प्रस्तावना / Introduction –

इस आर्टिकल में हम जानेगे वाल्टेयर के बारे में कैसे उनके विचार बचपन से विकसित होते गए कैसे उन्होंने समाज को अपने विचारो से प्रभावित किया और कैसे आज की दुनिया में हम उनके विचार जीते है। साधरतः वोल्टेयर के बारे में हम केवल उच्च शिक्षा में जानकारी प्राप्त करते है साधारण लोगो के लिए वोल्टेयर कोण हे यह पता नहीं होता।

समाज में ८० % लोग दूसरे लोगो के जीवन और आचरण देखकर खुदका जीवन आचरण तय करते है। वह जीवन आचरण सही हे या गलत हे इसकी तुलना करने की क्षमता उनमे नहीं रहती जो वह जी रहे हे यही सच हे इस धरना में जीवन जीते है। समाज की रचना ही विचारधारा पर निर्भर होती हे उन्हें एकसाथ बांधे रखने के लिए क्या वह सही हे या गलत यह उस समाज के बुद्धिजीवी तय करते है।

समाज को समाज के भ्रम क्या हे और सत्य क्या हे इसपर निर्भर होता हे की समाज कितना जागृत है। वोल्टेयर ने अपने विचारधारा को विकसित कर के समाज में हक़ और अधिकार की जागृती लायी और पुराणी राजव्यवस्था को उनकी गलतियों का अहसास दिलाया। इसके लिए उनको बहुत विरोध झेलना पड़ा और देश से निष्कासित भी किया गया।

मगर उनके विचार समाज में जागृती का काम करते रहे और आखिरकार राज तंत्र ख़त्म होकर सही मायने में लोक तंत्र की नीव रखी। अमरीका में वसाहतवाद को ख़तम कर के एक नए अमरीका का संविधान लिखा गया था मगर उसमे कई खामिया थी जो अश्वेत नागरिको को उनके अधिकार न दे सके। इसलिए वोल्टेयर की क्रांती बहुत ही महत्वपूर्ण थी। यहाँ हम विस्तार से जाने गे की वोल्टेयर वोल्टेयर कैसे बने और क्या हे उनकी विचारधारा जिसने हमारे जीवन को भी बदल डाला।

कौन हे वोल्टेयर / Who is Voltaire –

François-Marie Arouet (1694-1778) वह एक फ़्रांस के मशहूर लेखक, कवी , दार्शनिक, इतिहासतज्ञ, नाटककार , राजनीतीज्ञ थे , जिनके विचारो ने फ़्रांस के समाज में जागृती लायी । वह राजतन्त्र ख़तम करने का कारन बनी। वह एक फ़्रांस के सधन परिवार से आते थे उनके पिताजी यह एक वकील थे और वह चाहते थे उनका बेटा भी वकील बने मगर उनकी रुची थोड़ी व्यापक थी ।

उनकी रुची लिखने में ज्यादा थी इसलिए अलग अलग विषयो का अध्ययन करना और लिखना उनकी रुची थी। १७०९ में उन्होंने अपनी आखो से लुईस -१४ के राजतन्त्र को देखा था जो उनको इसमें काफी खामिया नजर आयी।जिसका उनके विचारो पर काफी गहरा प्रभाव पड़ा।

इसलिए वह राजतन्त्र और उसकी व्यवस्था पर तीखी प्रतिक्रिया देते रहते थे और वैसा ही उनका साहित्य लेखन भी था जो लोगो को प्रभावित कर रहा था खास कर उन लोगो को जो राजव्यवस्था को बड़े पैमाने पर टैक्स दे रहे थे और उस पैसे पर समाज का कुछ वर्ग अपनी ऐशो आराम की जिंदगी बिता रहे थे ।

कुछ दिनों तक उन्होंने फ्रेंच एम्बसी में काम किया और बहुत नजदीक से उन्हें राज व्यवस्था को जानने का मौका मिला जिसपर उन्होंने अपनी विचारधारा का निर्माण किया। जब उन्हें फ्रांस से निष्कासित किया गया तो वह ब्रिटेन में कुछ दिन रहे जहा उन्होंने एक अलग समाज व्यवस्था को देखा जिससे उनपर खासा प्रभाव पढ़ा।

उस वक्त तक ब्रिटेन में पार्लियामेंट स्थापित हो चुकी थी भले ही राज व्यवस्था का प्रभाव समाज पर था मगर किसी एक धर्म का नियंत्रण समाज पर नहीं था इससे उनको समझ में आया की समाज में हर धर्म की स्वतंत्रता याने सेकुलरिज्म से समाज में भाईचारा प्रस्थापित होता हे यह उनके विचारधारा का एक मुख्य अंग बन गया।

वोल्टेयर और उनकी जागृती / Enlightenment of Voltaire –

१७२८ को इंग्लैंड से फ्रांस पहुंचे और उन्होंने ठान लिया था की इंग्लिश लिबरलिस्म का मॉडल फ्रांस में प्रस्थापित करना मगर वह इतना आसान नहीं था, वह इंग्लैंड में न्यूटन और जॉन लॉक के संपर्क में आये जिससे उनपर खासा प्रभाव पड़ा ।

फ्रांस राज्य के गणितज्ञ और धार्मिक दार्शनिक पास्कल के सिद्धांतो को नकारा जो कहते थे की जीवन का उद्देश्य स्वर्ग पाना हे इसको नकार ते हुए वोल्टेयर कहते है की मनुष्य को विज्ञानं और कला में संशोधन करना चाहिए उसे विकसित करना चाहिए जिससे कुदरत तय करेगी की हमारा भविष्य कैसा होगा।

उन्होंने देखा की भविष्य का समाज कैसा होगा जो धार्मिक विचारो पर निर्भर नहीं रहेगा वह खुद अपने बुद्धि का विकास करके निर्णय लेगा।उनके इस विचारो से कई बार उन्हें जेल जाना पड़ा मगर वह कभी नहीं रुके और अपने लिखे हुए आर्टिकल्स और किताबो से अपने विचार लोगो तक पहुंचते रहे जिससे समाज का जो मुख्य निचला वर्ग था वह जागृत होने लगा।

उनको फ्रांस में सबसे महत्वपूर्ण जो बात लगी वह थी बोलने की स्वतंत्रता जिसे उन्होंने अपने राइटिंग में काफी गहराई से लोगो को समझाया। नैतिकता इससे पहले धर्म तय करता था जिसका वोल्टायर ने पुरजोर विरोध किया और राजनीती और धर्म को अलग रखने का विचार समाज में सामने लाया। इलीट क्लास के बारे में वोल्टेयर ने समाज में जागृती लायी इसका प्रमुख माध्यम उनकी राइटिंग रही।

व्यक्तिगत स्वतंत्रता और प्राइवेट प्रॉपर्टी की संकल्पना को वह मानते थे जिससे लोगो को स्वतंत्रता प्रदान करता हे। आज का लोकतंत्र का फॉर्म यह वोल्टेयर के विचारो की देन हे जिसमे लोगो के अधिकार यह महत्वपूर्ण अंग था जिसके साथ राज तंत्र को उन्होंने पूरी तरह से नाकारा और लोकतंत्र की सही मायने में नीव रखी।

वोल्टेयर की विरासत / Philosophy of Voltaire –

वोल्टेयर के जीवन पर काफी तीखी प्रतिक्रियाए आती रही हे क्यूंकि उनके पुरे जीवन में उनके काफी तीखी प्रतिक्रियाए रही हे इसलिए उनके समर्थक भी काफी रहे और जिन व्यवस्था को उन्होंने हिलाया वह तीखे विरोधक के रूप में आज तक देखने को मिलते है। जैसे की हम ने देखा की उनके समर्थक थे वैसे ही विरोधक भी थे इसलिए उनका बहुत सारा साहित्य संगृहीत न होने की वजह से नष्ट हुवा है।

उनके विचारो ने समाज के सभी वर्गों को विचारपरिवर्तन की एक नयी दिशा दे दी थी उसे वोल्टायर युग भी कहा जाता है। उनके दौर के एक पत्रकार के रूप में उन्होंने अपनी भूमिका निभाई जिससे समाज को एक नई दिशा उनके आर्टिकल्स ने दी थी। फ्रांस के समाज को न्यूटन , जॉन लोके और शेक्सपीअर जैसे दार्शनिक की पहचान कराई जिसने समाज में एक नई चेतना ने जन्म लिया।

आज हम देखते हे की दुनिया का ऐसा कोई देश आपको नहीं मिलेगा जो वोल्टायर के दर्शनशास्त्र को न समझाता हो इतनी यह विरासत समाज जीवन पर प्रभाव डाल चुकी है। राजतन्त्र से लोकतंत्र में समाज व्यवस्था का बदलाव यह मानव समाज की सबसे महत्वपूर्ण घटना मानी जा सकती है।

वोल्टेयर के इतिहास के बारे दृष्टिकोण / Voltaire’s views on History –

आज कोई भी बुद्धिजीवी यह मान सकता हे की “किसी भी शासक का चरित्र जानना हो तो उस देश का इतिहास कैसे लिखा गया हे” उसपर समझे की वह शासक कितना ईमानदार है। वोल्टेयर का मानना था की किसी भी इतिहास को अगर परखना हे तो उसे कुदरती नियमो से जांचना चाहिए तभी उसकी असलियत समझ में आएगी।

इतिहास से संबंधित काफी सारी किताबे वोल्टेयर ने लिखी जिसका लिखने का मूल सिद्धांत था की राजनीती और मिलिटरी शक्ति के परे इतिहास की व्याख्या करना और कई सारे इतिहास के अंग दुनिया को दिखाना। उन्होंने इतिहास धार्मिक मानसिकता से बाहर निकलकर एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण और तथ्योंके आधारपर इतिहास कैसे लिखा जाता हे यह दुनिया को दिखाया।

उन्होंने अपने सहित्य से दुनिया को बार बार इतिहास में होने वाले एकतरफा राजनितिक धोखे के बारे बताया और यूरोप के चर्च को गलत इतिहास के कोसा है। इसी से सिख लेकर उन्होंने अपने राजनितिक साहित्य में धर्म और राजनीती को आधुनिक लोकतंत्र में अलग करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण कार्य किया जिससे समाज सही वैज्ञानिक सोच से अपने शासन को चलाए।

वोल्टेयर का साहित्य / Literature of Voltaire –

  • The Henriade (1723)
  • The Maid of Orleans (1730)
  • Mariamne (1724)
  • Zaïre (1732)
  • Mahomet (1736)
  • Nanine (1749).
  • The Age of Louis XIV (1751)
  • Essay on the Customs and the Spirit of the Nations (1756).
  • Micromégas (1752)
  • Plato’s Dream (1756)
  • Candide (1759)

वोल्टेयर के प्रसिद्ध QUOTES –

  • आदमी को उसके सवालों से परखना चाहिए न की उसके जवाबो से परखना चाहिए।
  • जो आपको बेतुकी बातो पर विश्वास दिला सकते है, वे आपको अत्याचार करावा सकते है।
  • अमीरो का आराम गरीबो की प्रचुर आपूर्ति पर निर्भर करता है।
  • आपके विचार भूकंप और महामारी से अधिक परेशानी का कारन बनते हे ।
  • विश्वास उस विश्वास में निहित हे जो कारन नहीं कर सकता।
  • प्रत्येक मनुष्य उस युग का प्राणी हे जिसमे वह रहता हे और कुछ ही ऐसे लोग उस समय के विचारो से ऊपर उठ कर सोच पाते है।
  • हम वास्तव में जीवन जीते नहीं हे , हमेशा अच्छा जीवन जीने के उम्मीद में जीते है।
  • दर्पण एक बेकार अविष्कार है , अपने आप को सही मायने में देखने तरीका दुसरो की आखो में नजर आता है।
  • एक दिन सब कुछ अच्छा होगा यही हमारी आशा है , आज सब कुछ ठीक हे यह हमारा भ्रम है।
  • पूर्वाग्रह वह हे जो मुर्ख तर्क के लिए उपयोग करते ह।

निष्कर्ष / Conclusion –

वोल्टेयर ने समाज की रचना को ही बदल डाला और पुरे पश्चिमी देशो को इससे जागृत किया इसके लिए उन्होंने उनके समकालीन जॉन लोके और न्यूटन के विचारो ने उनको प्रभावित किया और एक विकसित विचारधारा का निर्माण करने में वह सफल हुए। पश्चिमी देशो से निर्माण हुए यह विचारो की क्रांती पूरी दुनिया में फैली और आज जो हम लोकतंत्र देखते हे उसके बोलने की आझादी और सेकुलरिज्म यह विचारधारा वोल्टेयर ने विकसित की।

फ्रेंच क्रांती यह दुनिया में लोकतंत्र प्रस्थापित होने की महत्वपूर्ण घटना थी जिसके बाद दुनिया के सभी बुद्धिजीवी इस विचार से प्रभावित रहे केवल कार्ल मार्क्स इस विचारधारा में पूंजी वाद के विरोध में रहे और व्यक्ति स्वतंत्र और मुक्त अर्थव्यवस्था इसमें पूंजी वाद को बढ़ावा मिलेगा यह उनका मानना था।

वोल्टायर मुक्त व्यापार और व्यक्ति स्वातंत्र्य इसके समर्थन में थे वह अपने मत प्रदर्शित करने में कभी कतराते नहीं थे भले उनको कितनी बार जेल में जाना पड़ा कभी निष्कासित होना पड़ा मगर वह अपने विचारो से कभी हटे नहीं इसलिए सामान्य लोगो में उनका काफी प्रभाव रहा। उनके हर साहित्य में समाज के रूढ़िवाद पर तंज कसा गया था।

स्वतंत्रता की चेतना लोगो में जागृत करना यह वोल्टेयर की मनुष्य समाज के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि रही जिन्होंने राजनीती और धर्म को अलग रखने के लिए पहल की। समाज रचना में एक नया वर्ग निर्माण हुवा जिसे आज हम मध्यम वर्ग कहते हे इसीने कुछ खास वर्ग की राजनीती को ख़त्म किया और लोकतंत्र की नीव रखी।

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