प्रस्तावना / Introduction –

ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी ने एक सर्वे किया था जिसमे पाया गया की इंसान को सफल होने के लिए बुद्धिमत्ता से ज्यादा अभिवृत्ती /Attitude की जरुरत ज्यादा होती है। दुनियाभर में लोग सबसे ज्यादा बुद्धिमत्ता में पैसा खर्च करते है मगर अभिवृत्ती पे कोई काम नहीं करता, यह बहुत आश्चर्य की बात इस सर्वे में पायी गयी।

अभिवृत्ती किसी भी स्कूल में पढ़ाया नहीं जाता वह हम जिस वातावरण में रहते है वैसे वह तैयार होता है। इसलिए सबसे प्रभावशाली अभिवृत्ती दुनिया में काफी कम लोगो के पास देखी जाती। हम कुदरत के नियम नुसार देखे तो जंगल में शेर के पास सभी गुन नहीं होते मगर सभी जानवर उससे डरते है चाहे छोटे हो या बड़े इसका महत्वपूर्ण कारन होता हे उसकी अभिवृत्ती जो केवल खाना ढूंढती है और बड़े जानवर भी उससे डरते है।

आज हम जानेगे की अभिवृत्ती क्या होती है और वह इतनी कीमती क्यों होती हे जो सामान्य लोगो में नहीं पायी जाती वह दुर्लभ क्यों होती है। हर कोई सफल होना चाहता हे मगर सफल होने के लिए जो कीमत देनी पड़ती है इसके लिए कोई साहस जुटा नहीं पाता।

अभिवृत्ती क्या है / What is Attitude –

अपने उद्देश्य को देखने का इंसान का सकारात्मक अथवा नकारात्मक दृष्टिकोण जो किसी विचार अथवा व्यक्ती समूह के प्रभाव से आता हे अथवा किस ज्ञान के अघ्ययन से आता है। अभिवृत्ती का दूसरा मतलब होता हे, लोगो को अपने अनुकूल अथवा प्रतिकूल देखने के नजरिया जिसमे पहले से एक धारना हम लेके सोचते हे की यह गलत हे और यह सही है।

सफलता के लिए अभिवृत्ती इतनी महत्वपूर्ण क्यों है ? अगर यह देखे तो यह लोगो में कम अधिक मात्रा में क्यों पाई जाती है। अभिवृत्ती कही न कही आपके भय , अज्ञान तथा अनुवांशिक स्वाभाव पर निर्भर हो सकती है। इंसान को सफल होने के लिए अभिवृत्ती ज्ञान से पहले प्राथमिकता में लेनी होती है।

अशिक्षित व्यक्ती भी दुनिया में सफल हो सकते है इसका मतलब हे सफलता के लिए ज्ञान होना जरुरी हे मगर अभिवृत्ती का अगर आभाव हो तो वह ज्ञान आपको सफलता तक पहुंचाएगा इसकी कोई संभावना नहीं होती। इसलिए हमें समझना होगा अभिवृत्ती को कैसे विकसित किया जा सकता है।

बुद्धिमत्ता क्या है / What is Intelligence –

बुद्धिमत्ता क्या है यह हमें क्यों जानना है ? इसके लिए हमें सफलता के लिए केवल बुद्धिमत्ता काम नहीं करती उस ज्ञान को प्रत्यक्ष में उतरना होता है और इसके लिए अभिवृत्ती का विकसित होना काफी महत्वपूर्ण होता है। कंपनी में नियुक्त किये गए महत्वपूर्ण अधिकारी कंपनी को अच्छी तरह से चलाते हे मगर वही अधिकारी अपनी खुदकी कंपनी चलाए तो ज्यादातर समय असफल होते है।

बुद्दिमान व्यक्ती दुनिया में सफल हो सकते हे यह धारणा गलत धारणा है क्यूंकि असफल होने का भय तय करता है आप अपने ज्ञान को प्रत्यक्ष उतारने के लिए कितने सक्षम है। जो अपने भय को अपने ज्ञान के साथ मिला के सफलता को हासिल करता हे उसी कृती को अभिवृती कहते है जो बुद्दिमत्ता से काफी महत्वपूर्ण होती है।

कुदरत के नियम / Rule of Nature –

कुदरत का नियम होता हे, जो शक्तिशाली होता है वह कमजोर पर राज करेगा इसमें शेर को जंगल का राजा कहा जाता है मगर वह जंगल में सबसे बुद्धिमान नहीं होता तथा सबसे ताकदवर भी नहीं होता फिर भी सभी बड़े छोटे जानवर उससे डरते है।

इसका मतलब अभिवृत्ती आपको दुनिया से अलग करती है और अपने भय पर विजय प्राप्त करने वाले जानवर कुदरत में दूसरे जानवर पर राज करते है। ऐसा नहीं हे की शेर को भय नहीं होता मगर वह अपने भय को दूसरे जानवरो से ज्यादा नियंत्रित करने में सफल होता हे इसकारण वह दूसरे जानवरो पर अपना दबाव बनाने में सफल होता है।

इंसान ने अपने मृत्यु के भय को समाज की रचना बनाकर सुरक्षित किया मगर फिर भी इंसान दूसरे इंसान से डरता है अथवा अपने किसी कृती से जो असफलता मिलेगी इससे समाज में मेरी प्रतिमा को आघात पहुंचेगा इसलिए वह कोई कृती करने से डरता है। वह जिस समाज में जीता हे उसकी अभिवृत्ती ऐसे बन जाती है।

सफलता और अभिवृत्ती / Success & Attitude –

क्या अभिवृत्ती जन्मजात गुन है ऐसा माना जाए ? क्यूंकि जानवरो में वह सबसे अधिक मात्रा में शेर के प्रजाती में पाया जाता है। इंसान में जीवन में वह लोग काफी सफल होते हे जिनकी अभिवृत्ती काफी सक्षम होती है और वह लोग जिस समाज में रहते है वही लोग दुनिया में ज्यादातर सफल होते है।

सफलता के मायने केवल पैसा कमाना नहीं होता मगर सफलता का महत्वपूर्ण अंग होता है। अभिवृत्ती लोगो में कम अधिक मात्रा में सभी लोगो के पास होती है जो अपनी जिंदगी अच्छी तरह से जीते है मगर दुनिया में ज्यादातर लोग असफलता को जिंदगी भर जीते है।

नकारात्मक सोच और सकारात्मक सोच यह सफलता और अभिवृती का मापदंड कैसे होगा यह तय करता है। सकारात्मक सोच आपको अभिवृती के परमोच्च स्तर पर पहुंचने का काम करती है, इसलिए यह सोच बनने के लिए हमारे सोच में बदलाव तथा इसकी आदत होनी जरुरी होती हे।

भय और अभिवृत्ती / Fear & Attitude –

कोई इंसान काफी बुद्धिमान हे मगर वह ज्ञान कृती अथवा प्रत्यक्ष में लाने के लिए जो अभिवृती विकसित होनी चाहिए वह अगर उस इंसान के पास नहीं होती तो वह इंसान जिंदगी में एक औसतन स्तर तक सफलता प्राप्त करता है।

असफल होने का भय जिसको नहीं होता और अपने लक्ष को पाने का जूनून जिसमे होता है वही इंसान अपने लक्ष को अच्छी खासी कीमत चुकाके प्राप्त करता है। असफल होने का डर यह समाज में ज्यादातर लोगो में होता हे जो उनमे बचपन में नहीं होता मगर जिस समाज में रहते है उस समाज में वह अपने आप विकसित होता है।

अभिवृत्ती यह गुन असफल होने का डर जिन लोगो में नहीं होता अथवा सफल होने के लिए जो कीमत चुकानी होती हे इसके लिए जो लोग तैयार रहते है यह अभिवृत्ती समाज में हम काफी कम लोगो में देखते है। हमारी शिक्षा व्यवस्था भी हमें अभिवृती हमारे लिए कितनी महत्वपूर्ण होती हे यह नहीं सिखाती वह केवल हमें बुद्धिमान बनाती है।

अभिवृत्ति का दर्शनशास्त्र / Philosophy of Attitude –

दर्शनशास्त्र हमें किसी विषय में विस्तृत जानकारी लेने की पद्धती मानी जाती है जिसमे अध्ययन करने का दायरा काफी बड़ा होता है। अभिवृत्ती का विस्तृत दायरा देखने की कोशिश करेंगे तो हमें डार्विन के संशोधन का आधार लेना होगा जिसमे वह कोई भी जिव जीने के लिए अपने आप को सृष्टि से कैसे तैयार करता है।

“नेचुरल सिलेक्शन ” डार्विन ने सृष्टि के हर जिव का अध्ययन करके यह निष्कर्ष निकाला, जो जिव सृष्टि के इस नियम का पालन नहीं करता वह सृष्टि से लुप्त हो जाता है। इंसान ने अपने बुद्धि का विकास करके दुनिया के दूसरे जीवो से खुद को अलग कर लिया और एक समाज की रचना की जिसमे उसको मृत्यु का भय नहीं रहा।

समाज की रचना होने से मनुष्य में प्रतिष्ठा , विषमता , सफलता ऐसे गुन निर्माण हुए जो सृष्टि के दूसरे जानवरो में नहीं पाए जाते। इंसान का असफल होने का डर और जानवर का मरने का डर यह दोनों को अलग करता है। मुश्किल समय में सही निर्णय कैसे ले इससे इंसान की अभिवृत्ती का विकास हुवा जिसको उसने पीढ़ी दर पीढ़ी विकसित किया।

अभिवृत्ती का मनोविज्ञान / Psychology of Attitude –

अभिवृत्ती का दर्शन शास्त्र तथा मनोविज्ञान यह दोनों अलग विषय हे मगर आदमी के अभिवृत्ती को समझने का एक दूसरे से जोड़ने का तरीका माना जाता है। हम कई बार डिप्रेशन का नाम सुनते हे जो एक मनोविज्ञानिक बीमारी हे जो समाज के किसी भी स्तर के लोगो में हम देखते है।

हमारी सोचने की शक्ति जो नकारात्मक अथवा सकारात्मक सोचने की शक्ति होती है जो हमारे बुद्धिपर नियंत्रण प्राप्त करती है जिसमे हम जिस विचार के प्रभाव में आते हे हमारी सोच हमें वैसा मार्ग दिखाती है। इसलिए सकारात्मक सोच को कैसे विकसित किया जाये यह काफी महत्वपूर्ण होता है।

किसी भी चीज को शुरुवात करने से पहले उसपर संदेह करना यह नकारात्मक सोच नहीं होता वह एक संदेह से सत्य को खोजने का एक तरीका होता है। नकारात्मक सोच का मतलब होता है किसी भी कृती को करने से पहले उसके बुरे प्रभाव तथा परिणामो पर ज्यादा सोचना जिससे कृती करने का भय निर्माण होता है।

अभिवृत्ती क्या जन्मजात होती है / Is Attitude Innate –

जंगल में शेर की अभिवृत्ती / attitude उसे जंगल का राजा बनाती है इसका मतलब क्या यह जन्मजात पाई जाने वाली विशेषता है ? जैसे की हमने ऊपर पहले ही इस विषय पर छोटे बच्चे का उदहारण दिया था जिसे असफल होने का कोई भय नहीं होता इसलिए वह उस उम्र में दुनिया की कोई भी चीज जल्दी से सिखता है , मगर वह जैसे जैसे बड़ा होने लगता है वह समाज की सोच के साथ ढलने लगता है और असफलता से डरने लगता है।

इसलिए मेरा मानना हे की हमारे अभिवृती का विकास हम समाज के जिस वातावरण में रहते है उसका प्रभाव हमपर काफी ज्यादा होता है, हम अपने ज्ञान को बढाकर इस कमी को दूर कर सकते है। सफल होने के लिए बहुत सारी कीमत चुकानी होती है जो हर कोई नहीं कर पाता, लोगो की धारणा होती हे की जितना सुखी और सुरक्षित जीवन जी सके उतना वह जीने की कोशिश करता है।

बचपन से हमें सिखाया जाता है सफल होने के लिए बुद्धिमान होना जरुरी होता है और अच्छी सुरक्षित नौकरी पाना जीवन का लक्ष होता है। इसलिए दुनिया में काफी कम प्रतिशत लोग होते है जो अभिवृत्ती को परमोच्च स्तर पर इस्तेमाल करते है। इसमें ८० % लोग वही होते हे जो उनके पिछले पीढ़ी के लोगो में यह गुन होता है, बहुत ही कम प्रतिशत लोग ऐसे समाज से नहीं आते वह अपनी अभिवृत्ती मेहनत से विकसित करते है।

अभिवृत्ती और शिक्षाप्रणाली / Education & Attitude –

जैसे की हमने देखा की मैनेजमेंट तथा कई सारे संशोधन में यह पाया गया है की ज्यादातर लोग शिक्षा में बुद्धिमत्ता को बढ़ाने में सबसे ज्यादा पैसा खर्च करते हे परन्तु अभिवृती के विकास के लिए कोई पैसा खर्च नहीं किया जाता।हमारा अभ्यासक्रम भी ऐसा होता है की वह केवल बुद्धिमत्ता विकासपर ही काम करता है।

अभिवृत्ती में नेतृत्व गुन , व्यक्तिमत्व विकास , नॉलेज , तथा ज्ञान को कृती में तथा प्रत्यक्ष में उतारने का हुनर जिन लोगो में होता है वह लोग दुनिया में सफल माने जाते है। ज्यादातर लोगो को अपने जीवन का उद्देश्य पारम्परिक शिक्षा के पूर्ण होने के बाद पता चलता हे तबतक वह किसी प्रोफेशन को चुन लेता है, जो उसकी मजबुरी बन जाती हे।

इसलिए ज्यादातर लोग अपने काम से खुश नहीं होते परन्तु जिंदगी भर वही काम करते रहते है और इससे जीवन में जितने अच्छे परिणाम आने चाहिए थे वह नहीं आते। इसलिए अभिवृत्ती को विकसित करने के लिए जीवन में सही उद्देश्य तथा सही ज्ञान प्राप्त होना काफी जरुरी होता है।

नकारात्मक अभिवृत्ती और सकारत्मक अभिवृत्ती/Negative & Positive Attitude-

कोई भी आडियाज प्रत्यक्षरूप में आने से पहले हमारे दिमाख में आती हे जो हम कल्पनाशक्ति कहते हे उसके बाद वह प्रत्यक्ष में आती है। नकारात्मक अभिवृती का मतलब होता है की अगर हम किसी भी चीज को नकारात्मक तरीके से सोचते हे तो हमें सफलता पाने में काफी मुश्किल होती है।

सकारात्मक सोच से निर्माण हुई हर एक आईडिया सफलता को दर्शाती है , कहने को यह बहुत आसान लगता हे मगर प्रत्यक्ष रूप से इसको अपने सोच में उतरना काफी मुश्किल होता हे इसलिए दुनिया में काफी कम लोग यह कर पाते है।

सफलता पाने के लिए हमें काफी असफलता का सामना करना पड़ेगा यह दृष्टिकोण रखना काफी मुश्किल काम होता हे और इस कीमत को चुकाने के लिए जो लोग तैयार होते हे वही मंजिल को पाते है। समाज में बहुत सारा वर्ग हे जो सफलता की कीमत को चुकाए बगैर उ से पाना चाहता है जो अभिवृत्ती के स्वाभाव को दर्शाता है।

निष्कर्ष /Conclusion –

इसतरह से हमने यहां जानने की कोशिश की, अभिवृत्ती /attitude को विकसित करना इतना मुश्किल क्यों होता है और वह कैसे प्राप्त किया जाता है। इसके लिए हमे दर्शनशास्त्र , तथा मनोविज्ञान को जानने की कोशिश की जिससे हमें समझ में आये की अभिवृत्ती को कैसे विकसित किया जाए।

खुदपर आत्मविश्वास, सय्यम , संघर्ष करने का साहस समाज से अलग सोचने की क्षमता यह बहुत सारे गुन आपके अभिवृती को बढ़ाने का काम करता है। इसलिए हमें शिक्षा के साथ साथ अभिवृती को महत्त्व देना चाहिए जिससे प्राथमिकता में शिक्षा से महत्वपूर्ण अभिवृत्ती होती है जिसके हमें कई सारे उदहारण देखने को मिलते है।

हमने यहाँ अभिवृत्ती के विषय पर लिखने का उद्देश्य शिक्षा के साथ साथ अभिवृत्ती पर पैसा खर्च करना महत्वपूर्ण है। जिससे नेतृत्व गुन , साहस , तथा आत्मविश्वास बढाने में मदत होती है। हमने यहाँ ज्यादा से ज्यादा अभिवृत्ती के बारे में बताने की कोशिश की जिससे हमें उसका महत्त्व हमारे विकास में काम आ जाए।

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