प्रस्तावना / Introduction –

भारत में स्टॉक मार्केट में यूरोप और अमरीका से काफी कम निवेश होता है इसका कारन है लोगो को इसके प्रती ज्यादा जानकारी न होना और स्टॉक मार्केट में बड़े बड़े आर्थिक स्कॅम की वजह से अभी भी वह भरोसा स्टॉक मार्केट के प्रती होना चाहिए वह निर्माण नहीं हुवा है यह कारन हो सकता है।

स्टॉक मार्केट में निवेश करने के लिए अच्छा खासा नॉलेज होना जरुरी होता है अन्यथा कई सारे स्टॉक ब्रोकर आपको भ्रमित कर सकते है। १९९० के बाद स्टॉक मार्किट में कई सारे बदलाव किये गए सेबी की स्थापना की गयी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज को बनाया गया जिससे निवेशक का विश्वास बढ़ सके।

हमारा इस आर्टिकल का टॉपिक है स्टॉक मार्केट में निवेश करने के लिए कंपनी कैसे सेलेक्ट करे और इसको सेलेक्ट करने की क्या तकनीक है इसके बारे में साधारण भाषा में जानने की कोशिश करगे।

निवेश करने के लिए कंपनी कैसे चुने / How to choose company –

आज के दौर में स्टॉक मार्केट में निवेश करने के लिए जो प्रोसेस हे वह काफी सरल हुवा है और पूरी सिस्टम ऑनलाइन की जाती है। स्टॉक मार्किट में निवेश करने के लिए हमें ब्रॉकर कंपनी के माध्यम से शेयर खरीद ने होते है जो सेबी से प्रमाणित किये हुए हो।

निवेश करने के लिए हमें बेसिक ज्ञान होने के जरुरत हे, किसी भी सलाहकार पर पूरी तरह से भरोसा करने से पहले यह करना जरुरी है। मार्केट में हम कोई भी वस्तु खरीद ने से पहले उसकी जानकारी इखट्टा करते है फिर निर्णय लेते हे इसी तरह शेयर मार्केट में निवेश करने से पहले बेसिक जानकारी कैसे हासिल करे यही आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से देखेंगे।

  • कंपनी का बिज़नेस क्या है
  • कंपनी कितने साल से बिज़नेस कर रही है
  • कंपनी पिछले पांच साल से कितना प्रॉफिट कमा रही है
    कंपनी का प्रॉफिट मार्जिन क्या है
  • कंपनी कितना बोनस हर साल देती है
  • कंपनी पे कितना कर्ज है
  • कंपनी जिस क्षेत्र में काम करती हे उसका भविष्य कैसा होगा
  • कंपनी के स्पर्धक कंपनी कैसे परफॉर्म कर रही है
  • जिस क्षेत्र में कंपनी काम कर रही हे उसपर सरकार की क्या पॉलिसी है
  • कंपनी की पूरी कीमत /वैल्यूएशन आज के तारीख में क्या है
  • कंपनी अपने वैल्यूएशन से स्टॉक मार्केट में कितना ऊपर चल रही है
  • कंपनी का नेतृत्व कौन कर रहा है, इसकी जानकारी हासिल करे
  • कंपनी का बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स चेक करे
  • कंपनी का कॅश फ्लो कैसा है

कंपनी के फंडामेंटल का महत्त्व/Importance of fundamentals of company –

छोटे निवेशक को अपनी निवेश फंडामेंटल आधार पर ही करनी चाहिए क्यूंकि स्टॉक मार्केट में हर दिन जो ट्रेडिंग होती है इसका आपके निवेश से कोई संम्बंध नहीं होना चाहिए। इसका मतलब ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट यह दो अलग व्यवहार हे यह आपको जानना जरुरी है।

आपकी निवेश यह पांच साल या उससे ज्यादा वर्ष के लिए होना जरुरी है क्यूंकि ट्रेडिंग करने वाली कंपनीया स्टॉक मार्केट का संशोधन करने के लिए काफी पैसा खर्च करती है टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करती है इसलिए ट्रेडिंग में हम उनके मुकाबले प्रॉफिट कामना काफी मुश्किल अथवा असंभव होता है।

कंपनी के फंडामेंटल्स हमारी निवेश को सुरक्षितता प्रदान करते है और हर दिन होने वाली उतार चढाव का हमारे निवेश पर कुछ प्रभाव नहीं होता। टेलीविज़न और एक्सपर्ट की जानकारी हमें विचलित करती है इसलिए उन जानकारी को नजरअंदाज करना आपका काम होना चाहिए तभी आप अच्छे निवेशक बन सकते है।

कंपनी के फंडामेंटल्स / Fundamentals of company –

जिस कंपनी में आपको निवेश करना है उनकी ऑफिसियल वेबसाइट आपके लिए महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावा देती है। मार्केट में moneycontrol.com जैसी कई सारी वेबसाइट उपलब्ध हे जो आपको किसी भी कंपनी की सारी जानकारी उपलब्ध करवाकर देती है।

जैसे हम हमारे महत्वपूर्ण कार्योके लिए जानकारी इखट्टा करते है ऐसी मेहनत आपको निवेश करने वाले कंपनी के बारे करनी होगी। आप आपकी मेहनत की कमाई स्टॉक मार्केट में लगाते हो इसलिए यह जानकारी इखट्टा करने के लिए मेहनत करना तो बनता है।

ट्रेडिंग और निवेश / Trading & Investment –

ट्रेडिंग यह बड़ी बड़ी फाइनेंस संस्था और म्यूच्यूअल फंड्स टेक्नोलॉजी के माध्यम से टेक्निकल विश्लेषण करके छोटे समय के लिए किसी शेयर में निवेश करते है और फायदा होने पर वह शेयर बेच देते है। उनके लिए कंपनी के फंडामेंटल इतने जरुरी नहीं होते जीतनी उस समय की शेयर की वॉल्यूम जरुरी होती हे और न्यूज़ बेस ट्रेडिंग की जाती है।

शेयर ट्रेडिंग के लिए क्वाँटम अल्गोरिदम बनाया जाता है जो टेक्निकल विश्लेषण पर आधारित होता हे और उस समय के उतर चढाव पर निर्भर होता है। इन बड़ी संस्था द्वारा बनाया गया अल्गोरिदम इस्तेमाल किये हुए डाटा पर निर्भर होता है।

इसलिए सामान्य निवेशक अगर ट्रेडिंग करना चाहे तो उसमे प्रॉफिट कमाना बहुत मुश्किल काम होता है इसलिए लम्बी अवधि के लिए निवेश करना छोटे निवेशक के लिए फायदा मिलाने का सबसे अच्छा मार्ग है। स्टॉक मार्किट से जुड़े एक्सपर्ट्स इसके विपरीत आपको ट्रेडिंग के लिए प्रोस्ताहित करते है जिससे सही निर्णय क्या ले इसके लिए छोटे निवेशक में भ्रम निर्माण होता है।

तकनिकी विश्लेषण / Technical Analysis –

तकनिकी विश्लेषण मुख्य रूप से ट्रेडिंग के लिए इस्तेमाल किया जाता है जो स्टॉक मार्केट के ट्रेंड्स और पैटर्न दर्शाता है। सामान्य निवेशक को जैसे जैसे स्टॉक मार्केट का अनुभव अथवा जानकारी बढाती है वैसे ही टेक्निकल विश्लेषण की भी समझ बढ़ जाती है मगर शुरुवाती दिनों में कंपनी के फंडामेंटल्स पर ही ध्यान देना हमारे लिए फायदे मंद होता है।

जहा ज्यादा फायदे का लालच होता है वह नुकसान की संभावना ज्यादा होती है, स्टॉक मार्केट के बारे में ज्ञान बढ़ाना और सय्यम से फंडामेंटल्स पर अपने निवेश को कम जोखिम पर निवेश करना अच्छी रणनिती कही जा सकती है।
बड़ी बड़ी फाइनेंस सस्थाए और म्यूच्यूअल फंड्स के निवेश खरीद और विक्री पर प्रभाव डाल सकते हे मगर छोटे इन्वेस्टर के निवेश इनपे प्रभावहीन होते है इसलिए टेक्निकल विश्लेषण पर अपनी निवेश करना यह सही निर्णय नहीं कहा जा सकता है।

कंपनी का नेतृत्व और डायरेक्टर्स / leadership & BOD of company –

कंपनी के फंडामेंटल्स मतलब केवल कंपनी की बैलेंस शीट या कागजी कंपनी कैसे हे यह देखना नहीं होता यह तकनीक वारेन बुफे ने अपने निवेश के लिए विकसित की थी। वारेन बुफे की गुरु बेंजामिन ग्राहम यह केवल कंपनी का फाइनेंसियल डाटा के अध्ययन से निवेश की रणनीति बताते थे मगर उन्होंने इसमें कंपनी का नेतृत्व और कंपनी का बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स कैसा हे यह देखना जरुरी है ऐसा मानते है।

सत्यम स्कॅम ने यह विश्लेषण करना क्यों जरुरी हे यह इन्वेस्टर को सिखाया था उस समय बड़े बड़े स्टॉक मार्केट के एक्सपर्ट केवल कंपनी की बैलेंस शीट और कंपनी का रेपुटेशन देखकर निवेश करते थे जिसके कारन कई लोगो को करोडो रुपये का नुकसान हुवा था।

इन्वेस्टमेंट एक्सपर्ट्स / Investment Experts –

पिछले दो साल से स्टॉक मार्केट में का रुझान बढ़ा है इसे अच्छे संकेत कहे या स्टॉक मार्केट में निवेश केवल एक्सपर्ट्स के भरोसे करना कितना जोखिम भरा हो सकता है इसको सामान्य निवेशक को सोचना चाहिए। स्टॉक मार्केट में ब्रॉकर्स और सब ब्रॉकर्स अपनी इन्वेस्टमेंट शेयर मार्किट में करने के बजाय ब्रॉकरेज कंपनी को प्रोमोट करने के लिए ज्यादा करते हे।

यह दर्शाता हे शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करना जोखिम भरा होता है मगर वही एक्सपर्ट आपको छोटे समय के लिए और बाजार के प्रभाव में और न्यूज़ के आधारपर निवेश करने की सलाह देते है। बहुत सारे निवेशक न्यूज़ चॅनेल की खबरों पर निवेश करने के लिए प्रभावित होते है मगर कोई सलाह की जिम्मेदारी नहीं लेता इसलिए निवेश अपने ज्ञान के भरोसे करना बहुत जरुरी होता है।

लम्बे समय का निवेश/ Long Term Investment –

शार्ट टर्म की इन्वेस्टमेंट को ट्रेडिंग कहते है जिसके लिए बड़ी कम्पनिया टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके अल्गोरिद्म बनाकर स्टॉक मार्किट में ट्रेडिंग करती है जिसके कई सारे बेनिफिट्स होते है जो सामान्य इन्वेस्टर को नहीं मिलते इसलिए लम्बे समय के लिए निवेश करना सबसे अच्छा ऑप्शन कहा जा सकता है।

जो कम्पनिया करोडो रूपए खर्च करके अल्गोरिद्म बनाकर स्टॉक मार्किट में ट्रेडिंग करती है जिसमे जिन लोगो को नुकसान होता हे वह छोटे समय के लिए निवेश करते हे उनके पैसे से फायदा कमाते है। जो इन्वेस्टर लम्बे समय के लिए निवेश करते है उनकी इन्वेस्टमेंट अगर कंपनी के फंडामेंटल्स देखकर किये गए हो तो वह सुरक्षित होती है।

स्टॉक मार्केट की जोखिम समझे / Risk of Stock market –

ट्रेडिंग करते समय हमारे इन्वेस्टमेंट के खर्चे बढ़ जाते है जिसमे ब्रोकर का कमीशन और सरकारी टैक्स इसमें काफी सारा पैसा खरीद ते समय और बेचते समय चला जाता है इसके कारन ट्रेडिंग में इन्वेस्टमेंट का खर्चा लम्बी अवधि के निवेश से कई ज्यादा बढ़ जाता है।

यही कारन है की जितने छोटे निवेशक ट्रेडिंग करेंगे उतना ब्रोकर कंपनी का व्यवसाय बढ़ेगा ऐसा कह सकते है। लॉन्ग टर्म इन्टेस्टमेंट करने से यह संभव नहीं हे इसलिए टेलीविज़न पर और एक्सपर्ट के द्वारा ट्रेडिंग करने के लिए प्रभावित किया जाता है न की लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट के लिए।

निष्कर्ष / Conclusion –

इसतरह से हमने इस लेख के माध्यम से शेयर मार्किट में इन्वेस्टमेंट करने से पहले कंपनी के बारे में जानकारी कैसे हासिल करे और कौनसी जानकारी हमारे लिए महत्वपूर्ण है जिससे हमारी इन्वेस्टमेंट को सुरक्षितता मिले। ऐसा कहा जाता है की आपके पास बुद्धिमता हो यह जरुरी हे मगर इसके साथ कॉमन सेंस का होना उतना ही जरुरी होता है।

इसलिए यहाँ हमने समझने की कोशिश की शेयर ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट में क्या फ़र्क हे और हमें इन्वेस्टमेंट क्यों करनी चाहिए और क्यों ट्रेडिंग से दूर रहना चाहिए। इन्वेस्टमेंट यह वास्तविक विश्लेषण से पैसा कमाने के लिए की गयी इन्वेस्टमेंट होती है वही ट्रेडिंग यह गणिती सम्भावनाओ का इस्तेमाल करके भविष्य में शेयर बढ़ सकते हे या घट सकते है यह जानकारी पर निवेश किया जाता है।

सम्भावना पर किये गए निवेश में जोखिम होता है और इसके लिए बड़ी फाइनेंस कम्पनिया करोडो रुपये पहले इसके लिए खर्च करती है और स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग का एक नियम है की जितने ट्रेडर्स स्टॉक मार्केट में बढ़ेंगे उतना फायदा स्मार्ट ट्रेडर्स उठाएगे।

इसलिए स्टॉक मार्केट में शुरुवाती दिनों में बेसिक अभ्यास करके सामान्य निवेशक लम्बे अवधी लिए निवेश कर सकते है, जिससे बाजार के उतार चढाव से या किसी न्यूज़ से डर ने की जरुरत नहीं है। जितना आप फंडामेंटल्स जानेगे उतना आपकी पूंजी को सुरक्षित करेंगे।

इस लेख को पूरा पढ़ने के लिए धन्यवाद …

शेयर मार्केट इंडेक्स क्या है ? 

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