प्रस्तावना / Introduction –

भगवान बुद्ध दुनिया के महान दार्शनिक थे उन्होंने कुछ सिद्धांत रखे, जिसमे वह कहते हे. दुनिया में दुःख हे – दुःख का कारन हे और दुःख निवारण करने का समाधान भी है। यह ढाई हजार साल पहले बुद्ध ने हमारे दिमाग की अलग तरह से वैज्ञानिक व्याख्या की थी, जिसका मूल आधार निरिक्षण और तर्कशास्त्र रहा है । सिग्मंड फ्राइड ने १९ वी सदी में दिमाग का अच्छी तरह से अध्ययन करके दुनिया के सामने रखा, जिसको आधुनिक वैज्ञानिक आधार माना जाता है ।

माइंड की वैज्ञानिक संशोधन ने हमें यह बताया की हमारा माइंड यह ख़ुशी की प्रतिक्रिया देने के लिए नहीं बना हे, वह हमारे ऊपर आने वाले संकट को बताने के लिए तैयार किया गया है। इसलिए जब हम ख़ुशी में होते हे तभी हमारे साथ इतिहास में कई सारी बुरी घटनाए हुई है, जिस वक्त माइंड रिलॅक्स होता हे और जब माइंड अलर्ट होता है हमारी सुरक्षा करता है। यह विषय बहुत ही जटिल विषय हे जो सामान्य भाषा में समझना काफी मुश्किल हे, पर फिर भी हम इसको समझने की कोशिश करेंगे।

हम बुद्ध के सिद्धांत को इस्तेमाल करेंगे जिसमे वह कहते हे में कह रहा हु इसलिए मत मानो इसको जाचो -परखो विश्लेषण करो और फिर मानो। इसका दूसरा मतलब हे जैसे में बुद्ध बना वैसे कोई भी बुद्ध बन सकता है।यह विषय समझने के लिए हम कोई एक्सपर्ट अथवा मनोवैज्ञानिक नहीं हे, मगर हमारा मानना हे की किसी भी जटिल चीज को समझने के लिए एक्सपर्ट होने के आलावा कॉमन सेंस की जरुरत ज्यादा होती हे । इसलिए हम इस आर्टिकल के माध्यम से हमारे अवचेतन मन की शक्ति को जानने की कोशिश करेंगे।

चेतन मन क्या है ? / What is Conscious Mind –

वैसे तो माइंड को समझना काफी मुश्किल काम रहा हे, पिछले पचास साल के आधुनिक इंसान के समय में पिछले केवल सौ सालो से इंसान अपने बुद्धि का अध्ययन करने में सफल हुवा हे। चेतन मन यह हमारे बुद्धि का तार्किक विचार होता हे जो हमारे सभी निर्णय खुद तय करता हे और उसको अवचेतन मन को हॉबिट अथवा आदत के तौर पर इस्तेमाल करता है। एक तरह से चेतन मन यह आपकी वर्त्तमान परिस्थिति को दर्शाता है जिसमे आप देख रहे हे , बोल रहे हे और निरिक्षण कर रहे है।

ऐसा माना जाता हे की बुद्धि के तीन पार्ट /हिस्से होते हे जिसमे यह लीडर होता हे जो हमें क्या निर्णय लेना हे और क्या नहीं लेना हे यह तय करता है। इस माइंड के हिस्से को जैसे तैयार करो वह वैसे ही सही और गलत को स्वीकार करता है। इसलिए ऐसे माना जाता हे की एक बार चेतन मन ने किसी बात को स्वीकार कर लिया तो फिर अवचेतन मन उसे बिना तर्क के स्वीकार कर लेता है। हमारी बुद्धि तार्किक होगी अथवा धार्मिक होगी यह हमारा सामाजिक वातावरण और हमारी शुरुवाती शिक्षा तय करती है।

चेतन मन यह अपने निर्णय करके थक जाता हे, इसलिए इसको आराम की जरुरत होती हे इसलिए अगर इसको आराम नहीं मिला तो यह कार्यक्षमता खो देता हे। जैसे मोबाइल की बैटरी ख़त्म होने पर मोबाइल बंद हो जाता है। इसलिए चेतन मन को रोज आराम करना पड़ता है। जिससे वह दूसरे दिन जोश से नए कामो के लिए तैयार होता है। जितना हमारा चेतन मन हमारे इमोशंस को नियंत्रित करना सिखता हे उतना वह तार्किक बनता है, परन्तु यह प्रशिक्षण दुनिया में बहुत कम लोगो को मिलता है।

अवचेतन मन क्या है ? / What is Subconscious Mind ? –

अवचेतन मन यह हमारे बुद्धि की दुय्यम भूमिका निभाता हे मगर चेतन मन से इसका कार्य काफी ज्यादा होता हे तथा यह २४ घंटे अपना कार्य निरन्तन करते रहता है। हमारी जो आदते (habits) होती हे वह अवचेतन मन का कार्य होता हे जो किसी भी चीज को निरंतर करने से एक्सपर्ट बन जाता है और शरीर के सभी हिस्सों को एक आदत में ढाल देता हे। जिससे वह कोई भी कार्य बड़ी सहजता हे करता है। अवचेतन मन किसी विशाल बैंक की तरह आपके जीवन की यादे हमारे मस्तिष्क में जमा करके रखता है, इसकी क्षमता यह असाधारण होती है ।

अवचेतन मन की एक विशेषता होती हे की वह तर्क नहीं करता वह चेतन मन जो भी कार्य उसे करने के लिए आदेश देता हे वह करने के लिए तत्पर होता हे। अवचेतन मन का कार्य होता हे की किसी भी संकट की सूचना हमारे शरीर को देना जिससे हम डर, ख़ुशी, भय , गुस्सा और दुःख जैसे इमोशंस के माध्यम से नियंत्रित करता है। ब्रेन ट्रेसी यह अमरीकी लेखक के अनुसार इंसान अपने उम्र के २१ साल तक ब्रिटैनिका जैसे एन्सिक्लोपेडिया के १०० गुना ज्यादा जानकारी आपके दिमाख में जमा करता है। आपकी आदते आपकी व्यक्तिमत्व को बनाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है जिसमे अवचेतन मन के प्रशिक्षित होने पर यह निर्भर होता है।

अवचेतन मन निरंतर २४ घंटे हमारे शरीर के कार्य करता रहता है, हमारा अवचेतन मन जब सो रहा होता हे तब अवचेतन मन निरंतर हमारे शरीर के बाकि कार्य करते रहता है। जैसे सास लेना शरीर के अलग अलग हिस्से में खून पहुंचना तथा अन्य सभी शरीर के हिस्सों को मेसेज पहुंचना इत्यादि। हम जो सपने देखते हे वह कार्य हमारा अवचेतन मन करता हे जो हमारे चेतन मन के कार्य हमारे दिमाग में बैठे हे उनको सपनो के माध्यम से हमें दिखाता रहता है।

पांच इन्द्रिया और अवचेतन मन / Five Senses & Subconscious Mind –

जैसे की हमने देखा की चेतन मन हमारे मन का नेतृत्व करता हे और कौनसी चीजों को स्वीकारना हे और कौनसी नहीं यह तय करता है। अवचेतन मन यह हमारे ८० % कार्य करता हे और हमें नकारात्मक रहना हे अथवा सकारात्मक रहना हे यह अवचेतन मन तय करता हे इसलिए ऐसा कहा जाता हे की जैसे हमारे अवचेतन मन का कार्य होता हे हम वैसे बन जाते है।

अवचेतन मन के पास हमारे जीवन का पुराण इतिहास सभी स्टोर रहता हे जिसे हम अनुभव कहते हे जिससे हमारे जीवन में जो भी चीजे सामने आती हे उसको पुराने अनुभव से तुलना करके वह चेतन मन को पहुंचाता है। जब हम किसी चीज का तनाव महसूस करते हे तो वह तनाव हमारे शरीर के हिस्सों पर होने लगता हे जैसे खून की हलचल ह्रदय का चलना यह बदलाव हम महसूस करते है।

इसलिए अवचेतन मन हमारे सभी भावनावो पर नियंत्रण प्रस्थापित करता है जिसका मुख्य उद्देश्य किसी भी संकट से हमें सूचित करना। इसका दूसरा मतलब ऐसा भी होता हे की हम जब डिप्रेशन का शिकार होते हे तो इसका कारन अवचेतन मन का हमें अति चिंता करना जिससे हमें हमेशा इसका अहसास होता हे और हम दुखी रहते है. ऐसे ही सभी भावनावो पर अवचेतन मन का नियंत्रण रहता है ।

तार्किक बुद्धी और अतार्किक बुद्धी / Logical Mind & Illogical Mind –

चेतन मन का कार्य होता हे तर्क करना मगर इसको जैसी शिक्षा मिलती हे अथवा ऐसा कह सकते हे की चेतन मन को विश्लेषण के लिए जितना इनफार्मेशन मिलता हे इसपर वह अपना तर्क विकसित करता है। आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस और इंसान में एक महत्वपूर्ण फर्क हे और वह फर्क हे इमोशंस यही इमोशंस हमें तर्क करने के लिए अवरोध भी बन जाते है।

हमारी बुद्धि को तर्क विकसित करने की शिक्षा अगर नहीं मिले तो वह विश्वास के आधार पर चीजे स्वीकार करता हे जिसे हम फेथ कहते हे और यह फेथ इमोशंस पर आधारित होती हे जो हमें अच्छा महसूस कराती है। इंसान के लिए तर्क को विकसित करना काफी मुश्किल काम होता हे और दुनिया में केवल पांच प्रतिशत के आसपास लोग ठीक से तर्क करना जानते है।

इसका मतलब हे की ज्यादातर हमारा समाज यह तर्क से ज्यादा इमोशंस पर चलता हे मगर हमारे बुद्धि के चेतन मन का काम होता हे तर्क करना और अवचेतन मन का काम होता हे चेतन मन को इनफार्मेशन देना जो हम अनुभव और यार्दाश्त कहते है।

डिप्रेशन क्या होता है? / What is Depression –

हमारा अवचेतन मन हमें हमेशा हमारी पुराणी यदि बताता रहता हे उसमे भी जो अनुभव हमारे जीवन में बुरे होते हे वह हमें बताता रहता है। इसलिए जब ऐसी बुरी यादो का हमारे चेतन मन पर ज्यादा प्रभाव बढ़ने लगता है तो वह अपनी सोचने की शक्ति खोने लगता हे और हर चीज में अवचेतन मन उसे पिछले डर बताता हे जिससे वह निर्णय नहीं ले पाता।

ओशो हमेशा इसके लिए एक उदहारण देते थे ” जब हमारा कोई दांत टूट जाता हे तो हमारी जीभ उस खाली जगह को हमेशा टटोलती रहती है। मनुष्य का स्वाभाव भी ऐसा ही होता हे, जो चीजे हमारे पास होती हे उसका आनंद लेने की बजाय वह जो चीजे नहीं होती उसका विचार करके हमें डराता रहता है।

हम देखते हे की सामान्य लोगो में डिप्रेशन होता हे यह हम सुनते हे मगर काफी सफल लोगो में भी यह समस्या हमें देखने को मिलती है। जिसका परिणाम इंसान आत्महत्या करता हे जो उसे अपना जीवन जीने लायक नहीं लगता इसे ही डिप्रेषण कहते है। इसका मनोवैज्ञानिक अर्थ होता हे अवचेतन मन हिसाब से ज्यादा नकारात्मक सोचने लगता हे जिसका प्रभाव हमारे चेतन मन पर होता हे और हम हर वक्त उदास रहने लगते है।

सेग्मेंड फ्राइड का मनोविज्ञान (१८५६-१९३९) / Psychology of Sigmund Freud –

सिग्मंड फ्राइड को मनोविज्ञान का विश्लेषण करने वाला प्रथम वैज्ञानिक मानते हे जिसने ईद -ईगो और सुपर ईगो थ्योरी को जन्म दिया और हमारे माइंड का विश्लेषण किया। जिसका इस्तेमाल आगे जाके लोगो के इलाज के लिए किया जाने लगा, जिस समय उन्होंने हमारे माइंड पर अपने संशोधन को समाज के सामने रखा तब वह विचार काफी क्रांतिकारक रहे थे। जिसके लिए उन्हें काफी आलोचना का सामना करना पड़ा मगर आज का मनोविज्ञान उनके सिद्धांतो पर चलाया जाता है।

फ्राइड ने १९०० – १९०५ के दरम्यान हमारे माइंड का टोपोग्राफिकल मॉडल दुनिया के सामने रखा जिसको उन्होंने समंदर के आइस बर्ग का उदहारण दिया जिसमे उन्होंने माइंड के तीन हिस्से किये। चेतन मन को उन्होंने आइस बर्ग का ऊपरी हिस्सा बताया और अवचेतन मन को आइस बर्ग का समंदर के अंदर का हिस्सा बताया। तीसरा हिस्सा जो हमें पता नहीं होता जिसे वह बेहोश मन कहते है।

फ्राइड बताते हे की हमारे जीवन कई सारी घटनाए होती हे जो हमे पता नहीं होती मगर वह हमारे भीतर होती रहती है जो उनका विश्लेषण कहता हे की हमारा उद्देश्य हे की ऐसी घटनाओ को उजागर करना जिससे लोगो के मनोवैज्ञानिक समस्याओ पर इलाज कर सके। उन्होंने लोगो के सपनो का काफी अध्ययन किया जिससे वह कहते थे की आप का सपना मुझे आपकी सोच को बताता है।

हीलिंग क्या होता है ? / What is Healing –

यह एक चिकित्सा पद्धती हे जो हजारो सालो से इंसानो द्वारा उपचार के लिए की जाती हे और १९ वी सदी में मस्तिष्क के संशोधन के बात इसका मूल्य इलाज के लिए काफी बढ़ा है। मेडिकल साइंस में इसका इस्तेमाल किया जाता हे वैसे ही इसका इस्तेमाल समाज में विश्वास के आधार पर किया जाता है।

हमारी आस्था अथवा हमारा विश्वास जो भगवान के प्रति अथवा किसी व्यक्ति के प्रति होता हे जिसके माध्यम से हमें आत्मविश्वास हो जाता हे जिससे हम यह स्वीकार करते हे की वही होगा। वैज्ञानिक भाषा में इसे विश्लेषण करे तो हमारे अवचेतन मन को यह विश्वास दिलाना की सब कुछ ठीक हो रहा हे जिससे वह यह सन्देश पुरे शरीर को देता हे जिससे मरीज ठीक हो जाता है।

जब हमारी नकारात्मक सोच हमारी मस्तिष्क पर नियंत्रण प्राप्त करती हे जिससे कोई बीमारी हमारे शरीर में निर्माण होती हे उसको नियंत्रण में करने के लिए हीलिंग की तकनीक अवचेतन मन को सन्देश देने में सफल हो जाती हे जिसे हीलिंग कहते है। हजारो सालो से यह पद्धति धार्मिक और सांस्कृतिक विधि की तरह समाज में प्रचलित हे जिसपर लोग विश्वास करते है।

सम्मोहन क्या है ? / What is Hypnotism –

यह पद्धति हमारे मस्तिष्क पर नियंत्रण करने की एक पद्धति हे जो मेडिकल साइंस में इस्तेमाल होती हे जिसे हम अच्छे कार्य के लिए इस्तेमाल करते है और बुरे काम के लिए भी इस्तेमाल होती है। सामाजिक स्तर पर आतंकवादी गतिविधियों के लिए लोग मरने के लिए तैयार होते हे जहा उन्हें विश्वास दिलाया जाता हे की वह अच्छा काम कर रहे है।

हमारा चेतन मन जब किसी शिक्षा से लैस नहीं होता तो उसकी विश्लेषण करने की क्षमता नहीं होती इसका फायदा बुद्धिजीवी लोग अपने राजनितिक फायदे के लिए उठाते हे और हमारे मस्तिष्क में गलत धारणाओं सच बनाकर बिठाते है जिससे ऐसे लोग गलत चीजों को सच मान लेते है। समाज का ज्यादातर वर्ग यह बुद्धिजीवी लोगो के सामाजिक मान्यताओं पर विश्वास करता हे और सही मानता है।

इसलिए सम्मोहन यह एक कला हे जिसमे सही और गलत की प्रक्रिया को दूसरे व्यक्ति द्वारा नियंत्रित किया जाता है। इसलिए यह पद्धति का इस्तेमाल समाज में अच्छे काम के लिए किया जाता हे और कई सारे बुरे काम के लिए भी किया जाता है। जिन लोगो का तर्क विकसित नहीं होता वह लोग ऐसे जाल में फस जाते है।

विश्वास और अवचेतन मन / Faith & Subconscious Mind –

सम्मोहन यह प्रक्रिया व्यक्तिगत स्तर पर लोगो के मस्तिष्क पर नियंत्रण प्राप्त करने के लिए इस्तेमाल की जाती है वही बड़े पैमाने पर समाज की एक धारणा निर्माण होती हे जिसे हम विश्वास कहते है। दुनिया में दो प्रकारके लोग होते हे, एक नास्तिक होते हे जो किसी भगवान ,विश्वास नहीं रखते, वह तर्क के आधारपर सभी चीजों का विश्लेषण करते हे। इनकी संख्या काफी कम होती हे क्यूंकि ऐसे लोगो ने काफी अभ्यास करने के बाद अपने तर्क बुद्धि को विकसित किया होता है।

वही दूसरी और ऐसे भी लोग होते हे जो यह मानते हे की इस सृष्टि का कोई निर्माता हे जिसे उन्होंने देखा नहीं हे मगर उसकी प्रतिमा तैयार करके उसपे आस्था रखते है। हमारा अवचेतन मन हमारे शरीर के सभी हिस्सों को नियंत्रित करता हे इसलिए जब हमारी श्रद्धा किसी भगवान पर होती हे तो यह सन्देश अवचेतन मन शरीर को देता हे और हम सकारात्मक हो जाते है।

जब हम किसी धार्मिक स्थल पर जाते हे तो हमें अच्छा महसूस होता हे क्यूंकि जितने भी लोग वह होते हे उनका विश्वास होता हे की भगवान हे और वह हमारी रक्षा करेगा। धर्म का निर्माण इसी कारन हुवा था मगर कुछ लोग इसका दुरूपयोग करते हे और लोगो का फायदा लेते है। मगर समाज में लोगो के लिए धर्म की जरुरत हे क्यूंकि ज्यादातर लोग समाज में तर्क बुद्धि से नहीं सोचते उनको किसी आस्था की जरुरत होती हे।

चेतन मन और अवचेतन मन का कार्य / Function of Mind –

  • हमारा मस्तिष्क हमारे शरीर का एक जटिल अंग हे जो हमारे विचार, हमारे स्मॄति को हमारे भावनावो को नियंत्रित करता है।
  • मनोविज्ञानं ने मस्तिष्क के तीन हिस्से किये हे जिसमे चेतन मन , अवचेतन मन और हमारा बेसुध मन होता है।
  • चेतन मन यह हमारे मस्तिष्क का लीडर होता हे जो सभी इनफार्मेशन का विश्लेषण करता है।
  • अवचेतन मन यह चेतन मन के आदेश को कार्यान्वित करने का काम करता हे और बगैर तर्क और विश्लेषण के उसे स्वीकार करता है।
  • अवचेतन मन सिग्मंड फ्राइड के हिसाब से आइस बर्ग का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण हिस्सा होता हे जो पानी के अंदर होता है।
  • अवचेतन मन हमारे शरीर को नियंत्रित करता हे जिसमे श्वास लेना, हमारे शरीर के सभी अंग को खून पहुंचना इत्यादि।
  • चेतन मन यह आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस तरह नहीं होता वह इमोशंस पर अपने तर्क को विश्लेषण करता है इसलिए जितना वह विश्लेषण करने के लिए तैयार होता हे उतना वह इमोशंस के नियंत्रण से बहार निकालता है।
  • हमारे सकारात्मक विचार और नकारात्मक विचार यह अवचेतन मन अपने अनुभव से तय करता है।
  • अवचेतन मन निरंतर अपना कार्य करते रहता हे वही हमारा चेतन मन थकता हे जिसे नींद की जरुरत होती हे जो आराम करने के बाद पुनः कार्य के लिए तैयार होता है।
  • हम जिन कामो में एक्सपर्ट होते हे वह कार्य अवचेतन मन में स्टोर हो जाती हे जिससे वह इसका नियंत्रण पुरे शरीर के सहायता से करता हे।

निष्कर्ष / Conclusion –

इसतरह से हमने हमारे मस्तिष्क के बारे में जानने की कोशिश यहाँ की हे जिससे हमारी समाज में जो धारणाए [प्रस्थापित होती हे इनके बारे में जानने की कोशिश की है। समाज के ज्यादातर लोग तर्क के आधारपर विचार करने से ज्यादा अपनी आस्था और विश्वास पर अपना आचरण तय करते है। तर्क बुद्धि को विकसित करने के लिए काफी तैयार करना पड़ता है जो दुनिया में काफी कम लोग इस स्थिति तक पहुंचते है।

इसलिए हमारे समाज में विचारधारा का निर्माण हुवा जो समाज को सही मार्ग दिखाए जिसके लिए समाज का बुद्धिजीवी वर्ग यह कार्य करता हे मगर कई बार वह लोगो पर अपना शासन करने के प्रयास में कुछ गलत धारणाए निर्माण करके अपने उद्देश्य को ख़राब करता है। हमारी सोचने की शक्ति तथा हमारे मस्तिष्क पर नियंत्रण कैसे रखा जाए इसके लिए काफी संशोधन किये गए हे मैग आज तक उसको समझना काफी मुश्किल रहा है।

इंसान ने पचास हजार साल पहले खुद को सृष्टि के बाकि जीवो से अलग किया जिसका मुख्य कारन था की उसने अग्नी नियंत्रित करने का हुनर सीखा और पका हुवा अन्न ग्रहण किया जिससे उसका मस्तिष्क दूसरे प्राणियों से काफी विकसित हुवा जो कुदरत के सभी चीजों का विश्लेषण करने लगा। जीवन जीने के अपने उद्देश्य को तय करने लगा जो बाकि जानवरो से काफी अलग था।

इसतरह से हमने हमारे मस्तिष्क को सामान्य भाषा में जानने की कोशिश की जो यह विषय काफी बड़ा हे जिसको सक्षिप्त में मुख्य बाते हमने बताने की कोशिश की जिसका उपयोग हम हमारे जीवन में कर सके।

हीलिंग की शक्ति क्या है ?

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