में बदलाव करने की कोशिश करते है और मान लेते हे की मुझे ऐसे ही जीना है मगर जिसको विकसित होना हे वह निरंतर खुद में बदलाव करता है, इसलिए माइंड सेट को निरंतर विकसित करना सफलता के लिए महत्वपूर्ण है।

निष्कर्ष / Conclusion –

यहाँ हमने इस लेख में जानने की कोशिश की हमारे व्यक्तित्व को कैसे विकसित किया जाए। इसके लिए हमने देखा मुख्य रूप से हमारी आतंरिक विकास और बाहरी विकास यह दो धाराए होती है जिससे हम हमारे व्यक्तित्व को निखारते है।

समाज में कई सारे भ्रम फैलाए जाते है जिसकी वजह से सही जानकारी लोगो तक नहीं पहुंचती और हम भ्रमित करने वाली बातो को सत्य समझ लेते है। हमारे आर्टिकल वही सत्य जानकारी आप तक संशोधन करके पहुंचने का काम करते है।

हमारा मुख्य विषय हमारे व्यक्तित्व को कैसे विकसित किया जाए इसके कई घटक हमने विस्तार से जानने की कोशिश की है। इससे पहले हमने एक आर्टिकल लिखा था “खुद को अपडेट कैसे रखे ” यह आर्टिकल लिखने का कारन व्यक्तित्व विकास के लिए कुछ और जानकारी आप तक पहुंचे।

 

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