प्रस्तावना / Introduction –

इटालियन दार्शनिक तथा अर्थशास्त्री जो पेशे से डॉक्टरेट ऑफ़ इंजीनियर रहे हे मगर ८० -२० परेटो सिद्धांत के लिए दुनिया में जाने जाते है। संपत्ति और पैसा यह दो अलग चीजे हे यह सामान्य लोगो को पहली बार पता चला क्यूंकि इससे पहले केवल समाज का कुलीन वर्ग यह जानता था। उन्होंने समाज के इस कुलीन वर्ग को एक नया नाम दिया जो आगे जाके काफी प्रसिद्द हुवा और जाना जाने लगा शब्द “एलिट क्लास ” जिसे आज बड़ी सामान्य तरीके से लोग जानते है।

हम यहाँ उनके अर्थशास्त्र तथा दर्शनशास्त्र को साधारण भाषा में जानने की कोशिश करेंगे उन्होंने जो परेटो प्रिंसिपल दिया वह समाज के सभी स्थर पर इस्तेमाल होता है चाहे वह राजनीती हो या अर्थव्यवस्था सभी जगह वह नियम इस्तेमाल किया जाता है। कुदरत के नियम का सहारा लेकर तथा तर्कशास्त्र के आधार पर उन्होंने सांख्यशास्त्र का इस्तेमाल किया और ८० -२० यह सिद्धान्त विकसित किया जो आज दुनिया की बड़ी से बड़ी कम्पनिया इसका इस्तेमाल अपने बिज़नेस को बढ़ाने के लिए करती है।

विल्फ्रेड परेटो के सभी संशोधन का हम यहाँ अध्ययन करने की कोशिश करेंगे तथा गरीब अधिक गरीब और आमिर अधिक गरीब कैसे बनता हे इसके लिए वह पैसे के मनोविज्ञान तथा संपत्ति का मनोविज्ञान हमें समझाते है। इससे पहले हजारो सालो तक आमिर लोगो का यह एक सीक्रेट फार्मूला रहा था जिसको उन्होंने दुनिया के सामने रखा। इसलिए हम उनके दर्शनशास्त्र के सभी दृष्टिकोण का अध्ययन करने की कोशिश करेंगे।

विफ्रेड परेटो १८४८ -१९२३ / Vilfredo Pareto (1848 -1923) –

वह एक इटालियन अर्थशास्त्री तथा समाजशास्त्री थे जिन्होंने समाज को दो विभागों में बाटा और एलिट क्लास तथा बाकि समाज को आर्थिक दृष्टि से अलग करके दुनिया के सामने रखा। अपने आखरी दिनों में वह स्वीट्ज़रलैंड के जिनेवा शहर में रहे और वही उनका देहांत हुवा। इटली में उनके साहित्य का काफी विरोध किया गया खास कर के समाज के एलिट कहे जाने वाले वर्ग ने उनके इस सिद्धांत का जमकर विरोध किया।

पेशे से वह एक डॉक्टरेट ऑफ़ इंजीनियर रहे हे मगर उनकी रूचि अर्थशास्त्र तथा समाजशास्त्र में होने के कारन उन्होंने इसपर काफी संशोधन किया तथा अपने परेटो प्रिंसिपल को गणिति नियम के आधारपर विकसित करके दुनिया के लिए एक महत्वपूर्ण संशोधन दिया जो आज समाज के तथा अर्थव्यवस्था के सभी अंगो में इस्तेमाल होता है। अपना ग्रेजुएशन उन्होंने १८६९ में यूनिवर्सिटी ऑफ़ टूरिन से पूरा किया जिसमे उनके प्रमुख विषय गणित तथा भौतिक विज्ञानं रहा है।

अपने इंजीनियरिंग पेशे में वह इटली के रेल्वे के निर्देशक रह चुके है इसी दौरान उन्होंने अपने दर्शनशास्त्र को विकसित किया और इसके लिए काफी दिनों तक अध्ययन करते रहे। १८९३ में उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ़ लॉसेन स्विटज़रलैंड में कई दिनों राजनितिक अर्थशास्त्र में अध्यापक का कार्य किया। उनका संपत्ति का वितरण यह अध्ययन काफी विवादित रहा हे मगर फिर भी उन्होंने दुनिया के सामने रखा तथा सरकार द्वारा उनके अध्ययन के लिए कई बार चेतावनी दी गयी मगर फिर भी उन्होंने अपना अध्ययन जारी रखा।

परेटो अर्थशास्त्री और समाजशास्त्री / Pareto Economist & Sociologist –

वह पेशे से एक इंजीनियर रहे है उन्होंने इटली रेलवे में निर्देशक के तौर पर तथा इटालियन निजी कंपनी आयरन वर्क में बतौर जनरल मैनेजर के तौर पर उन्होंने कई दिनों तक काम किया और उसी दौरान अपने अर्थशास्त्र और समाजशास्त्र के सिद्धांतो को विकसित किया। अर्थशास्त्र का अध्ययन करते समय उन्होंने समाजशास्त्र को उससे जोड़ा और एक नया सिद्धांत दुनिया के सामने रखा जो समाज का एलिट वर्ग उजागर नहीं करना चाहता था।

उन्होंने अर्थशास्त्र को बाकि अर्थशास्त्री से अलग से अध्ययन किया और गणित का उपयोग उन्होंने अर्थशास्त्र के छुपे हुए नियमो को दुनिया के सामने रखा जिसमे परेटो प्रिंसिपल , परेटो इंडेक्स , परेटो चार्ट परेटो एफिशिएंसी तथा परेटो डिस्ट्रीब्यूशन जैसे कई सारे सिद्धांत निर्माण किये जिसका मूल आधार गणित और तर्कशास्त्र के आधारपर वैज्ञानिक तरीके से उन्होंने इन सबका अध्ययन किया।

उन्होंने समाज के एलीट वर्ग के पास संपत्ति का संचय ज्यादा क्यों हे तथा समाज का बहुसंख्य वर्ग इतना गरीब क्यों हे इसके कारन ढूंढे और पैसा और संपत्ति का यह एलीट वर्ग कैसे इस्तेमाल करता है यह अध्ययन किया। जिस वक्त उन्होंने यह सब विवादित सिद्धांत दुनिया के सामने रखे उसवक्त इसको किसीने स्वीकार नहीं किया मगर आज दुनिया के सभी शिक्षा संस्थानों में उनके यह सिद्धांत विद्यार्थियों को पढ़ाए जाते है, उनके सिद्धांत इतने प्रासंगिक रहे हे ।

परेटो का एलिट सर्कुलेशन सिद्धांत / Elite Circulation Principle –

विल्फ्रेडो परेटो कई दिनों तक अर्थशास्त पर अध्ययन करते नजर आते हे तथा वह कई दिनों तक छात्रो को अर्थशास्त्र पढ़ाते भी हे मगर अपने कई सार्वजनिक भाषणों में वह बताते हे की वह महसूस कर रहे हे की वह अर्थशास्त्र को किसी तोते की तरह रट रहे है। यह महसूस होने के बाद उन्हें यह ज्ञात हुवा की सामाजिक राजनीती तथा अर्थशास्त्र यह विषय एकदूसरे से जुड़ा हुवा विषय हे इसलिए उन्होंने फिर सामाजिक और राजनितिक स्तर पर समाज का अध्ययन शुरू किया।

राजनितिक और सामाजिक अध्ययन करते समय उन्होंने पाया की समाज एक वर्ग सत्ता कोई भी हो मगर यह वर्ग कभी नहीं बदलता वह निरंतर अपनी सत्ता बरक़रार रखता है। इस वर्ग को परेटो नाम देते है “एलीट क्लास” जो निरंतर अपना समाजपर प्रभुत्व बरकार रखने के लिए कोशिश करते रहते है। समाज का निचला स्तर अपनी बुद्धि क्षमता को बढाकर इन एलिट क्लास में जगह पाने की कोशिश जिंदगी भर करता रहता है।

इसी सिद्धांत को वह “सर्कुलेशन ऑफ़ एलिट” कहते हे जिसमे बदलाव तो होते हे मगर लायन जाता हे तो फॉक्स आता हे और फॉक्स जाता हे तो लायन आता हे यह उदहारण वह देते है। मगर इस एलिट क्लास में कोई नया व्यक्ति अथवा समाज अपनी जगह निर्माण करने में असफल रहता है। इसके लिए दुनिया में अलग अलग तरह के सामाजिक स्तर अपने हिसाब से बनाकर रखे है जिसके हिसाब से एलीट वर्ग अपना वर्चस्व हमेशा समाज के आर्थिक और राजनितिक स्तर पर बनाए रखता है।

८० -२० परेटो सिद्धांत / 80 -20 Pareto Principle –

यूनिवर्सिटी ऑफ़ लॉसेन में अध्यापक के तौर पर कई दिनों तक कार्य करते समय उन्होंने एक सिद्धांत विकसित किया जिसको परेटो प्रिंसिपल कहा जाता है। उन्होंने देखा की इटली में ८० % संपत्ति २० % लोगो के पास हे तथा सत्ता भी इन्ही २० % लोगो के पास हे जिसे उन्होंने ८० -२० सिद्धांत नाम दिया और वह आगे जाकर काफी प्रसिद्द हुवा।

आज के दौर में मैनेजमेंट कॉलेजेस तथा कई सारे शिक्षा सस्थानो में परेटो का यह सिद्धांत अलग अलग तरीके से सिखाया जाता है। मतलब समाज के आर्थिक व्यवस्था में तथा राजनितिक व्यवस्था में इन्ही प्रिंसिपल द्वारा निरिक्षण निकाले जाते है जो एकदम सटीक होते है। इन्ही सिद्धांतो के कारन आगे जाकर कई सारी समस्याओ का समाधान इन सिद्धांतो को इस्तेमाल करके होने लगा इसलिए परेटो का यह सिद्धांत दुनिया के लिए काफी महत्वपूर्ण संशोधन माना जाता है।

विल्फ्रेडो परेटो ने देखा की अर्थशास्त्र को सामाजिक और राजनितिक दृष्टिकोण से बगैर देखे कोई भी संशोधन पूर्ण नहीं हो सकता इसलिए वह एक इंजीनियर होते हुए भी पहले वह एक अर्थशास्त्री बने और उसके बाद उन्होंने सामाजिक और राजनितिक स्तर पर अध्ययन करना शुरू किया जिससे हम उन्हें एक परिपूर्ण दार्शनिक मान सकते हे जो पुरे समाज का बड़ी बारीकी से अध्ययन करके उसकी समस्याओ पर काम करता हे तथा उसके लिए समाधान भी खोजता है।

राजनीती शास्त्र और परेटो / Political Science & Pareto –

कई दिनों तक अर्थशास्त्र का अध्ययन करने के बाद उन्होंने पाया की समाज के विभिन्न विषयो को बगैर जोड़े अर्थशास्त्र किसी भी काम का नहीं है इसलिए उन्होंने आगे की अपनी जिंदगी उन्होंने समाज का अध्ययन करने में तथा राजनितिक रचना को जानने में बिताई। उन्होंने काफी देशो का अध्ययन करने के बाद देखा की समाज का एक विशिष्ट वर्ग राजनितिक सत्ता तथा सामाजिक वर्चस्व प्रस्तापित किए हुए है।

जैसे उन्होंने देखा की इटली में २० % लोगो के पास इटली की ८०% संपत्ति संचित हे उसी तरह उन्होंने दुनिया के अन्य विकसित और अविकसित देशो का अध्ययन किया और देखा की सभी देशो में यही पैटर्न देखने को मिलता है। उन्होंने देखा की लोकतंत्र एक भ्रम हे और समाज का एलिट वर्ग सभी सत्ता पर वर्चस्व प्रस्तापित किए हुए है।

इटली के प्रसिद्ध नेता मुसोलिनी अपने छात्र जीवन में १९०९ में यूनिवर्सिटी ऑफ़ लॉसेन में विल्फ्रेडो परेटो के भाषण सुनाने जाते थे, ऐसा कहा जाता हे की शुरुवाती दिनों में वह सोशलिज्म से काफी प्रभावित रहे थे मगर बाद में उन्होंने समाज के एलिट वर्ग को साथ में लेकर सत्ता चलाने की कोशिश की मगर एलिट वर्ग की एक समस्या होती हे वह तानाशाह असफल होते है। इसलिए समाज में लोकतंत्र को विल्फ्रेडो परेटो एक भ्रम और छलावा मानते है।

संपत्ति और पैसे का वितरण / Distribution of Wealth & Money –

अर्थशास्त्र का अध्ययन करते करते विल्फ्रेडो परेटो ने राजनीतिकशास्त्र को अर्थशास्त्र से जोड़कर देखना शुरू किया और पहली बार एलिट समाज के एलिट होने का कारन दुनिया के सामने रखा। उन्होंने पाया की संपत्ति और पैसे यह दो अलग चीजे हे और एलीट क्लास अपना आर्थिक और सामाजिक वर्चस्व टिकाए रखने के लिए संपत्ति का संचय बड़ी मात्रा पर करता रहता है

इसलिए एलिट क्लास में कोई नया व्यक्ति अथवा समाज आने के लिए काफी मुश्किल होता है। इसके लिए परेटो ने इटली के समाज का अध्ययन किया और पाया की २० % लोगो के पास इटली की ८० % संपत्ति केंद्रित हो चुकी है। ज्यादातर यह संपत्ति इन्वेस्टमेंट से निर्माण होती हे और समाज का ज्यादातर हिस्सा नौकरी करता हे और काफी कम लोग इससे संपत्ति निर्माण करने में सफल होते है।

एलिट वर्ग के पास जो संपत्ति होती हे वह विक्री के लिए उपलब्ध नहीं होती वह संचित रहती हे और एक पीढ़ी से दूसरे पीढ़ी के पास शिफ्ट होते रहती है इसके लिए शिक्षा और संधि यह एलिट वर्ग के लिए दूसरे वर्ग से बेहतर अवसर होते है मगर फिर भी इसमें कोई एलिट यह प्राप्त न कर पाए तो भी वह अपने संपत्ति के माध्यम से किसी बुद्धिजीवी से ज्यादा अच्छा स्टेटस समाज में प्राप्त करता है।

विल्फ्रेडो परेटो का प्रसिद्ध साहित्य / Literature of Vilfredo Pareto –

  • The Rise & Fall of Elites
  • Mind & Society
  • Consideration on the Fundamental Principles of pure political Economy
  • The Rise of Professionalism
  • Compendium of General Sociology
  • Manual of Political Economy

निष्कर्ष / Conclusion –

इसतरह से हमने देखा की विल्फ्रेडो परेटो कैसे एक अलग दार्शनिक बने जिन्होंने समाज के मूल समस्याओ को खोजा और उसके लिए समाधान भी निर्माण किया। वैसे तो वह पेशे से एक इंजीनियर थे मगर शुरुवाती दिनों में अपना काम बतौर रेलवे अधिकारी और बाद में निजी कंपनी में मैनेजर के तौर पर कार्य करते समय उन्होंने अपने अध्ययन में काम निरंतर शुरू रखा।

जिसमे पहले उन्होंने अर्थशास्त्र का काफी अध्ययन किया और कुछ समय तक स्विट्ज़रलैंड में अध्यापक के तौर पर काम किया मगर उन्हें हमेशा से वह अर्थशास्त्र अधूरा लगता था। जिसे पूर्ण करने उन्होंने आगे राजनीतिकशास्त्र तथा समाजशास्त्र पर अध्ययन करना शुरू किया और दुनिया के सामने कई सारे राज रखे जो काफी चौकाने वाले थे।

उनके संशोधन को शुरुवाती दिनों से इटली में काफी विरोध का सामना करना पड़ा क्यूंकि उनका जो अध्ययन था वह एलिट वर्ग के खिलाफ था और समाज के बहुसंख्य लोगो के लिए था जिसमे समाज में अशांति निर्माण होने की संभावना निर्माण हुई थी इसलिए इटली सरकार द्वारा कई बार उन्हें चेतावनी दी गई थी। मगर उन्होंने अपना अध्ययन मरते दम तक शुरू रखा और इसी दौरान उन्होंने कई सारी जो आज के समाज के लिए काफी बहुमूल्य धरोहर मानी जाती है।

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