प्रस्तावना / Introduction –

हमारा आज का टॉपिक क्रिटिकल थिंकिंग है, याने मुश्किल समय में आपकी निर्णय क्षमता कैसी हे इसपर आपकी जिंदगी की सफलता निर्भर होती है। इटली के महान दार्शनिक और इकोनॉमिस्ट विल्फ्रेड परेटो ने समाज का विश्लेषण किया और देखा की २० % लोग ८० % लोगो पर आर्थिक और राजनितिक तरीके से राज करते है।

बहुसंख्य समाज इन २० % लोगो के व्यावहारिक जीवन के प्रभाव में जीते है और समाज की धारणाए इन पर निर्भर होती है। हमारा यह विषय लिखने के लिए लेने का कारन जब हम किसी परिस्थिति में फसते हे और हमें कुछ मार्ग नहीं दिखता तो हम किसी अनुभवी व्यक्ती की सलाह लेते हे, जिससे हमारी मुश्किल परिस्थिती से हमें छुटकारा मिल सके।

जो व्यक्ती हमारी समस्याए सफलता पूर्वक सुलझा देते हे उन्हें हम क्रिटिकल थिंकिंग स्किल कहते है। आज हम हमारी मुश्किल समय में समस्याओ से कैसे लड़ना हे और उससे बाहर कैसे निकलना हे इसके तरीके विश्लेषण करके देखेंगे। हमारे हर एक आर्टिकल का मूल उद्देश्य प्रॉब्लम सॉल्विंग आर्टिकल लिखना हे इसी उद्देश्य से यह विषय पर हम कुछ उपाय तक पहुंचने की कोशिश करेंगे।

सलाह देना और खुद के समस्या का समाधान करना / Different in Advice & Own Actions –

हमने हर एक के साथ देखा हे की हम सलाह देने में काफी उत्साही होते हे और किसी को मुश्किल समय में एकदम सही सलाह देने में कामयाब होते है। जब हम खुद किसी संकट में फसे होते हे तो वही समस्याए हम नहीं सुलझा पाते, इसे ही क्रिटिकल थिंकिंग स्किल है जो सही निर्णय क्षमता का प्रतिक होता है ।

दूसरी भाषा में कहा जाये तो बड़े बड़े कंपनियों के सलाहकार कंपनी को सफल बनाने के लिए सही निर्णय लेते हे मगर वही सलाहकार जब खुद बिज़नेस करते हे तो असफल होते है। ऐसा क्यों होता है ? क्या हम यह सोचते है ?

जब हम किसी प्लान को खुद अमल में लाते हे तो सबसे पहले उसके असफल होने से डरते हे और इसी प्लान को किसी दूसरे को बताते है तो वह प्लान की सफलता सामने वाले के डर पर निर्भर होती है। इसलिए कहा जाता है की सलाह देना सबसे सस्ती चीज होती है, सलाह देने के लिए हम इतने उत्साहित होते , उतने उत्साहित हम किसी प्लान को प्रत्यक्ष में उतरने के लिए नहीं होते।

नेतृत्वगुण / Leadership Qualities –

जो लोग जिम्मेदारी लेने से डरते नहीं और असफलता से कभी डरते नहीं वह लोग नेतृत्वगुण करने के लिए सक्षम होते है। यह गुन सभी लोगो में नहीं पाए जाते यह कुछ खास लोगो में कम अधिक मात्रा में पाए जाते है। ज्यादातर समय इंसान मुश्किल समय में निर्णय लेने में असफल होता है इसका कारन हे मुश्किल समय में बुद्धी अपने पूर्ण कार्यक्षमता से काम नहीं करती इस समय आपके इमोशन आपके बुद्धी पर नियंत्रण लेती है।

इसमें गुस्सा , भय , आनंद , लालच इत्यादि इमोशन पर जो लोग नियंत्रण रखने में सफल होते है वह लोग मुश्किल समय में सही निर्णय लेते है। बिजनेसमैन और पोलिटिकल लीडर ऐसे ही बनते है। यहाँ हम बात कर रहे हे आम जिंदगी में मुश्किल समय में निर्णय कैसे ले , सफलता पूर्वक उसे कैसे ख़तम करे इसके लिए नेतृत्वगुण यह महत्वपूर्ण घटक माना जाता है।

निर्णय क्षमता / Decision Skills –

आदमी की सफलता सही समय पर सही निर्णय लेना होता है, इसलिए हम हमारे आम जिंदगी में देखते है की बहुत सारे लोग समय निकलने के बाद उस वक्त की कीमत समझते है और गलत निर्णय के लिए जिंदगी भर सोचते रहते है। हम किसी भी निर्णय को तुरंत नहीं ले पाते इसका सबसे महत्वपूर्ण कारन होता हे हमारा डर जो हमें निर्णय लेने नहीं देता।

डर का कारन होता है हमारा ज्ञान , हमारा लॉजिकली सोचने का तरीका यह अगर कमजोर हो तो हम सही तरीके से सोच नहीं पाते और हमें हमारी समस्याओ के लिए किसी की सलाह की जरुरत पड़ती है। किसी के अच्छी सलाह को कृती में लाना यह भी निर्णय क्षमता पर निर्भर रहता हे क्यूंकि यह भी स्वीकारना या नहीं स्वीकारना इसपर निर्भर रहता है इसलिए निर्णय क्षमता यहाँ बहुत ही महत्वपूर्ण घटक क्रिटिकल थिंकिंग में माना जाता है।

सही निर्णय क्षमता कैसे विकसित की जाती है / How to Develope Decision Skills –

आदमी को कुदरत की सबसे बड़ी देन हे उसका दिमाग जो दूसरे जीवो से अधिक कार्यक्षम हे इसलिए सही निर्णय क्षमता यह आदमी का सबसे बड़ा गुन हे जो हर एक इंसान में कम या अधिक मात्रा में पाया जाता है। जो लोग इस क्षमता को कैसे विकसित करते हे यह जानते हे वह समाज का नेतृत्व करते है और जो लोग यह नहीं जानते वह इन लोगो का अनुकरण करके अपने निर्णय सुधारने की कोशिश करते है।

ज्यादातर लोग इनमे से कुछ भी नहीं कर पाते वह जिंदगी में हमेशा संकटो से घिरे रहते है और इसे कैसे सुलझाया जाये यह समझ नहीं पाते और जिंदगी का हिस्सा समझकर उसे अपना लेते है। आगे हम देखेंगे सही निर्णय क्षमता कैसे विकसित की जा सकती है।

A) समस्या की पहचान करना / Identifying Problems –

क्रिटिकल विचारप्रणाली महत्वपूर्ण घटक हे समस्या क्या हे इसे पहचानना यह एक वैज्ञानिक की तरह सोचने का तरीका है जिसके तहत हम जिस भी समस्या से घिरे हुए हे उसका कारन क्या हे यह ढूंढ़ना होता है। मेडिकल साइंस में इसे डायग्नोसेस कहते है। बगैर समस्या के जाने हम उसपर समाधान नहीं ढूंढ सकते इसलिए यह बहुत ही महत्वपूर्ण घटक है।

B) संशोधन और लॉजिकल तथ्य / Research & Logical Facts-

किसी भी समस्या का समाधान अगर निकालना हो तो लॉजिकल क्षमता होना बहुत जरुरी होता हे इसके सिवाय आप सही सोच नहीं निर्माण कर सकते। समस्या के जड़ तक जाने के लिए हमारी तर्कसंगत बुद्धि होना बहुत जरुरी होता हे नहीं तो हम कई दृढ़ भावना ओ के साथ सोचते हे और समस्या का समाधान नहीं ढूंढ पाते है।

इसलिए वैज्ञानिक की तरह समस्या के तह तक जाना होता हे तभी हमें उसके समाधान का रास्ता मिलता है। इसेही हम नॉलेज भी कहते हे अगर यह नॉलेज कम हो तो हम समस्या का समाधान नहीं निकाल पाते। इनफार्मेशन यह नॉलेज का रॉ मटेरियल होता है इसपर लॉजिकल तरीकेसे प्रक्रिया करने के बाद वह नॉलेज बनता है।

C) अनुमान निर्धारित करना –

ज्ञान और तर्क बुद्धी यह अनुमान निर्धारित करने से पहले की तैयारी होती है जो विश्लेषण करके किसी नतीजे पर पहुँचता हे और सफलता के सही अनुमान तक पहुंचने की कोशिश करता है इसेही हम प्रोबेबिलिटी नियम भी कहते है और समाज में ज्यादातर लोग इसे अनुभव कहते है यह और कुछ नहीं अनुमान निर्धारित करना होता है जो प्राप्त किया हुवा ज्ञान और तर्कबुद्धि यह निर्धारित करते है।

न्यायव्यवस्था में अनुमान निर्धारित करके न्याय देने को बड़ा महत्त्व दिया जाता है। बहुत सारे क्रिमिनल केसेस में प्रत्यक्ष साक्ष नहीं होता इसलिए अनुमान की लॉजिकल कड़ी से आरोपी को सजा दी जाती है।

D) प्रासंगिकता निर्धारित करना –

समय के साथ कोनसा निर्णय लेना सही होगा जिससे हम इस मुश्किल घडी से बहार निकल सकते है इसे ही प्रासंगिकता निर्धारित करना कहते है। क्रिटिकल थिंकिंग का यह अहम् मोड़ होता हे जिसपर भविष्य निर्णय की सफलता तय होती है जो हमें उद्देश्य के काफी नजदीक लेके जाती है।

एक बार सब निर्णय ऊपर दिए गए घटक के अनुसार किये जाते है तब निर्णय की सफलता लगबघ तय हो जाती है। असफल होने का डर यह अज्ञानी होने का सबुत होता है और अच्छा ज्ञान हासिल करके हम यह क्षमता हासिल कर सकते है।

क्रिटिकल थिंकिंग और टेक्नोलॉजी / Critical Thinking & Technology –

क्रिटिकल थिंकिंग यह आदमी की सोचने की क्षमता का सबूत हे की पुरे जीवसृष्टि पर इंसान ने अपनी हुकूमत स्थापित की है, अपने से ताकदवर जानवर पर अपने बुद्धि से विजय प्राप्त किया है । टेक्नोलॉजी यह आदमी के मुश्किल से मुश्किल परिस्थिती को कैसे सुलभ करना इस क्षमता के कारन संभव हो सका।

इसेही प्रॉब्लम सॉल्विंग तरीका कहा जाता है इससे ही कंप्यूटर का जन्म हुवा, इससे ही बिजली का जन्म हुवा और आज जो टेक्नोलॉजी का विकास हम देखते हे यह आदमी के मुश्किल समय में सोचने के तरीके की वजह से यह सब चीजे देख रहे है। हम सभी ने अल्गोरिद्म का नाम सुना होगा और आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस का नाम सुना होगा यह क्रिटिकल थिंकिंग को टेक्नोलॉजी से जोड़ने का एक तरीका इंसान ने विकसित किया हुवा हे जिससे वह अपनी समस्याए सुलझाता है।

इसपर कई विवाद निर्माण हुए हे, इसमें बायोटेक्नोलॉजी यह आदमी के डीएनए को बदलने के लिए तैयार किया जा रहा है और इससे सृष्टि के कुछ नियमो को हम आव्हाहन दे रहे है। इससे समाज में कई सारे बुद्धि जीवी लोगो ने सवाल खड़े किये हे, की किसी भी चीज को अतिरिक्त इस्तेमाल करना बुरा होता है।याने टेक्नोलॉजी का ज्यादा इस्तेमाल आदमी के लिए संकट का कारन बनेगा। किन्तु आज जो हम हमारा जीवन टेक्नोलॉजी ने एकदम आरामदेह बनाया हे इसका कारन आदमी का इन्वेंशन जिसे अर्टिफिकल इंटेलिजेंस कहते है।

कंप्यूटर में इनफार्मेशन को स्टोर करके ऐसे सेट ऑफ़ रूल तैयार करना जो भविष्य के हमारे जटिल से जटिल समस्याए कंप्यूटर सुलझा सके इसे ही अल्गोरिद्म कहते है यह एक प्रकारका आर्टिफीसियल क्रिटिकल थिंकिंग है।

क्रिटिकल थिंकिंग और शिक्षा प्रणाली / Critical Thinking & Education System –

विकसित देश संशोधन के लिए काफी पैसा खर्च करते हे मगर विकासशील और गरीब देश शिक्षा के मामले में काफी काम पैसा लगते है। इसका दूसरा महत्वपूर्ण कारन भी होता हे जो नागरिको को जागृत करता हे जिसका डर शासक वर्ग को हमेशा होता हे इसलिए क्रिटिकल थिंकिंग क्षमता के लिए तर्कशास्त्र में माहिर होना होता है।

इसलिए विकासशील और गरीब देशो में शिक्षा प्रणाली में हमें संशोधन और विकास के लिए तथा शिक्षा प्रणाली में तार्किक शिक्षा देने से परहेज रखा जाता है। टेक्नोलॉजी में भारत विकसित देशो पर निर्भर रहता हे इसका महत्वपूर्ण कारन संशोधन और विकास पर तथा शिक्षा प्रणाली में तर्कशास्त्र का आभाव जानभूझकर रखा जाता है।

भारत में सभी चुनाव वास्तविक समस्याओ पर नहीं किये जाते वह भावनिक मुद्दों पर जीते जाते हे यह दर्शाता हे की शासक वर्ग को तर्क करने वाला नागरिक नहीं चाहिए वह भावनिक होना चाहिए , इसलिए संशोधन और विकास में पैसा इन्वेस्ट करना हे तो तर्कशास्त्र को प्रोस्ताहन देना पड़ता हे और यह देने से हर एक नागरिक जागरूक बन जाएगा यह वास्तविकता भारत के राजनीती की है।

अगर भारत में तर्कशास्त्र और संशोधन पर ज्यादा से ज्यादा खर्चा किया जाए और एक तरह से शिक्षा प्रणाली में क्रिटिकल थिंकिंग को लाया जाए तो भारत दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश बन सकता है।

ख़ुफ़िया संस्था , मिलिटरी में इस्तेमाल होने वाली क्रिटिकल थिंकिंग –

सरकारी सुरक्षा वाले संस्थाओ में बड़ी से बड़ी बधाओ के लिए लोगो को तैयार किया जाता हे ट्रैंनिंग दी जाती है जिससे कठिन से कठिन परिस्थिती में कैसे सफलता हासिल करनी हे यह सिखाया जाता हे, इसमें ऊपर दिए गए सभी चीजों का प्रशिक्षण दिया जाता है।

मोसाद यह इस्रायली ख़ुफ़िया संस्था के एजेंट दुनिया में ऐसे ख़ुफ़िया मिशन के लिए जाने जाते है , मिस्र के लिए तथा पलेस्टाइन के लिए किए गए उनके मिशन काफी प्रसिद्द है जो वास्तविकता में काफी कठिन रहे थे। मिश्र के ख़ुफ़िया मिशन में उनके महत्वपूर्ण एजेंट की मौत आज भी इजराइल में एक विजय के रूप में मनाई जाती है।

बड़े बड़े कंपनियों के अधिकारी यह इसी स्किल की वजह से चुने जाते है जिससे कंपनी के बड़े बड़े निर्णय सही समय पर और सही जगह लिए जाए। सामान्य लोगो की समस्या होती हे नॉलेज , अनुभव , इनफार्मेशन का आभाव, और इससे निर्णय लेने में डर पैदा होता है। क्रिटिकल थिंकिंग ऐसे ही कठिन मिशन के कारन ऐसे राजनितिक संघटन द्वारा किये जाते हे जिसके लिए कई वर्षो के प्रशिक्षण की जरुरत होती है।

निष्कर्ष / Conclusion –

ज्यादातर लोग नौकरी करना पसंद करते हे इसका कारन हे जितना सुरक्षित जिंदगी जिया सकता हे उतना जीने का कोशिश करना। इसका मतलब आदमी मुश्किल समय से बचना चाहता है। असफलता से डरना यह कुछ न करने का सबसे बड़ा कारन होता है और आदमी कुछ न करते हुए भी जिंदगी भर तनाव में जीता है मगर किसी विचार या आइडियाज को प्रत्यक्ष में लाने से डरता हे और समाज के दिए हुए नियम से जिंदगी जीता है।

क्रिटिकल थिंकिंग यह स्किल सफलता के जिस मंजिल पर आप जाना चाहते हे उस स्तर का संकट आपको झेलना पड़ता हे और उसे सफलता पूर्वक पार करना होता है। मुश्किल समय में हमारी बुद्धि कार्यक्षम तरीके से काम करना बंद करती’हे इसलिए यह एक स्किल होता हे मुश्किल समय में सही निर्णय लेना जो हर किसी को संभव नहीं होता।

इस आर्टिकल से हम यह कह सकते हे की ऊपर दिए हुए गुन आत्मसात करके कोई भी व्यक्ती यह स्किल विकसित कर सकता है। क्यूंकि हर समय दूसरे पर निर्भर रहना और सफलता पाना मुश्किल काम होता हे इसलिए यह गुन हममे हो तो मुश्किल समय में निर्णय लेना आसान हो जाता है।

 

अभिवृत्ती (Attitude) का मनोविज्ञान

 

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