The Mercedes-Benz dealership of Rochester. Mercedes-Benz is a global manufacturer of luxury vehicles and a division of the Daimler AG.

प्रस्तावना / Introduction –

घोड़ागाड़ी को मोटर इंजिन लगाकर पहली मोटर कार बनाने से लेकर आज के स्वयंचालित मोटर कर तक का सफर यह मर्सेडीस बेंज के निर्माण से साक्षी हे। आज दुनियाभर में मर्सेडीस बेंज कार लक्सुरी कार के तौर पर जानी जाती है। इलेक्ट्रॉनिक कार की क्रांति में ऑटो क्षेत्र में काफी बदलाव देखने को मिलते है जिसमे मोटर इंजिन की संकल्पना में बदलाव देखने को मिलते है। ऑटो क्षेत्र के जो अंतराष्ट्रीय कम्पनिया हम देखते हे जिसमे मर्सेडीस बेंज यह सबसे पुराणी कंपनी मानी जाती है।

सुरक्षा तथा बेहतरीन सुविधाए यह मर्सेडीस बेंज की ब्रांड वैल्यू का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा शुरू से रहा हे और लक्ज़री कार के तौर में इसे देखा जाता है। किसी भी एन्ट्रप्रेनुएर की सफलता में उसके पास अगर मर्सेडीस बेंज कार नहीं हे तो उसकी सफलता अधूरी मानी जाती हे ऐसी धारणा समाज में देखने को मिलती है। मर्सेडीस बेंज की केस स्टडी से हम उसकी मार्केटिंग , उत्पादन प्रक्रिया और सफलता के सूत्र जानने की कोशिश करेंगे।

मर्सेडीस बेंज यह जर्मनी का ऑटो क्षेत्र का महत्वपूर्ण अंतराष्ट्रीय ब्रांड माना जाता हे जिसमे समय के साथ उसने मार्किट में अपना वर्चस्व कैसे प्रस्थपित किया यह जानने की कोशिश करेंगे। मर्सेडीस बेंज यह नाम कंपनी को कैसे मिला तथा कंपनी की सफलता में किन किन लोगो का महत्वपूर्ण योगदान रहा हे यह देखगे। इस आर्टिकल के माध्यम से हम जो लोग बिज़नेस क्षेत्र में कुछ सपने देखना चाहते हे उन्हें केस स्टडी तथा सफल लोगो की जीवनी के माध्यम से प्रेरणा देने का उद्देश्य रखते हे।

मर्सेडीस बेंज कंपनी का इतिहास / History of Mercedes Benz –

१८८६ में कार्ल बेंज के माध्यम से पहली बार घोड़ागाड़ी को मोटर कार में परिवर्तित करके दुनिया की पहली मोटर कार का निर्माण किया गया। जिसका मूल्य १५० अमरीकी डॉलर था जो आज के तारीख में देखा जाए तो ४५४४ अमरीकी डॉलर हो सकता है। गोटलिएब डेमलर इन की कंपनी और उनके सहकारी इंजीनियर विल्हेल्म मायबेच द्वारा पेट्रोल इंजन की तकनीक मो मिलकर मर्सेडीस बेंज का निर्माण किया गया है।

एमिल जेल्लिनेक जो एक एन्ट्रप्रेनुएर थे और उनके बेटी का नाम मर्सेडीस था और वह डेमलर मोटरेन जैसेलल्सचफ्त के हिस्सेदार थे, इसकी वजह से बाद में कंपनी के महत्वपूर्ण ब्रांड का नाम मर्सेडीस बेंज रखा गया। एमिल यह उच्च सोसाइटी में कंपनी के ब्रांड का मार्केटिंग करते थे और दुनिया के आमिर लोगो से उनके संपर्क रहे थे जिसका फायदा उन्होंने इन गाड़ियों को शुरुवाती तौर पर बेचने के लिए किया था।

प्रथम विश्व युद्ध से पहले यह दोनों कम्पनिया अलग अलग काम करती थी मगर इस विश्व के बाद जर्मनी की आर्थिक परिस्थिति काफी खरब होने के कारन दोनों कंपनियों का विलीनीकरण हुवा और १९२६ को मर्सेडीस बेंज यह ब्रांड पहली बार दुनिया को देखने को मिला। कंपनी ने अपना लक्ज़री ब्रांड के तौर पर यह ब्रांड दुनिया के सामने रखा और भारत में अन्य ट्रक उत्पादन में कंपनी ने भारत बेंज नाम से अपना प्रोडक्ट सफलता पूर्वक स्थापित किया है।

कार्ल फेड्रिक बेंज (१८४४-१९२९) / Karl Fredrick Benz –

कार्ल बेंज के पिता उनके जन्म के केवल दो साल के थे तब गुजर गए मैग उनकी माताजी ने विपरीत आर्थिक परिस्थिति के बावजूद उनको अच्छी शिक्षा दी और मकेनिकल इंजीनियर बनाया। १८७१ वह अपने अनुभव कौशल्य से कार्यशाला फोरमैन तथा एक अच्छे डिज़ाइनर के तौर पर प्रशिक्षित हुए। वह दौर था घोड़ागाड़ी का जो आवाजाही का सबसे आधुनिक माध्यम था जिसको मोटर कार में परिवर्तित करने का सपना कार्ल बेंज ने देखा।

१८७८ से वह गैसोलीन ट्व स्ट्रोक इंजिन पर काम कर रहे थे और १८७९ के पहले महीने में उनको इसमें सफलता हासिल हुई। इस सफलता को देखते हुए उन्होंने अक्टूबर १८८२ को मैनहेम गैस इंजिन फैक्ट्री की स्थापन की जिसमे उनकी हिस्सेदारी केवल ५ प्रतिशत रही थी। जिसके कारन वह इस कंपनी में केवल टेक्निकल मामलो में अपना प्रभाव रखने में कामयाब हुए मगर कंपनी के बाकि कार्य में वह कुछ नहीं कर सकते थे।

जनवरी १८८३ में उन्होंने यह कंपनी छोड़कर कर दूसरी कंपनी के लिए काम करना शुरू किया और यह सील सिला तबतक चलते रहा जब तक वह गोटलिएब डेमलर से नहीं मिले थे। १९०६ में उन्होंने कार्ल बेंज एंड संस नाम से खुद की कंपनी शुरू की थी। १९१२ में उन्होंने इस कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर पद से इस्तीफा देकर अपने बेटे को सब अधिकार प्रदान किए। १९२६ से लेकर १९२९ इस आखरी वक्त में वह Daimler Benz AG Company के बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर के सदस्य रहे।

गोटलिएब डेमलर (१८३४ -१९००) / Gottlieb Daimler –

गोटलिएब डेमलर का जन्म १८३४ में हुवा और अपनी शुरुवाती प्रशिक्षण बन्दुक बनाने वाले गणस्मिथ के तौर पर फ्रांस में की। उन्होंने अपनी शिक्षा फ्रांस तथा इंग्लैंड में पूरी की थी और ड्राफ्टमैन के तौर पर अपने करियर की शुरुवात १८६२ में की थी । १८६३ में वह मशीन इंस्पेक्टर के तौर पर काम करने लगे जहा उनकी मुलाकात विल्हेम मेबेच से हुई जो बाद में मर्सेडीस बेंज का अविभाज्य हिस्सा बने और एक कुशल डिज़ाइनर के तौर पर कंपनी में प्रसिद्द हुए।

१८८२ में उन्होंने अपने जॉब से रिजाइन देते हुए अपने खुद की जगह पर मेबेच की सहायता से पेट्रोल से चलने वाला फोर स्ट्रोक इंजिन बनाने पर काम किया। उन्होंने इंटरनल कबंशन इंजिन विकसित किया जिसे आज ग्रांडफादर क्लॉक के नाम से जाना जाता है। इस संशोधन के लिए उन्होंने अपने जीवन की सारी पूंजी दाव पर लगाई और फिर उन्हें और पैसे की जरुरत थी। जिसके लिए उन्होंने डेमलर मोटरेन गैसेलशाफ्ट नाम की कंपनी शुरू और अन्य पार्टनर को लेकर यह समस्या का समाधान निकाला।

परन्तु बाद में उद्देश्य में भिन्नता होने से मेबेच और डेमलर ने कंपनी से अलग होने का फैसला लिया । बाद में कंपनी की आर्थिक और टेक्निकल स्तर पर हालत ख़राब होने पर मेबेच को वापिस बुलाने का फैसला लिया गया मगर उन्होंने बगैर डेमलर के कंपनी में आने से इंकार किया। इसलिए दोनों को कंपनी में १८९५ को वापिस लिया गया। मेबेच ने बाद में फिओनिक्स इंजिन का निर्माण किया जो काफी प्रसिद्द हुवा और जिससे कंपनी को एक नयी दिशा मिली।

मर्सेडीस बेंज का बिज़नेस मॉडल/Business Model of Mercedes Benz –

कंपनी ऑटो क्षेत्र के सबसे प्रसिद्द कंपनी हे जो मोटर कार के निर्माण में महत्वपूर्ण रही हे इसलिए कंपनी ने इसका फायदा अपने ब्रांड को बढ़ाने के लिए बखूबी से किया है। कंपनी की मुख्य रूप से लक्सुरी उत्पादन के तौर पर देखा जाता हे जो अन्य उत्पादित कारो से काफी महँगी होती है। इसलिए बाकि कार उत्पादन से मर्सेडीस कार को अलग करने के लिए कंपनी ने कार में सुरक्षा पर काफी ध्यान दिया हे जिससे कार दुर्घटना में कम से कम मनुष्य हानी देखने को मिलती है।

टेक्नोलॉजी के मामलों में मर्सेडीस बेंज हमेशा सबसे आगे रहने की कोशिश कराती हे इसलिए आज के टेक्नोलॉजी के दौर में कंपनी ने अमरीका NVEDIA से वेंचर किया हे जिसके माध्यम से वह मार्किट में अधिनिक और टेक्नोलॉजी से लैस गाड़िया देखने के लिए तैयार है। कंपनी जर्मनी की BMW और इलेक्ट्रिक गाड़ियों में टेस्ला जैसे कंपनियों से मुकाबला कर रही हे इसलिए कंपनी को हमेशा ब्रांडिंग के मामलो में तैयार रहना पड़ता है।

सायकल से लेकर ट्रक तक बहुत सारे उत्पादन कंपनी द्वारा किए जाते हे मगर लक्ज़री कार उत्पादन के लिए मर्सेडीस बेंज यह ब्रांड कंपनी ने अलग से रखा हे जो कीमत और सुविधाए इसपर निर्भर है। भारत में ट्रक उत्पादन में कंपनी ने अलग नाम से उत्पादन शुरू किया जिसका मुख्य कारन था की उनके कहेंगे कार उत्पादन को इससे कुछ क्षति न पहुंचे। इसलिए कंपनी शुरू से कुछ महत्वपूर्ण सूत्रों से कंपनी को मार्किट में निरंतर टॉप पर रहने के लिए तत्पर रहते हे।

मर्सेडीस बेंज की सफलता की रणनीती / Success Strategies of Mercedes Benz –

  • Safety -Technology -Brand

सुरक्षा ,टेक्नोलॉजी और ब्रांड यह कंपनी की सफलता का मुख्य कारन पिछले सौ सालो से रहा है, तथा मर्सेडीस बेज यह लक्सुरी ब्रांड होने के कारन कंपनी को कॉस्ट कण्ट्रोल पर विशेष ध्यान देने की जरुरत नहीं पड़ती है। समाज में जो लोग मर्सेडीस बेंज गाड़ी खरीदता हे वह समाज में सफल व्यक्ति के तौर पर देखा जाता हे यह समीकरण कंपनी ने अपने ब्रांड वैल्यू से निर्माण किया है। सुरक्षा में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कंपनी अपनी हर गाड़ियों के लिए करती है इसलिए यह ब्रांड समाज के सभी वर्गों के लिए एक सपना होता है।

ऑटो सेक्टर में सुरक्षा में मानक निर्धारित किए गए हे उसको सबसे ज्यादा पालन करने के कारन यह ब्रांड लोगो में विश्वसनीय हे और हर सफल व्यक्ति का सपना होता हे की वाज मर्सेडीस बेंज ख़रीदे। क्यूंकि यह ब्रांड जर्मनी का हे और राष्ट्रवाद हिटलर के समय काफी चरम में था और इसी के माध्यम से हम देखते हे की हिटलर मर्सेडीस बेंज का इस्तेमाल व्यक्तिगत तौर पर करते थे। उसी दौर से जर्मनी के ऑटो क्षेत्र के कई सारे कार मॉडल दुनिया भर में क्वालिटी और टेक्नोलॉजी के लिए प्रसिद्द रहे है।

इलेक्ट्रॉनिक गाड़ियों मार्किट में आने से पहले बाजार में कार खरीदना हे तो आधुनिक इंजिन होना जरुरी माना जाता था ,इसलिए मर्सेडीस बेंज ने अपनी स्थापना से यह उद्देश्य हमेशा ध्यान में रखा हे की अपने प्रतिस्पर्धी से बेहतर इंजिन ग्राहकों को उपलब्ध करे। लेकिन जबसे पिछले कुछ दिनों से इलेक्ट्रॉनिक गाड़िया बनाना शुरू हुवा हे तबसे इंजिन टेक्नोलॉजी की जगह कंप्यूटर टेक्नोलॉजी ने ली हे जिसके लिए मर्सेडीस बेंज ने NVIDIA जैसी टेक्नोलॉजी बेस कम्पनी से वेंचर किया हे और बेहतरीन टेक्नोलॉजी देने के लिए तैयार है।

मर्सेडीस बेंज कंपनी के प्रमुख स्पर्धक/Competitors of Mercedes Benz –

  • AUDI (Germany)
  • Bayerische Motoren Werke – BMW (Germany)
  • Porsche (Germany)
  • Lambhorghini ( Italy)
  • Bugatti (France)
  • TESLA Motors (USA)

ऑटो क्षेत्र में जर्मनी के कंपनियों ने अपना वर्चस्व पिछले १०० वर्षो से बेहतरीन इंजिन टेक्नोलॉजी के माध्यम से प्रस्थपित किया है। भारत की बात करे तो जापानी कंपनी टोयोटो ने मर्सेडीस बेंज को भारत में टक्कर देने की कोशिश की है। मर्सेडीस बेंज यह दुनियाभर में एक लक्सुरी ब्रांड और इसकी महँगी कीमत के लिए जाना जाता है इसलिए सामान्य कार क्षेत्र में यह नहीं देखा जाता है।

भारत में कंपनी ने ट्रक और ट्रांसपोर्टेशन जैसे सर्विस क्षेत्र में खुद को भारत बेंज के नाम से उतारा हे जिससे उनकी लक्सुरी ब्रांड की छवि कार क्षेत्र में बनी रहे। इलेक्ट्रिक गाड़ियों की क्रांति ने ऑटो क्षेत्र के सभी समीकरण बदल दिए हे और गाड़ियों को मोबाइल जैसे एक इलेट्रॉनिक गैजेट की तरह भविष्य में विकसित करने के लिए मार्किट को तैयार किया है। जिसके माध्यम से बाजार की सभी कम्पनिया कंप्यूटर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल गाड़ियों के लिए इस्तेमाल कर रही है।

इसलिए ऑटो क्षेत्र में संशोधन यह काफी महत्वपूर्ण रहने वाला हे जिसके लिए कंपनी ने अपने संशोधन के बजट को पिछले कुछ सालो से बढ़ाया हे और इसे ७ प्रतिशत तक रखा है। ऑटो क्षेत्र में भविष्य में कंप्यूटर टेक्नोलॉजी यह बाजार में प्रभुत्व प्रस्थापित करने का नया माध्यम बनने जा रहा है। इसलिए इससे पहले जो कम्पनिया मार्किट पर राज कर रही थी वह अब काफी उलट फेर होने वाला हे। जिसका सबसे बड़ा उदहारण हे टेस्ला गाड़ियों की बढती हुई मांग है। इसलिए मर्सेडीस बेंज कंपनी इसके लिए पूरी तरह से तैयार है।

EV कार रेवोलुशन और मर्सेडीस बेंज / EV Car Revollution & Mercedes Benz –

मैकेनिकल इंजिन और गैसोलीन इंजिन यह इससे पहले गाड़ियों में इस्तेमाल होते थे और इंजिन यह इसके लिए सबसे महत्वपूर्ण पार्ट है मगर इलेक्ट्रिकल गाड़ियों में इलेक्ट्रिकल मोटर के माध्यम से गाड़ियों में इस्तेमाल होने लगा जिससे वायु प्रदुषण तथा ध्वनि प्रदुषण जैसी समस्याओ से गाड़ियों को बदलाव किए गए। इंजिन की तकनीक की जगह मोटर के माध्यम से गाड़ियों को चलाया जाने लगा , जिससे जिन कंपनियों के पास इससे पहले आधुनिक टेक्नोलॉजी के कार्यक्षम इंजिन होते थे वह कंपनी मार्किट पर अपना प्रभुत्व निर्माण करती थी।

इससे पहले ऑटो क्षेत्र में जर्मनी की कंपनी मार्किट पर अपना प्रभुत्व निर्माण कर चुकी थी और गाड़ियों के निर्माण में इन कंपनियों का काफी योगदान पिछले १०० वर्षो से रहा है। इन गाड़ियों की समस्या यह रही हे की इसकी वजह से काफी प्रदुषण की मात्रा पिछले कुछ सालो से बढ़ी हे जिससे जागतिक तापमान का बढ़ना यह हमारी समस्या बन चुकी थी इसलिए इलेक्ट्रिक गाड़ियों को जल्द से जल्द पर्याय बनाना महत्वपूर्ण था। इसलिए मर्सेडीस बेंज ने इस बदलाव को देखते हुए तुरंत अपने पॉलिसी में बदलाव किए है।

पिछले २० सालो से कंप्यूटर से एनरोइड मोबाइल ने जो बदलाव हमें देखने को मिले हे वैसे ही बदलाव हमें अगले २० सालो में ऑटो क्षेत्र में देखने को मिलने वाले है। यह देखते हुए कंपनी ने अमरीकी टेक्नोलॉजी बेस कंपनी NVIDIA से बिज़नेस वेंचर करके खुद को बदलते हुए मार्किट के लिए तैयार करके रखा है और अपने लक्सुरी ब्रांड की ताकद को इस्तेमाल करके इसमें कंप्यूटर टेक्नोलॉजी के माध्यम से ग्राहकों को आधुनिक EV गाड़ियों देने को कंपनी तैयार है।

NVIDIA टेक्नोलॉजी और मर्सेडीस बेंज / NVIDIA Technology & Mercedes Benz –

मर्सेडीस बेंज के अध्यक्ष ओला कल्लेनियस और NVIDIA के सीईओ जेन्सेन हॉन्ग ने २०२४ में ऑटोमेशन के माध्यम से भविष्य में एलेक्रॉनिक कार के स्पर्धा में कंपनी को आगे रखने के लिए यह वेंचर किया गया है। NVIDIA यह कंपनी दुनिया की लीडिंग कंपनी हे जो अमरीका की टेक्नोलॉजी क्षेत्र की कंपनी मानी जाती है। इलेक्ट्रॉनिक गाड़ियों ने ऑटो क्षेत्र में सबसे बड़ा बदलाव हमें देखने को मिला हे और इससे पहले जो कम्पनिया ऑटो क्षेत्र में लीडिंग मानी जाती हे उनको भविष्य में टेक्नोलॉजी के बगैर स्पर्धा में रहना काफी कठिन होने वाला है।

यह पहचानते हुए मर्सेडीस बेंज कंपनी ने NVIDIA कंपनी से यह करार किया है। दोनों कंपनियों के प्रमुख अधिकारियो द्वारा अगले कुछ सालो के लिए मर्सेडीस बेंज कारो के लिए क्या रणनीति होगी यह दोनों मिलकर तय करेंगे। टेक्नोलॉजी और मर्सेडीस बेंज कार को ऑटोमेशन के माध्यम से कैसे कैसे बेहतर किया जा सकता हे इसपर NVIDIA कंपनी काम करने वाली है। NVIDIA DRIVE प्लेटफार्म के माध्यम से यह टेक कंपनी मर्सेडीस बेंज कंपनी के लिए अगली पीढ़ी की कार कैसी होगी इसको प्रत्यक्ष रूप देने का काम करेगी।

जैसे नोकिया कंपनी ने मोबाइल क्षेत्र के बदलाव को नहीं पहचाना और दुनिया की सर्वश्रेष्ठ कंपनी होने के गर्व में रही। जिसका परिणाम यह हुवा की एनरोइड और IOS टेक्नोलॉजी ने नोकिया जैसी दुनिया की सबसे बड़ी मोबाइल कंपनी को ख़त्म किया। इसे देखते हुए इलेक्ट्रॉनिक गाड़ियों का भविष्य देखते हुए मर्सेडीस कंपनीने भविष्य में होने वाले बदलाव को देखते हुए यह डील की है। जिससे कंपनी आने वाले भविष्य की सर्वश्रेष्ठ कंपनी बनी रहे उनका उद्देश्य है।

भारत बेंज और मर्सेडीस बेंज / Bharat Benz & Mercedes Benz –

भारत का मार्किट यह अंतराष्ट्रीय कंपनियों के लिए बाकि कई सारे देशो में बिज़नेस स्थापित करने से सुलभ पर्याय होता हे जिसमे जो भी कानूनी प्रक्रिया होती हे वह एक बार करनी होती है। मर्सेडीस बेंज यह ब्रांड भारत में एक लक्सुरी ब्रांड के तौर पर देखा जाता है। जिसकी कीमत २० -३० लाख से ऊपर कीमतों वाले प्रोडक्ट देखने है। इसलिए इन कारो से बड़ी गाड़ियों जो ट्रक क्षेत्र में बाजार में उतरना यह काफी जोखिम भरा काम था। इससे कंपनी के ब्रांड वैल्यू पर असर होने की संभावनाए काफी ज्यादा थी।

इसलिए कंपनी ने भारत में वाहतूक सेवा के क्षेत्र में अपने उत्पादन उतारने के लिए भारत बेंज इस नाम से भारत में कंपनी का निर्माण किया जो केवल इसी क्षेत्र में उत्पादन करेगी। इसका सबसे यह मर्सेडीस बेंज इस महँगी लक्सरी ब्रांड पर कोई असर नहीं होगा यह ध्यान में रखते हुए यह कंपनी स्थापित की गयी। इसके लिए कंपनी ने पुरे देश में सर्वे के माध्यम से ट्रक चलाने वाले लोगो के माध्यम से जानने की कोशिश की गयी की भारत में कैसे ट्रक होने चाहिए।

इसके लिए कंपनी ने अपनी खुद की रेपुटेशन को ध्यान में रखते हुए प्रस्थापित ट्रक बिज़नेस से कुछ अलग करने के उद्देश्य से यह सर्वे किया गया। इसके माध्यम से यह ट्रक चलाने वालो समस्याओ का सामना करना पड़ता हे उस हिसाब से गाड़ियों के उत्पादन में सेवाए देने का काम कंपनी द्वारा किया गया। इससे पहले बाकि कम्पनिया एयर कण्डीशन केबिन सोच भी नहीं सकती थी वह कंपनी ने उसी कीमत पर देने की कोशिश की तथा उच्च टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल भारत की सडको को देखते हुए दिया जिससे कंपनी ने प्रस्थापित मार्किट में अपनी एक अलग जगह निर्माण की है।

मर्सेडीस बेंज कंपनी की विशेषताए / Features of Mercedes Company –

  • मर्सेडीस बेंज यह कंपनी दो नामो से शुरू हुई जो भिन्न हे जिसमे मर्सेडीस यह नाम एमिल जेल्लिनेक इनकी बेटी का नाम हे और कार्ल बेंज के नाम से बेंज यह नाम कंपनी को दिया गया।
  • कंपनी हर साल अपने खर्च के ७ प्रतिशत खर्च संशोधन के लिए खर्च करती है।
  • कंपनी की सफलता का सबसे महत्वपूर्ण कारन हे की कंपनी सुरक्षा ,टेक्नोलॉजी और ब्रांड इस सूत्र पर चलती हे जिससे कंपनी ने मार्किट में खुद की एक अलग जगह बनाई है।
  • इलेक्ट्रॉनिक गाड़ियों के उत्पादन के लिए कंपनी ने NVIDIA कंपनी से करार किया हे जिसके माध्यम से आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल वह कार उत्पादन में करने वाले है।
  • मर्सेडीस बेंज भारत स्टेटस सिंबल की तरह देखा जाता है और यह कार काफी महँगी होती हे इसलिए ट्रक उत्पादन में भारत में उतरने के लिए कंपनी ने भारत बेंज के नाम से अलग कंपनी का निर्माण किया जिससे मर्सेडीस बेंज इस ब्रांड को कोई क्षति न पहुंचे।
  • मर्सेडीस कंपनी अंतरराष्ट्रीय बाजार में टेस्ला ,BMW और ऑडी जैसे स्पर्धक से बेहतर गाड़िया बनाने के लिए संशोधन पर ज्यादा ध्यान देती है।

निष्कर्ष /Conclusion –

मर्सेडीस बेंज कंपनी की गाड़िया यह लक्सरी ब्रांड के रूप में देखि जाती हे और सफलता का प्रतिक मानी जाती है। ऐसी प्रतिमा बनाने की लिए कंपनीने १०० साल दिए हे। भारत में इसको काफी सपना पूरा होने जैसा अनुभव इसको खरीदने वाले लोग मानते है। हमने इस आर्टिकल के माध्यम से कंपनी की स्थापना कैसे हुई और इसकी स्थापना में किन लोगो का ज्यादा सहभाग रहा था यह जानने की कोशिश की है।

कंपनी ने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद काफी बुरा वक्त देखा हे और इससे उभरकर दुनिया के सबसे शक्तिशाली ऑटो क्षेत्र की कंपनी बनाने तक का सफर काफी महत्वपूर्ण रहा है। सुरक्षा , दर्जा , और ब्रांड के माध्यम से कंपनीने खुद को बाकि स्पर्धक कंपनियों से अलग ग्राहक वर्ग निर्माण करने में सफलता हासिल है। प्रदुषण के मामलो में कई केसेस के माध्यम से कंपनी की आलोचना की गयी है मगर कंपनी ने इसमें भी सुधार करके अपने प्रोडक्ट को मार्किट में सफल बनाया है।

इलेक्ट्रिक कारो के निर्माण से उत्पादन प्रक्रिया में पूरी तरह से बदलाव देखने को मिले हे और इससे पहले आधुनिक और कार्यक्षम इंजिन के कारन जो कम्पनिया मार्किट में शीश पर थी उन्हें अलग रणनीति बनानी होगी जिसमे मर्सेडीस कंपनी ने टेक्नोलॉजी कंपनी को साथ में लेकर भविष्य की निति बनाई है। यह ब्रांड लोगो की भावनाओ से जुड़ा हुवा ब्रांड हे जो विश्वसनीय और लक्सुरी ब्रांड हे जिसका एक अलग ग्राहक वर्ग हमें देखने को मिलता है इसका हमने इस आर्टिकल के माध्यम से अध्ययन करने की कोशिश की है।

ताइवान सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *