प्रस्तावना / Introduction –

स्कूल के दिनों में लगबघ सबका गणित विषय बड़े ही गूढ़ और रहस्य का विषय रहा है , असल जिंदगी में गणित यह विषय किस काम का क्यूंकि अनपढ़ व्यक्ती भी उसके काम का हिसाब किताब वैसे भी बिना पढ़े लिखे कर सकता है। जब पहली बार जिम साइमन के बारे में पढ़ने को मिला तो गणित यह विषय आर्थिक सफलता में कितना महत्वपूर्ण विषय हे यह समझमे आया। इससे पहले गणित के बारे में यही धारणा थी की यह केवल साइंस के जटिल संशोधन करने का विषय हे सामान्य आदमी का इसमें ज्यादा कुछ महत्त्व नहीं है।

जिम साइमन का जब अपना पहला हेज फण्ड शुरू किया तो कोई फाइनेंस एक्सपर्ट को हायर नहीं किया बल्कि मैथेमैटिशियन और प्रोग्रामर को हायर किया और शेयर मार्केट के शेयर ट्रेडिंग को एक अलग स्तर पर लेकर गए जो कोई कल्पना नहीं कर सकता। गूगल के फाउंडर LARRY PAGE और SERGEY BRIN दोनों के बारे पढ़ा दोनों कंप्यूटर साइंस के पीएचडी होल्डर थे जो मैथ्स में मास्टर थे।

मैथमैटिक्स के प्रोबेबिलिटी प्रिंसिपल्स पैसा कमाने में लगा ने का निर्णय जिम साइमन ने उम्र के ४० साल बाद लिया, उससे पहले वह प्रोफेसर रह चुके थे और ख़ुफ़िया एजेंसी के लिए डिकोडिंग करते थे। जिम साइमन के बारे में केस स्टडी लेने का कारन था की शेयर मार्केट के जो भ्रम सामान्य इन्वेस्टर के सामने बनाये जाते हे वह दूर हो जाये और सही इन्वेस्टमेंट प्लान से हर इन्वेस्टर शेयर मार्केट से बाकि इन्वेस्टमेंट की तरह पैसा कमाए।

जिम साइमनस का प्रोफाइल / Profile of Jim Simons-

  • नाम – जेम्स हरिस साइमनस
  • जन्म – २५ अप्रैल १९३८
  • एजुकेशन – मॅथमेटेशियन पीएचडी होल्डर (कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी), MIT इंस्टिट्यूट से BS
    ऑक्यूपेशन – मॅथमेटेशियन और हेज फण्ड मैनेजर
  • फाउंडर – रेनाइसेस टेक्नोलॉजी
  • अवार्ड – ओसवाल्ड वेबलिन प्राइज -१९७६
  • किताब – दि मैन हु सॉल्व दि मार्केट (लेखक- ग्रेगरी जुकरमन) बेस्ट सेलर बुक ऑफ़ न्यूयोर्क टाइम्स
  • FORBES – 23rd RICHES MAN IN AMERICA-2021- 23.5 BILLION $ NET WORTH

जिम साइमन कि कुछ प्रसिद्ध कही बाते / Quotes of Jim Simons –

  • जीवन में वही करे जो आपको पसंद है , न कि वह करे जो आपको लगता हे कि करना चाहिए
  • आप बहुत सारे निर्णय ले रहे है ? , आपको अपने निर्णय में केवल ५१ % सही होना है, जैसे बॉक्सर करता है, ट्रेडर करता है ।
  • लोग तनाव की और घबराहट की स्थिती में सबसे प्रेडिक्टिबिल होते है और गलत निर्णय लेते है।
  • शेयर मार्केट में स्टोरीज किंग होती है न की नंबर्स।
  • मुझे बिज़नेस करने में कोई रुची नहीं है इसका मतलब यह नहीं की मुझे पैसा कमाने में रुची नहीं।
  • कॉमन सेंस और इंटेलिजेंस यह गुन किसी एक व्यक्ती में होना उस व्यक्ती की वैल्यू दर्शाती है, यह बहुत दुर्लभ होता है।
  • मार्केट एक्सपर्ट के भरोसे अपने निवेश न करे यह सब बकवास होते है।
  • आप बिना देखावे के भी आमिर ही रहते यह सबसे अच्छा तरीका होता है आमिर रहने का।
  • जब आप आधे निचे या मुसीबत में होते है तो लोग समझते है आप पुरे मुसीबत में फसने वाले हो।
  • वह एक गणितज्ञ है निवेश करते समय वह कंपनी बिज़नेस कैसा कर रही है इससे उनको कोई मतलब नहीं होता।
  • गणितज्ञ और वैज्ञानिक को अच्छा रिजल्ट देने के लिए बातचीत और बहस को साझा करना पड़ता है।
  • अच्छे से अच्छे इंटेलिजेंस लोगो के साथ काम करो भले वह आप से भी इंटेलिजेंट हो, और जल्दी हर न मानो ।

जिम साइमनस का शुरुवाती जीवन प्रवास / Early Life of Jim Simons –

वारेन बुफेट अपने पुरे इंवेटस्मेन्ट करियर में लगबघ २५ % ग्रोथ से अपने इन्वेस्टमेंट को आजतक बढ़ाया है और जिम साइमनस अपने उम्र के चालीस के बाद मार्केट में इन्वेस्ट करना शुरू किया और आज वह लगबघ ६६% ग्रोथ से अपने इन्वेस्ट को निरंतर बढ़ा रहे रहे। उन्हें “QUANT KING ” नाम से जाना जाता हे और वह शेयर मार्केट के एक बेहतरीन इन्वेस्टर जाने जाते है।

उन्होंने अपने उम्र के ४४ साल में १९८२ को पहला Renaissance Technologies यह पहला QUANT FUND शुरू किया। वह वे २०१० तक चेयरमैन और सीईओ रहे और बादमे रिटायर हुए , उसके बाद वह नॉन एग्जीक्यूटिव चेयरमैन बन के कंपनी में रहे। अपनी शिक्षा उन्होंने MIT कॉलेज से मॅथमेटेशियन के रूप में पूर्ण की और १९६१ में उन्होंने अपनी पीएचडी की शिक्षा पूरी की।

आगे उन्होंने गणित विज्ञानं के लिए काफी काम किया और इसके लिए उनके कई अवार्ड दिए गए। १९६४ में उन्होंने IDA इस ख़ुफ़िया संस्था के लिए डिकोडिंग करने का काम किया जो विएतनाम वॉर के कई ख़ुफ़िया कोड उन्होंने ब्रेक किये थे। चार साल ख़ुफ़िया संस्था के लिए काम करने के बाद उन्होंने MIT कॉलेज और हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी में पढाने का काम किया।

असलियत में उनकी शेयर मार्केट की जर्नी की शुरुवात से पहले वह स्टोनी ब्रूक यूनिवर्सिटी में मैथमेटिक्स डिपार्टमेंट में थे तभी उनको IBM कंपनी को कंसल्ट करने का मौका आया और वह साल था १९७८ जब वह धीरे धीरे फाइनेंस को समझने लगे एक मॅथमेटेशियन की तरह, वहा उनकी जान पहचान इस कंपनी के कुछ अच्छे प्रोग्रामर और मॅथमेटेशियन से हुई जिन्हे बाद में उन्होंने अपनी Renaissance Technologies के लिए रिक्रूट किया।

जिम साइमनस की इन्वेस्टमेंट फिलोसॉफी/ Investment Philosophy –

वैसे तो वह अपनी इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजी कॉन्फिडेंशियल रखना चाहते हे मगर जैसे की उन्हें “QUANT KING ” नाम से जाना जाता हे , जो एक क्वॉन्टिटेटिव एनालिसिस जिसके लिए बहुत सारा डाटा लगता हे इसके लिए उन्होंने बहुत सारा पैसा लगाया।

शुरुवाती दिनों वह अपनी मैथ्स स्किल इस कंपनी में इस्तेमाल नहीं करना चाहते थे मगर बाद में काफी रिसर्च करने के बाद प्रोबेबिलिटी रूल की थेओरी से शेयर मार्केट में सक्सेस मिल सकता हे इस हिसाब से उन्होंने इन्वेस्टमेंट की शुरुवात की। शुरुवाती दिनों में उन्होंने हेज फण्ड शुरू किया था जिसका नामा Monemetrics रखा गया जो बाद में Renaissance Technologies में बदल दिया गया।

इसलिए उन्होंने अपने पहले हेज फण्ड कंपनी में साइंटिस्ट , मॅथमेटेशियन ,फिजिसिस्ट , क्रिप्टोग्राफर और प्रोग्रामर को रिक्रूट किया जो उस समय के हेज फण्ड एक्सपर्ट के बिलकुल अलग ही बैकग्राउंड से थे जिनका फाइनेंस से कुछ भी सम्बन्ध नहीं था।

यह गणिती टेक्निक कमाल की इफेक्टिव रही और इनके इस फिलॉसोफी ने इन्वेस्टर को काफी पैसा बनाके दिया और वह खुद भी फ़ोर्ब्स के अनुसार २०२१ मेंअमरीका के २३ वे सबसे आमिर आदमी बने जो उनकी नेट वर्थ २३ ,५ अमरीकी डॉलर रही ।

हेज फण्ड / Renaissance Technologies –

यह एक हेज फण्ड कंपनी हे जिसको रेनटेक के नाम से भी जाना जाता है जिसे जिम साइमनस स्थापित किया और गणिती फिलोसॉफी को इस्तेमाल करके इस फण्ड को दुनिया का सबसे सक्सेस फूल हेज फण्ड बना दिया जो दूसरे फण्ड के लिए एक अलग मिसाल बन गया जो गणिती विश्लेषण से डाटा को इस्तेमाल करके मार्केट में टेक्नोलॉजी के माध्यम से प्रोग्रामिंग सेट करके याने के अल्गोरिदम सेट करके ५१ % प्रोबेबिलिटी नियम से पैसा कमाते है।

असलियत में यह कंपनी अपनी इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजी एकदम कॉन्फिडेंटिअल तरीके से इस्तेमाल करती हे और अपने एम्प्लाइज के लिए भी यह नियम का पालन करना पड़ता है। कंपनी का “मडालियन फण्ड” बहुत ही सक्सेसफुल रहा हे, निरंतर ३० साल याने १९८८ -२०१८ तक उनके हेज फण्ड ने ६६ % RETURNS दिए थे। २०२१ को जिम साइमनस ने अपने आप को चेयरमैन पद से खुद को अलग कर दिया हे और अब नए चेयरमैन पीटर ब्राउन है।

इनके फण्ड की २०२१ के आकड़ो के हिसाब देखा जाये तो इन्वेस्टमेंट एसेट्स १६५ बिलियन डॉलर है। इनके इस सक्सेस की वजह से २०१४ से कंपनी ने केवल एम्प्लाइज और फॅमिली मेंबर्स के इन्वेस्टमेंट ही रखे हे बाकि इन्वेस्टमेंट लेना बंद कर दिया है।

इसका तकनीकी कारन बताया जाये तो शेयर मार्केट में कोई बहुत सारा पैसा कमाता है तो दूसरी तरफ बहुत सारे इन्वेस्टर अपना पैसा गवाते है यह मैथमैटिकल स्ट्रेटेजी के तहत लिया गया फैसला था। कंपनी के सभी इन्वेस्टर ने करोडो अरबो डॉलर इस इन्वेस्टमेंट से कमाए है , और दुनिया का यह सबसे सफल हेज फण्ड रहा है।

वारेन बुफेट और जिम साइमनस / Warren Buffet & Jim Simons –

वारेन बुफे ने उम्र के ११ साल से शेयर में निवेश करना शुरू किया और आज वह ९० साल के हे याने अपनी ८० साल की शेयर इन्वेस्टमेंट में उन्होंने २०% प्रॉफिट कहे या फायदा शेयर इन्वेस्टमेंट से बनाया जो की एक कंपाउंड इफ़ेक्ट की तरह काम करता हे तभी वह दुनिया के टॉप ५ आमिर व्यक्तियों में आज वह शामिल है।

दूसरी तरफ जिम साइमन ने अपने उम्र के ४० वे साल के बाद अपनी शेयर ट्रेडिंग शुरू की और शुरुवाती असफलता के बाद लगबघ तीस साल निरंतर ६० % से भी ज्यादा दर से शेयर मार्किट से प्रॉफिट हासिल किया। अब इससे तो यही सिद्ध होता हे शेयर ट्रेडिंग करना फायदे मंद हे, मगर इसके पीछे का वास्तव हमें जानना जरुरी हे जो उन्होंने इस्तेमाल किया।

वह एक गणितज्ञ थे , इंजीनियर थे ,साइंटिस्ट थे , ख़ुफ़िया संस्था के लिए उन्होंने डिकोडिंग का काम किया था। जब उन्होंने शेयर मार्किट में काम करना शुरू किया तो उन्होंने पहले कोई शेयर मार्किट एक्सपर्ट हायर नहीं किये उन्होंने हायर किये कंप्यूटर प्रोग्रामर और साइंटिस्ट , गणितज्ञ जो डाटा का विश्लेषण करके मार्किट को समझे इसके लिए उन्होंने करोडो रुपये खर्च करके एक अल्गोरिद्म बनाया जो बहुत सारी इनफार्मेशन पर आधारित होता है और उसे विकसित करके उन्होंने शेयर ट्रेडिंग में यह मक़ाम हासिल किया।

अब हमें इन दोनों को देखके तय करना हे हमें किसके स्ट्रेटेजी के आधार पर निवेश करना है। वारेन बुफे के निवेश करने के नियम फॉलो करके कोई भी शेयर मार्किट में सफल बन सकते है , मगर जिम साइमन को फॉलो करना उतना आसान नहीं हे क्यूंकि वह एक माथमेटिशन /गणितज्ञ हे जो उनकी सोचने का तरीका सामन्य लोगो से अलग हे क्यूंकि वह एक जीनियस हे और ऐसे जीनियस दुनिया में बहुत कम होते है और उनके बुद्धि को फॉलो करना हर किसी को संभव नहीं होता।

क्वॉन्टिटेटिव ट्रेडिंग / Quantitative Trading –

यह टेक्निक्स कंप्यूटर बेस ऑटोमेटेड प्रोग्राम बनाया जाता हे जिसके लिए बहुत सारा इनफार्मेशन बेस डाटा कलेक्ट किया जाता हे और उसका विश्लेषण कंप्यूटर बेस किया जाता हे और एक प्रोबेबिलिटी इनफार्मेशन पर मार्केट में कंप्यूटर बेस ऑटोमेटेड ट्रेडिंग की जाती है जो इंसान के इन्वेस्टमेंट स्किल से बिलकुल भिन्न होती हे इसे अल्गोरिदम कहा जाता हे जो निरंतर इनफार्मेशन इनपुट करके बदलते रहना पड़ता है।

Renaissance Technologies अपनी इन्वेस्टमेंट की स्ट्रेटेजी काफी गुप्त रूप से अमल में लाती है और शेयर मार्केट के हर सिक्योरिटी में यह फण्ड इन्वेस्ट करता है। यह तकनीक फाइनेंस टेक्निकल विश्लेषण से बिलकुल अलग हे जो एक साइंटिफिक बेस पर ५१ % प्रोबेबिलिटी पे चलता है।

इस तकनीक में उच्च दर्जे के गणिती फॉर्मूले इस्तेमाल किये जाते हे और कंप्यूटर प्रोग्राम की मदत से बहुत सारा डाटा जमा करके एक अल्गोरिदम बनाया जाता हे जिसके तहत मार्केट के अच्छे अच्छे इन्वेस्टर जो शार्ट टर्म ट्रेडिंग करते है उनके सामने इस कंपनी को कम्पीट करना बहुत मुश्किल बन जाता है। क्यूंकि यह टेक्निक किसी इमोशनस , ब्रेकिंग न्यूज़ पर नहीं चलती वह टेक्नोलॉजी पर ऑटोमेटेड सिस्टम से गणिती फार्मूला बनाके की जाती है।

टेक्निकल एनालिसिस और आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस / Technical Analysis & Artificial Intelligence –

जिम साइमन को शेयर बाजार के बारे ज्यादा जानकारी नहीं थी मगर उनकी वैज्ञानिक सोच तथा गणित का ज्ञान इसको टेक्नोलॉजी के साथ मिश्रित करके उन्होंने इसका इस्तेमाल शेयर बाजार में किया। टेक्निकल एनालिसिस को सभी जानते हे मगर इसका इस्तेमाल करके बोट्स के माध्यम से आधुनिक शेयर ट्रेडिंग की जाती है। जो ट्रेडिशनल ट्रेडिंग से काफी अलग और प्रभावशाली हे इसका उदहारण हे जिम साइमन का हेज फण्ड है।

नए निवेशक शेयर बाजार के चकाचौंद से प्रभावित होता हे और प्रवेश करता हे मगर इसकी बारीकियों पर अभ्यास नहीं करता इसलिए उसको पैसा गवाकर सीखना पड़ता है। जिम साइमन ने कंप्यूटर विशेषज्ञ हायर करके अपनी कंपनी को चलाया और उनका गणिति नॉलेज को इस्तेमाल करके उन्होंने शेयर बाजार में निवेश करने की एक अलग टेक्निक निर्माण की है।

टेक्निकल एनालिसिस और आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल आज बड़ी बड़ी फाइनेंस संस्थाए करते देखते है। इसका मतलब हे सामान्य ट्रेडर को इनके ज्ञान और तकनीक को हराना हे तो इससे विकसित नॉलेज चाहिए जो काफी मुश्किल होता हे और बहुत कम लोग इसमें सफल होते है। इसलिए फंडामेंटल लम्बी अवधि की निवेश सामान्य इन्वेस्टर को करना चाहिए न की ट्रेडिंग यह हमें सीखने को मिलता है।

निष्कर्ष / Conclusion –

वारेन बुफेट को जब जिम साइमनस के इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजी पर एक इंटरव्यू में पूछा गया तो उन्होंने कहा था की वह एक जीनियस हे और अच्छा कर रहे हे मगर शेयर मार्किट में बड़े स्तर पे उनके स्ट्रेटेजी पर पैसा नहीं कमाया जा सकता। ऐसा उन्होंने कहा था और इसके कुछ तथ्य भी नजर आते हे क्यूंकि वारेन बुफेट की इन्वेस्टमेंट काफी रिस्क फ्री रहती हे और जिम साइमनस की इन्वेस्टमेंट काफी रिस्क से भरी होती है मतलब एक प्रकार से प्रोबेबिलिटी नियम के तहत यह इन्वेस्टमेंट होती हे इसलिए बड़े स्तर पर वह कैसा परफॉर्म करेगी यह संशोधन का मुद्दा है।

भारत की बात करे तो एक ब्रोकरेज हाउस ने एक डाटा बनाया की छोटे निवेशक जो ट्रेडिंग करते हे वह साल में कितना कमाते है तो बहुत ही शॉकिंग डाटा सामने आया था। जिसमे ५ % से भी कम ट्रेडर्स पैसा कमाने में सफल होते हे इसका मतलब ज्यादातर ट्रेडर पैसा गवाते है।

इसका महत्वपूर्ण कारन बड़ी बड़ी फाइनेंस कम्पनिया अपनी इन्वेस्टमेंट जिम साइमन स के सक्सेसफुल स्ट्रेटेजी के तहत करती है जो इस सेट उप के लिए करोडो रूपया खर्चा करती है जो सामान्य ट्रेडर नहीं कर सकता इसलिए वह शेयर ट्रेडिंग में बड़े ट्रेडर्स से कम्पिट नहीं कर सकता।

इसलिए जिम साइमनस की इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजी अच्छी तो बहुत हे मगर सामान्य इन्वेस्टर और ट्रेडर के लिए फॉलो करे ऐसी नहीं लगती। अगर मान भी लिया जाये के आप के पास एकदम अलग स्ट्रेटेजी हे मगर उसको सफल बनानेके लिए रिस्क तो है ही जो आप के पैसे को गवाकर आप सिखते हो इसलिए हमें सोचना हे हमें शेयर मार्किट से पैसे कैसे कमाने है।

एसेट मैनेजमेंट बिज़नेस मॉडल-वैनगार्ड ग्रुप

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