प्रस्तावना / Introduction –

इंसान अपने जीवन के अनुभव से सीखता हे और यह सिख अपने अगले पीढ़ी को विरासत के रूप में देता है। जो लोग समाज में सफल होते हे वह दुसरो के जीवन के अनुभव से सिख लेते हे और वह अपने जीवन में इस्तेमाल करते हे। इसलिए जीवन में सफल होने के लिए खुद के अनुभव से सफल होने के लिए काफी समय और कीमत चुकानी पड़ती है। इसलिए महान लोगो की जीवनी से हम यह सब सिख का अनुभव लेकर अपने जीवन के उद्देश्य को प्राप्त कर सकते है।

लिओनार्दो दा विन्ची यह एक महान कलाकार थे जिन्होंने अपनी कला को एक अलग मक़ाम पर पहुंचाया है। जिस ज़माने में ऐसे कला को एक कुशल कारीगर की तरह देखा जाता था उस समय उन्होंने अपनी कला को अलग से स्थान निर्माण किया। उनकी चित्रकला विशेष रूप से काफी सफल रही हे जिसके इटली के राजव्यवस्था से लेकर फ्रांस के राजा तक दीवाने रहे है। लेकिन वह इसी एक कला में खुद को बांधकर नहीं रख सके।

इसलिए उन्होंने अलग अलग क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ी है। जिसमे इंजीनियरिंग , विज्ञानं , युद्धशास्त्र में नई तकतिक कहे ऐसे कई सारे शास्त्र पर उन्होंने अध्ययन किया था। उनकी जो डायरी थी उसमे उन्होंने कई संधोशन कागज पर उतरे थे जो हम आज देखते है। वह केवल उसको प्रत्यक्ष रूप में उतरने के लिए सफल नहीं हुए मगर उनकी सोचने की शक्ति पंधरवी सदी से काफी आगेकी रही थी।

लिओनार्दो दा विन्ची (१४५२ -१५१९) / Leonardo da Vinci –

उनका जन्म बैगैर शादी के मातापिता द्वारा हुवा था। वह अपने पिताजी और सौतेली माताजी के पास रहते थे जो एक नामी जमीनदार और नोटरी थे । अपनी उम्र की ३० साल तक उन्होंने अपनी शिक्षा पर उतना ध्यान नहीं दिया मगर जैसे जैसे उन्हें जीवन के बारे में रूचि बढ़नी लगी वैसे वैसे वह अलग अलग विषयो का अध्ययन करने लगे। वह इतने महान बने इसके पीछे यही कारन था की वह उस वक्त के समाज से सौ साल आगे सोच रहे थे।

जिसे की उनके पिताजी फ्लोरेंस में काफी प्रतिष्ठित व्यक्ति थे इसलिए उन्होंने लिओनार्दो को एंड्रिया डेल वेरोच्चिओं के पास कला सीखने के लिए रखा था। वह मूर्तिकला तथा पेंटिंग में काफी माहिर और प्रसिद्द व्यक्ति माने जाते थे। उन्होंने एंड्रिया के साथ काफी दिनों तक काम किया और अपने इस कला को अलग अलग क्षेत्र में इस्तेमाल किया। जैसे के इंजीनियरिंग क्षेत्र में , मिलिटरी संशोधन में , मेडिकल साइंस में तथा उनके संशोधन का दायरा इस जीवन काल में काफी विस्तृत रहा है।

उनकी मोनालिसा यह पेंटिंग पूरी दुनिया के लिए एक महत्वपूर्ण कला का नमूना रहा हे तथा येशु ख्रिस्त की आखरी समय की पेंटिंग भी काफी प्रसिद्द हुई थी। वह कुदरत के लिए काफी संवेदनशील रहे हे जिसमे वह जीवनभर शाकाहारी रहे हे और पशुहत्या वह काफी विरोध करते थे। पशुओ के अधिकार यह संकल्पना उन्होंने उस समय समाज के लिए दिखाई थी और वह दुसरो को भी यह सिखाते थे। एक व्यक्ति के तौर पर वह काफी प्रभावशाली व्यक्ति थे और लोगो से संवाद करने में माहिर थे।

लिओनार्दो दा विन्ची की जीवनी / Life of Leonardo Vinci –

लेओनार्दो ने कोई पारम्परिक शिक्षा हासिल नहीं की थी और वह अपने पिता के जायज औलाद नहीं थे। इसलिए जीवन में कुछ अच्छा और बड़ा करना हे यह मंशा उनकी बचपन से निर्माण हुई थी। जब वह एक पेंटर के तौर पर समाज में प्रस्थापित हुए थे मगर जो पेंटर का संघटन हे उसमे वह शामिल होना चाहते थे मगर इतना आसान नहीं था। फिर भी उन्होंने समाज के सभी पेंटर से अच्छे रिश्ते बनाकर रखे थे जिससे वह इस संघटन के सदस्य बनने में सफल हुए।

अपने उम्र के ३० साल तक वह अलग अलग क्षेत्र की शिक्षा लेने में रूचि दिखाते हे और हासिल भी करते है। भले ही वह अपने पिताजी के जायज संतान नहीं थे मगर पिताजी की समाज की प्रतिष्ठा देखते हुए उन्होंने अपना जीवन बड़े अच्छे तरीके से जिया है। चित्रकारिता में पेशा बनाने के बाद उनका संपर्क इटली तथा फ्रांस के राजघराने से निर्माण हुवा और बड़ा प्रभाव डालते है।

लेओनार्दो अपने जीवन में मुख्य रूप से पेंटर और मूर्तिकला में माहिर रहे जो व्यावसायिक तौर पर उन्होंने इस काम को किया। इसके आलावा वह आर्किटेक्टर ,एनाटोमी ,इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्र में काफी रूचि दिखते थे। उनके लिखे हुए नोट्स में कई संशोधन और चित्र हमें देखने को मिलते हे जो उस समय से काफी आगे की सोच रखते थे। वास्तविक तौर पर उनका बहुत सारा संशोधन केवल किताबो में ही रह गया। वह अपने ६७ साल के जीवन में अकेले रहे और उनपर समलैंगिकता के आरोप होते रहे मगर वह कभी सिद्ध नहीं हुए।

लिओनार्दो विन्ची के कुछ प्रसिद्द चित्र / Famous Paintings of Leonardo Da Vinci –

  • Mona Lisa (1503- 1519)
  • Last Supper (1495 -1498)
  • Vitruvian Man (1490)
  • Self Portrait (1490)
  • The Virgin of the Rock (1483 -1486)
  • Head of a Women (1500 -1510)
  • Lady with an Ermine (1489 -1491)
  • Salvetor Mundi (1500)
  • Genevra de Benci (1474 -1478)
  • The Virgin & Child with Saint Anne (1503 -1519)

ऑइल पेंटिंग के उनके यह चित्र काफी प्रसिद्द रहे हे जिसमे हमें काफी गहरी सोच देखने को मिलती हे। मोनालिसा के पेंटिंग के बारे में दुनियाभर से कई संशोधन किए गए हे जिसमे बहुत सारे रहस्य होने का दावा किया जाता है। इसपर हमने काफी प्रसिद्द हॉलीवुड फिल्म भी देखि हे जिसमे उनके हर चित्र में कैसा रहस्य छुपा हे यह हमें दिखाया गया है।

उनके हर पेंटिंग में हमें गहरी सोच नजर आती हे इसलिए उनके समय में कई राजा उनके इस कला से काफी प्रभावित रहे है। येशु की आखरी समय की पेंटिंग भी काफी प्रसिद्द हुई हे जिसमे कई सारे अर्थ निकाले जाते है। उनके इस रहस्यमई पेंटिंग का कारन हे उनके नोट्स जो उलटे लिखे गए हे जो आयीने में देखकर ही पढ़ सकते है। उनके इसी हुनर की वजह से हर कोई व्यक्ति उनकी पेंटिंग में कुछ अर्थ निकालने की कोशिश करता है।

मोनालिसा पेंटिंग का इतिहास / History of Monalisa Painting –

मूलतः लिओनार्दो दा विन्ची यह इटली के थे मगर उनके आखरी दिनों में अपना जीवन फ्रांस के राजघराने के लिए दिया। इसलिए उनका बहुत सारा साहित्य तथा पेंटिंग हमें फ्रांस में देखने को मिलती है। मोनालिसा पेंटिंग दुनिया की सबसे प्रसिद्द और महँगी पेंटिंग मानी जाती है। १९११ में यह पेंटिंग पेरिस के म्युसियम से चोरी हो गयी थी इस कारन यह और भी प्रसिद्द हुई। ऑइल पेंटिंग होने इसमें कुछ खराबी आयी हे मगर इसे काफी सुरक्षित तरीके से रखा गया है।

जिस वक्त वह पेंटिंग चोरी हुई थी उस समय दुनिया भर के न्यूज़ पेपर्स में इसके बारे में बाजारों आर्टिकल लिखे गए जिसके कारन लोगो में इस पेंटिंग के बारे में काफी कुतूहल निर्माण हुवा। जब वह पेंटिंग किसी को बेचते हुए चोर को पकड़ा गया तो उसे इसकी कानूनी सजा दी गयी और वह फ्रांस की जनता के लिए एक विलेन की तरह लोग उस व्यक्ति को देखने लगे। यह पेंटिंग किसी रहस्य से कम नहीं हे जो कई सारे संशोधन के माध्यम से इसपर निष्कर्ष दुनिया भर से निकाले गए है।

आज भी दुनिया भर से जब लोग पेरिस में आते हे तो सबसे पहले इस पेंटिंग को देखना चाहते है। इस पेंटिंग की वास्तविकता के बारे में कई सारी कहानिया बताई जाती है। मगर इसमें से कौनसी सही हे यह कोई नहीं बता सकता। मगर इस पेंटिंग की यह विशेषतः हे की यह ऑइल पेंटिंग से बनाई गई हे तथा इसकी आँखे हमेशा लोगो को आकर्षित करती हे और जहा से हम इस पेंटिंग को देखते हे वह इसकी नजर हमें देखती है।

लिओनार्दो दा विन्ची के नोट्स / Notes of Leonardo Da Vinci –

कला के क्षेत्र में दुनिया भर में उनके कुछ खास पेंटिंग के लिए उन्हें जाना जाता हे मगर जबसे उनके लिखे हुए कुछ दस्तावेज दुनिया आए है तबसे उनकी महानता कितनी बड़ी हे यह लोगो को समझमे आने लगी है। वह न केवल एक पेंटर थे मगर वह एक वैज्ञानिक और दार्शनिक भी थे जिन्होंने एनाटोमी से लेकर खगोलशास्त्र तक सभी वैज्ञानिक खोज के बारे में अपने नोट्स में लिखकर रखा है।

ऐरोप्लेन ,हेलीकॉप्टर , आर्किटेक्चर , मिलिट्री टैंक , मशीन गन , जैसे हजारो चित्र उन्होंने अपनी नोट्स के जरिए दुनिया के सामने रखे है। यह सब समय पिछले पचासो वर्ष पूर्व की है जब इसके बारे में लगबघ किसी ने सोचा भी नहीं था और यह सब इन्वेंशन हमें अगले २०० वर्ष के बाद देखने को मिले है। इससे हम अंदाजा लगा सकते हे की यह उस समय दुनिया के सामने आता तो कुछ और ही इतिहास हमें मिलता।

लिओनार्दो दा विन्ची की एक समस्या यह रही हे की वह यह बहुत सारे इन्वेंशन कागज पर उतारते थे मगर जल्दी ही उनका इंटरेस्ट किसी नई चीज पर चला जाता और वह उस खोज में लग जाते। एनाटोमी जैसे जटिल विषय को उन्होंने अपने हाथ में लिया और लगबघ ३० से अधिक मानवी शरीर का उन्होंने अध्ययन करके शरीर के हर हिस्से को अपने नोट्स में संसोधन के साथ उतारा है।

लिओनार्दो दा विन्ची और मैकियावेली / Leonardo da Vinci & Machiavelli –

दोनों ही इटली के महान व्यक्ति रहे हे और अपने अपने क्षेत्र के लिए दुनिया को उन्होंने एक नयी विचारधारा दी है। समय काल के अनुसार दोनों ही एक ही समय में इटली के फोलॉरेन्स क्षेत्र से सम्बन्ध रखते थे। लिओनार्दो अपने पेंटिंग के कार्य के लिए एक बार फ्लॉरेन्स आये हुए थे जब उनकी मुलाकात मैकियावेली से हुई थी। उस समय लिओनार्दो ५१ साल के थे और मैकियावेली ३४ साल के थे।

ऐसे प्रमाण मिलते हे की मैकियावेली पर लिओनार्दो के विचारो का काफी प्रभाव रहा हे मगर ऐसे कोई सभूत उपलब्ध नहीं हे की उन्होंने लिओनार्दो के बारे में कभी कुछ कहा है। लिओनार्दो यह युद्ध साहित्य के इन्वेंशन में काफी रूचि रखते थे इसलिए यह बात तो नकारी नहीं जा सकती हे की जब यह दोनों महान व्यक्ति एकसाथ मिलने पर राजनीती और युद्धशास्त्र के बारे में कोई चर्चा नहीं हुई होगी।

कई जगह आरनो नदी के बहाव को बदलने के लिए दोनों में काफी चर्चा हुई थी ऐसा कहा जाता हे मगर इसके कुछ ठोस साबुत उपलब्ध नहीं है। मगर लिओनार्दो दा विन्ची ने अपने जीवन काल में उनके नोट्स देखते हुए कई बार यह कोशिश की थी की उनका युद्ध के शास्त्र के बारे में जो इन्वेंशन हे उसे राजा द्वारा मान्यता मिले मगर वह काफी दूर की सोचते थे इसलिए उनकी यह इन्वेंशन को सिरे से नाकारा गया था ,आरनो नदी के बहाव को बदलना यह उस समय किसी अनु बम जैसा निर्णय हो सकता था जो नहीं हो सका।

निष्कर्ष / Conclusion –

इसतरह से हमने देखा की कैसे लिओनार्दो दा विन्ची ने अपने जीवन को सफल बनाया है। कला क्षेत्र में वह एक ऑइल पेंटिंग का इस्तेमाल पचासो साल पहले करने वाले पहले पेंटर होंगे। उनकी हर पेंटिंग में वह काफी गहराई से सोचते थे। मोनालिसा यह पेंटिंग उनकी सबसे खास पेंटिंग मानी जाती हे जिसको बनाने में उनको काफी समय लगा था। उन्होंने अपनी यह पेंटिंग बनाने के लिए बालो से भी छोटे ब्रश का इस्तेमाल अपने पेंटिंग को बनाने के लिए किया था।

आज हम जो डिजिटल चित्र देखते हे यह उन्होंने पचासो साल पहले अपनी हाथो से यह तकनीक का इस्तेमाल किया हुवा हमें दिखता है। वह हमेशा काफी आगे का सोचते थे इसलिए उनके अध्ययन से हमें यह पता चलता हे की जिस भी विषय में वह अपना ध्यान लगाते थे उसे वह अपनी चित्रकला से कागज पर उतरते थे। उनकी कई सारी चित्र को हम दुनिया भर में प्रसिद्द हुए देखते है।

इटली तथा फ्रांस में उनकी कला को काफी सहारा गया जिसके कारन उनको दोनों जगह राजाश्रय मिला था। उन्होंने कभी भी उनके कला को व्यापार की तरह नहीं देखा था। इसलिए उन्होंने केवल चित्रकला पर अपना ध्यान केंद्रित न करते हुए अलग अलग विषयो पर अध्ययन करने की है। उन्होंने युद्ध कला में आधुनिकीकरण करने के लिए काफी प्रयास किया था मगर उसको वास्तविकता में लाने के लिए कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया न मिलने की वजह से वह केवल कागज पर ही रह गया था।

एडम स्मिथ और पूंजीवाद – वेल्थ ऑफ़ नेशन 

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