प्रस्तावना / Introduction –

किसी भी नयी चीज का इन्वेंशन करते हो तो मार्किट में उसकी बहुत वैल्यू होती है मगर यह इन्वेंशन करने के लिए बहुत असफलता झेलनी पड़ती है। बिज़नेस में दो प्रकार की कम्पनीज होती हे जो नया बिज़नेस मॉडल तैयार करती हे और उसे सफल करती है।

दूसरा बिज़नेस मॉडल वह होता हे जो मार्किट तैयार बिज़नेस मॉडल होता हे उसे ही विकसित करके सक्सेस मॉडल तैयार करना। इन दोनों में एक महत्वपूर्ण फर्क हे वह इन्वेंशन वाले मॉडल में रिस्क बहुत होती हे मगर फायदा बहुत अधिक होता हे और कॉपी मॉडल में रिस्क कम हो जाती हे और फायदा भी कम हो जाता है।

अमरीका में बहुत सारे बिज़नेस दिवालिया हुए थे मगर बाद में दुनिया के सब से बड़े ब्रांड उभरे इसे ही इन्वेंशन मॉडल कहते है। किसी भी क्षेत्र में विकास करना हो तो किसी को पहली बार वह चीज करनी पड़ती हे और पहली बार करते समय बहुत असफलता हात मे आती है।

अमरीका में ऐसे बिज़नेस क्षेत्र में इसके लिए प्रोत्साहित किया जाता हे और दिवालिया होना और बिज़नेस असफल होना इसे बिज़नेस का पार्ट माना जाता हे यह एक बिज़नेस कल्चर हे और इसी बिज़नेस कल्चर की वजह से अमरीका की कम्पनिया सफलता पूर्वक दुनिया भर में अपना कारोबार करती है।

हमारी मानसिकता होती हे हम एक्सपेरिमेंट /संशोधन नहीं करना चाहते बस कोई दूसरा संशोधन करे और वह संशोधन से में अपना व्यवसाय बढ़ाऊ। इसको साइंटिस्ट किसी भी संशोधन के लिए करते हे इसको फर्स्ट प्रिंसिपल मेथड भी कहा जाता है।

अमरीका के सक्सेस का सबसे बड़ा महत्वपूर्ण कारन वह संशोधन पर बहुत काम करता हे और उसी इनफार्मेशन और टेक्नोलॉजी के दम पे दुनिया पर आर्थिक और राजनिक राज कर रहा है। आज यहाँ हम अमरीका का पूरा इतिहास जानेगे और अमरीका कैसे एक सुपर पावर बना इसके कारण ढूंढेगे।

अमरीका का इतिहास / History of America –

वैसे तो आज के अमरीका का इतिहास चीन या भारत जैसा बहुत पुराना नहीं हे मगर अमरीका अमरीका कैसे बना इसकी बहुत ही रोचक कहानी है। १५ वी सदी में यूरोप में व्यापार का दायरा लोकल लेवल पर न रहकर वह दूसरे देशो में होने लगा ऐसा नहीं की भारत और चीन के लोग यह व्यापार जानते नहीं थे मगर उसपर इन्होने कभी इतना ध्यान नहीं दिया मगर यूरोप के लोगो ने इसको बहुत ही अच्छे तरीके से लिया।

उस समय एशियाई देश व्यापार में यूरोप से काफी आगे थे और नैसर्गिक सम्पदा भी यूरोप से काफी अधिक थी इसलिए उस समय तक भारत और चीन का विकास दर दुनिया के बाकि देशो से लगबघ ५० % से भी ज्यादा था इसलिए यूरोपीय देशो को एशियाई देशो का बहुत आकर्षण था खास करके भारत का मगर वह समय था क्रूसेड युद्ध का इस कारन यूरोप और एशिया को जोड़ने वाला जो मार्ग था वह तुर्की के इस्ताम्बुल से हो कर जाता था जो यूरोपीय देशो के जाने नहीं दे रहे थे।

इसलिए यूरोपीय देश इसके लिए पर्याय ढूंढ रहे थे और तब तक दुनिया को पता चल गया था की पृथ्वी गोल हे इसलिए उन्होंने इस मार्ग का दूसरा पर्याय ढूंढना शुरू किया इसके लिए उन्होंने समुद्री मार्ग का अवलंब किया। उसमे से ही एक थे Christopher Columbus जिन्होंने स्पेन के क्वीन इसबेला को इस प्रोजेक्ट को फाइनेंस करने के लिए तैयार किया जिसमे भारत की खोज करने को निकले कोलंबस को अमरीका का पता चला और अमरीका की अमरीका बनने की जर्नी शुरू हुई।

अमरीका में उसके बाद बहुत सारे यूरोपीय व्यापारी उसके बाद पहुंचे वहा उन्हें बहुत सारे नैसर्गिक साधन संपत्ति मिली जिससे ब्रिटिश कंपनियों ने बहुत सारा पैसा बनाया और आधे दुनिया पर राज किया। अमरीका पर भी बहुत दिनों तक राज करने के बाद १७७६ में बाकि व्यापारियोंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ विद्रोह किया और एक स्वतंत्र अमरीका बना।

जो विविध देशो के लोगो से बसा हुवा था जिसमे यूरोपियन , अफ्रीकन , एशियाई ऐसे मल्टी कल्चर समाज की रचना हुई जिसमे वहा के मूल लोगो को भी बाद में कानूनी सरक्षण दिया गया और आज का अमरीका बनाया गया।ब्रिटिश अलाएंस में अमरीका एक मात्र देश हे जिसने दूसरे महायुद्ध से काफी आर्थिक फायदा हुवा नहीं तो बाकि सभी अलाएंस देश की आर्थिक स्थिति दूसरे विश्व युद्ध के बाद काफी ख़राब थी।

दूसरे विश्व युद्ध में अमरीका की जो युद्ध सामग्री बनाने वाली कम्पनिया थी वह इस युद्ध से काफी फायदे में रही , नहीं तो दूसरे देश राजनितिक और आर्थिक दृष्टी से इस युद्ध में काफी प्रभावित हुई थी। इसमें जर्मनी और उसके अलाएंस और ब्रिटेन और उनके अलाएंस ऐसा युद्ध हुवा था जिसमे अमरीका बहुत ही देर से शामिल हुई थी।

अमरीका की राजनितिक सफलता / Political Success of America –

अमरीका दुनिया की महासत्ता ऐसे ही नहीं बना उसके लिए वहा के लोगो ने बहुत ही मेहनत की है। दूसरे महायुद्ध से पहले यूनाइटेड किंगडम याने ब्रिटेन दुनिया की सबसे बड़ी सत्ता थी और आर्थिक दृष्टी से भी बड़ी ताकदवर थी। दूसरे युद्ध के ख़त्म होने तक ब्रिटिश और उनके सहयक देशोंने युद्ध तो जीता मगर आर्थिक दृष्टी से उन्हें बहुत नुकसान झेलना पड़ा था इसलिए दूसरे महायुद्ध के बाद ब्रिटेन ने लगबघ सभी देशो को उनके अधिकार से मुक्त करके स्वतंत्र कर दिया।

दूसरे महायुद्ध में अमरीका की एंट्री देर से हुई मगर उन्होंने इस युद्ध से पूरी दुनिया पर अपनी तकनिकी शक्ति से प्रभाव डाला और आर्थिक सक्षम तो अमरीका बन ही रहा था उसपे राजनितिक वर्चस्व की शुरुवात हुई और ब्रिटेन से दुनिया की महाशक्ति अमरीका के पास आ गयी। उस समय स्टालिन के नेतृत्व में रशिया उभर रहा था और अमरीका को टक्कर दे रहा था मगर उच्च टेक्नोलॉजी और कूटनीतिक रणनीति ने अमरीका को रशिया से बहुत आगे लेके गया।

इसमें सबसे बड़ा महत्वपूर्ण रोल अर्थव्यवस्था का था जिसकी वजह से राजनिक वर्चस्व अमरीका निर्माण करने में सफल रहा। यूनाइटेड नेशन की शुरवात और लीग ऑफ़ नेशन का अंत यह महासत्ता एक देश से दूसरे देश को शिफ्ट होने का वक्त था।

अमरीका की आर्थिक और वाणिज्य रणनिती / Economical & Commerce Strategies of America –

अमरीका का बिज़नेस कल्चर होने की वजह कोलंबस के अमरीका पहुंचने के बाद पुरे यूरोप के व्यापारी अमरीका व्यापार करने पहुंचे भले ही ब्रिटिश कॉलनी का वर्चस्व अमरीका पर बहुत दिनों तक रहा परन्तु वहा जो काम करने वाले अधिकार वर्गः मूल रूप से यूरोप से था और बिज़नेस करने का हुनर वह सीखे हुए थे इसलिए वही कल्चर अमरीका के स्वतंत्र होने के बाद रहा।

ब्रिटिश शासन के राज की वजह से अंग्रेजी यह भाषा बोली जाती थी मगर वह बसे लोग यूरोप के अलग अलग देश से आये हुए थे इसलिए उनका अंग्रेजी बोलने का तरीका मूल अंग्रेजी भाषा से अलग था जो बाद में जाके उस भाषा ने अपनी अलग पहचान बनायीं उसीको आज हम अमरीकन अंग्रेजी कहते है।

१५ वी सदी यह यूरोप में एक वैचारिक क्रांति का दौर था और जो इस प्रभाव में आये उसमे यह विचारो ने प्रभाव डाला जो अमरीका में भी रहते थे यही कारन था की व्यक्ती स्वातंत्र्य , लोकतंत्र , कैपिटलिस्ट लोकतंत्र यह सकल्पना उस दौर में पुरे यूरोप और अमरीका पर प्रभाव डाला।अमरीका की यह स्वतंत्रता ने पूरी विश्व को लोकतंत्र का एक नया विकल्प दिया। उसके बाद जो यूरोप में हुवा उसका प्रभाव अमरीका में भी रहा उसमे सबसे महत्वपूर्ण था औद्योगिक क्रांति जिसने व्यापार करने की पद्धति बदल डाली।

दूसरे युद्ध के बाद ब्रिटिश साम्राज्य ख़तम हुवा और अमरीका का वैश्वीकरण का दौर शुरू हुवा और दुनिया की सबसे बड़ी बड़ी कम्पनिया अमरीका में निर्माण हुई जो पूरी अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने लगी। अमरीकी डॉलर यह क्रूड आयल का मुख्य चलन बनाने में अमरीका सक्सेसफुल हुवा था इससे अमरीका का डॉलर दुनिया के सभी देश को रखना अनिर्वाय हुवा जिससे आर्थिक सत्ता अमरीका के पास आने लगी।

अमरीका की MNC कम्पनिया / MNC Companies of America –

अमरीका की जेपी मॉर्गन , फोर्ड , जनरल मोटर्स , माइक्रोसॉफ्ट , एप्पल , गूगल ऐसी बड़ी बड़ी कम्पनिया अमरीका में बन सकी इसका महत्वपूर्ण कारन हे बिज़नेस करने के लिए बनी हुई पॉलिसीज जिसमे असफल होना बिज़नेस का एक पार्ट माना जाता है।

एक्सपेरिमेंट करनेसे असफलता आती हे मगर नए इन्वेंशन सशोधन से मिलते हे और यह दुनिया के मुकाबले अमरीका ने सबसे ज्यादा किया इसलिये आज सबसे ज्यादा पेटेंट अमरीका रजिस्टर्ड करता हे यह टेक्नोलॉजी में प्रगत होने का लक्षण है।

मुक्त व्यापार और मल्टी कल्चर संस्कृति यह अमरीका के विकास का मुख्य कारन बना। जिसने दुनिया के हर एक योग्य, प्रतिभासम्पन्न व्यक्ति को आकर्षित किया जहा विकास को प्रेरणा मिलती हो। यह निति बहुत सारे देश नहीं कर पाए और पुराने बिज़नेस स्ट्रक्चर में फसके रह गए।

अमरीका के महासत्ता बनने के स्पर्धक / Super Power Competitor of America –

दूसरे महायुद्ध से पहले पूरी दुनिया पर ब्रिटिश लोगो का प्रभाव था और लगबघ आधे दुनिया पर ब्रिटिश सरकार का शासन था मगर दूसरे महायुद्ध के बाद अमरीका दुनिया की महाशक्ति बना। इसका सबसे महत्वपूर्ण कारण था उनका लोकतंत्र का कपटिलिस्ट मॉडल जो पूरी दुनिया में प्रसिद्द हुवा और आज हम देखते हे बहुत सारे लोगो ने यह मॉडल अपनाया है। भारत में भी यह मॉडल १९९० में अपनाया गया और वह सब नीतिया शुरू करदी गयी। अमरीका का आज में सबसे बड़ा कॉम्पिटिटर हे चीन जो आनेवाले दस साल में दुनिया की सबसे बड़ी अर्थ व्यवस्था बन जाएगी।

चीन ने यह कमाल बगैर अमरीका का लोकतंत्र का मॉडल इस्तेमाल किये खुद के कम्युनिस्ट मॉडल से किया है। दुनिया में सबसे ज्यादा पेटेंट अमरीका हर साल रजिस्टर करता हे मगर उसके बाद चीन सबसे ज्यादा पेटेंट रजिस्टर करने वाला देश बन गया है। इससे यही सिद्ध होता हे की अमरीका का आज के दौर में चीन प्रतिस्पर्धी हे जो भविष्य में दुनिया की महासत्ता बन सकता है।रशिया ने १९७० से यह कोशिश की मगर वह टेक्नोलॉजी में अमरीका से बहुत ही पीछे रह गए और अमरीका ने शीत युद्ध में रशिया को हराकर वही दुनिया की सबसे शक्ति शाली अर्थव्यवस्था हे यह साबित किया।

मल्टी कल्चर सोसाइटी / Multi Cultural Society –

आज हम जो मेट्रो कल्चर कहते हे यह कल्चर ब्रिटेन में १९ वी सदी में आ चूका था जहा दुनिया भर के लोग देखने को मिलते थे और ब्रिटेन जाना एक सपना समझते थे। आज देखा जाये तो जो भी आमिर हे वह अमरीका जाना चाहता हे और दुनिया के बहुत सारे बुद्धिजीवी अमरीका स्थायिक होते हे क्यूंकि उनको उनके मेहनत का ज्यादा पैसा वहा मिलता हे इसलिए अमरीका में एक मल्टी कल्चर सोसाइटी तैयार हो गयी जिसकी वजह से विकास को गति मिली।

अफ़्रीकी , यूरोपीय , एशियाई सभी मूल के लोग आज अमरीकी नागरिक हे और दुनिया का सब से बुद्धिमान वर्ग अमरीका के विकास के लिए काम करता हे यह कल्चर अमीरिका ने १७७६ से अपने जीवन में स्वीकारा यह उनके सधन बनने का सबसे महत्वपूर्ण कारन था।

निष्कर्ष / Conclusion –

१७७६ में लोकतान्त्रिक देश होने की वजह से आज अमरीका सबसे अनुभवी लोकतान्त्रिक देश हे इसलिए सभी बाकि देश अमरीका को एक आदर्श विकास का मॉडल मानते हे . दुनिया के बहुत सारे देशो ने अमरीका की यह प्रगति देखकर वही लोकतंत्र का मॉडल स्वीकार किया है।

अमरीका आज भी जो कुछ हे वह वहा के नागरिको की मेहनत से और अमरीकी सरकार की आर्थिक और राजनितिक रणनीति से यह संभव हो पाया है। ऐसा नहीं हे के वहा गरीबी नहीं हे , विषमता नहीं है मगर वहा सब देखने को मिलता हे। अमरीका में लोग अपने सपने पुरे करने आते हे और अपने खुद के विकास के साथ अमरीका के विकास में साथ सहयोग करते हे और अमरीकी नागरिक बन जाते है।

पिछले कुछ सालो से अमरीका में नागरिकता के नियम में कुछ बदलाव किये गए हे मगर आज जो अमरीका विकसित हुई हे इसका सबसे महत्त्व पूर्ण कारन अमरीका का बहार के लोगो को अमरीका में स्वीकार करने का उनके विकास में महत्वपूर्ण रहा है।

डीडॉलराइजेशन क्या है?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *