प्रस्तावना / Introduction –

भारतीय शेयर बाजार में हमें कई सारी मैनेजमेंट फण्ड मिलेंगे जो आपके पैसे को अच्छे रिटर्न देते हे परन्तु हम आज अमरीकी मैनेजमेंट फण्ड वैनगार्ड ग्रुप के बारे में जानने की कोशिश करेंगे। वैनगार्ड ग्रुप के पूरी दुनिया भर के १७० देशो में २० मिलियन इन्वेस्टर हे और लगबघ ८ ट्रिलियन अमरीकी डॉलर इतना पैसा इन इन्वेस्टर के माध्यम से कंपनी ने अलग अलग फण्ड में इन्वेस्ट किया हे और सफलता पूर्वक अच्छे रिटर्न के साथ वह पिछले ४० साल से दुनिया का दूसरा सबसे सफल मैनेजमेंट फण्ड के तौर पर चलाया जाता है।

सामान्य इन्वेस्टर को भारतीय शेयर बाजार की जानकारी हासिल करने के साथ साथ दुनिया भर के शेयर बाजार में कौन कौन से अच्छे मैनेजमेंट फण्ड कम्पनिया हे यह जानकारी देने के लिए हमारा यह आर्टिकल लिखने का उद्देश्य है। क्यूंकि ब्लैकरॉक कंपनी तथा वैनगार्ड ग्रुप यह एसेट मैनेजमेंट कंपनियों के बारे में कई भारतीय इन्वेस्टर को पता नहीं है। यह कंपनी पिछले ४० सालो से सफलता पूर्वक कैसे अपने इन्वेस्टर को इतना अच्छा रिटर्न देती हे तथा इन्वेस्टमेंट की उनकी क्या रणनीति होती हे यह जानकारी हम इस आर्टिकल के माध्यम से जानने की कोशिश करेंगे।

भारतीय शेयर बाजार में इन्वेस्टमेंट करते समय हमें दुनिया की शेयर बाजार के बारे में जानकारी रखना हमेशा एक प्लस पॉइंट रहेगा क्यूंकि केवल अपने इन्वेस्टमेंट सलाहकार पर पूरी तरह निर्भर रहना यह अपने इन्वेस्टमेंट को एक तरह से जोखिम में डालना हो सकता है। इसलिए यह जानकारी हम काफी संशोधन करके आपके सामने लाने की कोशिश कर रहे है। इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपके लिए १०% भी नयी जानकारी देने में सफल हुए तो, शेयर बाजार में आपके इन्वेस्टमेंट को और सुरक्षा मिल सकेगी ऐसा हमारा मानना है।

वैनगार्ड ग्रुप बिज़नेस प्रोफाइल / Business Profile of Vanguard Group –

  • कंपनी का नाम – वैनगार्ड ग्रुप
  • इंडस्ट्री – इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट
  • कंपनी की स्थापना – १ मई १९७५
  • कंपनी का मुख्य ऑफिस – पेंसिल्वेनिया -अमरीका
  • संस्थापक – जॉन सी बोगले
  • सीईओ/चेयरमैन – मोर्टिमर जे बुक्लेय
  • प्रोडक्ट – म्यूच्यूअल फण्ड , एक्सचेंज ट्रेड फण्ड, ब्रोकरेज, एसेट मैनेजमेंट और सलाहकार सेवाए इत्यादि
  • कुल एसेट मैनेजमेंट राशि – ८.१ ट्रिलियन अमरीकी डॉलर (२०२२)
  • कर्मचारी – १८८००

वैनगार्ड कंपनी का बिज़नेस मॉडल / Business Model of Vanguard Company –

जैक्स बोगले न १९७५ में इस मैनेजमेंट फण्ड की स्थापना की थी जिसके लिए उन्होंने कुछ नियम तय किए थे जिसमे कोई एक कंपनी का मालिक नहीं होगा। कंपनी का हर एक इन्वेस्टर कंपनी का शेयरहोल्डर रहेगा जिससे कंपनी का मार्किट में एक विश्वास बना रहेगा। वैनगार्ड ग्रुप ने पिछले चालीस सालो से लगबघ ७ प्रतिशत से ज्यादा औसतन रिटर्न दिए है जो महंगाई और टॅक्स फिगर है। जैक बोगले का मानना था की जैसे जैसे शेयर मार्किट विकसित होते जाएगा वैसे वैसे स्टॉक इन्वेस्टमेंट पर रिटर्न कम होते जाएगा।

इसलिए कंपनी ने इंडेक्स फण्ड में अलग अलग तरीके से इन्वेस्टमेंट रणनीति बनाई है और कमीशन को बाकि स्पर्धक कंपनियों से बहुत कम रखा है। कंपनी के पूरी दुनियाभर में १७० देशो में लगबघ २० मिलियन से भी ज्यादा इन्वेस्टर हे जो सामान्य इन्वेस्टर से लेकर बड़े बड़े वित्तीय संस्थाए है। वैनगार्ड ग्रुप ने लगबघ ७ ट्रिलियन अमरीकी डॉलर इतनी रकम स्टॉक मार्किट में इन्वेस्ट की हुई है। इंडेक्स फण्ड यह संकल्पना सबसे पहले वैनगार्ड ग्रुप के माध्यम से स्टॉक मार्किट में लायी गयी जिसमे बहुत कम जोखिम रहती हे तथा औसतन इनकम का ग्यारंटी रहती है।

वैनगार्ड ग्रुप की शुरुवात सबसे पहले वेलिंग्टन मैनेजमेंट कंपनी के अंतर्गत हुई मगर उसके बाद इस कंपनीने अपना खुद का एक अलग मक़ाम बनाया जिसके लिए जैक बोगले और दो विश्लेषक इंजीनियर को साथ लेकर यह कंपनी शुरू हुई थी जो आज १८००० से ज्यादा कर्मचारियों के साथ पूरी दुनियाभर में अपनी सर्विसेज दे रही है। इंडेक्स फण्ड के कम होते मार्जिन को देखते हुए कंपनी ने इन्वेस्टमेंट सलाह के सर्विसेज को बढ़ाने की कोशिश की है जो डिजिटल टेक्नोलॉजी के माध्यम से काफी कॉस्ट सेविंग है। इसलिए वैनगार्ड ग्रुप यह कंपनी दुनिया की एक सबसे बड़ी इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट कंपनी हे जिसका इन्वेस्टमेंट भारत की अर्थव्यवस्था से लगबघ ३ गुना ज्यादा है।

वैनगार्ड ग्रुप का इतिहास / History of Vanguard Group –

1975 में वैनगार्ड ग्रुप की स्थापना होने से पहले जैक बोगले यह वेलिंगटन मैनेजमेंट कंपनी में प्रमुख के तौर पर काम कर रहे थे परन्तु उनके मर्जर के गलत निर्णय की वजह से उनको प्रमुख पद से हटा दिया गया। मगर वह उस कंपनी का हिस्सा रहते हुए वैनगार्ड जो एक ब्रिटिश ऐतिहासिक शिप का नाम हे इस नाम से उन्होंने वानगॉर्ड फण्ड की शुरुवात १९७५ में की थी। शुरुवाती कुछ दिनों तक उनके इस फण्ड को सफलता नहीं मिली मगर १९८० के बाद यह फण्ड काफी सफल होने लगा था। इंडेक्स फण्ड इन्वेस्टमेंट यह उस समय किसी ने सोचा नहीं था जिसको जैक बोगले ने पहली बार स्टॉक मार्किट में यह कॉन्सेप्ट लायी थी।

इंडेक्स फण्ड में जोखिम कम होने के कारन यह फण्ड काफी प्रसिद्द हुवा और वैनगार्ड ग्रुप की सफलता में इस फण्ड का काफी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। जैक बोगले अपने उम्र के ७० साल तक कंपनी के सीईओ के तौर पर रहे परन्तु उसके बाद उन्होंने रिटायरमेंट लेना पसंद किया परन्तु उन्होंने कंपनी के अनुसाशन में रहते हुए काम सैलरी पर रहना पसंद किया। कंपनी के इन्वेस्टर को कंपनी का प्रमुख रहना चाहिए ऐसा उनका मानना था और किसी व्यक्ति विशेष का वैनगार्ड ग्रुप पर अधिकार नहीं होना चाहिए यह उन्होंने निर्धारित किया था।

ब्लैकरॉक कंपनी के बाद यह दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट कंपनी हे जिसका इन्वेस्टमेंट ८ ट्रिलियन डॉलर से भी ज्यादा हे जो भारत की पूरी अर्थव्यवस्था से ३ गुना ज्यादा है। वेलिंगटन मैनेजमेंट कंपनी के अंतर्गत पहला इंडेक्स फण्ड शुरू किया गया जिसे आज वैनगार्ड ५०० इंडेक्स फण्ड के नाम से चलाया जाता है। जैक बोगले ने अपने दो स्टॉक मार्किट विश्लेषक को लेकर कंपनी की शुरुवात की थी जिसमे शुरुवाती दिनों के काफी समय लगा कंपनी को रफ़्तार पकड़ने के लिए। वैनगार्ड कंपनी के आज १८० मिलियन इन्वेस्टर हे जो १७० देशो से वैनगार्ड ग्रुप में निवेश करते है।

वैनगार्ड के संस्थापक जैक बोगले / Vanguard Group Founder Jack Bogle –

जॉन बोगले का जन्म ८ मई १९२९ को न्यू जर्सी में हुवा था और उनके पिताजी अपनी संपत्ती स्टॉक मार्किट में खो चुके थे और इससे वह आर्थिक संकट में फस चुके थे। इससे जैक बोगले के मातापिता का पारिवारिक जीवन बिखर गया और उन्हें अपने उम्र के काफी शुरू से आर्थिक रूप से खड़ा होना पड़ा। जैक बोगले ने अपनी शिक्षा अर्थशास्त्र में पूरी करने के बाद १९५१ में वेलिग्टन मैनेजमेंट कंपनी को जॉइंट किया जिसमे वह बाद में चेयरमैन पद तक पहुंचे मगर कुछ गलत निर्णयों के कारन उन्हें चेयरमैन पद से निष्कासित किया गया। वेलिग्टन मैनेजमेंट कंपनी के चेयरमैन पद से निष्कासन करना यह वैनगार्ड ग्रुप के निर्माण का कारन बना।

वैनगार्ड ग्रुप के सफलता में उन्होंने बनाए हुए सिद्धांतो के कारन लोगो का कंपनी के प्रति विश्वास निर्माण हुवा था। कम कीमत पर और कम खर्च में इन्वेस्टर को अच्छे रिटर्न देना यह कंपनी का प्रमुख उद्देश्य रहा है, जिसमे उनके सिद्धांत काफी महत्वपूर्ण रहे है। वैनगार्ड ग्रुप में उन्होंने किसी विशेष व्यक्ति की अधिकारशक्ति को रखने की बजाए एक नावेल ओनरशिप स्ट्रक्चर बनाया था जिसके माध्यम से इन्वेस्टर को कंपनी का शेयरहोल्डर भी बनाया जाता था।

उन्होंने अपने उम्र के ७० साल तक कंपनी के प्रमुख पद को संभाला परन्तु बिलियन डॉलर की सैलरी लेने की बजाय वह बहुत कम सैलरी लेते थे और उसमे से भी आधी रकम वह चैरिटी के तौर पर दान करते थे। किसी स्टॉक मार्किट में पहली बार उन्होंने इंडेक्स फण्ड की शुरुवात की जिसे बाद में वानगॉर्ड इंडेक्स ५०० फण्ड कहा जाने लगा। उनके इन्वेस्टमेंट प्रिंसिपल के कारन कंपनी को काफी सफलता मिली और आज भी ब्लैकरॉक जैसी प्रस्तिस्पर्धी कंपनी से ज्यादा रिटर्न अपने इन्वेस्टर को देने में कंपनी सफल रही है। उनका मानना था की इन्वेस्टर के पैसे को इंडेक्स फण्ड के द्वारा ही सुरक्षा मिल सकती हे तथा अच्छे रिटर्न मिल सकते है।

जैक बोगले की शेयर बाजार में १० इन्वेस्टमेंट प्रिंसिपल / 10 Principles of Investment in Stock Market By Jack Bogle –

  • “Reversion to mean” यह इन्वेस्टमेंट का सिद्धांत हमेशा याद रखना जिसमे उतर चढाव होते रहते हे मगर हमें औसतन रिटर्न पर ध्यान देना है।
  • “Time is Your Friend” समय आपका मित्र होता हे इसलिए स्टॉक मार्किट में इन्वेस्टमेंट की शुरुवात शीघ्र करे।
  • “Buy Right & Hold Tight” सही इन्वेस्टमेंट करे और शेयर बाजार के उतार चढाव पर ध्यान न देते हुए अपने स्टॉक पर अटल रहे।
  • “Have Realistic Expectation” स्टॉक इन्वेस्टमेंट के लिए ७ % रिटर्न यह महंगाई और प्रिंसिपल बाकि खर्च छोड़कर मिलना यह उद्देश्य रख सकते है।
  • “Forget the needle,buy the haystack” शेयर बाजार में किसी विशेष स्टॉक को खरीदने के लिए अपना समय बर्बाद न करे बल्कि विविधता से युक्त इंडेक्स फंड अथवा एक्सचेंज ट्रेडेड फंड(ETF) ख़रीदे जिसमे जोखिम कम होता हे और रिटर्न ज्यादा मिलता है।
  • “Minimize the croupier’s take” कम कीमत वाले तथा कम टर्नओवर वाले फंड में इन्वेस्ट करे जिसमे रिटर्न ज्यादा मिलता है, जिससे इन्वेस्टमेंट का खर्च कम होता है।
  • “There is no escaping Risk” बगैर जोखिम के आप संपत्ती नहीं बना सकते। आप पैसे नहीं बचाओगे तो अंत में कुछ भी नहीं बचेगा, अपने बचाए हुए पैसे को इन्वेस्ट नहीं करोगे तो वह पैसा महंगाई ख़त्म करेगी।
  • “Don’t Fight the Last War” अतीत में शेयर बाजार में सफलता मिली हे इसका मतलब आप भविष्य में कभी असफल नहीं होंगे यह धारणा गलत है, इसलिए हमेशा वर्त्तमान में रहे और अपने इन्वेस्टमेंट पर कायम रहे।
  • “The Hedgehog Beats the Fox” यह एक मुहावरा हे जिसका अर्थ होता हे की हेजहॉग को केवल एक बड़ी बात अच्छी तरह से पता होती हे और लोमड़ी को कई बाते पता होती है। शेयर बाजार में जो एक्सपर्ट होते है इसमें जो एक्सपर्ट होते हे वह आपको अच्छे रिटर्न देते है।
  • Stay the Course” शेयर बाजार में सफल होने के लिए अच्छा स्टॉक चुनना अथवा किसी स्टॉक का भविष्य जानना नहीं होता है , बल्कि एक इन्वेस्टमेंट की अच्छी रणनीति बनाए और इसपर कायम रहे और अनावश्यक जोखिम को अपने इन्वेस्टमेंट से दूर रखे।

ब्लैकरॉक कंपनी विरुद्ध वैनगार्ड ग्रुप / Blackrock Company vs Vanguard Group –

लार्री फिंक द्वारा ब्लैकरॉक कंपनी की स्थापना १९८८ की गयी थी जो सभी संस्थापक यह उम्र के ४० से ज्यादा थे और एक रूम के ऑफिस से शुरुवात होकर यह कंपनी दुनिया की सबसे बड़ी एसेट मैनेजमेंट कंपनी के रूप में उभरी है। वैनगार्ड ग्रुप की शुरुवात १९७५ में हुई थी और इसमें जैक बोगले तथा दो विश्लेषक इंजीनियर के माध्यम से इस कंपनी की शुरुवात की गयी थी। ब्लैकरॉक कंपनी के सफलता में सबसे बड़ा अहम् कार्य यह इसके इन्वेस्टमेंट सलाह के सर्विसेज ने ज्यादा किया वही वैनगार्ड ग्रुप की सफलता में इंडेक्स फण्ड के इन्वेस्टमेंट तथा वही कंपनी के शेयरहोल्डर रहेंगे यह खास बात रही है।

लार्री फिंक ने कंपनी का नियंत्रण अपने हाथो में रखकर लौ प्रोफाइल जीवन जीने का निर्णय लिया हे वह ज्यादा मीडिया पर नहीं आते वही जैक बोगले ने वैनगार्ड ग्रुप में कभी अपना नियंत्रण रखने की कोशिश नहीं की बल्कि सीईओ के तौर पर सैलरी भी वह बहुत कम लेते थे। लार्री फिंक ने कंपनी के बिज़नेस प्रोफाइल को केवल किसी एक क्षेत्र पर मर्यादित न करते हुए स्टॉक मार्किट के अलग अलग क्षेत्र में अपनी एक्सपर्ट सेवा को देने का कार्य किया है। वैनगार्ड ग्रुप का नेतृत्व जब तक जैक बोगले के हाथो में रहा तबतक उन्होंने अपनी रणनीति को अपने प्रिंसिपल के हिसाब से चलाने की कोशिश की है।

वैनगार्ड ग्रुप में नया नेतृत्व आने के बाद परिस्थितिया बदली हे और कंपनी सलाह सेवाए देने के क्षेत्र में ज्यादा ध्यान दे रही है। वैनगार्ड ग्रुप ने अपना पहला इंडेक्स म्यूच्यूअल फण्ड १९७६ में लाया था जो एक्सटेंडेड ट्रेडेड फण्ड के रूप में रूपांतरित किया गया। इन्वेस्टमेंट के लिए चार्ज की जाने वाली फीस को काफी कम रखा गया था। जिससे कंपनी ने आज अपना इन्वेस्टमेंट फण्ड १७० देशो में ७ ट्रिलियन अमरीकी डॉलर तक बनाया है। ब्लैक कंपनी का बिज़नेस मॉडल वैनगार्ड से अलग हे और कंपनी जे १९८८ से कंपनी का इन्वेस्टमेंट पोर्टफोइलिओ ९.५ बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंचाया है।

वैनगार्ड ग्रुप की विशेषताए / Features of Vanguard Group –

  • वैनगार्ड ग्रुप की स्थापना १९७५ में जैक बोगले ने केवल दो विश्लेषक इंजीनियर को लेकर वेलिंगटन मैनेजमेंट कंपनी के माध्यम से की थी।
  • वैनगार्ड ५०० इंडेक्स फण्ड के नाम से पहला इंडेक्स फण्ड अमरीकी स्टॉक मार्किट में लाया जिसका बाद में काफी लोगो ने अनुकरण करके कई सारे इंडेक्स फण्ड शुरू किए।
  • वानगॉर्ड ग्रुप कंपनी की सफलता में मुख्य रूप से कम कीमत पर इन्वेस्टमेंट फण्ड बेचना तथा उन्ही इन्वेस्टर को कंपनी का शेयरहोल्डर बनाना यह रणनीति रही है।
  • वैनगार्ड ग्रुप कंपनी यह आज लगबघ ८ ट्रिलियन अमरीकी डॉलर का इन्वेस्टमेंट १७० देशो में करती है।
    वैनगार्ड ग्रुप की मुख्य सफलता का कारन रहा हे उनके इंडेक्स फण्ड द्वारा मिलने वाले रिटर्न जो दुनिया की किसी भी कंपनी से ज्यादा रहे है।
  • वैनगार्ड ग्रुप ने खुद को न केवल इंडेक्स फण्ड में रखते हुए अलग अलग एसेट मैनेजमेंट सलाह सेवाए देने का पोर्टफोलियो पिछले कुछ दशकों से बढ़ाया है।
  • दुनियाभर में वानगॉर्ड ग्रुप के लगबघ २० मिलियन इन्वेस्टर हे और वह कंपनी के शेयरहोल्डर भी हे, याने जैक बोगले ने कंपनी को इन्वेस्टर के प्रभुत्व में हमेशा से रखा हे और उनके बाद यह पॉलिसी आज भी रखी गयी है।
  • जैक बोगले का मानना था की किसी विशेष कंपनी में इन्वेस्ट करने में काफी जोखिम होती हे वही इंडेक्स फण्ड में इन्वेस्ट करने से जोखिम कम होती हे तथा रिटर्न भी अच्छे मिलते है।
  • जैक बोगले ने कंपनी के सीईओ के तौर पर उम्र के ७० सालो तक कंपनी का नेतृत्व किया और ८ ट्रिलियन डॉलर कंपनी चलाते हुए भी काफी कम सैलरी पर काम किया, जिसमे से आधी सैलरी वह डोनेट करते रहे है।
  • वैनगार्ड ग्रुप यह दुनिया की एक सबसे बड़ी इन्वेस्टमेंट कंपनी हे जिसकी प्रमुख स्पर्धक अमरीका की ही ब्लैकरॉक यह कंपनी हे जिसकी इन्वेस्टमेंट फण्ड १० ट्रिलियन अमरीकी डॉलर से ज्यादा है।
  • जैक बोगले का व्यक्तिगत पोर्टफोलियो देखते तो उन्होंने पचास प्रतिशत इन्वेस्टमेंट स्टॉक में किया था और ५० प्रतिशत इन्वेस्टमेंट बांड फण्ड में किया था।
  • वैनगार्ड ग्रुप के सफलता का राज इंवेटमेंट चार्जेज यह ०.१ % से कम चार्ज रखे थे मुख्य रूप से फण्ड मैनेजर और एसेट मैनेजमेंट कम्पनिया पैसा ज्यादा कमाती हे और इन्वेस्टर सर्विसेज फीस ज्यादा खर्च करते हे इसको वैनगार्ड ग्रुप ने तोडा और इन्वेस्टर को कंपनी का मालिक बनाया।

भारतीय शेयर बाजार और वैनगार्ड ग्रुप / Indian Stock Market & Vanguard Group –

  • Major Breakup Investment of Vanguard Group in India
  • Housing & finance – 13%
  • Private sector banks – 13%
  • Media & Entertainment – 9%
  • Power Generation & Distribution – 9%
  • Computer software – 9%
    (Source : Moneycontrol.com)

जून २०२२ के आकड़ो से वैनगार्ड ग्रुप ने भारत में २५ स्टॉक में ३३,५६० करोड़ रूपए इन्वेस्ट किए हुए है। वैनगार्ड ग्रुप की इन्वेस्टमेंट की बात करे तो भारत में यह अकड़ा काफी कम है, क्यूंकि उनकी पूरी इन्वेस्टमेंट ८ ट्रिलियन अमरीकी डॉलर से भी ज्यादा है। इसका मतलब हे की उनका ज्यादातर इन्वेस्टमेंट अमरीका की शेयर बाजार में होता हे जहा दुनियाभर की अंतरराष्ट्रीय कम्पनिया ज्यादा लिस्ट होती है। इसलिए हमें वैनगार्ड ग्रुप के बिज़नेस मॉडल का अध्ययन करना हे तो अमरीकी स्टॉक मार्किट के बारे में जानकारी रखनी होगी।

भारत की बात करे तो ज़ेरोदा यह स्टॉक ब्रोकर कंपनी एसेट मैनेजमेंट कंपनी के तौर पर उभर रही हे परन्तु भारत की कंपनियों की बात करे तो रिसर्च और डेवलपमेंट के लिए पूरी तरह से विदेशी कंपनियों पर निर्भर हे जिससे अमरीकी इन्वेस्टर जैसे वैनगार्ड भारत में ज्यादा इन्वेस्ट करने के लिए आकर्षित नहीं होता है। भ्रष्टाचार तथा संशोधन के लिए कम्पनिया ज्यादा पैसा इन्वेस्ट नहीं करना चाहती है इसलिए टेक्नोलॉजी कंपनियों की बात करे तो हमारे कंपनियों को काफी मेहनत करनी होगी। भारतीय शेयर बाजार को विकसित होने के लिए काफी जगह अभी बाकि हे तथा क्षमता भी है।

अमरीका के स्टॉक मार्किट में एप्पल, गूगल, जैसी कम्पनिया ट्रिलियन डॉलर से भी ज्यादा कैपिटल मार्किट वाली हे जितना भारत का पूरा कैपिटल मार्किट लगबघ ३ ट्रिलियन अमरीकी डॉलर का है। इससे अंदाजा लग सकता हे की हमें कितना विकसित होना है। हमारी समस्या हे की हम पाकिस्तानी स्टॉक मार्किट की तुलना करके खुदको खुश करना चाहते है, परन्तु विकसित होने हमेशा बेहतर स्पर्धक को सामने रखकर विकास करना होता है। पिछले कुछ दिनों से भारत की शेयर बाजार से विदेशी निवेश काफी कम हुवा है, जिसे भारत की कंपनियों को सरकारी पॉलिसी से ज्यादा परफॉरमेंस के आधार पर आकर्षित करना होगा।

वैनगार्ड ग्रुप का आलोचनात्मक विश्लेषण / Critical Analysis of Vanguard Group –

वैनगार्ड ग्रुप कंपनी का इन्वेस्टमेंट यह ८ ट्रिलीयन अमरीकी डॉलर हे जिससे हम अंदाजा लगा सकते हे की यह दुनिया के आधे देशो के अर्थव्यवस्था को मिलकर भी नहीं होता इतनी यह कंपनी बड़ी है। इसलिए कंपनी की आर्थिक वर्चस्व को लेकर काफी आलोचना होती हे और दुनिया का पैसा कुछ खास लोगो के पास आकर्षित होता हे जिससे आर्थिक विषमता को बढ़ावा मिलता है। वैनगार्ड ग्रुप में इन्वेस्टमेंट करने वाले लोग यह कंपनी के शेयर धारक भी हे इसका मतलब हे वह इस कंपनी के मालिक भी हे जो लगबघ १७० देशो के एलिट वर्ग के होते है।

जिससे भारत जैसे देश में जो विकासशील देश हे और देश की जनता लोकतंत्र के प्रति अशिक्षित होने के कारन यहाँ भ्रष्टाचार का प्रमाण काफी ज्यादा है। इसलिए ऐसे लोग वैनगार्ड ग्रुप जैसी कंपनियों में ज्यादा इन्वेस्टर होती है जिससे भ्रष्टाचार से कमाई हुई संपत्ती कानूनी हो जाती है। अमरीका में भी कंपनी पर पारदर्शकता न होने के आरोप होते रहे हे परन्तु कंपनी मीडिया से दूर रहने की रणनीति के कारन समाज में ऐसी बड़ी एसेट मैनेजमेंट कम्पनिया लोगो को पता नहीं हे जिसकी वजह से महंगाई का सामना साधारण लोगो को करना पड़ता है।

अमरीका में पूंजीवादी राजनितिक व्यवस्था होने के कारन वैनगार्ड जैसी कम्पनिया अपने पैसे की ताकद से राजनितिक दबाव को नियंत्रित करने रहती है। इसलिए भले ही वैनगार्ड ग्रुप कम्पनिया इतनी शक्तिशाली हो मगर इसके लिए बाकि देशो को रेगुलेशन के माध्यम से स्पर्धा को जायज रखने के बनाने होते है। भारत में इसके लिए CCI यह रेगुलेटरी अथॉरिटी होती हे जो प्रभुत्व को ख़त्म करने का काम करती है। परन्तु अमरीका जैसे देश में कंपनियों का बड़ा होने के लिए बढ़ावा दिया जाता हे जिससे ट्रिलियन डॉलर कम्पनिया कई सारी देखने को मिलती है।

निष्कर्ष /Conclusion –

इसतरह से हमने देखा की कैसे अमरीका की इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट कंपनी इतनी बड़ी होती है। इसका मुख्य कारन होता हे अमरीकी कम्पनिया ज्यादातर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्य करती हे और अमरीका एक दुनिया की महाशक्ति के तौर पर देखा जाता है। यूरोप और अमरीका को छोड़ दे तो वैनगार्ड ग्रुप की इन्वेस्टमेंट यह लगबघ दुनिया के आधे देशो के अर्थव्यवस्था से भी बड़ी है। इससे हम अंदाजा लगा सकते हे की यह कम्पनिया कितनी बड़ी होती है, भारत के स्टॉक मार्किट में हमें इन्वेस्टमेंट करने से पहले हमें दुनिया की शक्तिशाली शेयर बाजार का अध्ययन करना जरुरी हे तभी हम सफल हो सकते है। ।

ज्यादा पैसा होने के कारन यह कम्पनिया मार्किट की अर्थव्यवस्था को समझने के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करती हे जो साधारण इन्वेस्टर कंपनियों के लिए यह मुश्किल होता है। वैनगार्ड ग्रुप तथा ब्लैकरॉक जैसी कंपनियों की सलाह अमरीका की सरकार द्वारा भी मुश्किल समय में लिया जाता है इतनी इन कंपनियों की विश्वसनीयता है। वैनगार्ड ग्रुप यह कंपनी मीडिया से काफी दूर रहती हे जिसके कारन शेयर बाजार से जुड़े लोगो को भी इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं देखने को मिलती है।

वैनगार्ड ग्रुप इस कंपनी के बारे में अंग्रेजी में हमें कुछ आर्टिकल देखने को मिलते हे मगर हिंदी में इसकी जानकारी न के बराबर देखने मिलती है। इसलिए हमारा उद्देश्य होता हे की जो जानकारी हिंदी में उपलब्ध नहीं हे उसे हिंदी में संशोधन करके लाना। जिसके माध्यम से हमें वैनगार्ड ग्रुप की जानकारी हासिल करने के लिए काफी गहरा संशोधन करना पड़ा है। सवाल खड़ा होता हे की भारतीय शेयर बाजार में इन्वेस्ट करते समय यह जानकारी कैसे महत्वपूर्ण है ?अमरीकी डॉलर जब मजबूत होता हे तो भारत के छोटे से गांव तक इसके परिणाम देखने को मिलते हे।

इंडेक्स फंड क्या होता है ?

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