प्रस्तावना / Introduction –

भारत में ६५ % बिज़नेस प्रोप्राइटर शिप के माध्यम से चलाए जाते हे और कई सारे छोटे छोटे बिज़नेस बगैर किसी सरकारी रेगिस्ट्रशन से चलाए जाते है। इसका मतलब है बहुत कम बिज़नेस कंपनी एक्ट के तहत भारत में रजिस्टर होते हे, अगर तुलना करे प्रोप्रइटरशिप बिज़नेस के साथ यह अकड़ा बहुत कम है। बिज़नेस की तुलना करे तो बड़ी कम्पनिया सबसे निचले स्तर की कंपनियों से ज्यादा प्रॉफिट ऑफ़ मार्जिन पे काम करती हे।

यह अकड़ा जैसे जैसे कंपनी छोटी होती हे उसका प्रॉफिट ऑफ़ मार्जिन कम होते जाता है और आखिर में जो रिटेल बिज़नेस हम देखते हे केवल २ % प्रॉफिट ऑफ़ मार्जिन पर भी चलते है। सवाल खड़ा होता हे तो ज्यादा लोग बड़ी कम्पनिया क्यों नहीं बना पाते जिससे ज्यादा प्रॉफिट ऑफ़ मार्जिन मिल सके। इसका जवाब हम कह सकते है खुद के ऊपर आत्मविश्वास कम होना, सफलता न मिलने का डर हमेशा रहता है ।

इसमें बिज़नेस कैसे बढ़ाया जा सकता हे, इसका ज्ञान न होने की वजह से अथवा गलत जानकारी की वजह से बिज़नेस बड़ा करने की कोशिश न करना यह कारन हो सकते है। आज हम यहाँ देखेंगे की क्यों ज्यादा तर बिज़नेस बड़े नहीं हो पाते इसके कारन ढूंढ़ने की कोशिश करेंगे और इसका समाधान क्या हो सकता हे यह खोजने की कोशिश करेंगे। वैसे भी हम हमारा बिज़नेस पारम्परिक तरीके से करने की कोशिश करते हे और हमारे परिवार में बिज़नेस कल्चर नहीं होने की वजह से परिवार की अगली पीढ़ी बिज़नेस के बजाय नौकरी करना पसंद करते हे।

जिसकी वजह से जो लोग पूरी जिंदगी अपना बिज़नेस बढ़ाते हे वह बिज़नेस बादमे चलाने वाला कोई न होने की वजह से दम तोड़ देता है। इसलिए यहाँ हम इन सभी कारणों को सलूशन ढूंढ़ने की कोशिश करेंगे जिससे आपको बिज़नेस कैसे बढ़ाना हे यह समझमे आ सके।

बिज़नेस कल्चर का इतिहास / History of Business Culture –

ब्रिटिश भारत में आने से पहले भारत में बार्टर सिस्टम बड़े जोर शोर से चल रहा था. जिसमे वस्तु के बदले सेवाए देकर लोग अपना पेट पालते थे ।अर्थव्यवस्था में मुद्राए तो होती थी मगर वह बहुत ही कम लोगो के पास देखने को मिलती थी। भारत की अर्थव्यवस्था गांव में बसती थी जहा खेती यह अर्थव्यवस्था का केंद्र बिंदु होता था जिसके ईर्दगिर्द पूरी अर्थव्यवस्था चलती थी। पिछले दो हजार सालो तक भारत के बाहर व्यापार करना लगबघ बंद हो गया था इसलिए अतिरिक्त उत्पादन निकाल के उसका मुनाफा निकलना बंद ही हो गया था।

१६ वि सदी में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी भारत में पहली कॉलोनी सूरत में स्थापित की जिसने आज के आधुनिक व्यापार की नीव रखी और पुरे भारत में उसका ट्रांसपोर्टेशन का जाल’ निर्माण किया और भारत के ही कुछ व्यापारी समाज को गांव गांव में उनके प्रतिनिधि के तौर पर प्रस्थापित कर अर्थव्यवस्था का निर्माण किया जिसके तहत कच्चा माल पुरे भारत से सूरत में लाकर उसे ब्रिटेन भेजना और ब्रिटेन से पुरे दुनिया में तैयार प्रोडक्ट बनाकर मुनाफा कमाना यह रणनीति के तहत उन्होंने भारत के कुछ लोगो को पकड़कर अपना व्यापार बढ़ाया।

आज जो हम कुछ व्यापारी समाज भारत की अर्थव्यवस्था में प्रभुत्व निर्माण कर सके इसका कारन था उस समाज में आधुनिक व्यापार करने का एक बिज़नेस कल्चर निर्माण हुवा जिससे वह बिज़नेस करने और बढ़ाने में एक्सपर्ट बन गए। ब्रिटिशर्स पूरी दुनिया में घूमके व्यापार करते रहे थे उस समय तक उनकी व्यापार करने की पद्धती बढ़ी आधुनिक रही थी जिसके संपर्क में आकर भारत के व्यापारी भी एक्सपर्ट बन गए मगर बाकि समाज इससे दूर रहा जिससे उनमे यह बिज़नेस कल्चर नहीं पनप पाया।

इसलिए आज जिस समाज में बिज़नेस कल्चर नहीं होता वह सरकारी नौकरी और मल्टी नेशनल कंपनी में नौकरी पाने के लिए तरसते हे मगर बिज़नेस नहीं करना चाहते। इसलिए अगर पिछली पीढ़ी २० -३० साल मेहनत करके बिज़नेस बनाती हे मगर उसकी अगली पीढ़ी उस बिज़नेस को बढ़ाने में इंटरेस्ट नहीं लेती उसका आकर्षण विदेशी कंपनियों में नौकरी पाना हो जाता है।

मार्किट में ज्यादातर बिज़नेसस छोटे क्यों रह जाते है ? / Why most businesses not Grow –

हमारी भी बड़ी कंपनी होनी चाहिए यह सभी बिज़नेसमन का सपना होता हे मगर बहुत कम लोगो का यह सपना पूरा होता है। इसका कारन बहुत सारे व्यावसायिक बिज़नेस कैसे बढ़ाया जाये इसपर ध्यान देने की बजाय अपने बिज़नेस के सभी कार्यो में इतना व्यस्त हो जाते हे की, उनके पहल के बगैर बिज़नेस का पत्ता भी नहीं हिलता, यह दिखता हे की आप किसी भी एम्प्लोयी पर भरोसा नहीं करते, सभी कार्य आप खुद के कण्ट्रोल में करना चाहते हो।

इसलिए मार्किट में ज्यादातर कम्पनिया छोटे लेवल पर शुरू होकर छोटे लेवल पर ही ख़तम हो जाती है। इसका सबसे बड़ा महत्वपूर्ण कारन हे खुद पर आत्मविश्वास न होना, मार्किट में चल रही नॉलेज पर अपने निर्णय लेना रिसर्च और डेवलपमेंट पर काम न करना यह ज्यादातर लोगो में आदत होती है इसलिए बिज़नेस बढ़ते नहीं है। ज्यादा बड़ी कंपनी करना मतलब गवर्नमेंट को ज्यादा टॅक्स देना और इससे अपना प्रॉफिट कम हो जाता हे यह सबसे बड़ा भ्रम बिज़नेस करने वाले लोगो में होता है इसलिए उनके बिज़नेस बढ़ नहीं पाते।

हमारे समाज में पार्टनरशिप बिज़नेस करना कोई पसंद नहीं करता इससे कंपनी पे हमारा पूरा कण्ट्रोल नहीं रहता और पार्टनरशिप में रिश्ते खराब होते हे इसलिए कोई पार्टनरशिप में बिज़नेस करने की सोचता नहीं है। प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनाने से सरकारी हस्तक्षेप बहुत ज्यादा होता हे और ज्यादा टैक्स भरना पड़ता हे इसलिए सामान्यतः बहुत सारे बिज़नेस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी शुरू नहीं करता। यह’सभी चीजे कंपनी को बड़ा कर सकते हे मगर हम यह नहीं करते और सुनी सुनाई बत्तो पर विश्वास रखकर कंपनी जैसे चल रही हे वैसे ही जिंदगी भर चलाते है और हमारी भी बड़ी कंपनी होगी यह केवल सपना बनकर रह जाता है।

प्रोप्राइटर शिप और कंपनी में क्या फर्क होता है / Difference between Proprietorship & Company –

प्रोप्रइटरशिप यह राज्य के शॉप एक्ट कानून के तहत रेगुलेट किया जाता हे जिसमे ज्यादा सरकारी कागजी दस्तावेज देने नहीं पड़ते जो कंपनी एक्ट कानून के तहत कंपनी बनाते समय लगते है।बड़ी कंपनी बनाने में सही जानकारी कम और भ्रम ज्यादा दिखने को मिलते है जिसकारण ज्यादातर बिज़नेस अपने बिज़नेस प्रोप्राइटर शिप के स्तर पर ही चलाना पसंद करते हे।

जिसमे कर्मचारीओ के प्रती हमारी जिम्मेदारी बढ़ जाती है , टॅक्स ज्यादा भरना पड़ता है , सरकार के कागजी दस्तावेज बढ़ जाते हे ऐसे कई भ्रम की वजह से कोई भी छोटी कंपनी बड़ी नहीं बन पाती और छोटे स्तर पर अनप्रोफेशनल तरीके से बिज़नेस करना पसंद करते है। इसलिए कंपनी बड़ा करने का सपना होते हुए भी ऐसे बहुत सारे डर आपको अच्छे निर्णय लेने से रोकते हे और गलत सलाह आपको कंपनी बड़ा करने से रोकते है।

हम खुदपे कम और लोगो के निर्णय पर ज्यादा भरोसा करते हे इसलिए बढ़ नहीं पाते। कंपनी एक्ट के अंदर रजिस्टर होने से आप भारत में कहीभी अपना बिज़नेस कर सकते हे जिससे हमारे कंपनी का दायरा बिज़नेस करने के लिए बढ़ जाता है। प्रोप्रइटरशिप में हम केवल उसी राज्य में अपना बिज़नेस कर सकते हे जिस राज्य में हमने रजिस्ट्रेशन किया हुवा है।

छोटी कंपनियों को अपना बिज़नेस बढ़ाने के लिए क्या करना चाहिए / What to do for business Growth –

जब हम हमारा बिज़नेस बड़ा करने की सोचते हे तो सबसे पहले खुदपर विश्वास होना जरुरी हे की हम यह कर सकते हे इसके लिए हमें ज्ञान बढ़ाना जरुरी हे इसके लिए संशोधन करे , इंटरनेट पर यह सब जानकारी उपलब्ध हे। अपने चालू बिज़नेस में बहुत सारे बदलाव लाने के कोशिश करे जो बिज़नेस बढ़ाने से पहले की शुरुवात होगी। इसके लिए आगे दी गयी कुछ बातो पर हमें ध्यान देना होगा।

  • बिज़नेस का असल में नेट प्रॉफिट क्या हे वह फिगर निकालनी होगी, ,फाइनेंस मैनेजमेंट पर ध्यान देना।
  • अच्छा बिज़नेस प्रोफाइल बनाना होगा जिससे नयी ऑर्डर्स मिल सके और बड़ी कम्पनिया अपनी प्रोफाइल से हमें काम दे।
  • बड़ी कम्पनिया आपके प्रोफाइल में देखती हे की आपके गवर्नमेंट के सभी रजिस्ट्रेशन हुवे हे या नहीं उसके हिसाब से वह सोचती हे की आपको काम देना हे या नहीं।
  • कंपनी एक्ट के तहत कंपनी को रजिस्टर करना कोई बुरी बात नहीं होती और ऐसे कोई ज्यादा कंप्लाएंसेस नहीं बढ़ते, जिससे आपको तकलीफ हो बल्कि आपका प्रोफाइल और मजबूत होता है।
  • एम्प्लॉयीज को कंपनी का एसेट समझके उनको संभालोगे तो आपका जो समय दिनभर काम करने में जाता हे वह जिम्मेदारी आप अपने एम्प्लॉयीज पर डालकर आपका ध्यान बिज़नेस बढ़ाने में लगा सकते हो।
  • कंपनी को बढ़ाने की सबसे बड़ी समस्या होती हे कॅपिटल जो हम नए पार्टनर कंपनी में लेकर , या बैंको से लोन लेकर खड़ा कर सकते हे बस हमें असफल होने का डर दूर करना होगा।
  • ऑनलाइन प्लेटफार्म और सोशल मीडिया प्लेटफार्म का इस्तेमाल बिज़नेस बढ़ाने के लिए करना चाहिए।
  • अच्छे एक्सपर्ट अपने कंपनी में ज्यादा पैसा देकर रिक्रूट करने में कोई समस्या नहीं हे यह एक इन्वेस्टमेंट हे जिससे आपका बिज़नेस बढ़ने में मदद होगी।
  • अस्थायी समय के लिए आप किसी एक्सपर्ट को हायर कर सकते हे जिससे आपको बिज़नेस बढ़ाने में मदद हो सके।
  • ८०-२० इस प्रणाली का इस्तेमाल करके जो २०% कम्पनिया आपको ज्यादा बिज़नेस देती हे, हमारा पूरा ध्यान इन कंपनियों पर लगाना हे इससे हमारा समय और पैसा बचेगा जिससे हमे बिज़नेस बढ़ाने में आसानी होगी।
  • कंपनी के प्रोडक्ट या सर्विसेज की क्वालिटी अच्छी रखनी होगी जिससे मार्किट में आपके कंपनी का गुडविल बढ़ सके यह आपके बिज़नेस बढ़ाने में मददगार साबित होता है।
  • जब हम काम नहीं कर रहे हो तभी भी हमारा प्रॉफिट हमें मिलना’चाहिए, बिज़नेस में यह स्थिती आपको सफलता देती हे इसलिए ऐसे इनकम सोर्स आपको आपके बिज़नेस में ढूंढ़ने होंगे जो निरंतर आपको पैसा दे सके।
  • कंपनी की बैलेंस शीट आपको आपके बिज़नेस के बारे में सही जानकारी नहीं देती इसलिए आपका सही प्रॉफिट क्या हे इसका अलग से रिकॉर्ड बनाकर रखे।
  • जितना हो सके उतना टेक्नोलॉजी पर बिज़नेस के लिए खर्च करे जिससे बिज़नेस में एक्यूरेसी आती हे और आप आपका समय महत्वपूर्ण कामो दे सकते है।

ऑनलाइन प्लेटफार्म और सोशल मीडिया / Online platform & Social Media –

आज के टेक्नोलॉजी के युग में ऑनलाइन प्लेटफार्म का इस्तेमाल बिज़नेस बढ़ाने के लिए करना होगा इसके लिए टेक्नोलॉजी का बेसिक knowledge होना जरुरी हो जाता हे, अगर किसी टेक एक्सपर्ट को हायर करने की क्षमता हो तो उसपे इन्वेस्ट करना आज बहुत जरुरी हे.फेस बुक , ट्वीटर इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया का इस्तेमाल आप अपने बिज़नेस बढ़ाने के लिए कर सकते हो। खुद की वेबसाइट अगर आप बनाते हो तो सब से अच्छा सोलुशन हे ऑनलाइन प्लेटफार्म पर बिज़नेस बढ़ाने का जिसपर आप की सेवाए अथवा प्रोडक्ट ऑनलाइन बेच सकते हो।

इंडिया मार्ट जैसी साइट आपका बिज़नेस बढ़ाने में बहुत मददगार साबित हो सकती हें। आनेवाले समय में पूरी दुनिया डिजिटल प्लेटफार्म पर आनेवाली हे इसलिए समय का रुख देखते हुए समय के साथ बदलना जरुरी हो जाता हे इसलिए आपको अगर आपके बिज़नेस को बढ़ाना हे तो यह प्लेटफार्म इस्तेमाल करना होगा। आपके प्रोडक्ट को ग्राहक तक पोहचने के भी माध्यम इंटरनेट पर उपलब्ध हे इसलिए इसका इस्तेमाल करके आप अपने बिज़नेस का दायरा बढ़ा सकते है।

बिज़नेस सेमिनार अटेंड करना और बिज़नेस न्यूज़ अपडेट देखना / Importance of Business Seminars & Updates in Businesses –

आपने बिज़नेस में अपडेट रहना हे तो अलग अलग सेमिनार शहरों में लिए जाते हे इनका हिस्सा बनना और बिज़नेस अपडेट की कई सारे वेबसाइट उपलब्ध हे जहा बिज़नेस के बारे में नए अपडेट नै जानकारी मिलती रहती है। आप वह अटेंड करेंगे तो आपको आपके बिज़नेस को बढ़ाने के नए नए आईडिया मिलेंगे। आजकल इंटरनेट पर वेबिनार अलग अलग सब्जेक्ट पर शुरू रहते हे ऐसे बिज़नेस कम्युनिटी को जॉइंट करना जिससे ऐसी जानकारी मिल सके।

लीगल एंटिटी का महत्त्व समझे / Importance of Legal Entity –

भारत में ज्यादातर बिज़नेस छोटे स्तर पर फॅमिली बिज़नेस चलाए जाते हे इसलिए भारत का शेयर बाजार अमरीका से ज्यादा विकसित होना चाहिए मगर नहीं होता। बिज़नेस को बढ़ने में सबसे बड़ी समस्या होती हे कॅपिटल की जो छोटे स्तर पर पैसे को जुटाना काफी मुश्किल काम होता हे। दूसरा कारन बिज़नेस बड़े नहीं होते उसका यह हे की खुद बिज़नेस करने ज्यादातर लोग अपने बिज़नेस को बड़ा करना नहीं चाहते इसे वह ” ज्यादा मगज मारी कौन करेगा” इस दृष्टिकोण से बिज़नेस को देखा जाता है।

छोटे स्तर पर और पार्टनरशिप और प्रोप्राइटर शिप स्तर पर बिज़नेस यह व्यक्तिगत जोखिम पर किये जाते हे और ज्यादातर सलाहकार लीगल एंटिटी का महत्त्व बिज़नेस में क्या होता हे यह इन छोटे बिज़नेस को नहीं बताते या नहींसमझाना चाहते। इसलिए जिन लोगो को यह गलत धारणा होती हे की बड़े बिज़नेस याने ज्यादा टेंशन का काम यह दृष्टिकोण बदलना होगा।

लीगल एंटिटी यह अपने व्यक्तिगत संपत्ति को बिज़नेस को अलग रखता हे तथा आप के बिज़नेस को शेयर बाजार तथा मार्किट से बिज़नेस के लिए पैसा उठाने के लिए छोटे बिज़नेस से काफी आसान होता है। अगर बिज़नेस असफल भी हो जाए तो आपके व्यक्तिगत प्रॉपर्टी पर कोई आंच नहीं आती, जीतनी आपकी हिस्सेदारी बिज़नेस में होती हे उतनी ही जिम्मेदारी आप की होती है। जिससे आपको बिज़नेस को बढ़ाने में काफी मदद होती है।

निष्कर्ष / Conclusion –

इसतरह से हमने यहाँ देखा की ज्यादातर लोग यहाँ छोटे स्तर पर बिज़नेस की शुरुवात करते हे और पूरी जिंदगी छोटे स्तर पर ही व्यापारी रह जाते है बिज़नेस बढ़ा नहीं पाते। यहाँ हमने इसके कारन ढूंढ़ने की कोशिश की और इसके लिए हमारी सोच कैसे बदलनी चाहिए इसके बारे में विश्लेषण किया।

बिज़नेस बढ़ाने के लिए सबसे बड़ी समस्या विश्वास , बिज़नेस असफल होने का डर , अज्ञान , और बड़े पैमाने पर कैपिटल कैसे जुटाया जा सकता हे इसके बारे में जानकारी नहीं होना यह बहुत महत्वपूर्ण कारन होता हे बिज़नेस न बढ़ने का, इसलिए हमने उसके लिए क्या करना चाहिए यह विस्तार से देखा। हमारे ज्ञान का मुख्य स्त्रोत मीडिया द्वारा इनफार्मेशन, लोगो के व्यवहार से सीखना और किताबे पढ़ना यह होता है।

इसके साथ आज हम सोशल मीडिया और इंटरनेट का इस्तेमाल भी ज्ञान पाने के लिए कर सकते हे मगर ज्यादातर लोग यह नहीं करते और अपने आप को अपडेट कैसे रखना हे यह जानकारी नहीं होने से केवल दूसरे के इनफार्मेशन अपनी एक्शन प्लान को निर्धारित करते हे इसलिए गलत धारणाओं में अपने निर्णय लेते हे और मान लेते हे की जो स्तर पर बिज़नेस कर रहे हे यही जीवनभर करना सही होगा और सुरक्षित जिंदगी जीना यही लोगो का कल्चर बन जाता है।

इसलिए यहाँ हमने देखा की बिज़नेस कल्चर कैसे निर्माण करना होगा। आशा करता हु की बिज़नेस कैसे बढ़ाया जा सकता हे इसके बारे में अच्छी जानकारी आपतक पहुंचाने में सफल रहा , अगर इसके बारे में आपके कुछ सवाल हो तो मुझे मेल कर सकते है।

वैश्विक अर्थव्यवस्था में डीडॉलराइजेशन के परिणाम

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