प्रस्तावना / Introduction –

विश्व का इतिहास हमें राजनितिक और सामाजिक बदलाव के सन्दर्भ में कुछ न कुछ सिखाता है। वैसे तो नेपोलियन बोनापार्ट को इतिहास में तानाशाह शासक माना जाता हे मगर वास्तविकता में तानाशाह की व्याख्या करना काफी मुश्किल है। सभी राजनीतिज्ञ किसी भी ऐतिहासिक शासक को अपने हिसाब से इतिहास में दिखाने की कोशिश करते रहे है। रशिया के जोसफ स्टालिन को भी तानाशाह शासक इतिहास में दिखाया जाता हे मगर द्वितीय विश्व युद्ध में उनकी काफी महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

इसलिए आज के तारीख में पूंजीवादी व्यवस्था और साम्यवादी व्यवस्था ऐसे मानसिकता से किसी शासक को न देखते हुए एक तटस्थ लेखक के तौर पर हमें इतिहास को देखना होगा। तर्क के आधारपर जो समाज के लिए अच्छा हे उसे स्वीकार करना होगा और जो गलत हे उसे पीछे छोड़ना चाहिए। नेपोलियन बोनापार्ट को एक अच्छा युद्धकला में प्रवीन तथा कुशल व्यवस्थापक माना जाता है। सेकुलरिज्म को यूरोप में पहली बार सफलता पूर्वक इस्तेमाल करने वाला शासक नेपोलियन को कहा जाता है।

इसलिए यहाँ हम नेपोलियन के व्यक्तित्व से लेकर उनकी फ्रांस और यूरोप के लिए क्या उपलब्धिया रही हे यह देखने की कोशिश करेंगे। नेपोलियन का शासन आखिर में कैसे ख़त्म हुवा इसका अध्ययन करने की कोशिश करेंगे तथा यूरोप की राजनीती तथा फ्रेंच क्रांति का कैसे प्रभाव रहा यह जानने की कोशिश करेंगे। अल्फ्रेड परेटो का कहना था की किसी भी देश की अर्थव्यवस्था को समझने के लिए पहले समाजशास्त और राजनिती को भौगोलिक दॄष्टि से समझना जरुरी है। इसी आधार पर नेपोलियन बोनापार्ट के शासन का अध्ययन करने की कोशिश करेंगे।

नेपोलियन बोनापार्ट की जीवनी (१७६९-१८२१) /Life of Nepoleon Bonapart –

नेपोलियन बोनापार्ट का जन्म फ्रांस के कार्सिका में हुवा था और वह इस शहर के सबसे समृद्ध परिवार से आते थे। उनके पिताजी का नाम चार्ल्स बोनापार्ट था और इन्ही के प्रभाव में नेपोलियन बोनापार्ट ने अपनी सैनिकी शिक्षा पूर्ण करके अपना करियर युद्ध क्षेत्र में अधिकारी के तौर पर शुरू किया था। वह सबसे कम उम्र में फ्रांस की क्रांति के प्रस्थापित हुई रिपब्लिक सरकार में सबसे उच्च पद पर ब्रिगेडियर के पद पर नियुक्त किए गए।

दुनिया के इतिहास में वह एक यूरोप का तानाशाह के तौर पर देखा जाता हे मगर उनके शासन काल में फ्रांस में उन्होंने कई सुधार किए जिसमे फ्रांस की कानून व्यवस्था का एकत्रीकरण /कोडिफिकेशन से लेकर सेक्युलर फ्रांस तक कई बदलाव किए। वह फ्रांस के पहले ऐसे शासक बने जिन्होंने पहली बार फ्रांस के सबसे निचले स्तर के समाज को शासन में शामिल किया और उनको अधिकार देने की कोशिश की थी।

शासक बनते ही उन्होंने सबसे पहले ऑस्ट्रिया , स्पेन ,इटली और पश्चिमी रशिया के क्षेत्रो पर अपना प्रभाव युद्ध के माध्यम से प्रस्थापित किया और फ्रांस में शांति प्रस्थपित करने की कोशिश की थी। नेपोलियन बोनापार्ट ने फ्रेंच क्रांति को सपोर्ट किया और बड़ी नजदीकी से उन्होंने इस हिंसक आंदोलन का अध्ययन किया। फ्रेंच क्रांति के बाद प्रस्थपित की गई रिपब्लिक सरकार में वह उच्च पदस्थ अधिकारी बने और कई सफल लड़ाईया उन्होंने लड़ी जिसके कारन वह फ्रांस की जनता में काफी प्रसिद्द रहे। फ्रांस पर उन्होंने लगबघ फ्रांस पर राजा के तौर पर दस साल शासन किया।

फ्रांस की क्रांति और नेपोलियन बोनापार्ट / French Revollution & Nepoloen Bonapart –

अमरीका की १७७६ की क्रांति को सफल करने के लिए फ्रांस के शासक ने काफी पैसा लगाया था वह उनके राजनितिक स्पर्धक ब्रिटेन को शह देना चाहते थे। इसका परिणाम फ्रांस में मुलभुत समस्याए बढ़ी और जनता में आक्रोश देखने को मिला जिससे लुइस १६ को सरे आम लोगो द्वारा ख़त्म किया गया। जिसके बाद जो रिपब्लिक सरकार प्रस्थापित की गई थी उसको शासन करने का कुछ अनुभव नहीं था इसलिए फ्रांस की जनता जो बदलाव देखना चाहते थे वह नहीं हो रहा था।

इसी दौरान इस सरकार में ब्रिगेडियर के पद पर नेपोलियन बोनापार्ट द्वारा फ्रांस की तरफ से कई युद्ध सफलता पूर्वक लडे गए जिससे वह फ्रांस की जनता में काफी प्रसिद्द होने लगे। इसका परिणाम उन्होंने इस कमजोर रिपब्लिक शासन को ख़त्म करते हुए खुद को १८०४ में फ्रांस का राजा घोषित किया। फ्रांस का निरंकुश शासक बनने के बाद नेपोलियन बोनापार्ट ने देश में काफी बदलाव किए गए जो उस दौर में यूरोप में काफी क्रन्तिकारी बदलाव माने जाते थे ।

उनकी निजी जिंदगी में उनकी सबसे प्रिय रानी रही जोसेफिन मगर वह उन्हें अपने जीवन में काफी वक्त नहीं दे पाए, क्यूंकि वह अपने राजनितिक जीवन में इतने व्यस्त रहे की उन्होंने अपने निजी जिंदगी पर कभी ज्यादा ध्यान नहीं दिया। उन्होंने अपना शासन पुरे यूरोप में फैलाया और वह चाहते थे की इंग्लैंड को भी अपने वर्चस्व में रखे जो पूरी जिंदगी यह सपना पूरा नहीं हुवा। इंग्लैंड का नौदल दुनिया में काफी शक्तिशाली माना जाता था इसकी वजह से नेपोलियन बोनापार्ट पूरी जिंदगी इंग्लैंड पर विजय कभी प्राप्त नहीं कर सके।

नेपोलियनिक संहिता / Nepoleonic Code –

२१ मार्च १८०४ में फ्रेंच सिविल कोड का निर्माण नेपोलियन शासन के द्वारा पारित किया गया, जो आज भी समयानुसार बदलाव के साथ फ्रांस में इस्तेमाल किया जाता है । इसका प्रभाव हमें १९ वी सदी में यूरोप तथा अमरीका खंड के कई देशो पर देखने को मिलता है। फ्रेंच क्रांति से पहले फ्रांस में अलग अलग राज्यों में अलग अलग कानून देखने को मिलते थे जिसमे दक्षिण फ्रांस में रोमन कानून इस्तेमाल किए जाते थे।

वही उत्तर फ्रांस में पारम्परिक जर्मन और फ्रांसिस सामंती परम्पराए कानून के रूप में प्रस्थापित हो चुकी थी। विवाह व्यवस्था और पारिवारिक परम्पराए पूरी तरह से रोमन कैथेलिक चर्च के अधीन थी। उसी दौरान वोल्टायर के विचारधारा पर समाज पर प्रभाव हो रहा था. जिसमे बाहरी कल्चर को लोग समझने लगे और पारम्परिक कानून की खामिया नजर आने लगी थी । ऐसा नहीं हे की फ्रांस में सभी कानूनों के एक साथ बांधकर एक कानून बनाना मगर उसमे सफलता नहीं मिल रही थी।

फ्रांस की क्रांति ने यह कोडिफिकेशन बनाना काफी सरल बना दिया था। उसमे भी नेपोलियन ने समाज के निचले वर्ग से लेकर ऊपरी स्तर पर समाज को सत्ता में शामिल किया था इसलिए यह एक आदर्श राज व्यवस्था यूरोप में हमें देखने को मिली थी। चर्च के धार्मिक अधिकारों को इससे अपने आप क्षीण करने का काम नेपोलियन शासन द्वारा किया गया जो आज हम सेक्युलर लोकतंत्र में प्रभावी रूप से इस्तेमाल करते हे। इसकी नीव नेपोलियन ने अपने शासन में प्रस्थापित की और पूंजीवाद को एकतरह से स्वतंत्र प्रदान किया।

नेपोलियन बोनापार्ट के युद्ध और युद्धनीति / Nepoleon Bonapart’s wars & Strategies –

दुनिया के राजनितिक इतिहास में नेपोलियन बोनापार्ट एक कुशल युद्धनीति शास्त्र के लिए जाने जाते हे और उनकी युद्ध की सफलता में सबसे महत्वपूर्ण थी उनकी आधुनिक हत्यार जो उस समय इंग्लैंड के पास देखे जाते थे। इसी के दम पर वह अपना युद्ध अभियान चलाते थे। नेपोलियन बोनापार्ट पुरे यूरोप में रशिया से लेकर स्पेन और इटली को अपने अधिपत्य में लेकर फ्रांस में शांति प्रस्थापित करना चाहते थे।

वह अपने युद्ध निति में एक खास रणनीति के तहत युद्ध को लड़ते थे जिसे छापा मर युद्ध कला का इस्तेमाल करते थे। आधुनिक बंदूके तथा कुशल सैनिक जो उनके शासन में हर परिवार से एक व्यक्ति को नेपोलियन बोनापार्ट के सैन्य में शामिल होना पड़ता था। जिससे फ्रांस की आर्मी यूरोप की सबसे बड़ी और शक्ति शैली आर्मी बन गई थी जिसने पुरे यूरोप पर अपना अधिपत्य प्रस्थपित किया था।

नेपोलियन बोनापार्ट के कुशल शासन का महत्वपूर्ण कारन उनके महत्वपूर्ण अधिकारी जिसमे टेलीरांड और फॉचे जैसे कुशल अधिकारी रहे थे। यूरोप के जितने भी राज्यों पर उन्होंने अपना अधिपत्य निर्माण किया था वह उन्होंने अपने परिवार के लोगो को शासक बनाकर रखा जिससे विद्रोह को नियंत्रित रख सके। ब्रिटेन को नियंत्रित करने के लिए उनपर आर्थिक प्रतिबन्ध लगाकर वह कमजोर करना चाहते थे।

यूरोप की राजनीती और नेपोलियन बोनापार्ट / European Politics & Nepoleon Bonapart –

आज की भाषा में यूरोप की राजनीती को देखते हे तो फ्रांस, जर्मनी , इंग्लैंड यह यूरोप पर अपना प्रभाव रखने के लिए हजारो सालो से संघर्ष करते हुए हमने देखा है। प्रशिया ,ऑस्ट्रिया, स्पेन और इटली जैसे देशो पर नेपोलियन बोनापार्ट ने अपना अधिपत्य प्रस्थपित किया था और रशिया पर भी अपना प्रभाव रखा था, भले ही वह रशिया पर अपना राज प्रस्थपित करने में असफल रहे हो जैसे की इंग्लैंड पर वह नियंत्रण नहीं हासिल कर सके थे।

इंग्लैंड ने १६ वी सदी में वसाहत वाद के माध्यम से आधे दुनियापर अपना प्रभाव रखा था। इसके माध्यम से वह नैसर्गिक सम्पदा का इस्तेमाल करके उत्पादित साधनो के माध्यम से पुरे यूरोप को अपने पर निर्भर कर रहे थे। नेपोलियन बोनापार्ट आज के तुर्की के शासक ऑटोमन को भी अपने अधिपत्य में लेना चाहते थे जो एशिया में व्यापार के लिए दरवाजे खोलने का सबसे महत्वपूर्ण माध्यम था।

इंग्लैंड के साथ वह युद्ध में सफल नहीं हो सके मगर फिर भी नेपोलियन बोनापार्ट ने लगबघ यूरोप को अपने अधिपत्य में ले लिया था। इंग्लैंड की समुद्री सुरक्षा काफी मजबूत रही थी जिसके कारन वह इंग्लैंड पर आक्रमण करने में असफल रहे थे मगर वह जमीनी युद्ध में इंग्लैंड के सैन्य से काफी मजबूत रहे थे। यूरोप पर पूरी तरह से अपना वर्चस्व प्रस्तापित करने के लिए इंग्लैंड को हराना बहुत जरुरी था मगर इसमें नेपोलियन जीवन भर कभी सफल नहीं हुए और यही उनके पतन का कारन बने।

नेपोलियन बोनापार्ट के पतन का कारन / Fall of Nepoleon Bonapart Regime –

  • नेपोलियन बोनापार्ट ने फ्रांस का शासक बनाने के बाद यूरोप के जितने भी क्षेत्र पर विजय प्राप्त किया वह अपने परिवार के लोगो को शासक के तौर पर प्रस्थापित किया जिससे वहा के लोगो में राष्ट्रवाद की चेतना निर्माण हुई।
  • १८०४ में जब उन्होंने खुद को फ्रांस का राजा घोषित किया था उस समय कैथोलिक चर्च के धर्मगुरु से राजा घोषित होने से इंकार कर दिया और वह इतने पर नहीं रुके उन्हें बंदी बनाकर वेटिकन शहर में रखा जिससे धर्मगुरु ने अपने अनुयायियों के साथ नेपोलियन बोनापार्ट से धर्मयुद्ध घोषित करके उनको बहिष्कृत किया।
  • इंग्लैंड की नौदल की शक्ति काफी मजबूत थी जिसके कारन वह इंग्लैंड को जीवन भर परास्त नहीं कर पाए जिससे इंग्लैंड द्वारा यूरोपीय देशो से सहयोग के माध्यम से बाद में फ्रांस को परास्त करने में सफलता हासिल की थी।
  • नेपोलियन बोनापार्ट के शासन बनाने से पहले फ्रेंच क्रांति के माध्यम से जनता ने गणतंत्र की स्थापना की थी जिससे वह समता, स्वतंत्रता चाहते थे मगर उन्होंने निरकुंश शासक के तौर पर काफी प्रतिबन्ध जनता पर लगाए थे ।
  • यूरोपीय राज्यों पर इंग्लैंड से आर्थिक व्यापार करने पर पाबन्दी लगाई गई जिसके कारन व्यापारी वर्ग नेपोलियन के शासन से नाराज हुवा और सबसे महत्वपूर्ण बात की वह खुद इंग्लैंड से आयात कर रहे थे, जिससे विद्रोह बढ़ने में प्रोस्ताहन मिला।

नेपोलियन शासन की विशेषताए / Features of Nepoleon Regime –

  • धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र का निर्माण यूरोप में सफलता पूर्वक नेपोलियन शासन द्वारा फ्रांस में किया गया जिसके तहत कैथेलिक चर्च को राजव्यवस्था से अधिकार विहीन किया गया।
  • दयूरोप के इतिहास में पहली बार समाज के सभी वर्ग को सत्ता में शामिल करने का कार्य नेपोलियन शासन द्वारा किया गया।
    कोडिफिकेशन के माध्यम से सभी परम्पराए और नियमो को कानून का रूप दिया गया और इसके अधिकार नेपोलियन शासन के अधीन किए गए जो पहले चर्च के हस्तक्षेप से चलते थे।
  • फ्रांस के सभी राज्यों को एक छात्र नेपोलियन शासन के अधीन लाया गया तथा स्पेन और इटली जैसे यूरीपीय देशो पर अपना शासन प्रस्थापित किया गया और अपने परिवार के लोगो को वाहक शासक बनाया।
  • नेपोलियन बोनापार्ट ने अपने जीवन में कई लड़ाईया लड़ी मगर वह पिरामिड युद्ध और नील युद्ध में सफल नहीं हो पाए जिसमे इंग्लैंड का सहभाग था।
  • नेपोलियन बोनापार्ट ने पुरे यूरोप को अपने नियंत्रण में लिया मगर वह इंग्लैंड को जीवन भर हरा नहीं पाए, क्यूंकि इंग्लैंड का नौदल काफी आधुनिक और शक्तिशाली था।
  • फ्रेंच क्रांति को नेपोलियन बोनापार्ट ने अपना सहयोग दिया था मगर वह इस क्रांति में हुई हिंसा से काफी अचंबित हुए थे जिससे सिख लेकर उन्होंने अपने शासन में सभी वर्गों को शामिल किया।
  • वह एक सफल सेनानी होते हुए एक सफल शासक थे जिनको कभी कोई प्रभावित नहीं कर सका था।
  • वह एक सैनिकी स्कूल से ग्रेजुएट मिलिटरी अधिकारी थे जिन्होंने बहुत काम उम्र में फ्रेंच क्रांति के बाद रिपब्लिक सरकार में सबसे उचे पद पर कार्य किया और लोगो के चहेते बने।
  • नेपोलियन बोनापार्ट के विस्तारवाद के निति के कारन उन्हें इतिहास में एक नकारात्मक व्यक्तित्व के तौर पर दिखाया जाता हे मगर वह हिटलर और मुसोलिनी से काफी अलग शासक थे।
  • जब उन्होंने खुद को फ्रांस का राजा घोषित किया और चर्च के पॉप से यह सम्मान लेने से इंकार किया यह बहुत साहसी घटना थी जिसमे वह कहते हे की उन्होंने यह पद अपनी तलवार की शक्ति से हासिल किया है।

नेपोलियन बोनापार्ट के जीवन का आलोचनात्मक विश्लेषण / Critical Analysis of Nepolian Bonapart –

राजनितिक जीवन में उन्हें एक तानाशाह के रूप में जाना जाता हैं जिनको पुरे यूरोप को अपने अधिकार क्षेत्र में लेने की महत्वकांक्षा रही थी जिसमे वह लगबघ सफल रहे । ब्रिटिश शासन तथा रशिया पर वह अपना अधिकार प्रस्तापित करने में असफल रहे क्यूंकि इंग्लैंड की नाविक सेना दुनिया की सर्वश्रेष्ठ सेना उस ज़माने में मानी जाती थी जिसको हराना लगबघ नामुनकिन था और हुवा भी ऐसे ही जो उनके लिए एक सपना ही रहा ।

5 मई 1821 में वह सेंट हेलेन जेल में उनका दुखद अंत हुवा जिसका प्रमुख कारन रहा उनके वर्चस्ववादी भूमिका ने उनको पुरे यूरोप का दुश्मन बनाया तथा उनके नजदीकी लोग भी उनके दुश्मन बने । व्यक्तिगत जीवन में भी वह अपनी पत्नी जोसेफिन को समय नहीं दे सके तथा पुरे समय अपने राजनितिक दाव पेजो में व्यस्त रहे जिससे वह अपने जीवन में सफल रहे ऐसा नहीं कहा जा सकता । 1789 में हुई फ्रेंच क्रांति ने पुरे दुनिया को स्तब्ध कर दिया क्यूंकि फ्रांस की जनता द्वारा राजतन्त्र को बड़ी हिंसक तरीके से ख़त्म कर दिया गया था । फ्रेंच क्रांति के कारन पूरी दुनिया की राजतांत्रिक व्यवस्था खौफ में थी ।

नेपोलियन बोनापार्ट युद्ध को एक कला की तरह मानते थे जो आज की कानून व्यवस्था में बड़ा अजीब लगेगा, उनकी राजनितिक तथा भौगोलिक विस्तारवाद की महत्वकांक्षा के कारन पुरे यूरोप को संकट में डाला था । इसलिए भले ही वह एक कुशल नेता रहे हो अथवा संघटक रहे हो मगर उनकी राजनीती ने उन्हें पूरी दुनिया में एक नकारात्मक राजनीतिज्ञ के तौर पर इतिहास में देखा हैं जैसे हिटलर और मुसोलिनी जैसे तानाशाह उनके बाद इतिहास में हुए हैं । इसलिए भले ही उनकी राजनितिक शासन में कुछ उपलब्धिया रही हैं जो फ्रांस तथा दुनिया के लिए एक आदर्श व्यवस्था बनी।  वह एक अच्छे शासक की तरह खुद को प्रस्तापित करने में सफल नहीं हुए जिसमे कई दार्शनिक उस समय फ्रांस में लोगो को लोकतान्त्रिक अधिकारों के लिए लोगो को जागृत कर रहे थे यह सबसे महत्वपूर्ण कारन रहा हैं ।

निष्कर्ष / Conclusion –

इतिहास में नेपोलियन बोनापार्ट को एक बुरा और क्रूर शासक के तौर पर दर्शाया गया मगर उन्होंने जो अपने शासन काल में फ्रांस में जो बदलाव किए वह पूरी दुनिया के लिए काफी क्रांतिकारक साबित होने वाले थे। धर्मनिरपेक्षता और समाज के सभी वर्गों को सत्ता में शामिल करके उन्होंने अपने राजतन्त्र को प्रस्थपित करने की कोशिश की थी । इसलिए हमने यहाँ नेपोलियन बोनापार्ट के माध्यम से उनकी राजनीती और युद्धकला को अध्ययन करने की कोशिश की है।

फ्रांस के क्रांति ने पुरे यूरोप में सामाजिक और राजनितिक बदलाव देखने को मिले। नेपोलियन बोनापार्ट इस बदलाव को बड़ी नजदीक से देख रहे थे और वह इस क्रांति में हुई हिंसा से बड़े अचंबित थे। इससे सिख लेकर उन्होंने जब वह फ्रांस के शासक बने तो सबसे पहले समाज के दबे कुचले वर्ग से लेकर उच्च पदस्थ वर्ग तक सभी को अपनी सत्ता में हिस्सेदारी देने का निर्णय लिया और कानून व्यवस्था को कोडिफिकेशन के माध्यम से सरल करने की कोशिश की।

नेपोलियन के बनाए कोडिफिकेशन को फ्रांस में आज भी इस्तेमाल किया जाता है। नेपोलियन ने अपनी युद्धकला से पुरे यूरोप को अपने अधिपत्य में लिया और लगबघ १५ साल राज किया। भले ही वह दुनिया के इतिहास में एक तानाशाह के रूप में देखे जाते हे मगर फ्रांस के समाज में उनके किए बदलाव के कारन कई अच्छे परिणाम हमें देखने को मिलते है। इसलिए हमने इस आर्टिकल के माध्यम से नेपोलियन बोनापार्ट के राजनितिक जीवन का अध्ययन करने की कोशिश यहाँ की है।

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