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प्रस्तावना / Introduction –

इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी और इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट यह सरकारी खर्च पर चलने वाले तथा विशिष्ट कानून बनाकर ऑटोनोमस शिक्षा संस्थान चलाए जाते है। यह विषय लेने का कारन हे इसके बारे में सामान्य लोगो में जानकारी का आभाव हे तथा काफी आकर्षण भी हे क्यूंकि सरकार इन संस्थानों पर सात गुना पैसा खर्च करती हे।
रतन टाटा और इनफ़ोसिस के संस्थापक नारायणमूर्ति का कहना हे की बाकि शिक्षा संस्थानों के ९५ % विद्यार्थी मार्किट के लिए उपयोगी नहीं नहीं हे इससे हम अंदाजा लगा सकते हे की शिक्षा निति का कितना आभाव है। शिक्षा के लिए होने वाला खर्चा देखे तो वह काफी बढ़ गया हे मगर शिक्षा का स्तर नहीं बढ़ा है।

इसलिए हम यहा देखेंगे की आईआईटी और आईआईएम का क्या एजुकेशन हे जिसका स्तर बाकि शिक्षा व्यवस्था से इतना अच्छा है और अंतराष्ट्रीय बाजार में आईआईटी और आईआईएम से निकले विद्यार्थी विदेशो में अच्छी सैलरी की नौकरी कैसे प्राप्त करते हे इसकी वास्तविकता जानने की कोशिश करेंगे।

भारतीय प्रोद्योगिक संस्थान / Indian Institute of Technology –

भारत में कुल २३ आईआईटी संस्थान चलाए जाते हे जो अपने आप में एक स्वतंत्र संस्थान के रूप में काम करते है तथा मिनिस्टरी ऑफ़ एजुकेशन द्वारा संचालित किये जाते है। सबसे पहला आईआईटी संस्थान कलकत्ता में शुरू किया गया था जो आज दिल्ली, मुंबई , बंगलोरे जैसे शहरों में स्थापित किया गया जिससे देश में इस उच्च शिक्षा का संतुलन प्रस्थापित हो सके।

सरकारी बजट से आईआईटी संस्थानों के लिए हर साल बजट आवंटित किया जाता हे जो शिक्षा निति के लिए किया जाने वाला और खास करके इस संस्थान के लिए सबसे ज्यादा दिया जाता है। JEE जैसी पूर्व परीक्षा द्वारा विद्यार्थियों का चयन किया जाता हे जो काफी कठिन माना जाता है, जिसके लिए लाखो विद्यार्थी प्रयत्न करते हे केवल कुछ खास विद्यार्थियों को यहाँ एडमिशन आखरी में मिलता है जिसकी २०२१ की अंडर ग्रेजुएट के सीट की संख्या १६२३४ है ।

आईआईटी की स्थापना यह अमरीका के एम्आईटी कॉलेज से प्रभावित होकर की गयी थी जिसका भारत की स्वतंत्रता से स्थापना की गयी और धीरे धीरे उसकी संख्या बढाकर २३ की गयी है। इसमें अनुसूचित जाती, जमाती तथा ओबीसी के विद्यार्थियों को आरक्षण का लाभ मिलता है जिससे मेरिट में फायदा मिलता है।

भारतीय प्रोद्योगिक की २३ संस्थान / List of 23 IIT’s in India –

  1. भारतीय प्रोद्योगिक संस्थान मद्रास (१९५९) – १ नंबर रैंक
  2. भारतीय प्रोद्योगिक संस्थान दिल्ली (१९६३) – २ नंबर रैंक
  3. भारतीय प्रोद्योगिक संस्थान मुंबई (१९५८) – ३ नंबर रैंक
  4. भारतीय प्रोद्योगिक संस्थान कानपूर (१९५९) – ४ नबर रैंक
  5. भारतीय प्रोद्योगिक संस्थान खड़कपुर (१९५१) – ५ नबर रैंक
  6. भारतीय प्रोद्योगिक संस्थान रूरकी (२००१) – ६ नंबर रैंक
  7. भारतीय प्रोद्योगिक संस्थान गुवाहाटी (१९९४) – ७ नंबर रैंक
  8. भारतीय प्रोद्योगिक संस्थान हैदराबाद (२००८) – ८ नंबर रैंक
  9. भारतीय प्रोद्योगिक संस्थान धनबाद (१९२६) – ११ नंबर रैंक
  10. भारतीय प्रोद्योगिक संस्थान इंदौर (२००९) – १३ नंबर रैंक
  11. भारतीय प्रोद्योगिक संस्थान वाराणसी (२००८) – १४ नंबर रैंक
  12. भारतीय प्रोद्योगिक संस्थान रोपर (२००८) – १९ नंबर रैंक
  13. भारतीय प्रोद्योगिक संस्थान पटना (२००८) – २१ नबर रैंक
  14. भारतीय प्रोद्योगिक संस्थान गांधीनगर (२००८) – २२ नबर रैंक
  15. भारतीय प्रोद्योगिक संस्थान भुवनेश्वर (२००८) – २८ नंबर रैंक
  16. भारतीय प्रोद्योगिक संस्थान मंडी (२००९) – ४१ नंबर रैंक
  17. भारतीय प्रोद्योगिक संस्थान जोधपुर (२००८) – ४३ नंबर रैंक
  18. भारतीय प्रोद्योगिक संस्थान तिरुपती (२०१५) –
  19. भारतीय प्रोद्योगिक संस्थान भिलाई (२०१६) –
  20. भारतीय प्रोद्योगिक संस्थान गोवा (२०१६) –
  21. भारतीय प्रोद्योगिक संस्थान जम्मू (२०१६) –
  22. भारतीय प्रोद्योगिक संस्थान धारवाड़ (२०१६) –
  23. भारतीय प्रोद्योगिक संस्थान पल्लकड़ (२०१५) –

भारतीय प्रबंधन संस्थान / Indian Institute of Management –

भारत की स्वतंत्रता के बाद नेहरूजी की नेतृत्व में IIM की स्थापना की गयी थी जो एजुकेशन मिनिस्टरी के अंतर्गत और योजना आयोग की सिफारिशों से स्थापन की गयी तथा इसको स्वतंत्र दर्जा दिया गया है। आईआईएम में पदव्युत्तर , डॉक्टोरल , तथा एग्जीक्यूटिव प्रोग्राम चलाए जाते है।
भारत की बेहतरीन शिक्षा व्यवस्था की रैंकिंग में अहमदाबाद , बंगलोरे और कलकत्ता यह संस्थाए भारत में सबसे बेहतरीन शिक्षा संस्थान माने जाते है। आईआईएम में एडमिशन लेने के लिए कैट जैसी पूर्वपरीक्षा देनी होती हे जो दुनिया की सबसे ज्यादा स्पर्धा वाली परीक्षा मानी जाती हे जिसके लिए काफी विद्यार्थी प्रयत्न करते हे और केवल कुछ विद्यार्थी इसमें सफल होते है।

इसके लिए हर विद्यार्थी को अपने कोर्स के लिए काफी खर्च आता हे जो लाखो में होता हे मगर भारत सरकार भी इन विद्यार्थियों पर अपना पैसा इन्वेस्ट करती हे इसके साल बजट आवंटित किया जाता है जो काफी बड़ा होता है। इसकी स्थापना के लिए हार्वर्ड तथा फोर्ड फाउंडेशन द्वारा शुरुवात में काफी मदद की गयी थी।

भारतीय प्रबंधन की २० संस्थान / List of 20 IIM’s in India –

  1. भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद (१९६१) – १ नंबर रैंक
  2. भारतीय प्रबंधन संस्थान बेंगलुरु (१९७३) – २ नंबर रैंक
  3. भारतीय प्रबंधन संस्थान कलकत्ता (१९६१) – ३ नंबर रैंक
  4. भारतीय प्रबंधन संस्थान कोझिकोड (१९९६) – ४ नबर रैंक
  5. भारतीय प्रबंधन संस्थान इंदौर (१९९६) – ६ नंबर रैंक
  6. भारतीय प्रबंधन संस्थान लखनौ (१९८४) – ७ नंबर रैंक
  7. भारतीय प्रबंधन संस्थान जमशेदपुर (१९४९) – ८ नंबर रैंक
  8. भारतीय प्रबंधन संस्थान रांची (२०१०) –
  9. भारतीय प्रबंधन संस्थान रायपुर (२०१०) – १५ नबर रैंक
  10. भारतीय प्रबंधन संस्थान तिरुचिरापल्ली (२०११) – १७ नंबर रैंक
  11. भारतीय प्रबंधन संस्थान उदयपुर (२०११) – १८ नंबर रैंक
  12. भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलोंग (२००८) –
  13. भारतीय प्रबंधन संस्थान काशीपुर (२०११) –
  14. भारतीय प्रबंधन संस्थान नागपुर (२०१५) –
  15. भारतीय प्रबंधन संस्थान बोधगया (२०१५) –
  16. भारतीय प्रबंधन संस्थान सिरमौर (२०१५) –
  17. भारतीय प्रबंधन संस्थान अमृतसर (२०१५ ) –
  18. भारतीय प्रबंधन संस्थान जम्मू (२०१६) –
  19. भारतीय प्रबंधन संस्थान संबलपुर ओरिसा (२०१५) –
  20. भारतीय प्रबंधन संस्थान विशाखापट्टनम (२०१५) –

आईआईटी और आईआईएम का इतिहास / History of IIT & IIM –

१९४६ में ब्रिटिश वॉयसरॉय एग्जीक्यूटिव कौंसिल के मेंबर जोगेंद्र सिंग जो सिख प्रतिनिधि के रूप में भारत के प्रतिनिधि रहे थे। जिन्होंने एक समिती की स्थापना की जिसका नेतृत्व नलिनी रंजन सरकार द्वारा किया गया था और जिसमे कुल २२ मेंबर थे। जिनको द्वितीय विश्व युद्ध के बाद भारत में टेक्नोलॉजी क्षेत्र में उच्च शिक्षा के लिए विकास योजना पर काम करना था । अमरीका का एम्आईटी कॉलेज से प्रभावित होकर शिक्षा का एक अंतर्राष्ट्रीय मॉडल भारत में १९५० में कलकत्ता से शुरू किया गया।

भारत में जब १९५० से नई आर्थिक निति के अंतर्गत औद्योगिक योजना के अंतर्गत सरकारी खर्चे पर कई सारी कम्पनिया शुरू की गयी जिसके लिए मैनेजमेंट स्किल की कमी भारत सरकार ने महसूस की जिसके लिए योजना आयोग में संशोधन से तथा सलाह से भारत में आईआईएम की स्थापन देश की गयी। योजना आयोग ने इसके लिए कैलिफ़ोर्निया यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर जॉर्ज रोब्बीन को सलाहकार के रूप में भारत में आमंत्रित किया था। १३ नवंबर १९६१ को कलकत्ता में पहला आईआईएम संस्था की स्थापना की गयी और अगले ही महीने में आईआईएम की दूसरी संस्था अहमबाद में शुरू की गयी।

आईआईटी की प्रवेश प्रक्रिया / Admission Process of IIT –

आईआईटी में सामान्यतः सभी संस्थानोकी प्रक्रिया एक जैसी होती हे मगर फी स्ट्रक्चर तथा थोड़ा बहुत प्रोसेस हर संस्थान अपने अधिकार से रखने की कोशिश करता है। पुरे चार साल के कोर्स के लिए आठ सेमिस्टर होते हे जिसकी कुल फीज सभी २३ आईआईटी संस्थानों में ८ -१० के बिच में होती हे जिसमे रहने का खाने का तथा लाइब्रेरी ऐसे खर्चे मिलकर यह पैकेज होता है। JEE एडवांस तथा मेन की पूर्वपरीक्षा सभी विद्यार्थियों को देनी होती हे जिसे दुनिया की सबसे कठिन परीक्षा मानी जाती है। JEE MAIN यह परीक्षा ऑब्जेक्टिव तरीकेसे ली जाती हे तथा साल में दो बार इसे देने का मौका विद्यार्थियों को मिलता है, जिसमे पेपर – १ और पेपर २ के माध्यम से परीक्षा ली जाती है । JEE एडवांस के लिए जो विद्यार्थी ज्यादा स्कोर करते हे वही पात्र होते है।

इस परीक्षा के लिए लाखो विद्यार्थी फॉर्म भरते हे तथा केवल २० -२५ हजार विद्यार्थी यह परीक्षा पात्र होते हे तथा केवल १०००० विद्यार्थियों का चयन किया जाता हे जिनको भारत के २३ आईआईटी संस्थानों में दाखिला मिल जाता है। इस प्रक्रिया में ५ % से भी ज्यादा कैंडिडेट इसमें सफलता हासिल करने में कामयाब होते है।

आईआईटी से निकले प्रसिद्द व्यक्ती / Famous Personalities from IIT –

  • सुन्दर पिचाई (गूगल सीनियर वाईस प्रेजिडेंट) – आईआईटी खड़गपुर
  • नारायण मूर्ति (इनफ़ोसिस -संस्थापक) – आईआईटी कानपूर
  • सचिन बंसल (फ्लिपकार्ड -संस्थापक) – आईआईटी दिल्ली
  • चेतन भगत ( प्रसिद्द लेखक) – आईआईटी दिल्ली, आईआईटी अहमदाबाद
  • रघुराम राजन ( पूर्व -RBI गवर्नर ) – आईआईटी दिल्ली
  • दीपिंदर गोयल ( संस्थापक, सीईओ झोमाटो) – आईआईटी दिल्ली
  • मनोहर पर्रिकर (पूर्व रेल्वे मंत्री -गोवा मुख्यमंत्री) – आईआईटी मुंबई
  • अरविन्द केजरीवाल ( दिल्ली मुख्य मंत्री) – आईआईटी खड़गपुर
  • नंदन नीलेकणी ( इनफ़ोसिस संस्थापक) – आईआईटी मुंबई
  • विनोद खोसला ( संस्थापक – सन मायक्रोसिस्टम) – आईआईटी दिल्ली

आईआईएम् की प्रवेश प्रक्रिया / Admission Process of IIM –

आईआईएम के लिए हर साल दो लाख विद्यार्थी परीक्षा के लिए बैठते हे जिसमे से केवल ५००० सीट्स पुरे भारत के २० आईआईएम संस्थानों के भरे जाते हे। यह एग्जाम के लिए पात्र होने के लिए CAT एग्जाम देनी होती हे जिसके जरिये पात्र होने के बाद आरक्षण के हिसाब से सीटे भरी जाती है। CAT यह एग्जाम दुनिया की सबसे मुश्किल तथा स्पर्धात्मक परीक्षा मानी जाती हे जिसका सफलता का प्रमाण मात्र १.७ % हे जो काफी कम माना जाता है। आईआईएम कोर्स के लिए लगबघ २० -२५ लाख रुपये फीज ली जाती हे जो २०१६ से पहले डेढ़ से दो लाख तक रहती थी।

पूर्व परीक्षा पास होने के बाद अनुसूचित जाती , जनजाती तथा ओबीसी आरक्षण तथा अन्य आरक्षण कोटा के माध्यम से ५००० सीटों का डिस्ट्रीब्यूशन किया जाता है जिसके तहत उन केटेगरी में मेरिट के आधारपर कैंडिडेट को चुना जाता है।

आईआईटी और आईआईएम् का शिक्षा का मॉडल / Education Model of IIT & IIM –

शिक्षा मॉडल की सफलता यह बाजार में उस शिक्षा की प्रासंगिकता पर निर्भर होती हे, मतलब अगर मार्किट में यह इंजीनियर आने के बाद भी वह बाजार के काम करने के लिए कार्यक्षम नहीं हे तो वह शिक्षा प्रणाली अर्थव्यवस्था के कुछ काम की नहीं होती वह केवल लोगो से पैसा निकलने की एक फैक्ट्री होती है। आईआईटी और आईआईएम् की शिक्षा प्रणाली इतनी विश्वसनीय मानी जाती हे, इसका मुख्य कारन हे यह सरकार द्वारा चलाई जाती हे और विशेषतः इसपर सरकार हरसाल पुरे एजुकेशन फण्ड का ५०% एजुकेशन फण्ड का इस्तेमाल किया जाता हे और पुरे एजुकेशन सिस्टम के केवल ३% विद्यार्थियों के लिए यह खर्चा किया जाता है।

शिक्षा प्रणाली के लिए भारत में सबसे ज्यादा महत्त्व दिया जाता हे इसलिए इसपर ज्यादा खर्चा किया जाता हे, जिसमे अच्छी फैसिलिटी , टेक्नोलॉजी, लाइब्रेरी तथा जो खर्च दूसरे शिक्षा संस्थान नहीं कर पते वह फैसिलिटी इन विद्यार्थियों को मिलती हे और अच्छे प्रोफेसर के द्वारा इनको अच्छा एजुकेशन मिलता हे जो भारत में सबसे ज्यादा प्रशिक्षित और ज्यादा तनखा पाने वाले प्राद्यापक होते है।पुरे भारत में इंजीनियरिंग के ३५०० के आसपास शिक्षा संस्थान हे और हर साल १५ लाख इंजीनियर भारत की आर्थिक बाजार में आते हे मगर जो अहमियत मगर आईआईटी और आईआईएम् के विद्यार्थियों को कंपनियों द्वारा मिलती हे वह कारन हे उनकी शिक्षा का कंपनी के लिए क्या मूल्य हे।

आईआईटी और आईआईएम् का शिक्षा प्रणाली की खामिया/ Criticism for Education Model of IIT & IIM –

  • ९५ % आईआईटी और आईआईएम् के विद्यार्थि यह पूर्वपरीक्षा के लिए लाखो रूपए खर्च करते है, जिससे शिक्षा का बाजारीकरण किया गया हे ऐसा कई लोगो का मानना है।
    विद्यार्थियों के लिए अपने पालक वर्ग की तरफ से यह परीक्षा पास होने के लिए काफी दबाव देखने को मिलता है।
  • २०१६ से इन संस्थानों में ली जाने वाली फीज चार गुना बधाई गई हे जो आर्थिक रूप से सभी लोगो के लिए संभव नहीं हे जिससे क्षमता से ज्यादा आर्थिक सक्षम लोगो के लिए यह शिक्षा प्रणाली बनाई गई हे ऐसा लोगो का मानना है।
  • शिक्षा विभाग द्वारा पूरी शिक्षा व्यवस्था का ५०% खर्चा इन संस्थानों के लिए किया जाता हे जो बाकि शिक्षा के लिए अन्याय माना जाता है।
  • इन संस्थानों का इतिहास देखे तो अमरीका यूरोप जैसे देशो में यह विद्यार्थी अच्छे सैलरी की नोकरिया प्राप्त करते हे और वही की नागरिकता प्राप्त करते है , जिससे देश का नुकसान होता है।
  • कोई लोग इसके लिए आरक्षण प्रणाली को दोष देते हे मगर इसका प्रमुख कारन भारत की परिवादी कंपनी व्यवस्था तथा कम सैलरी पर शिक्षित कैंडिडेट अमरीका और यूरोप के कंपनियों को भारत से मिलते है।
  • भारत की यह शिक्षा संस्थान दुनिया की शिक्षा क्रमवारी में २०० सबसे बेहतरीन शिक्षा प्रणाली में शामिल होने में असफल रही है।
  • रिसर्च और डेवलपमेंट में यह शिक्षा संस्थान पश्चिमी तथा अमीरीकी संस्थानों से काफी पीछे है।

आईआईटी भारत और एम्आईएम् अमरीका तुलनात्मक विश्लेषण / Comparative Analysis of IIT & MIT –

एमआयटी संस्थान अमरीका और भारतीय संस्थान आईआईटी इसमें मूलतः क्या अंतर हे यह हम जानने की कोशिश सक्षिप्त में करेंगे और भविष्य में एमआयटी संस्थान पर अलग से विस्तार से आर्टिकल लिखेंगे। जिससे हमें भारत की शिक्षा संस्थान की कमिया और खामिया इसका विश्लेषण करने का अवसर रहेगा जिससे हमें क्या इम्प्रूवमेंट करना हे यह समझमे आएगा। १८६१ को एमआयटी संस्थान अमरीका की स्थापना इंजीनियरिंग प्रेमी कुछ खास लोगो ने की थी और यह अमरीका का तथा वर्ल्ड रैंकिंग में नंबर वन शिक्षा संस्थान माना जाता हे इसका मुख्य कारन संशोधन तथा दुनिया के लिए उपयुक्त वैज्ञानिक खोज इस संस्थान के कई विद्यार्थियों ने की हे जिसका सबूत है ७७ नोबल प्राइज इस संस्थान के पूर्व छात्रों को मिले हुए है।

२०११ में केवल एक साल में ७०० इन्वेंशन इस संस्थान द्वारा किये गए थे जो एक किसी भी शिक्षा संस्थान की बड़ी उपलब्धी है। आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस , नुक्लेअर फिशन अथवा डिजिटल इंक ऐसे कई मामलों पर वैज्ञानिक संशोधन इस संस्थान द्वारा शुरू हे जो दुनिया के लिए बड़ी उपलब्धी है।भारतीय संस्थान आईआईटी के लिए रिसर्च एंड डेवलपमेंट में काफी इम्प्रूवमेंट करना है तथा सरकार को इसके लिए काफी पैसा लगाना पड़ेगा। सबसे महत्वपूर्ण फर्क इन दोनों संस्थानों में हे यह की एमआयटी संस्थान निजी संस्था द्वारा चलाया जाता है और इसका फीज स्ट्रक्चर भारतीय संस्थान आईआईटी से काफी महंगा हे, जो भारत में यह मॉडल चलाना काफी मुश्किल हे तथा इच्छा शक्ती की कमी है ।

निष्कर्ष / Conclusion –

इसतरह से हमने यहाँ देखा की आईआईटी और आईआईएम् इन शिक्षा संस्थान को भारत में इतना महत्त्व क्यों हे और क्यों यह शिक्षा संस्थान इतने महत्वपूर्ण माने जाते है। भारत में वैसे तो शिक्षा बजट विकसित देशो से काफी किया जाता है उसमे भी इन शिक्षा संस्थान पर ५० % बजट खर्च किया जाता है।जितना महत्त्व इन शिक्षा संस्थानों को दिया जाता है उतना फायदा देश के लिए इन विद्यार्थियों का नहीं होता और इसके से बहुत सारे विद्यार्थी उच्च शिक्षा के लिए और नौकरी के लिए विकसित देशो को प्राथमिकता देते है। हमने देखा की यह शिक्षा मॉडल इतना प्रसिद्द क्यों हे तथा बाकि शिक्षा प्रणाली में और इसके क्या अंतर है।

आईआईटी और आईआईएम् की पूर्व परीक्षा को पास करना बहुत कठिन होता है और आर्थिक रूप से दुर्बल विद्यार्थियों के लिए प्राइवेट इंजीनियरिंग अथवा मैनेजमेंट संस्थानों में दाखिला लेना काफी खर्चीला होता है इसलिए विद्यार्थी तथा पालक वर्ग इस परीक्षा के लिए काफी डेस्पेरेट दिखते है।

शिक्षा में सफल होने का सबसे बेहतरीन सूत्र

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