प्रस्तावना /Introduction –

केस स्टडी के माध्यम से आज हम प्रथम पीढ़ीके एन्ट्रप्रेनुएर के बारे में जानने की कोशिश करेंगे, भारत में ज्यादातर बिज़नेस परिवार सफल प्रस्थापित बिज़नेस साम्राज्य सँभाल रहे हे। जिसमे टाटा से रतन टाटा से लेकर मुकेश अंबानी तक सभी बिजनेसमैन अपने पिछले पीढ़ी के बिज़नेस को आगे चला रहे है। वही गौतम अडानी ने अपने बिज़नेस सफर की शुरुवात अडानी इंटरप्राइजेज से १९८८ में एक्सपोर्ट और इम्पोर्ट के बिज़नेस से शुरुवात की है।

पिछले ३० सालो में उन्होंने भारत का सबसे आमिर व्यक्ति बनने से लेकर एशिया का सबसे आमिर व्यक्ति बनना तथा दुनिया के दस आमिर व्यक्तियों में शुमार होना यह सफर अपने दम पर तय किया है। इसमें उनकी सबसे महत्वपूर्ण कला जो लोगो से संवाद करना तथा सही समय पर सही निर्णय लेना इसने उन्हें इतनी तेजी से आमिर और सफल बिजनेसमैन बनाया है। केस स्टडी में हम अलग अलग बिज़नेस हाउस तथा व्यक्तियों का अध्ययन करते है। जिससे हमें कुछ सीखने को मिलता हे और प्रेरणा देता है।

गौतम अडानी ग्रुप ने अपनी बिज़नेस सफर की शुरुवात कैसे की और आज अडानी ग्रुप किस किस बिज़नेस में अपना हात आजमा रहा है यह हम देखेंगे। शेयर मार्किट में अपनी कम्पनिया लिस्ट करने से लेकर उनके पीछे जो विवाद और आरोप लगते रहे हे इसका हम अध्ययन करने करेंगे। अडानी ग्रुप का बिज़नेस मॉडल क्या हे और भविष्य में इसकी सफलता की क्या संभावनाए हे यह हम देखेंगे।

गौतम अडानी का जीवन प्रवास / Life Journey of Gautam Adani –

उनके पिताजी शांतिलाल अडानी का कपडे का व्यापार करते थे और साधारणतः गुजरात में बिज़नेस करना एक जूनून की तरह देखा जाता है। इसी माहौल में गौतम अडानी का जन्म अहमदाबाद में हुवा, वह सात भाई बहन थे जिसमे मनसुखभाई यह सबसे बड़े भाई थे। १६ साल की उम्र में वह मुंबई अपना हात आजमाने के लिए आए थे जो महिंद्र ब्रदर्स कंपनी में जो हीरो के व्यापारी थे उसमे एजेंट की तौर पर तीन साल उन्होंने काम किया और सही मायने में बिज़नेस की बारीकियां सीखी थी।

गौतम अडानी की अपनी पहली कमाई एक जापानी ग्राहक से कमीशन के तौर पर दस हजार रूपए कमाए थे। मुंबई में तीन साल तक काम करने के बाद उनके बड़े भाई मनसुखभाई के कहने पर वह उनके प्लास्टिक पाइप के बिज़नेस में शामिल हुए। इस बिज़नेस के लिए जो मटेरियल लगता था उसकी कम सप्लाई के कारन उन्होंने भारत के बाहर से यह मटेरियल आयत किया जिससे उन्हें इस बिज़नेस में काफी रूचि बढ़ी और उन्होंने १९८८ में अडानी इंटरप्राइजेज नाम कंपनी की स्थापना की जो एक्सपोर्ट और इम्पोर्ट का पहला बिज़नेस था।

उनके जीवन में कई उतर चढाव आए इसमें सबसे भयानक घटना थी १९९८ में उनका अपहरण किया और फिरौती के तौर पर रकम मांगी गई। दूसरी बार वह २००८ में जो आतंकी हमला मुंबई के ताज होटल में हुवा था, तब वह वहा मौजूद थे। इस तरह से वह अपने जीवन में दो बार इतने भयानक घटना के साक्षी रहे हे जहा कुछ भी हो सकता था। इससे उन्होंने काफी सीखा और यह अनुभव उन्होंने अपने बिज़नेस में उतरा जो हमें दिखता है। शांति से सही समय पर सही निर्णय लेना, जोखिम को बड़ी आसानी से सफलता पूर्वक ख़त्म करना और अच्छा नेटवर्क यह उनकी सबसे महत्वपूर्ण खूबी है।

अडानी ग्रुप का इतिहास / History of Adani Group –

१९८१ में जब गौतम अडानी एजेंट के तौर पर मुंबई से हीरो के वव्यापार में काम कर रहे थे तब उनके बड़े भाई मनसुखभाई अडानी ने उन्हें वापिस गुजरात बुलाया जो एक PVC प्लास्टिक यूनिट ऑपरेशन को संभालना था। इस बिज़नेस के माध्यम से वह इम्पोर्ट और एक्सपोर्ट बिज़नेस के बारे में जानने लगे और उन्हें इस बिज़नेस में रूचि निर्माण हुई। जिसका परिणाम १९८५ में उन्होंने अडानी एक्सपोर्ट के नाम से एक कंपनी शुरू की जिसको १९८८ में अडानी एक्सपोर्ट में परिवर्तित कर दिया।

आज भी यह अडानी इंटरप्राइजेज कंपनी अडानी ग्रुप की मुख्य कंपनी के तौर पर शेयर बाजार में लिस्ट की गयी है और इसके साथ और ६ कम्पनिया अडानी ग्रुप की शेयर बाजार में लिस्टेड हे। गौतम अडानी और उनकी ग्रुप के लिए सबसे महत्वपूर्ण घटना थी १९९५ में मुद्रा पोर्ट को चलाने का गुजरात सरकार का कॉन्ट्रैक्ट जो अडानी ग्रुप का नीव का पत्थर साबित हुवा। आज भी यह कंपनी अडानी ग्रुप की सफलता में सबसे प्रमुख कंपनी मानी जाती है।

इसके बाद अडानी ग्रुप ने पोर्ट से संबंधित जितने भी बिज़नेस थे उन सबमे भविष्य में सफलता पूर्वक बात आजमाया जिसमे कोल बिज़नेस लेकर फ़ूड और कृषि से सम्बंधित बिज़नेस शुरू किए। भारत सरकार द्वारा बदली गई आर्थिक निति का फायदा उन्होंने काफी प्रभावशाली तरीके से उठाया और कोयला खदान से लेकर तेल, गैस , इलेक्ट्रिसिटी और थर्मल पावर में प्रवेश किया। रिलायंस ग्रुप की तरह उन्होंने भी सभी क्षेत्र में अपने पैर जमाए और अपने अच्छे राजनितिक सम्बन्धो का काफी प्रभावी तरह से इस्तेमाल किया।

अडानी ग्रुप का बिज़नेस मॉडल / Business Model of Adani Group –

  • Adani Port & Logistics
  • Adani Oil & Gas
  • Edible oil & food Processing
  • Renewable Resources
  • Coal & Iron Ore mines

१९९० के भारत सरकार द्वारा आर्थिक बदलाव किए गए और निजीकरण को बढ़ावा दिया गया जिसके माध्यम से सरकारी टेंडर्स तथा ऑर्डर्स यह अडानी ग्रुप के बिज़नेस मॉडल का मुख्य श्रोत है। देश भर में पोर्ट चलाने के ठेके सरकार द्वारा दिए जाते हे इसके माध्यम से तथा सरकारी खदाने तथा अलग अलग सरकारी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के माध्यम से अडानी ग्रुप अपने सब्सिडरी कंपनियों के माध्यम से बिज़नेस चलाते है। इसमें सात लिस्टेड कम्पनिया तथा अन्य निजी कंपनियों के माध्यम से देश और विदेशो में अडानी ग्रुप ने अपना व्यापार बढ़ाया है।

सामान्य लोगो के घर में लगाने वाले तेल और खाद्य वस्तुओ से लेकर इलेक्ट्रिसिटी तक क्षेत में आज अडानी ग्रुप कार्य कर रहा है। पिछले ३० सालो से गौतम अडानी ने अपने नेटवर्क गुण से तथा अपनी बिज़नेस स्ट्रैटेजी से अपने बिज़नेस को लगबघ सभी क्षेत्र में बड़े स्तर पर प्रस्थपित किया है। वैसे देखा जाए तो उनके बिज़नेस में मिलाने वाला प्रॉफिट प्रतिशत काफी कम हे मगर कर्ज के माध्यम से तथा अपनी नेटवर्क स्किल के माध्यम से सरकारी ठेके तथा कॉन्ट्रैक्ट सफलता पूर्वक पुरे करने का साहस अडानी ग्रुप के माध्यम से किया गया है।

गौतम अडानी और भारत के प्रधानमंत्री के सम्बन्धो के बारे में कई बार उनपर आलोचना होती रहती हे मगर वह हमेशा बिजनेसमैन को राजनितिक लोगो से हमेशा सहकार रखना पड़ता है और साथ मिलकर कार्य करना होता हे यह उनका मानना है। उनका बिज़नेस मॉडल काफी हैवी हे क्यूंकि एप्पल और गूगल की तरह यह बिज़नेस मॉडल स्किल और रिसर्च बेस नहीं है। इसलिए इस बिज़नेस मॉडल में काफी जोखिम देखने को मिलती हे जो कभी क्या हो सकता हे यह कुछ कह नहीं सकते।

एप्पल कंपनी अपने मोबाइल फॉक्सकॉन कंपनी से बनाती है , चिप TSMC से बनाकर लेती हे इसलिए उनका बिज़नेस मॉडल लाइट बिज़नेस मॉडल कहा जाता है। वही अडानी ग्रुप का बिज़नेस मॉडल काफी हैवी बिज़नेस मॉडल हे जिससे स्विच करना काफी मुश्किल होता हे तथा प्रॉफिट ऑफ़ मार्जिन काफी कम होता है।

अडानी ग्रुप का बिज़नेस प्रोफाइल / Business Profile of Adani Group –

  • नाम – अडानी ग्रुप
  • स्थापना – २० जुलाई १९८८
  • संस्थापक – गौतम अडानी
  • बिज़नेस क्षेत्र – पोर्ट व्यवस्थापन , इलेक्ट्रिक पॉवर ,माइनिंग , एनर्जी ,एयरपोर्ट ऑपरेशन्स , ऑइल -गॅस , खाद्य प्रक्रिया, डाटा स्टोरेज ,डिफेन्स ऐरोस्पेस और इंफ्रास्ट्रक्चर इत्यादि
  • उप कंपनिया

अडानी इंटरप्राइजेज
अडानी पोर्ट और SEZ
अडानी ग्रीन एनर्जी
अडानी पावर
अडानी ट्रांसमिशन
नॉर्थ क्वींसलैंड एक्सपोर्ट टर्मिनल
अडानी फाउंडेशन

अडानी ग्रुप और रिलायंस ग्रुप का तुलनात्मक विश्लेषण / Comparative analysis of Adani Group & Reliance Group –

अडानी ग्रुप की स्थापना गौतम अडानी ने की थी वही रिलायंस ग्रुप की स्थापना धीरूभाई अंबानी ने की थी इसलिए अडानी ग्रुप का बिज़नेस यह फर्स्ट जनरेशन बिज़नेस हे और धीरूभाई अंबानी का बिज़नेस यह अपने पिताजी द्वारा स्थापित किया गया है। वैसे आज की तारीख में देखा जाए तो रिलायंस ग्रुप पर 2.70 लाख करोड़ का कर्ज हे वही अडानी ग्रुप पर डेढ़ लाख करोड़ का कर्ज है। मगर बिज़नेस परफॉरमेंस की बात करे तो रिलायंस ग्रुप की कम्पनिया अडानी ग्रुप की कंपनी से अच्छा परफॉर्म कर रही है।

अडानी ग्रुप की कंपनियों का परफॉरमेंस पिछले ३० सालो से इतना कुछ अच्छा परफॉर्म नहीं कर पाया हे बस वह कर्ज के माध्यम से तथा अधिग्रहण के माध्यम से अडानी ग्रुप अपने बिज़नेस को बढ़ा रहा है। रिलायंस ग्रुप बाजार के लाइट मॉडल बिज़नेस में गूगल और फेसबुक जैसे कंपनियों के साथ मिलकर प्रवेश कर चुकी हे जिसके माध्यम से वह अपना प्रॉफिट ऑफ़ मार्जिन बढ़ाना चाहती हे और जोखिम कम करना चाहती हे जो उत्पादन क्षेत्र तथा पारम्परिक ऑइल और गैस के क्षेत्र में है।

अडानी ग्रुप की कम्पनिया शेयर बाजार में पिछले कुछ सालो से काफी तेजी से बड़ी हे उतनी तेजी से इसने प्रॉफिट बनाया हे यह नहीं दिखता हे। इसके तुलना में रिलायंस ग्रुप की काफी कम्पनिया बेहतर नतीजे प्राप्त कर चुकी है। गौतम अडानी ने पारम्परिक बिज़नेस में ज्यादा रूचि दिखाई हे जैसे ऑइल और गैस तथा कोयले की लोहे की खदाने वही रिलायंस ग्रुप ने अपनी आयल गैस बिज़नेस से अपना फोकस हटाकर टेक्नोलॉजी और सेवा क्षेत्र में लगाया हे और विदेशी कंपनियों से स्पर्धा करने के लिए वह खुद को तैयार कर रही है।

शेयर बाजार और अडानी ग्रुप / Share Market & Adani Group –

२०२१ को गौतम अडानी की संपत्ति ५० बिलियन अमरीकी डॉलर थी जो इस साल दुगनी हो चुकी है। अडानी ग्रुप के बढ़ने का मुख्य आधार कर्ज हे मगर फिर भी निवेशक अडानी ग्रुप के शेयर्स में बड़ी मात्रा में निवेश करते दिख रहे है। कंपनी के फंडामेंटल्स के हिसाब से कंपनियों के शेयर्स काफी ऊपर चल रहे हे और बड़ी मात्रा में खबरों के आधारपर निवेश ज्यादा हो रहा है। अडानी ग्रुप के पास मुख्य रूप से सरकारी प्रोजेक्ट्स जैसे पोर्ट तथा एयरपोर्ट जैसे सेवाए देने का कॉन्ट्रैक्ट है।

मीडिया द्वारा प्रधानमंत्री और गौतम अडानी के काफी पुराने संबंध के कारन अडानी ग्रुप को फायदा होने वाला हे यह खबरों भारत का शेयर बाजार काफी बढ़ा है। जिसके कारन गौतम अडानी की संपत्ती पिछले दो सालो से काफी तेजी से बढ़ी है। अडानी ग्रुप की सात प्रमुख कम्पनिया भारतीय शेयर बाजार में लिस्टेड हे जिसमे चार कम्पनिया औसतन परफॉरमेंस दिखा रही हे और बाकि कम्पनिया इतना कुछ अच्छा परफॉरमेंस नहीं दिखा रही हे फिर भी अडानी ग्रुप की कंपनियों में बड़े पैमाने में निवेश हो रहा है।

पुतिन द्वारा रशिया में बिज़नेस ओलिगौरच नाम से एक रणनीति के तहत बिजनेसमैन बनाए गए जो पुतिन सरकार के पॉलिसी को प्रोमोट करेंगे तथा विदेशी कंपनियों से देश को सुरक्षा प्रधान करेंगे। भारत में सरकार द्वारा इसी रणनीति के तहत एक ऐसा बिज़नेस ग्रुप तैयार किया जा रहा हे जो अमरीकी महाकाय कंपनियों से मुकाबला करेंगे। जिसमे अडानी ग्रुप सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। इसलिए राष्ट्रवाद के माध्यम से बड़े पैमाने पर अडानी ग्रुप तथा अन्य भारतीय कंपनियों में निवेश हो रहे हे। ऐसा कुछ एक्सपर्ट्स है।

अडानी ग्रुप और अंतरराष्ट्रीय बाजार / International Market & Adani Group –

अडानी विल्मर इस कंपनी के माध्यम से कंपनी घरेली खाद्य उत्पादन में फार्च्यून फ्रैंड जैसे माध्यम से काफी प्रभावी तरीसे से पूरी दुनिया में अपना प्रोडक्ट बेचती है। वैसे देखा जाए तो पूरी दुनिया भारत को एक बड़ा बाजार के रूप में देखती हे मगर अडानी ग्रुप का उद्देश्य न केवल भारत का बाजार बल्कि एशिया और बाकि देशो में अपना उत्पादन निर्यात करना यह भी महत्वपूर्ण मानती है।

अडानी ग्रुप ने ग्रीन एनर्जी के माध्यम से पूरी दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी बनाई हे जो कुदरत की सुरक्षा को देखते हुए ग्रीन एनर्जी निर्माण करती हे और इससे सम्बंधित जितने भी बिज़नेस हे उसमे कंपनी खुद उत्पादन करती है, जैसे सोलर पैनल है । कंपनी ने क्वींसलैंड में दुनिया का सबसे बड़ा कोयला खदान का प्रोजेक्ट हाथ में लिया हे और इसके माध्यम से वह दुनिया की सबसे बड़ी कोयला निकलने वाली कंपनी बनी है।

अडानी ग्रुप इंफ्रास्ट्रक्चर के माध्यम से अंतराष्ट्रीय बाजार में उतर चुकी हे और काफी महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट पर कार्य कर रही है। पोर्ट बिज़नेस यह उनका सबसे महत्वपूर्ण बिज़नेस हे जिसके माध्यम से समुद्री एक्सपोर्ट इम्पोर्ट किया जाता है। जिसके माध्यम से स्टोरेज से लेकर उत्पादन तक सभी अंतराष्ट्रीय स्तर पर बिज़नेस करने के लिए सेट उप कंपनी ने बनाकर रखा हे और भविष्य में इसका फायदा कंपनी को होगा ऐसा विश्वास है।

अडानी ग्रुप की विवादित घटनाए / Controversies of Adani Group –

जिस क्षेत्र में अडानी ग्रुप काम करता हे वहा उनके ज्यादातर प्रोजेक्ट यह काफी बड़े हे और इसका विरोध कई सामाजिक संस्थाओ द्वारा तथा राजनितिक पार्टियों द्वारा किया जाता है। ९० के दशक में गुजरात दंगे के समय मुख्यमंत्री रहे नरेंद्र मोदी की काफी आलोचना हुई और CII जैसी संस्था द्वारा आर्थिक दृष्टी से उनकी सरकार को मुश्किल में डालने की कोशिश की गयी थी। गौतम अडानी ने उस समय नरेंद्र मोदी सरकार के साथ खड़ा रहना पसंद किया।

२०१४ में जब नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री बने उस वक्त से आज तक गौतम अडानी की संपत्ति काफी तेजी से बढ़ी हे। जिसका श्रेय उनके आलोचक मोदी सरकार को देते है। क्रेडिट सुइसाई इस संस्था द्वारा कंपनी के फंडामेंटल्स कुछ अच्छे नहीं हे यह रिपोर्ट प्रकाशित की थी जिसके विरोध में गौतम अडानी ने अपने कंपनी के विकास को सपोर्ट किया और कहा की कंपनी के पास काफी अच्छे प्रोजेक्ट्स हे और जल्द ही कंपनी के कर्ज काम होंगे।

उनके भाई को एक्साइज चोरी के मामले में गिरफ्तार किया गया था जिससे कंपनी के बारे में काफी चर्चा हुई थी मगर उससे भी वह पीछे नहीं हटे और उस परिस्थिति का डट कर सामना किया था। ED द्वारा उन्हें एक नोटिस इशू किया था जिसपर कंपनी ने कहा था की यह एक रूटीन इन्वेस्टीगेशन था जिसमे कंपनी के कोई आर्थिक मामले विवादित नहीं है। मुद्रा पोर्ट तथा ऑस्ट्रेलिया का कोल् माईन प्रोजेक्ट स्थानिक लोगो द्वारा काफी विरोध किया गया जिसमे उनका मानना था की कुदरत को इन प्रोजेक्ट से हानि पहुंचेगी मगर उनका मानना था की ऐसे विरोध ब्लैकमेल करने हेतु अथवा राजनीती से प्रभावित होते है।

अडानी ग्रुप का आलोचनात्मक विश्लेषण / Critical Analysis of Adani Group –

  • अडानी ग्रुप के ज्यादातर प्रोजेक्ट यह काफी भव्य होते हे जिसके लिए काफी पैसा इन्वेस्ट करना पड़ता हे जिसे बिज़नेस की भाषा में हैवी बिज़नेस मॉडल कहते हे जो काफी जोखिम भरे होते है।
  • अडानी ग्रुप यह पारिवारिक बिज़नेस मॉडल होने की वजह से इसमें निवेश करना काफी जोखिम भरा होता हे क्यूंकि अगर उस व्यक्ति के बाद सक्षम नेतृत्व नहीं मिला तो कंपनी पे इसका बुरा असर होता है।
  • अडानी ग्रुप पिछले ३० साल से काफी तेजी से बढ़ रहा हे मगर बढ़ने का कारन परफॉरमेंस नहीं हे बल्कि कर्ज के माध्यम से वह दूसरे क्षेत्र में प्रवेश कर रहे हे और इसके लिए ५० प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा गिरवी रखा गया है।
  • कंपनी टेक्नोलॉजी क्षेत्र में आजतक सफल नहीं हुई हे जो भविष्य का सबसे महत्वपूर्ण बिज़नेस क्षेत्र है।
  • कंपनी को किसी भी नए क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए जॉइंट वेंचर के माध्यम से किसी एक्सपर्ट को बिज़नेस में लेना पड़ता हे इससे कंपनी की एक्सपर्ट टीम कमजोर होने के संकेत मिलते है।
  • शेयर बाजार में कंपनी के शेयर काफी तेजी से बढ़ रहे हे परन्तु कंपनी के परफॉरमेंस यह शेयर न बढ़ते हुए खबरों के माध्यम से बढ़ रहे हे जो काफी जोखिम भरा है।
  • गौतम अडानी की भाजपा से नजदीकियों की काफी आलोचना होती रहती हे और इसका खामियाजा कंपनी को भविष्य में हो सकता हे।
  • रशिया के पुतिन ने जो बिजनेसमैन की एक टीम बनाई हे जो पुतिन सरकार के उद्देश्य पर चलती हे जिसे वॉलीगार बिजनेसमैन कहा जाता हे वैसे आरोप अडानी ग्रुप पर किए जाते हे जो भाजपा सरकार के प्रभाव में काम करती है।

निष्कर्ष / Conclusion –

अडानी ग्रुप के संस्थापक गौतम अडानी और नरेंद्र मोदी के रिश्ते काफी पुराने माने जाते हे। गुजरात दंगो के दौरान जब केंद्र सरकार द्वारा मोदी सरकार को राजनितिक तरीके से अकेले करने की कोशिश हो रही थी तब गौतम अडानी और कुछ अन्य गुजरात के बिजनेसमैन द्वारा गुजरात सरकार को नैतिक समर्थन दिया गया था ऐसा कहा जाता है। जब गौतम अडानी को यह सवाल किया जाता हे तो वह कहते हे की किसी भी बिजनेसमैन को बिज़नेस करते समय सभी राजनितिक लोगो से अच्छे रिश्ते रखने होते हे जिससे साथ मिलकर काम किया जा सके।

वह कहते हे की ऐसा नहीं हे की किसी खास पार्टी से उनके सम्बन्ध रहे हे, वह सभी पार्टी तथा लोगो से अच्छे संबंध रखना कोई बुरी बात नहीं हे ऐसा मानते है। वह कुछ भी विवादित बयान देने से परहेज रखते हे मगर चुनाव के दौर में कई बार उनके और प्रधानमंत्री के संबंध पर विपक्ष टारगेट करता है। उनके कई प्रोजेक्ट का सामाजिक संघटन तथा संस्था द्वारा विरोध किया गया हे मगर उनका मानना हे की वह लोग किसी के प्रभाव में आकर यह विरोध करते हे और इसमें कुछ तथ्य नहीं होता है।

इसतरह से हमने देखा की कैसे उन्होंने अपना बिज़नेस पिछले ३० सालो से इतने तेजी से बढ़ाया है। उनके जीवन में दो बार वह जीवन संघर्ष कर चुके हे जिसमे अपहरण तथा आतंकी हमले के दौरान बचे हे। उनकी बिज़नेस रणनीति में सबसे महत्वपूर्ण हे उनका नेटवर्क और बड़े स्तर पर बिज़नेस को प्रस्थापित करना जिससे वह जोखिम भरे बिज़नेस में बड़ी आक्रामकता से अपना हुनर इस्तेमाल करते है। इसतरह से अडानी ग्रुप तथा गौतम अडानी के बारे में हमने सभी पहलू का अध्ययन करने की कोशिश इस आर्टिकल के माध्यम से की है।

 

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